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नई दिल्ली: दुनिया भर में चर्चित मिस वर्ल्ड प्रतिस्पर्धा करीब तीन दशक बाद भारत लौट रही है और इसके अगले संस्करण का आयोजन नवंबर में होने की संभावना है. मिस वर्ल्ड प्रतिस्पर्धा का बहुप्रतीक्षित 71वां संस्करण इस साल नवंबर में आयोजित होने की उम्मीद है. इसकी अंतिम तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई है. इससे पहले, 1996 में भारत में इसका आयोजन किया गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘71वीं मिस वर्ल्ड 2023 में ‘‘अतुल्य भारत'' की एक महीने की यात्रा के दौरान 130 राष्ट्रीय चैंपियन की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाएगा, क्योंकि हम 71वां और अब तक का सबसे शानदार मिस वर्ल्ड फाइनल आयोजित कर रहे हैं." करीब एक महीने तक चलने वाले इस आयोजन में 130 से अधिक देशों की प्रतिभागी हिस्सा लेंगी.
सौंदर्य प्रतियोगिता का भारत में प्रचार-प्रसार करने के लिए यहां आईं मौजूदा विश्व सुंदरी करोलिना बिलावस्का (पोलैंड) ने कहा कि वह अपना ताज इस 'खूबसूरत देश' में दूसरी प्रतिभागी को सौंपने के लिए उत्साहित हैं. भारत ने छह बार यह प्रतिष्ठित खिताब जीता है. रीता फारिया ने 1966 में यह प्रतिस्पर्धा जीती थी जबकि ऐश्वर्या राय ने 1994 में, डायना हेडन ने 1997 में, युक्ता मुखी ने 1999 में, प्रियंका चोपड़ा ने 2000 में और मानुषी छिल्लर ने 2017 में यह खिताब अपने नाम किया था.
भारत में शादी किसी उत्सव से कम नहीं, खास कर उत्तर भारत में शाादियां बहुत ही भव्य तरीके से की जाती है। शादी में लाखों रूपये पानी की तरह बहा दिये जाते हैं, सिर्फ इसलिए क्योंकि परिवार वालाों को अपनी शान तो दिखानी ही होती है, साथ ही बारातियों का स्वागत भी किसी राजा-महाराजा से कम नहीं करना चाहते। वहीं लड़के वालों की भी कुछ खास डिमांड होती है, जो लड़की वाले पूरी करते है।
शादी की तैयारी करना, उसकी प्लानिंग बहुत ही थकाने वाला काम भी होता है। फिजिकली और फाइनेंशली तरीके से भी परेशान करने वाला होता है। वहीं इन दिनों एक नया ट्रेंड चल पड़ा है जो शायद मानसिक और आर्थिक रूप से सुकून देने वाला हो सकता है। महंगी शादी से बचने के लिए लोग माइक्रो वेडिंग करना पसंद कर रहे हैं। आज के टाइम में बड़े बड़े सेलिब्रिटीज भी अपनी शादी माइक्रो वेडिंग कर रहे हैं। इसमें आप आलिया भट्ट और रणबीर कपूर की शादी को देख सकते हैं। माइक्रो वेडिंग एक छोटी लेकिन कलरफुल शादी होती है। जिसमें सभी पंरपराएं भी निभाई जाती है, लेकिन कम खर्च और समय में। आइये जानते हैं माइक्रो वेडिंग के बारें में-
माइक्रो वेडिंग (micro wedding) में एक काम जो थोड़ा टफ होता है वो है गेस्ट लिस्ट तैयार करना। क्योंकि इसमें कुछ खास और गिने-चुने लोगों को ही शादी पर बुलाया जाता है,, जिससे हो सकता है बाकी रिश्तेदार नाराज भी हो जाएं। समझदारी से काम लेते हुए इस माइक्रो वेंडिग की तैयारी की जाती है।
माइक्रो वेडिंग की प्लानिंग
माइक्रो वेडिंग की प्लानिंग टफ काम होता है, उतना ही जितना बड़ी शादी की प्लानिंग करना। लेकिन शादी की प्लानिंग कम खर्च में होती है।
