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महाराष्ट्र में जारी सियासी संग्राम और गहरा गया है. अब लड़ाई कानूनी दांव-पेंच में उलझ गई है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी सरकार और पार्टी (शिवसेना) को बचाने की कोशिशों में जुटे हैं. इस बीच डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया है. इससे बागी गुट का झटका लगा है. एकनाथ शिंदे गुट अब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा.
उधर, शिव सैनिक सड़कों पर उतर आए हैं. इसे देखते हुए मुंबई में धारा 144 लगा कर दिया गया है. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पुणे में उत्पात मचाया है. बागी विधायक तन्नाजी सावंत के दफ्तर में तोड़फोड़ की है. पुणे शहर के शिव सेना प्रमुख ने कहा है कि उनके ही कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की है. उन्होंने कहा कि सभी बागी विधायकों और गद्दारों, जिसने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को संकट में डाला है, को इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
शिवसैनिकों के उत्पात को देखते हुए मुंबई पुलिस ने हाई अलर्ट जारी किया है और सभी पुलिस थानों से शहर के सभी राजनीतिक कार्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. यह निर्देश दिया गया है कि अधिकारी स्तर के पुलिस कर्मी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक राजनीतिक कार्यालय का दौरा करें.
उधर, शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री, डीजीपी महाराष्ट्र को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि 38 विधायकों के परिवारों के सदस्यों की सुरक्षा को दुर्भावनापूर्ण रूप से वापस लिया गया है.
इस बीच, ठाकरे गुट ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आज बैठक बुलाई है.उधर, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के विधानसभा क्षेत्र थाणे में पुलिस ने 8 जुलाई तक निषेधाज्ञा लगा दी है. इस दौरान हथियार, लाठी, तलवार, भाला, बंदूकें, लाठी, या शरीर को घायल करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली किसी भी अस्त्र-शस्त्र को लाने या ले जाने, उसका भंडारण करने पर रोक रहेगी. इतना ही नहीं, पत्थरों का भंडारण करना और तैयार करना या किसी तरह का फेंकना भी प्रतिबंधित रहेगा. पुलिस ने भड़काऊ पोस्टर पर भी रोक लगा दी है.
ताजा घटनाक्रम से पता चलता है कि बागी नेता एकनाथ शिंदे का गुट 37 विधायकों की महत्वपूर्ण संख्या तक पहुंच चुका है, जो दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन किए बिना विधानसभा में पार्टी को विभाजित करने के लिए पर्याप्त है. इसके साथ ही शिंदे गुट में अब 42 विधायक हो गए हैं. हालांकि, शुक्रवार की सुबह एनडीटीवी से बात करते हुए, उन्होंने दावा किया था कि 50 से अधिक विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं, जिनमें शिवसेना के 40 विधायक शामिल हैं.