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आईआईटियन्स ने वैश्विक स्तर पर बनाई अपनी विशेष पहचान- राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु
आईआईटी भिलाई सामाजिक तौर पर प्रासंगिक अनुसंधान को दे रहा बढ़ावा
आईआईटियन्स ने अपनी अग्रणी खोज, वैज्ञानिक सोच, नवोन्मेषी एवं दूरगामी दृष्टिकोण से देश एवं दुनिया की प्रगति में दिया अपना विशेष योगदान
बहुत कम समय में, आईआईटी भिलाई ने छत्तीसगढ़ के लोगों के दिलों और दिमाग में अपनी जगह बनाई: राज्यपाल श्री रमेन डेका
विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ का संकल्प तकनीकी प्रगति से हो सकेगा संभव: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आईआईटी भिलाई के तृतीय एवं चतुर्थ दीक्षांत समारोह में की शिरकत
रायपुर- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई के लिए आज 26 अक्टूबर का दिन स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इस संस्थान की तृतीय एवं चतुर्थ दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर संस्थान के विभिन्न इंजिनियरिंग शाखाओं के प्रतिभावान विद्यार्थियों को अपने हाथों से स्वर्ण पदक प्रदान किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों उनके अभिभावकों, प्राध्यापकों, साथियों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन आपके लिए खुद को यह याद दिलाने का दिन है कि आप एक जिम्मेदार नागरिक और सक्षम व्यक्ति के रूप में बाहर की दुनिया में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आईआईटी भिलाई द्वारा आदिवासी समाज की प्रगति के लिए तकनीकी क्षेत्र में किए गए विशेष प्रयास सराहनीय हैं। आईआईटी भिलाई ने ऐग्रीटेक, हेल्थटेक और थिंकटैंक पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया है। आईआईटी भिलाई नेे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एम्स रायपुर के साथ सहयोग करके मोबाइल फ़ोन ऐप्स बनाए है, जिससे गांव के लोगों को घर बैठे चिकित्सा संबंधी मदद मिल जाती है। इस संस्थान ने इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के साथ भी सहयोग करके किसानों के लिए समाधान बनाएं हैं। जिससे उन्हें अपने संसाधनों का सही उपयोग करने के लिए मार्गदर्शन और सहायता मिलती है। यह सराहनीय है कि 6 लाख किसान क्रॉप डॉक्टर नाम के मोबाइल ऐप्लिकेशन का उपयोग कर रहे हैं। यह संस्थान सामाजिक तौर पर प्रासंगिक अनुसंधान को बढ़ावा दे रहा है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा संबंधी प्रोजेक्ट भी चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही महुआ जैसे लघुवनोपज पर भी शोध किया जा रहा है। आईआईटी भिलाई एक समावेशी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है और यहां वंचित तथा पिछड़े वर्गों के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस संस्थान ने छात्राओं की संख्या और भागीदारी बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं।
आईआईटी के छात्रों ने विश्व स्तर पर विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र मेें अपनी विशेष पहचान बनाई है। ग्लोबल कंपनी का नेतृत्व करते हुए हमारे आईआईटियन्स ने अपने तकनीक एवं कौशल से 21वीं सदी की दुनिया में उच्च स्थान प्राप्त किया है। आईआईटी के विद्यार्थियों ने स्वरोजगार एवं उद्यमिता का रास्ता चुना है और रोजगार का सृजन किया है। आईआईटियन्स ने अपनी अग्रणी खोज, अपनी वैज्ञानिक सोच, नवोन्मेषी एवं दूरगामी दृष्टिकोण से देश एवं दुनिया की प्रगति में अपना योगदान दिया है। उन्होंने भारत में डिजिटल ट्रान्सफार्मेशन एवं स्टार्टअप कल्चर को भी बढ़ावा दिया है। तकनीकी विकास के माध्यम से देश को विश्व में उंचा स्थान दिलाने में आईआईटी इको सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका को हम सब जानते हैं। आप सभी विद्यार्थियों पर इस परम्परा को आगे बढ़ाने का बड़ा दायित्व है। यहां के छात्र अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करेंगे। उपयोग के क्षेत्र में कहा जाता है नो रिस्क नो गेन। दूसरे शब्दों में रिस्क नहीं लेेने की मानसिकता से स्वरोजगार में सफलता नहीं मिल सकती। रिस्क एपेटाइट के साथ आगे बढ़ते रहेंगे। एआई, ब्लॉकचेन, आग्युमेन्टेड रियालिटी, क्वांटम कम्प्यूटिंग, साईबर सिक्योरिटी और अन्य तकनीक को आप सभी जानते है। उन्होंने युवाओं से कहा नई तकनीक का विकास करें और दुनिया को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करें। भारत सरकार ने देश के सभी क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी उच्च शिक्षा देने के लिए देश भर में 23 आईआईटी स्थापित किए हैं। सर्वाेच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान की जा रही है। देश में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए आईआईटीएक मजबूत इको सिस्टम तैयार करेंगे। यह इको सिस्टम विकसित भारत की पहचान बनेगा। आईआईटी भिलाई नये सपनों, नई सोच, नवीनतम तकनीक के साथ यह संस्थान और विद्यार्थी देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि देश को विकसित बनाने और विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को और आगे बढ़ाने की आपकी यात्रा के लिए मेरी अनंत शुभकामनाएं। मेरी मंगलकामना है कि आप सबका भविष्य उज्ज्वल हो और आप विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करते रहें।