गेस्ट लिस्ट तैयार करना
माइक्रो वेडिंग की प्लानिंग में सबसे पहले आपको शादी में बुलाने के लिए गेस्ट लिस्ट को तैयार करना जरूरी है। मोहमानों को इंवाइट किए जाने वाले लोगों की लिस्ट तैयार करें फिरर उसी हिसाब से वेडिंग कार्ड छपवाएं।
माइक्रो वेडिंग का बजट
माइक्रो वेडिंग में भव्य शादी जितना पैसा नहीं खर्च होता है। लेकिन सबसे अहम बात ये है कि आप शादी का वेन्यू, खाना और गेस्ट कितने बुला रहे हैं। इसको देखते हुए अपना बजट तैयार करें। वेन्यू पर भी कपल या उसके परिवार वालों को बात कर लेनी चाहिए। जिससे खर्च दोनों में बंट जाएं। साथ ही डेकोरेशन और खाने पर कैसे और कितना खर्च होगा इसका भी बजट पहले से बना लें।
शादी के लिए वेन्यू का चुनाव
माइक्रो वेडिंग के लिए वेन्यु का चुनाव उसी हिसाब से करें, जितना आप गेस्ट को इनवाइट कर रहे हैं। बड़ा हॉल या पार्क लेने से डेकोरेशन का खर्च बढ़ सकता है। वहीं आप अगर घर का बगीचा या बैकयार्ड इतना बड़ा है कि शादी हो सकती है तो उसी को अच्छे डेकोरेट करके पैसा भी बचा सकते हैं।
लिमिटेड डिश को सेलेक्ट करें
अच्छा खाना भारतीय शादी की जान होती है। खाने में आप अच्छी डिश को शामिल करें, लेकिन व्यजंन कम रखें। मेनू में कुछ बेहतरीन व्यंजनों को शामिल करके आप पैसे बचा सकते हैं।
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौट ने अपना ट्विटर अकाउंट रीस्टोर होने के अगले ही दिन फिल्मोद्योग पर एक बार हमला बोला है, और उसे बेहद भद्दा बताया है, जो कला की कीमत को नहीं समझता.
दो साल बाद रीस्टोर हुए अकाउंट पर कंगना ने बुधवार को एक के बाद एक तीन ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने लिखा, "फिल्म उद्योग इतना भद्दा है कि जब भी वे अपनी किसी कोशिश या कला की कामयाबी को दर्शाना चाहते हैं, वे आपके मुंह पर पैसा दे मारते हैं, जैसे कला का कोई और मकसद है ही नहीं... ऐसा करना उनके गिरे हुए स्तर की पोल खोल देता है..."
इसके बाद कंगना रनौत ने अगले ट्वीट में लिखा, "पुराने वक्त में कला मंदिरों में खिली थी, और फिर धीरे-धीरे साहित्य और थिएटर के रास्ते सिनेमाघरों तक पहुंची... यह उद्योग ज़रूर है, लेकिन इसे अरबों-खरबों डॉलर वाले अन्य व्यवसायों की तरह आर्थिक फायदे के लिए तैयार नहीं किया गया है, और इसी वजह से कला और कलाकारों की पूजा की जाती है, उद्योगपतियों या अरबपतियों की नहीं..."
फिल्मोद्योग पर बरसते हुए एक बार फिरतीसरे ट्वीट में कंगना रनौत ने लिखा, "सो, भले ही कलाकार खुद ही समूचे मुल्क में कला के माहौल को प्रदूषित करने में जुटे हों, उन्हें ऐसा ढके-छिपे तरीके से करना चाहिए, खुलेआम बेशर्मी से नहीं..."
इसके अलावा, बुधवार को ही कंगना रनौट ने अपने गृहप्रदेश हिमाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा दिए जाने की खुशी भी बांटी, और एक तस्वीर पोस्ट की.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणामों के बाद हुई हिंसा से जुड़ी विवादास्पद सामग्री पोस्ट करने की वजह से ट्विटर ने कंगना के अकाउंट को ब्लॉक कर दिया था. कहा गया था कि उनके अकाउंट से कई बार 'घृणित आचरण और अपमानजनक व्यवहार' से जुड़ी ट्विटर की नीति का उल्लंघन किया.
