Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
मुंबई: मुंबई की महत्वाकांक्षी कोस्टल रोड सुरंग को लेकर सरकार की किरकिरी हो रही है. उद्घाटन के तीन महीने भी नहीं हुए कि करोड़ों की लागत से बनकर तैयार सुरंग में पानी का रिसाव होने लगा है. मुंबई में मॉनसून 10-11 जून को प्रवेश कर सकता है. ऐसे में ये कोस्टल रोड बारिश में कितनी सुरक्षित है, अब ऐसे सवाल उठ खड़े हुए हैं. करीब 12 हजार करोड़ हजार करोड़ की लागत से बनकर तैयार इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का इसी साल 11 मार्च को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्घाटन किया था.
यह देश की पहली सड़क है, जो समुद्र के नीचे बनी है. पहले मुंबईकरों को वर्ली से मरीन ड्राइव तक जाने में 40 मिनट लगते थे. मुंबई कोस्टल रोड के उद्घाटन के बाद यात्री इस दूरी को सिर्फ 9 से 10 मिनट में तय कर रहे हैं. हालांकि, मानसून से दो हफ्ते पहले मुंबई कोस्टल रोड सुरंग से रिसाव शुरू हो गया, जिससे कई सवाल खड़े हो गए. सुरंग के निकास से लगभग 100 मीटर की दूरी पर, मरीन ड्राइव-एंड की ओर तटीय सड़क पर पानी भर गया.
दीवारों पर सीलन, कई जगह नजर आ रहे काले धब्बे
कोस्टल रोड प्रोजेक्ट को अभी तीन महीने भी पूरे नहीं हुए हैं. सीलन के कारण दीवारों पर कई जगह काले धब्बे पड़ गए हैं. बताया जा रहा है कि रविवार सुबह से ही रिसाव जारी है. दीवार में नमी आ रही है. सुरंग में रिसाव किस कारण से हुआ यह अभी भी स्पष्ट नहीं है, जांच चल रही है.
सीएम शिंदे ने किया कोस्टल रोड सुरंग का दौरा
मॉनसून आने में बस कुछ ही हफ्ते बचे हैं, ऐसे में कोस्टल रोड सुरंग से रिसाव की खबर पर खुद सीएम एकनाथ शिंदे यहां का दौरा करने के लिए पहुंचे. उन्होंने सुरंग का निरीक्षण किया और कहा कि कुछ ही दिनों में सबसे उम्दा तकनीक के सहारे इसे भरा जाएगा और बारिश में यहां किसी भी हाल में पानी नजर नहीं आएगा. नज़र नहीं आएगा.
सीएम शिंदे ने कहा कि कल मुझे खबर मिली कि पानी लीक हो रहा है तो मैंने तुरंत कमिश्नर को फोन किया. दो-तीन जगहों पर लीकेज है. किसी भी लीकेज की जांच की जाएगी. मैंने सुरंग विशेषज्ञों से भी मुलाकात की है. इसकी मूल संरचना को कोई खतरा नहीं है. विशिष्ट तकनीक के उपयोग से इसे भरा जाएगा. स्थायी समाधान निकालेंगे. यात्रियों को परेशानी नहीं होगी और बरसात में यहां पर पानी नहीं दिखेगा.
समुद्र तल से 17 से 20 मीटर नीचे है सुरंग
इससे पहले 10 अप्रैल को पानी हाजी अली कोस्टल रोड के पैदल यात्री अंडरपास में घुस गया था. तब भी बीएमसी की खूब आलोचना हुई थी. अब खतरा बारिश को लेकर है कि मानसून के दौरान आखिर ये कोस्टल रोड की ये सुरंग कितनी सुरक्षित है? 12.19 मीटर व्यास वाली सुरंग में सिर्फ एक तरफा यातायात ही जारी है. यह समुद्र तल से 17 से 20 मीटर नीचे हैं. 11 मार्च को इसे एक तरफ के यातायात के लिए खोल दिया गया था और अब तक 7 लाख से अधिक वाहन इस मार्ग से यात्रा कर चुके हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने 7 दिनों की अंतरिम जमानत बढाने की अर्जी दाखिल की थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने CJI के पास भेज दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने वाली मुख्यमंत्री केजरीवाल की याचिका को सूचीबद्ध करने पर उचित निर्णय लेंगे, क्योंकि मुख्य मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया है. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि जब पिछले हफ्ते बेंच के एक सदस्य जस्टिस दीपांकर दत्ता वेकेशन बेंच में थे तो आपने ये मेंशन क्यों नहीं किया?
