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आयोडीन हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। बच्चों से लेकर बड़ों तक सबके लिए बहुत जरूरी है। यह शरीर के विकास के लिए बहुत अहम होता है। वहीं बात अगर बच्चों की करें तो उनके दिमागी विकास और थायरॉइड ग्रंथि की सक्रियता के लिए भी यह बहुत आवश्यक है। यहां हम आपको बता रहे हैं आखिर क्यों जरूरी है आयोडीन आपके व आपके बच्चे के लिए।
कितने मात्रा में आयोडीन की आवश्यकता होती है हमारे शरीर को
डब्ल्यूएचओ(WHO) के निर्देशों के मुताबिक विभिन्न आयु वर्ग के लोगों को लिए इतनी मात्रा में आयोडीन आवश्यक है।:
आयोडीन की कमी होने से क्या नुकसान हो सकते हैं?
अगर हमारे शरीर में आवश्यकता के मुताबिक आयोडीन ना मिले तो अनेक प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। आयोडीन की कमी के चलते थॉयराइड हार्मोन नहीं बन पाता है और इसकी कमी से ग्वायटर यानि घेंघा जैसी बीमारियां होने का भी खतरा बन सकता है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी आयोडीन आवश्यक है। आहार में आयोडीन की कमी होने से गर्भ में पल रहे शिशु में गोइटर व हाइपोथायरॉयडिज्म जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यही नहीं जन्म लेने वाला बच्चा दिमागी रूप से कमजोर हो सकता है।
आयोडीन के मुख्य स्रोत क्या हैं व किन खाद्य पदार्थों से आयोडीन मिल सकती है
अगर आप चाहते हैं कि शरीर में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा रहे तो आपको कुछ आहार पर ध्यान देना होगा। ऐसे कई आहार हैं जिनमें आयोडीन की मात्रा पर्याप्त होती है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ आहारों के बारे में।
दूध – दूध में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा होती है। ऐसे में आप इसे अपने व बच्चे के आहार में शामिल कर सकती हैं। स्टडी के अनुसार, 250 मिलीलीटर दूध में करीब 150 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है।
दही – दही भी आयोडीन के लिए काफी उपयोगी है। एक कप दही के अंदर करीब 70 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है। इसमें कैल्शियम व प्रोटीन की प्रचूर मात्रा होती है, जो पेट के लिए भी फायदेमंद है।
पनीर – डेयरी प्रॉडक्ट्स में पनीर आयोडीन के लिए सबसे बेहतर है। आप बच्चे के आहार में इसे शामिल कर सकते हैं।
अंडा – अंडे के योक में आयोडीन की मात्रा अधिक होती है। अपने बच्चे के आहार में इसे जरूर शामिल करें। बच्चे को नाश्ते में 1 उबला अंडा या फ्राई अंडा खाने को दे सकते हैं।
आलू – आलू भी आयोडीन का अच्छा स्रोत है। सबसे अधिक आयोडीन जैविक आलू में होता। बिना छीले आलू को पकाकर बच्चे को खाने के लिए दें। इससे 60 माइक्रोग्राम आयोडीन मिलता है।
करौंदा – कई गुणों से भरपूर करौंदा में आयोडीन की अच्छी मात्रा होती है। आप अपने बच्चे को इसके ताजे फलों का सेवन रोज कराएं। आप चाहें तो जूस बनाकर भी दे सकते हैं।
हिमालयन क्रिस्टल नमक – ग्रे सॉल्ट के नाम से मशहूर इस नमक में आयोडीन की प्रचूर मात्रा होती है। जैविक और अप्रसंस्कृत हिमालयन नमक में करीब 500 माइक्रोग्राम आयोडीन होता है। आयोडीन युक्त नमक को अपने आहार में नियमित रूप से शामिल करें।
कुछ अन्य आहार – इन सबके अलावा आप केले, स्ट्रॉबेरी, हरी पत्तेदार सब्जियां, मूंगफली, जौ, मीठे आलू व प्याज का सेवन भी आयोडीन के लिए कर सकते हैं।
आयोडीन प्रयोग करने के दौरान क्या सावधानियां बरतें?
हाई ब्लड प्रेशर या अन्य किसी प्रकार की हेल्थ से संबंधित समस्या है और इन कारणों से अगर आप नमक का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो इसके विकल्पों के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें। जिन लोगों को थाइराइड की समस्या है उनको आयरन के सप्लीमेंट देने की सलाह नहीं दी जाती है। आयोडीन युक्त नमक को सूर्य की तेज रोशनी और नमी से बचाकर रखें। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि आप नमक को शीशे या एयर टाइट कंटेनर में रखें। पैकिंग की तारीख से 12 महीने के अंदर ही आपको आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल कर लेना चाहिए।
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