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रायपुर. राहुल गांधी ने गुरुवार को अपने तय कार्यक्रम के अनुरूप डॉक्टरों से भी मुलाकात की है. जहां उन्होंने डॉक्टरों द्वारा दिए गए सुझावों को गौर से सुना है. बताया गया है कि इस मुलाकात में करीब 40 डॉक्टर शामिल थे,जिन्होंने राहुल से स्वास्थ्य़ सेवाओं को लेकर गंभीर चर्चा की है
इस बैठक के बाद डॉक्टरों ने कहा कि राहुल गांधी से उनकी काफी सार्थक चर्चा हुई है और नर्सिंग होम एक्ट में बदलाव की बात की गई है कि ये एक्ट किस प्रकार केवल कॉरपोरेट अस्पतालों को बढ़ावा दे रही है. इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं को कैसे बढ़ावा दिया जाए,खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कैसे स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित किया जाए इस विषय को लेकर बात हुई है. साथ ही मेंहगी होती मेडिकल शिक्षा को लेकर भी बैठक में चिंता जताई गई है.
इसके अतिरिक्त नर्सिंग और टेक्नीशियन के स्टॉफ को लेकर हो रही दिग्गतों को लेकर चर्चा हुई है. वहीं डॉक्टरों ने बैठक में इस बात पर भी जोर दिया है कि सरकारी डॉक्टर और प्राईवेट डॉक्टरों के साथ सामान्य व्यव्हार किया जाए. जानकारी के मुताबिक डॉक्टरों की टीम ने स्वास्थ्य संबंधी अपनी मांगो को लेकर एक पूरा ड्राफ्ट भी राहुल गांधी को सौंपा है.
गौरतलब है कि राहुल गुरुवार को रायपुर के दौरे पर थे,जहां उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के नये राजीव भवन का लोर्कापण किया और प्रदेश के कांग्रेस पदाधिकारियों समेत तमाम डेलीगेट्स से मुलाकात की है.
::/fulltext::तीन चीनी इंजीनियर सहित 200 से अधिक बीमार.
रायपुर (वीएनएस)। छत्तीसगढ़ का मिनी इंडिया कहा जाने वाला भिलाई इस समय डेंगू से सहमा हुआ है। शहर में लगातार डेंगू के मरीजॉन की संख्या बढ़ रही है। भिलाई में डेंगू से पीडि़त पांच लोगों की मौत बीते 20 घंटों में हुई है। इसके साथ इस बारिश में डेंगू प्रभावित मौतों का आंकड़ा दस पहुंच गया है। डेंगू की चपेट में भिलाई इस्पात संयंत्र में एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में चाइना से आए तीन नागरिक भी आ गए हैं। तीनों चीनी नागरिकों का रायपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके साथ ही भिलाई के अलग-अलग अस्पतालों में 200 से अधिक डेंगू पीडि़त इलाज करा रहे हैं। जबकि 270 से अधिक डेंगू के संदिग्ध मरीज भी पाए गए हैं। दुर्ग एडीएम संजय अग्रवाल ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात कर राहत कार्य करवाया जा रहा है।
30 जुलाई से अब तक डेंगू से भिलाई में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। हालत यह है कि भिलाई में डेढ़ साल से सफाई का ठेका नहीं होने से सफाई कलेक्टर दर पर हो रही है। डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित खुर्सीपार का इलाका है। घनी आबादी वाले इस क्षेत्र में नालियां तो हैं, लेकिन पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है।
बीते 20 घंटों में डेंगू से मरने वालों में दिनेश दलाई (7), टोमेंद्र सेन (22), मिमांसा साकरे (13), प्रियंका प्रसाद (5) शीला देवी (25) शामिल हैं। ये पांचों खुर्सीपार क्षेत्र की ही निवासी थे। इसके अलावा जिन पांच लोगों की मौत भिलाई में डेंगू से हुई है, उनमें से तीन खुर्सीपार क्षेत्र और एक इससे लगे हुए छावनी के रहने वाले थे। इतनी मौतों के बाद प्रशासन अब जागा है। भिलाई में डेंगू के लार्वा को खत्म करने वाली दवाइयों और कीटनाशकों का छिड़काव करवाया जा रहा है। दुर्ग एडीएम संजय अग्रवाल ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात कर राहत कार्य करवाया जा रहा है।
भिलाई नगर निगम के महापौर देवेन्द्र यादव ने कहा कि पिछले 15 दिन से डेंगू को लेकर निगम और जिला प्रशासन को सचेत कर रहा हूं, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। डेंगू के ज्यादा मरीज भिलाई इस्पात संयंत्र के टाउनशिप एरिया में मिले हैं। ऐसे में संयंत्र प्रबंधन ने भी डेंगू से बचाव के लिए कवायद शुरू कर दी है। लोगों को भी सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
कोरिया में अब तक दो की मौत : डेंगू का प्रकोप भिलाई के साथ ही कोरिया जिले में भी बढ़ रहा है। यहां इस बारिश के सीजन में अब तक दो लोगों की मौत डेंगू से हो चुकी है। ताजा मामला बैकुंठपुर के खरवत का है। यहां शुक्रवार को 11वीं कक्षा की छात्रा की डेंगू से रायपुर में मौत हो गई। छात्रा को रायपुर इलाज के लिए लाया गया था। इससे पहले कोरबा निवासी एक युवक को कोरिया में डेंगू हो गया था, इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई थी।