इसके अलावा, वर्ष 2016 में, 35-वर्षीय कंगना रनौट के एक बयान से बॉलीवुड भी बंट गया था, जब उन्होंने निर्माता-निर्देशक करण जौहर को 'नेपोटिज़्म का झंडाबरदार' कहा था. कंगना ने यह टिप्पणी करण जौहर के टीवी चैट शो 'कॉफी विद करण' में ही की थी. उसके बाद से वह अक्सर कई फिल्मी सितारों के बॉलीवुड में प्रवेश करने वाले बच्चों पर निशाना साधती रही हैं, और लगभग हर इंटरव्यू में उन पर बरसती रही हैं.
नई दिल्ली : मधुबाला और नर्गिस अपने समय की बेहतरीन एक्ट्रेसेस में गिनी जाती थीं. उनकी खूबसूरती के आज भी चर्चे हैं. लेकिन बॉलीवुड में एक और एक्ट्रेस हुईं, जो उस दौर की सभी एक्ट्रेसेस पर भारी पड़ी और बॉलीवुड की पहली ग्लैमर गर्ल कही गई. जी हां हम बात कर रहे हैं बेगम पारा की. बेगम पारा का असली नाम जुबेदा उल हक था. वह 1940 से लेकर 1950 तक फिल्मों में एक्टिव रहीं. 1950 के दशक में उन्हें बॉलीवुड की ग्लैमर गर्ल के रूप में जाना जाता था. 1951 में उन्होंने फोटोग्राफर जेम्स बर्क को लाइफ मैगजीन फोटो शूट के लिए पोज दिए. इस फोटोशूट के बाद वह देश से बाहर भी वह मशहूर हो गईं. कहा जाता है अमेरिकी सैनिक उनकी फोटो जेब में रख कर जंग लड़ते थे.
बेगम पारा का जन्म ब्रिटिश भारत में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है. उनके पिता मियां एहसानुल-हक जज थे और वह बीकानेर की रियासत, जो अब उत्तरी राजस्थान है की न्यायिक सेवा में चले गए. वहां वह सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने. वह अपने समय के एक बेहतरीन क्रिकेटर भी थे. ऐसे में बेगम पारा का बचपन बीकानेर में बीता और उनकी शिक्षा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुई.
बेगम पारा के फिल्मों में आने की कहानी भी काफी दिलचस्प है. उनके बड़े भाई मसरुरुल हक एक्टर बनने के लिए 1930 के दशक के अंत में बॉम्बे चले आए. यहां उनकी मुलाकात बंगाली अभिनेत्री प्रोतिमा दासगुप्ता से हुई और और दोनों में प्यार हो गया और बाद में दोनों ने शादी कर ली. पारा जब भी वह बॉम्बे में उनसे मिलने जाती, तो वह अपनी भाभी की चकाचौंध भरी दुनिया से काफी प्रभावित होती थी. कई बार कुछ इवेंट्स में वह उनके साथ जातीं. उनके लुक को देख कर उन्हें भी फिल्मों के ऑफर आने लगे. ऐसा ही एक ऑफर शशधर मुखर्जी और देविका रानी ने उन्हें दिया.
बेगम पारा ने दिलीप कुमार के भाई नासिर खान से शादी की थी. नासिर की मौत के बाद वह पाकिस्तान चली गईं. बेगम पारा के पति का 1974 में निधन हो गया था, जिसके बाद वह 1975 में पाकिस्तान चली गईं. दो साल बाद बेगम पारा भारत वापस आ गईं और 'सोनी महिवाल', नील कमल, 'लैला-मजनू और 'किस्मत का खेल' जैसी फिल्मों में उन्होंने दमदार रोल किया.
आखिरी बार वह 2007 में संजय लीला भंसाली की सांवरिया में सोनम कपूर की दादी के रोल में नजर आई थीं. अगले वर्ष, 2008 में उनकी मृत्यु हो गई. उनके तीन बच्चे हैं. उनके बेटे एक्टर अयूब खान फिल्मों में काम कर चुके हैं और इन दिनों टीवी के बड़े एक्टर हैं.