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मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी (BJP) और शिवसेना के बीच सरकार के गठन को लेकर अभी भी तनाव चल रहा है. बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार और चंद्रकांत पाटिल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले. राज्यपाल से मिलने के बाद महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि सरकार बनाने में जो देरी हो रही है उसके बारे में राज्यपाल को जानकारी दी और क़ानूनी प्रावधानों पर बात की. महाराष्ट्र में सरकार गठन की डेडलाइन खत्म होने में अब 48 घंटे से भी कम वक्त बचा है.
वहीं मातोश्री पर शिवसेना विधायकों की अहम बैठक हुई. ख़बर ये भी है कि शिवसेना अपने सभी विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें इस बैठक के बाद किसी होटल में ले गई है. उधर बीजेपी द्वारा 182 विधायकों के समर्थन का दावा करने की खबरों के बाद शिवसेना ने गुरुवार को अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए जरूरी कदम उठाए. सामना के एक संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि विधायकों को बैग भरकर पैसे दिए जाने के प्रस्ताव मिल रहे हैं.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा अपने आवास मातोश्री पर बुलाई गई एक बैठक के बाद पार्टी ने अपने सभी विधायकों समेत उसे समर्थन कर रहे कुछ निर्दलीय विधायकों को भी बांद्रा के रंगशारदा होटल में भेज दिया. शिवसेना को विधायकों को दो दिन के लिए इस होटल में ठहराया गया है. यह होटल मातोश्री और शिवसेना मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित है. एक ओर जहां शिवसेना अपने विधायकों को एकजुट रखने में लगी है वहीं दूसरी ओर बीजेपी के कुछ नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की.
महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा, 'महायुति (बीजेपी-शिवसेना गठबंधन) को स्पष्ट बहुमत मिला है इसलिए सरकार का गठन होगा. हमने राज्यपाल को वर्तमान स्थिति की जानकारी दी और कानूनी प्रावधानों पर चर्चा की.' उन्होंने साथ ही कहा कि आगे के कदम पर पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा.
बता दें कि बीजेपी ने ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद को बांटने की मांग को खारिज कर दिया जिसके बारे में उद्धव ठाकरे का कहना है कि अमित शाह के साथ इस पर चर्चा हुई थी. गुरुवार की बैठक में उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों से कथित रूप से कहा अगर उन्हें मुख्यमंत्री पद से कम कुछ स्वीकार ही करना होता तो वो 15 दिन बर्बाद क्यों करते.
बीजेपी ने राज्यपाल से मुलाकात तो की लेकिन सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'वो समर्थन करने वाले विधायकों की सूची के साथ क्यों नहीं गए? इससे पता चलता है कि बीजेपी अपने दम पर बहुमत जुटाने में असमर्थ है. आखिर क्यों नहीं वो सत्ता की ये हवस छोड़ देते हैं और हमसे कह दें कि वो सरकार नहीं बना सकते.'
288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी ने 105 सीटें जीती हैं जबकि शिवसेना ने 56. दोनों की सीटों की संख्या मिलकर बहुमत का आंकड़े 145 सीटों से कहीं ज्यादा है लेकिन शिवसेना सत्ता में बराबर की साझेदारी चाहती है.
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