::/fulltext::रायपुर- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ रहा है। शिक्षा और स्वावलंबन तथा प्रकृति से जुड़ी अपनी संस्कृति और परम्परा को और अधिक मजबूत बनाकर समाज और आगे बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों की रक्षा कर प्रकृति के संरक्षण में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन के बजट का 35 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए खर्च किया जाता है। दंतेवाड़ा का जावंगा एजुकेशन हब आदिवासी बच्चों की शिक्षा का देश में सबसे बेहतर मॉडल है। डॉ. सिंह ने इस अवसर अमर शहीद वीर नारायण सिंह, गुण्डाधूर, रानी दुर्गावती और गैंद सिंह सहित अनाम शहीदों को भी याद किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आदिवासी समाज सहित विभिन्न समाजों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों, प्रयास विद्यालयों के आई.आई.टी., एन.आई.टी., मेडिकल कॉलेज के लिए चयनित विद्यार्थियों, संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयनित युवाओं, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले समाज के प्रतिभाशाली लोगों और विभिन्न समाज प्रमुखों को सम्मानित किया। उन्होंने समारोह में 51 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को मेक बुक और राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की खेल स्पर्धाओं में सफलता अर्जित करने वाले एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों को स्पोर्टस वॉच प्रदान कर सम्मानित किया। डॉ. सिंह ने आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग की उपलब्धियों पर केन्द्रित पुस्तक ’विकास की गाथा’, छत्तीसगढ़ अंत्यावसायी वित्त एवं विकास निगम के वार्षिक प्रतिवेदन और छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री जी.आर.राना द्वारा संकलित नौ पुस्तकों का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने खाद्यान्न सुरक्षा योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ में कोई भी भूखा नही सोता। राज्य सरकार ने वनवासियों के पैर में गड़ने वाले कांटे की भी चिंता की है। राज्य शासन द्वारा लगभग 14 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुकाएं वितरित की जाती है। शिक्षा के माध्यम से पीढ़ियों के निर्माण का कार्य राज्य सरकार कर रही है। दंतेवाड़ा का जावंगा एजुकेशन हब देश का आदिवासी बच्चों की शिक्षा का सबसे बेहतर मॉडल है। बस्तर के बच्चे शिक्षित होकर शिक्षक बनने की कल्पना करते थे, लेकिन आज यहां के बच्चे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं और संघ लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में सफल होकर प्रशासनिक पदों पर पहंुच रहे है। वह दिन दूर नहीं जब बस्तर के बच्चे कलेक्टर, एस.पी. और सी.ई.ओ. बनकर वहां का प्रशासन संभालेंगे। उन्होंने कहा कि आज बस्तर और छत्तीसगढ़ बदल रहा है। बस्तर में सड़क कनेक्टिीविटी, एयर कनेक्टिीविटी, बिजली की कनेक्टिीविटी के साथ अब संचार क्रंाति योजना के माध्यम से टेलीकॉम कनेक्टिीविटी से जोड़ने का काम किया जा रहा है। अगले तीन माह में 40 लाख महिलाओं के हाथ में स्मार्ट फोन होगा। इससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। कार्यक्रम में अबूझमाड़ के बच्चों द्वारा मल्लखम्भ के उत्कृष्ट प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 22 जनजातीय समूहों के उच्चारण विभेदों और मात्रात्मक त्रुटियों को सुधारा गया है, जिससे इन जनजातीय समूहों के लगभग 40 लाख लोगों के जाति प्रमाण पत्र बनने में आ रही दिक्कतंे दूर हुई हैं।
आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप ने आदिवासी समाज के लिए संचालित राज्य शासन की योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि साढ़े चार लाख वनवासियों को वन अधिकार पट्टे वितरित किए गए हैं। आज बस्तर के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर बन रहे हैं और उच्च प्रशासनिक पदों पर चयनित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आदिवासी समाज लगातार आगे बढ़ रहा है। वन मंत्री श्री महेश गागड़ा ने कहा कि हमारी संस्कृति हमारी पहचान है। समाज के लोग अपनी गौरवशाली संस्कृति को बनाए रखें। उन्होंने भी राज्य शासन की कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया। समारोह को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री जी.आर. राना ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, संसदीय सचिव श्रीमती सुनीति राठिया, बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री भोजराज नाग, विधायक श्री आर.के.राय, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष श्री विकास मरकाम, छत्तीसगढ़ मत्स्य बोर्ड के अध्यक्ष श्री भरत मटियारा, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. सियाराम साहू, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य श्री तौकीर रजा, लोक सेवा आयोग के सदस्य श्री मोहन मंडावी, अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री रामकिशुन सिंह, राज्य युवा आयोग के सदस्य श्री रघुराज सिंह उईके और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती जया लक्ष्मी ठाकुर विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थीं। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि, आदिम जाति विकास विभाग की विशेष सचिव-सह आयुक्त श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले, संचालक श्री जी.आर. चुरेन्द्र सहित विभिन्न समाजों के पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
::/fulltext::डॉ. सिंह ने किया ‘मुख्यमंत्री मनरेगा मजदूर टिफिन वितरण योजना‘ का शुभारंभ: टिफिन योजना मेरे दिल के करीब प्रदेश के 10.83 लाख मजदूरों को अगले डेढ़ माह में वितरित किए जाएंगे टिफिन.
