Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
दावोस : अरबपति जॉर्ज सोरोस ने दावोस में हो रही वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए उन पर 'हिंदू राष्ट्रवादी देश' बनाने का आरोप लगाया. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मोदी सरकार विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध झेल रही है. 'द वीक' की रिपोर्ट के मुताबिक सोरोस ने यह भी कहा कि मोदी ने 'एक मुस्लिम बहुल अर्ध-स्वायत्त कश्मीर पर दंडात्मक उपाय किए, और लाखों मुसलमानों को उनकी नागरिकता से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं.' इसके साथ ही सोरोस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी निशाना साधा है.
वहीं, मशहूर मैगजीन 'द इकोनॉमिस्ट' ने अपने नए कवर पेज के साथ नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर मोदी सरकार पर हमला बोला है. कवर पेज पर कंटीली तारों के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) का चुनाव चिन्ह 'कमल का फूल' नजर आ रहा है. इसके ऊपर लिखा है, 'असहिष्णु भारत. कैसे मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को जोखिम में डाल रहे हैं.' 'द इकोनॉमिस्ट' ने गुरुवार को कवर पेज ट्वीट करते हुए लिखा, 'कैसे भारत के प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं.'
आर्टिकल के टाइटल में पीएम नरेंद्र मोदी पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विभाजन का आरोप लगाया है. उसमें लिखा है कि भारत के 20 करोड़ मुसलमान डरे हुए हैं क्योंकि प्रधानमंत्री हिंदू राष्ट्र के निर्माण में जुटे हैं. 80 के दशक में राम मंदिर के लिए आंदोलन के साथ बीजेपी की शुरूआत पर चर्चा करते हुए लेख में तर्क दिया गया है कि संभावित तौर पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी को धर्म और राष्ट्रीय पहचान के आधार पर कथित विभाजन से फायदा पहुंचा है.
NRC के मुद्दे पर लेख में लिखा है कि अवैध शरणार्थियों की पहचान करते हुए असल भारतीयों के लिए रजिस्टर तैयार करने की प्रक्रिया से 130 करोड़ भारतीय भी प्रभावित होंगे. ये कई साल तक चलेगा. लिस्ट तैयार होने के बाद इसको चुनौती और फिर से दुरुस्त करने का भी सिलसिला चलेगा. मैगजीन ने लिखा है कि इस तरह के मुद्दों को आगे कर अन्य मुद्दों जैसे- अर्थव्यवस्था आदि पर जनता को भटकाया जा रहा है. बीजेपी की जीत के बाद से ही भारत की अर्थव्यवस्था चुनौतियों से जूझ रही है.