दिल्ली सीएम ने स्वास्थ्य कारणों से जमानत बढ़ाने की मांग की
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला 17 मई को सुना गया था, हम इसे CJI को पास भेजते हैं. केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि सात दिनों की मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत की अर्जी है, इस पर बुधवार को सुनवाई हो क्योंकि उनकी अंतरिम जमानत एक जून को खत्म हो रही है. केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सरेंडर करने के लिए एक हफ्ते का और समय मांगा है. केजरीवाल ने स्वास्थ्य के आधार पर एक हफ्ते की जमानत बढ़ाने की मांग की है.
9 जून को सरेंडर करेंगे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा जांच पूरी होने के बाद वो 9 जून को सरेंडर कर देंगे. साथ ही उन्होंने अर्जी में कहा कि स्वास्थ्य जटिलताओं और बढ़े हुए जोखिम संकेतों को देखते हुए उनका मेडिकल परीक्षण अति आवश्यक है, ताकि उसके आगे जेल के दौरान किसी भी तरह की परेशानी और स्वास्थ्य और जीवन को किसी भी संभावित दीर्घकालिक नुकसान से बचाया जा सके. दिल्ली सीएम ने कहा कि अपनी अंतरिम जमानत के दौरान, वह हर दिन सार्वजनिक रूप से दिखाई दे रहे हैं और उपलब्ध हैं.
डॉक्टर ने केजरीवाल को कई टेस्ट कराने की दी सलाह
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में निर्धारित अंतरिम जमानत की शर्तों का भी पालन किया है. मैक्स अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने 25 मई, 2024 को अपीलकर्ता की घर पर विस्तृत नैदानिक जांच के बाद कई परीक्षणों का निर्देश दिया, जिनमें पूरे शरीर की पीईटी-सीटी जैसे परीक्षण शामिल हैं, लेकिन केवल इन्हीं तक सीमित नहीं हैं. किसी भी घातक बीमारी का निदान और होल्टर मॉनिटर टेस्ट, जहां अपीलकर्ता को अपने हृदय की कार्यप्रणाली में किसी भी अनियमितता की पहचान करने के लिए अपनी दैनिक गतिविधियों के दौरान कुछ दिनों के लिए होल्टर मॉनिटर पहनने की आवश्यकता होगी.
मेडिकल टेस्ट कराने के लिए लगभग 5-7 दिनों की जरूरत
दिल्ली सीएम के ये परीक्षण एक विशेष क्रम में किए जाने हैं और इन्हें पूरा करने में लगभग 5-7 दिनों की आवश्यकता होती है. जिस दिन दिल्ली में आम चुनाव संपन्न हुए, अपीलकर्ता को एक सप्ताह के लिए प्रचार के लिए पंजाब जाना पड़ा, जहां अपीलकर्ता की पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 13 सीटें और जिसके लिए 01.06.2024 को मतदान होना है, 2 जून को सीएम अरविंद को सरेंडर करना है.
बेंगलुरु: एचडी देवेगौड़ा के पोते और कर्नाटक के हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना को जनता दल (सेक्युलर) से निलंबित कर दिया गया है. पार्टी ने प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े सेक्स स्कैंडल के सामने आने के बाद यह कदम उठाया है. हुब्बल्ली में आज जेडीएस कोर कमेटी की एक बैठक हुई, जिसमें प्रज्वल रेवन्ना को पार्टी से निलंबित करने पर फ़ैसला लिया गया. इधर, स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रज्वल रेवन्ना फिलहाल विदेश में है. कर्नाटक के हासन में जेडीयू सांसद और एनडीए के मौजूदा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना की गिरफ्तारी की मांग हो रही है. लोग सड़क पर उतरे हुए हैं.
कर्नाटक सरकार ने सांसद द्वारा सैकड़ों महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की है. कथित तौर पर सैकड़ों महिलाओं के यौन उत्पीड़न में प्रज्वल रेवन्ना की संलिप्तता वाली कुछ वीडियो क्लिप हाल के दिनों में हासन में सामने आई हैं.
बताया जा रहा है कि बरामद की गई पेन ड्राइव्स में 2800 के आसपास अश्लील ऑडियो-वीडियो क्लिप्स और अश्लील तस्वीरें हैं. सभी क्लिप्स में आवाज़ प्रज्वल रेवन्ना की बताई जा रही है. कुछ महिलाओं के साथ ज़ोर-ज़बरदस्ती भी दिख रही है. हालांकि, ज़्यादातर महिलाएं जो प्रज्वल रेवन्ना की शिकार बनीं, वो विरोध नहीं कर पाईं. ये आरोप भी लग रहे हैं कि इन वीडियो को प्रज्वल ने खुद रिकॉर्ड कर महिलाओं को ब्लैकमेल भी किया.
