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रायपुर । मुख्यमंत्री ने शिक्षाकर्मियों से आह्वान किया है कि उन्होंने संविलियन का अपना वादा पूरा कर दिया, अब वो अपनी जिम्मेदारी निभायें। रमन के गोठ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शिक्षाकर्मियों से कहा है कि शिक्षक के रूप में उनका संविलियन करके सरकार ने अपना काम कर दिया है… अब मैं उनसे उनका आव्हान करता हूं कि वे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर अपना पूरा ध्यान दें और अपनी लगन और मेहनत से संविलियन के फैसले की सार्थकता को साबित करें।
उन्होंने आज की अपनी रेडियोवार्ता को शिक्षाकर्मियों के संविलियन के मुद्दे के साथ-साथ संचार क्रांति योजना और खेती-किसानी से जुड़ी योजनाओं पर विशेष रूप से केन्द्रित किया। डॉ. सिंह ने नये शिक्षा सत्र में स्कूलों में नये प्रवेश लेने वाले सभी बच्चों को बधाई दी। साथ ही शिक्षक बिरादरी से बच्चों के मन में शिक्षा के महत्व और विषय की बारिकियों को अच्छे से बैठाने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा-हर स्कूल का वातावरण गुरूकुल की तरह होना चाहिए, जहां शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच आत्मीयता का संबंध हो। डॉ. सिंह ने अभिभावकों से भी निवेदन किया कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, उनके स्वस्थ मनोरंजन, खेल-कूद, स्वस्थ खान-पान और अच्छे संस्कारों के विकास का भी ध्यान रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और शैक्षणिक प्रबंधन में एकरूपता लाने के लिए पंचायत शिक्षकों और नगरीय निकाय शिक्षकों का संविलियन अर्थात शासकीयकरण स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत निर्णय लिया गया है। पहले चरण में एक लाख 03 हजार ऐसे शिक्षकों का संविलियन किया जाएगा, जिनकी सेवाएं एक जुलाई 2018 को आठ साल पूरी हो चुकी हैं। इसके बाद अगले क्रम में आठ वर्ष पूर्ण करते जाने वाले शिक्षकों का भी भविष्य में संविलियन किया जाएगा। उन्होंने कहा-हमने केबिनेट के निर्णय के सिर्फ 12 दिन के भीतर एक लाख तीन हजार शिक्षक-शिक्षिकाओं का संविलियन आदेश जारी कर दिया, जिससे उन्हें एक जुलाई 2018 से शासकीयकरण का लाभ मिलेगा। इन सभी को अब नियमित शिक्षकों की तरह सातवें वेतन आयोग के समान वेतनभत्ते और अनुकम्पा नियुक्ति, पदोन्नति तथा स्थानांतरण जैसी अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। संविलियन के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पदोन्नति की भी कार्रवाई की जाएगी। इनके वेतन में सात हजार रूपए से लेकर 12 हजार रूपए तक वृद्धि होगी। उन्हें भविष्य में प्रधानपाठक और प्राचार्य के पद पर पदोन्नति के अवसर भी मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा-संविलियन पर 1346 करोड़ रूपए का अनुमानित व्यय भार आएगा, जिसका प्रबंध विधानसभा में प्रथम अनुपूरक बजट पारित कराते हुए कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा-सरकार ने अपना काम कर दिया है। अब मैं संविलियन किए गए शिक्षकों और शिक्षिकाओं का आव्हान करता हूं कि वे शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने में अपना पूरा ध्यान दें और अपनी लगन और मेहनत से संविलियन के फैसले की सार्थकता को साबित करें।
पहली से दसवीं तक बच्चों को मुफ्त 2.63 करोड़ से ज्यादा पुस्तकें
डॉ. सिंह ने कहा-प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था और उसके प्रबंधन के लिए कई निर्णय लिए गए हैं और अनेक बड़े कदम उठाए गए हैं। प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों में शिक्षा विभाग के संभागीय कार्यालय भी शुरू किए जाएंगे। पहली से दसवीं कक्षा तक सभी बच्चों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया जा रहा है। वर्ष 2003-04 में पाठ्यपुस्तकों की सात लाख 27 हजार प्रतियों का वितरण किया गया था। अब इनकी संख्या बढ़कर दो करोड़ 63 लाख से ज्यादा हो गई है। डॉ. सिंह ने कहा-इस वर्ष से राज्य के सभी विकासखण्ड मुख्यालयों और ऐसे नगर निगम क्षेत्रों में, जहां ब्लॉक मुख्यालय नहीं है, वहां 153 प्राथमिक और 152 पूर्व माध्यमिक स्कूलों का संचालन सीबीएसई पैटर्न पर किया जा रहा है। इस वर्ष 129 पूर्व माध्यमिक स्कूलों का उन्नयन हाईस्कूल के रूप में और 130 हाईस्कूलों का उन्नयन हायर सेकेण्डरी में किया गया है। मुख्यमंत्री ने श्रोताओं को बताया कि इस वर्ष 100 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कृषि संकाय का संचालन शुरू किया गया है। विद्या मितान के माध्यम तीन हजार विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की व्यवस्था की गई है।
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