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रायगढ़ - औद्योगिक क्षेत्र में स्थित रायगढ़ इस्पात कम्पनी सहित आस पास के अन्य उद्योगो से हो रहे प्रदूषण के विरोध में शिकायत करने के बाद प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई करने के बजाय उद्योग के विस्तार की तैयारी करवाई जा रही है l
इससे ग्रामीणों में शासन प्रशासन के प्रति काफी आक्रोश हैl वहीं प्रभावित ग्राम शिवपुरी के ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंप कर आगामी 26 व 27 तारीख को रायगढ़ इस्पात की होने वाली जनसुनवाई निरस्त करने की मांग की है तथा जनसुनवाई निरस्त नहीं होने पर सोमवार से आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी ग्रामीणों ने दी है।
ग्राम शिवपुरी के रहवासियों ने कलेक्टर के नाम दिये गये ज्ञापन में कहा है कि उनके क्षेत्र में रायगढ़ इस्पात व अन्य उद्योगों से काफी प्रदूषण हो रहा है l वहीं इन कम्पनियो द्वारा गांव की जमीन पर अवैध रूप से अहाता का निर्माण कराया जा रहा है जिसके लिए कई पेड़ काटे जा रहे है l पूर्व में ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर से इस बात की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की गयी थी लेकिन आज पर्यन्त प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है l वहीं इन कम्पनियो के प्रदूषण से काफी परेशानी हो रही है तथा ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार की बीमारियां भी हो रही है l ऐसे में उद्योगो पर कार्रवाई करने के बजाय प्रशासन इनके विस्तार की तैयारी में जुट गया है l ग्रामीणों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा है कि रायगढ़ इस्पात के विस्तार से प्रदूषण और बढ़ेगा लिहाजा विस्तार पर रोक लगवाते हुए 26एवं 26 जून को होने वाली जनसुनवाई निरस्त की जावे l वहीं जनसुनवाई निरस्त नहीं की जाती है तो सोमवार को सभी ग्रामवासी आर्थिक नाकेबंदी करेंगे l
ज्ञात हो कि पूर्व में स्थगित हुई जनसुनवाई को भी नए प्रोजेक्ट के साथ ही निपटाने के चक्कर में उद्योग प्रबंधन लगा हुआ है तथा विरोध न हो इसलिए साम दाम दण्ड भेद सभी की जुगत बैठाई जा रही है।इस उद्योग पर ही फर्जी ईआईए रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन को गलत डेटा देने एवम प्रभावित ग्रामीणों को गुमराह करने का आरोप भी पूर्व से चला आ रहा है परंतु सेटिंग और अपने रसूख के दम पर कोई न कोई गुंताड़ा लगाकर हर बार उद्योग प्रबंधन ग्रामीणों की आंख में धूल झोंककर अपना काम निकाल लेता है।
इस बार भी ग्रामीणों के विरोध एवं प्रयास पर प्रशासन का एक्शन होता है या रसूख की सेटिंग चलकर जनसुनवाई विरोध के बावजूद भी सफल होती है ये तो वक्त ही बताएगा फिलहाल प्रभावित ग्रामीण एकत्र होकर आर्थिक नाकेबंदी की तरफ जा रहे हैं और सरकारी मौन सहमति ये बयां कर रही है की हवा किस तरफ जायेगी।
दिव्य छत्तीसगढ़ इस पर अपनी नजर बनाए हुए है और पाठकों को पल पल बदलते हुए हालातों से रूबरू कराता रहेगा।