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वनवासी वनों के संरक्षक, अधिकारी सुनिश्चित करें फारेस्ट के नियमों के दायरे में इन्हें मिले सभी सुविधाएं
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कांकेर में अधिकारियों को समीक्षा बैठक में दिये निर्देश
कहा साढे़ तीन साल में कांकेर में विकास के दृष्टिकोण से आया बड़ा बदलाव
भेंट मुलाकात में संतुष्टि और मुस्कान से भरे तनावमुक्त लोग दिखे, इसे ही बनाये रखने की दिशा में निरंतर करते रहें जनसेवा
कांकेर बस्तर का प्रवेश द्वार है। प्रवेश द्वार से ही पर्यटकों का आकर्षण बनें
रायपुर-
शासकीय योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन होता है तो जनता शिकायत नहीं करेगी। बस्तर और सरगुजा में भेंट मुलाकात के दौरान नागरिक सेवाओं की आपूर्ति को लेकर बहुत कम शिकायतें आईं। इससे पता चलता है कि प्रशासनिक तंत्र अच्छा काम कर रहा है। आप सभी से अपेक्षा है कि इसी तरह जनसेवा के दायित्व को पूरे मनोयोग से निभाते रहें। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कांकेर में आयोजित समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा कि हमनंे प्रशासनिक तंत्र में जनसेवा के संकल्प को लगातार मजबूत करने की दिशा में काम किया है इसके प्रभावी नतीजे सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनवासियों के लिए निरंतर बेहतर कार्य किये जाने की जरूरत है। इस दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
वनवासी वनों के संरक्षक हैं। फारेस्ट नियमों के दायरे में जंगल में रहने वाले रहवासियों को हर तरह की सुविधा देना सुनिश्चित करें। यहां उनके लिए जंगल के संसाधनों को ही विकसित तथा प्रसंस्कृत कर आजीविकामूलक गतिविधियों के अवसर बढ़ाने की दिशा में काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि साढ़े तीन साल पहले और आज के कांकेर में बड़ा बदलाव महसूस किया जा सकता है। क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। शांति कायम हुई है। पर्यटन गतिविधियों का विस्तार हो रहा है। वनोपजों के प्रसंस्करण की दिशा में बड़ा काम हो रहा है।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांकेर को पूरे देश में अपने रैली ककून और मिलेट मिशन की वजह से पहचान मिलने लगी है। कोदो, कुटकी, रागी भी कांकेर की पहचान बन रही है। इनका वैल्यू एडीशन करना है और लोगों के लिए आर्थिक आय के बड़े अवसर उपलब्ध कराना है। अपने वनसंसाधनों से कांकेर की पहचान है। वनोपजों के प्रसंस्करण और क्रय को लेकर शासन की बेहतर नीति की वजह से संग्राहकों और व्यापारियों के लिए भरपूर संभावनाएं उभर कर आई हैं। इस दिशा में काम इसी तरह से निरंतर चलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने पर्यटन सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में कार्य करने अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कांकेर बस्तर का प्रवेश द्वार है। प्रवेश द्वार से ही पर्यटकों का आकर्षण बनें, इसलिए पर्यटन अधोसंरचना को मजबूत करने कार्य करना है। उन्होंने कहा कि टाटामारी, लीमदरहा जैसे रिसार्ट मैंने देखें। बहुत अच्छा कार्य हो रहा है। इसी तरह के प्रयासों से बस्तर तेजी से पर्यटन हाटस्पाट के रूप में विकसित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं स्कूलों में भी गया। पढ़ाई की अधोसंरचना मजबूत हुई है। अभिभावकों में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए जागरूकता बढ़ी है। अधिकारियों से अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की हुई है कि पूरे भेंट मुलाकात अभियान में मैंने संतुष्टि और मुस्कान से भरे चेहरे देखे, कहीं तनाव की कोई झलक नहीं। ऐसा ही छत्तीसगढ़ गढ़ने की दिशा में हम काम कर रहे हैं और आप निरंतर इस लक्ष्य को लेकर कार्य करते रहें।