नई दिल्ली: दिल्ली सर्विस बिल संसद के दोनों सदन से पास हो गई है. राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 पर लंबी बहस, चर्चा और गृहमंत्री अमित शाह के जवाब के बाद उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने सोमवार रात 10 बजे इस पर वोटिंग शुरू कराई. ऑटोमैटिक मशीन खराब होने के कारण वोटिंग के लिए पर्ची का इस्तेमाल किया गया. बिल के समर्थन में 131 वोट पड़े, जबकि विपक्ष के खाते में केवल 102 का नंबर ही दर्ज हो पाया. लोकसभा में 3 अगस्त को ध्वनिमत से यह बिल पास हो गया था. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून बन जाएगा. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली सर्विस बिल पूरी तरह से संविधान की भावना के अनुरूप है.
दिल्ली सर्विस बिल पर जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और पब्लिक ऑर्डर पर काम करने का अधिकार केंद्र को दिया है. सेवा का अधिकार राज्य को देने की बात कही है. इसमें यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार को किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है." उन्होंने कहा, "संविधान कहता है कि केंद्र को किसी भी विषय पर कानून बनाने का अधिकार है. इस किसी भी में सेवाएं भी आती हैं. संसद को संविधान में संशोधन का अधिकार है." गृह मंत्री अमित शाह के बयान के दौरान एनडीए सांसदों ने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए. जवाब में विपक्षी गठबंधन के नेता 'INDIA-INDIA' कहने लगे.
राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पर बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह सबूत देंगे कि यह बिल किसी भी एंगल से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं करता है. यह बिल दिल्ली पर मौजूदा केंद्र सरकार के अध्यादेश को बदलने का प्रयास है.
केजरीवाल ने जताई नाराजगी
राज्यसभा से दिल्ली सर्विस बिल पास होने के तुंरत बाद दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. केजरीवाल ने इस बिल के पास होने पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि बीजेपी पीछे के दरवाजे से ये बिल लेकर आई. उन्होंने पीएम के दिल्ली की सरकार में दखल देने पर भी आपत्ति जाहिर की.
बीजेपी को कोई सीट नहीं देगी दिल्ली की जनता
केजरीवाल ने कहा, "मैं जो भी करता हूं, दिल्ली की जनता उसका समर्थन करती है. उन्होंने मुझे चुनाव में जीत दिलाकर अपना समर्थन दिखाया है. बीजेपी सिर्फ हमारे अच्छे काम को रोकने की कोशिश कर रही है. वे विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं. वे मुझे काम करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. इस बार जनता उन्हें कोई सीट नहीं जीतने देगी."
क्या है मामला?
दरअसल, 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की संविधान पीठ ने अफसरों पर कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया था. साथ ही अदालत ने कहा था कि उपराज्यपाल सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे. इस फैसले के एक हफ्ते बाद 19 मई को केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को बदल दिया. सरकार ने ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार राज्यपाल को दे दिया. दिल्ली सर्विस बिल कानून बनने के बाद इसी अध्यादेश की जगह लेगा.
दिल्ली सर्विस बिल में किए गए कई बदलाव
गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (अमेंडमेंट) बिल 2023 (GNCT) में सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं. जैसे सेक्शन- 3ए जो अध्यादेश का हिस्सा था, उसे विधेयक से हटा दिया गया है. अध्यादेश के सेक्शन-3-ए में कहा गया था कि किसी भी अदालत के किसी भी फैसले, आदेश या डिक्री में कुछ भी शामिल होने के बावजूद विधानसभा को सूची-2 की प्रविष्टि 41 में शामिल किसी भी मामले को छोड़कर आर्टिकल 239 के अनुसार कानून बनाने की शक्ति होगी.
पिछले अध्यादेश के तहत NCCSA को संसद और दिल्ली विधानसभा में सालाना रिपोर्ट प्रस्तुत करना जरूरी था. हालांकि विधेयक इस अनिवार्यता को हटा देता है, जिससे रिपोर्ट को संसद और दिल्ली विधानसभा के समक्ष रखे जाने की जरूरत ही नहीं रहेगी.
प्रस्तावित बिल में सेक्शन 45-डी दिल्ली में अलग-अलग अथॉरिटी, बोर्डों, आयोगों और वैधानिक निकायों के अध्यक्षों और सदस्यों की नियुक्ति से संबंधित है. इस बिल में इस प्रावधान को हटा दिया गया है. बिल में नए जोड़े गए प्रावधान के तहत अब NCCSA समिति की सिफारिशों के अनुसार दिल्ली सरकार के बोर्डों और आयोगों में नियुक्तियां और तबादले करेंगे. इस समिति में मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव सदस्य होंगे और उसकी अध्यक्षता दिल्ली के मुख्यमंत्री करेंगे.