मनरेगा महिला श्रमिकों को प्रसूति अवकाश देने वाला छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य: श्री अजय चन्द्राकर
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार का सबसे बड़ा काम लोगों के जीवन में खुशहाली लाना है। राज्य सरकार का प्रयास है कि छत्तीसगढ़ के एक-एक व्यक्ति को बेहतर जीवन का अधिकार मिले और गरीब से गरीब व्यक्ति के घर खुशहाली आये। मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में ’मुख्यमंत्री मनरेगा मजदूर टिफिन वितरण योजना‘ का शुभारंभ करते हुए इस आशय के विचार प्रकट किए। उन्होंने प्रतीक स्वरूप कुछ मजदूरों को टिफिन वितरित कर और उनका मुंह मीठा कराके योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि मजदूर भाइयों के लिए आज से प्रारंभ हो रही यह योजना मेरे दिल के करीब है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अगले एक से डेढ़ माह में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के दस लाख 83 हजार मजदूरों को तीन बॉक्स वाले टिफिन वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार का प्रयास गरीबों और मजदूरों के जीवन में खुशहाली लाने का है। गरीबों और मजदूरों के लिए स्मार्ट फोन, टिफिन, चरण पादुका, पक्का मकान, हर घर बिजली जैसी योजनाएं उनके स्वाभिमान से जुड़ी योजनाएं हैं। जो स्मार्ट फोन मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के मंत्रियों के हाथ में है वही स्मार्ट फोन अब छत्तीसगढ़ के गरीबों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं के हाथों में होगा। हर व्यक्ति के आवागमन के लिए पक्की सड़क, घर के नजदीक स्कूल और कॉलेज की व्यवस्था उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पूरा करने का हर संभव प्रयास कर रही है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, खाद्य मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले, लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री देवजी भाई पटेल, छत्तीसगढ़ राज्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष श्री मोहन एंटी, छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल के उपाध्यक्ष श्री सुभाष तिवारी, मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल और सचिव श्री पी.सी. मिश्रा इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बताया कि वे पिछले साल ग्राम सुराज अभियान में बिलासपुर जिले के सुदूर अंचल के एक गांव में मनरेगा का काम देखने पहंुचे थे, वहां मजदूर पेड़ की छांव में भोजन कर रहे थे। मजदूर बर्तन में, पोटली और प्लास्टिक में घर से भोजन लेकर आए थे। मुझे भी खाने की इच्छा हुई, एक महिला मजदूर ने अपने टिफिन से मुझे भी दाल-भात और चटनी दी। यहीं मेरे मन में मजदूरों के लिए टिफिन योजना प्रारंभ करने का विचार आया। इस योजना का आज शुभारंभ हो रहा है। टिफिन में मजदूरों के भोजन की सुरक्षा और शुद्धता सुनिश्चित हो सकेगी। स्वच्छ भोजन से बीमारियों से भी मजदूर दूर रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मजदूरों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। मनरेगा में 150 दिन का रोजगार दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना में गरीब परिवारों को एक रूपए में चावल, निःशुल्क नमक और चना दिया जा रहा हैं। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना में प्रदेश के सभी परिवारों के लिए 50 हजार रूपए तक के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था की गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि अब गरीबों को गंभीर बीमारियों के इलाज की चिन्ता करने की जरूरत नहीं है। उन्हें इस योजना में पांच लाख रूपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। छत्तीसगढ़ के लगभग 40 लाख गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। आज 18 वर्षों में छत्तीसगढ़ विकास की लम्बी छलांग लगाने के लिए तैयार है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ देश का अकेला राज्य है, जहां मनरेगा की महिला श्रमिकों को प्रसूति अवकाश दिया जाता है और उनकी इस अवधि की मजदूरी का भुगतान भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ऐसी व्यवस्था की गई है जिससे प्रदेश के 70 प्रतिशत श्रमिकों को 15 दिनों के अंदर मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। कई बार इसमें कठिनाईयां आती हैं, जिनके समाधान के प्रयास विभाग द्वारा किए जाते है। उन्होंने गरीबों और मजदूरों के लिए संचालित योजनाओं पर प्रकाश डाला। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल ने कहा कि टिफिन वितरण योजना मनरेगा के मजदूरों के श्रम के सम्मान की योजना है। इस योजना पर लगभग 20 करोड़ रूपए की राशि खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि अब मजदूर टिफिन में अपना भोजन लाएंगे। कार्यक्रम में अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में श्रमिक भाई-बहन उपस्थित थे।
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