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Rajya Sabha Election 2022 : द्विवार्षिक राज्यसभा चुनाव आज शुक्रवार को हो रहे हैं. सुबह 9 बजे से वोटिंग शुरू है. हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 16 सीटों पर एक करीबी मुकाबले की उम्मीद है. जबकि 15 राज्यों के कुल 57 राज्यसभा सीटों में से 41 उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया है. बाकी बचे 16 सीटों के लिए आज वोटिंग होगी क्योंकि उम्मीदवारों की संख्या सीटों से अधिक है.
राज्यसभा चुनाव से जुड़ी अहम बातें
महाराष्ट्र की 6, राजस्थान और कर्नाटक की 4-4 और हरियाणा की 2 सीट के लिए आज मतदान होना है. महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा में पार्टियों को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है. राज्यसभा की 57 में से 41 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. यूपी में सभी 11, तमिलनाडु में 6, बिहार में 5, आंध्र प्रदेश में 4, मध्य प्रदेश और ओडिशा में 3-3, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना और झारखंड में 2-2 और उत्तराखंड में 1 उम्मीदवार बिना किसी चुनाव के निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. जानें कैसे होता है राज्यसभा चुनाव
इनमें सबसे ज्यादा 14 बीजेपी, कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस के 4-4 प्रत्याशी हैं. डीएमके और बीजेडी के 3-3, आम आदमी पार्टी, राजद, टीआरएस, अन्नाद्रमुक के 2-2, झामुमो, जेडीयू, सपा और रालोद के 1-1 नेता और निर्दलीय कपिल सिब्बल निर्विरोध निर्वाचित सदस्यों में शामिल हैं.
राज्यसभा को समझिए : राज्यसभा का गठन देश में साल 1954, 23 अगस्त को किया गया था. गठन का मकसद था एक स्थायी सदन का होना. जिस तरह लोकसभा भंग हो सकती है उस तरह राज्यसभा भंग नहीं होती क्योंकि इसे स्थाई सदन माना गया है. राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल भी चुने हुए सांसदों से एक साल ज्यादा यानी छह साल का होता है.
संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 250 हो सकती है. इन 250 में से 238 सदस्य किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से चुने जाते हैं. शेष 12 सदस्य देश के कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति हो सकते हैं. जिन्हें राष्ट्रपति नामित करते हैं.
चयन प्रक्रिया को समझने के लिए आपको +1 का फॉर्मूला समझना जरूरी होगा. इस प्रक्रिया को समझने के लिए हम उत्तर प्रदेश का उदाहरण लेते हैं. उत्तर प्रदेश में इस बार 11 सीटों पर राज्यसभा सदस्य चुने जाने हैं. इस बार यूपी के लिए जीत का फॉर्मूला कुछ इस तरह का होगा. 403/ [11+1 = 34 यानी जीत के लिए एक उम्मीदवार को 34 वोटों की जरूरत होगी.
उच्च सदन में डीएमके की 10 की मौजूदा ताकत बनी रहेगी. लेकिन एआईडीएमके की सीटें 5 से घटकर 4 रह जाएंगी. चिदंबरम के निर्वाचन के साथ कांग्रेस के पास लंबे समय के बाद राज्यसभा में तमिलनाडु से 1 सदस्य होगा. चिदंबरम 2016 में महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए चुने गए थे और उनका कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है.
बिहार के सभी पांच प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए हैं. इनमें मीसा भारती और फैयाज अहमद (आरजेडी), सतीश चंद्र दुबे और शंभू शरण पटेल (बीजेपी) और खीरू महतो (जेडीयू) शामिल हैं. राजद प्रमुख लालू प्रसाद की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती और सतीश चंद्र दूसरी बार राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए.
आंध्र प्रदेश से वाईएसआर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी, बीडा मस्तान राव, आर कृष्णैया और एस निरंजन रेड्डी भी निर्विरोध चुने गए. वाईएसआरसी के अब राज्यसभा में 9 सांसद होंगे. तेलुगुदेशम पार्टी (तेदेपा) और बीजेपी के पास 1-1 सीट है. विजयसाई लगातार दूसरी बार फिर से निर्वाचित हुए हैं.
पंजाब में आप प्रत्याशी और पर्यावरणविद बलबीर सिंह सीचेवाल और उद्यमी-सामाजिक कार्यकर्ता विक्रमजीत सिंह साहनी विजयी घोषित हुए हैं. आप ने मार्च में पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, राघव चड्ढा, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक अशोक मित्तल, आईआईटी दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर संदीप पाठक और उद्योगपति संजीव अरोड़ा को राज्यसभा के लिए नामित किया था. ये सभी पंजाब से निर्विरोध चुने गए.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन निर्विरोध चुने गए. बीजेपी ने विधानसभा में कम सीटों के कारण उम्मीदवार नहीं उतारा. झामुमो की महुआ मांझी और बीजेपी के आदित्य साहू झारखंड से निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए. उत्तराखंड से बीजेपी प्रत्याशी कल्पना सैनी भी निर्विरोध चुनी गईं. कांग्रेस नेता प्रदीप टम्टा का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त होने के बाद ऊपरी सदन में वो उनकी जगह लेंगी. बीजद ने ओडिशा की तीनों सीट पर और तेलंगाना में टीआरएस ने दोनों सीट पर जीत हासिल की.