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि आईआईटी भिलाई के तीसरे और चौथे संयुक्त दीक्षांत समारोह के इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई दी। छत्तीसगढ़ में हम सभी के लिए यह सम्मान की बात है कि हमारे माननीय राष्ट्रपति ने आज इस समारोह में अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित किया है।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि वर्ष 2016 में छत्तीसगढ़ में आईआईटी भिलाई की स्थापना ने राज्य के तकनीकी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही कमी को पूरा किया। इस संस्थान का स्थायी परिसर हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 फरवरी 2024 को राष्ट्र को समर्पित किया गया। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है कि वैश्विक सोच और दृष्टि वाला राष्ट्रीय महत्व का यह संस्थान अब हमारे राज्य में फल-फूल रहा है। बहुत कम समय में, इस संस्थान ने छत्तीसगढ़ के लोगों के दिलों और दिमाग में अपनी जगह बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ भारत के धान के कटोरे के रूप में प्रसिद्ध है। हमारा राज्य प्राकृतिक संसाधनों और खनिज के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत में भी समृद्ध है। यह संस्थान हमारे राज्य के लोगों के लिए प्रत्यक्ष सामाजिक और आर्थिक प्रासंगिकता के मुद्दों पर हमारी सरकार की विभिन्न शाखाओं के साथ कार्य कर रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के विभागों, एजेंसियों और आईआईटी भिलाई के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। कुछ परियोजनाएं नदियों के पुनरुद्धार, जिला प्रशासन की क्षमता निर्माण और राज्य की अमूर्त विरासत को संरक्षित करने से संबंधित हैं। उन्होंने संस्थान के सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि भविष्य में यह संस्थान हमारे राज्य तथा राष्ट्र के लिए उपलब्धियाँ हासिल करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि हम सभी के लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ के गौरवशाली शिक्षण संस्थान आईआईटी भिलाई के तीसरे और चौथे संयुक्त दीक्षांत समारोह में देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु उपस्थित हैं। इस मंच पर उनकी उपस्थिति से मैं स्वयं को भी गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं। उन्होंने सभी विद्यार्थी को बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने अवगत कराया कि इस संस्थान का शिलान्यास हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 14 जून 2018 को किया था। संस्थान के इस अत्याधुनिक स्थायी परिसर को उन्होंने 20 फरवरी 2024 को राष्ट्र को समर्पित किया था। छत्तीसगढ़ में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आईआईटी भिलाई जैसे गौरवशाली संस्थान की नींव रखी, तो उन्होंने इस राज्य के स्वर्णिम भविष्य की भी नींव रख दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय तकनीक का समय है। जिस देश और प्रदेश के पास तकनीक की ताकत होगी वह उतनी ही तेजी से विकास करेगा। आज भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। हम विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ निर्माण का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं। यह लक्ष्य तकनीक को हासिल किए बिना हासिल नहीं किए जा सकते। यह हमारे सौभाग्य है कि राज्य में आईआईटी भिलाई के साथ-साथ ट्रिपल आईटी, एनआईटी जैसे उत्कृष्ट संस्थान मौजूद है। ये संस्थान तकनीक से लैस एक ऊर्जावान युवा पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं जो देश और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। आईआईटी भिलाई हमारे राज्य में एक अत्याधुनिक आईटी पार्क की स्थापना के लिए हमारी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह इस राज्य का पहला आईटी पार्क होगा। इससे सूचना प्रौद्योगिकी के साथ-साथ स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, परिवहन, एग्रीटेक और हेल्थटेक के क्षेत्र में भी युवाओं के लिए अवसर खुलेंगे। इसी तरह आईआईटी भिलाई हमारी सरकार के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में एक विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित करने का काम कर रहा है। यह केन्द्र छत्तीसगढ़ के स्कूलों के लिए एक एआई आधारित सेंट्रलाइज्ड कमांड और नियंत्रण केन्द्र तैयार करेगा। यह हमें स्कूलों के प्रदर्शन, बुनियादी ढांचे और छात्रों की संख्या आदि के संबंध में जानकारियां प्रदान करेगा। इससे नीतियों के निर्माण और संसाधनों के वितरण के संबंध में सटीक निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।
समारोह में आईआईटी भिलाई के बोर्ड ऑफ गवर्नर के अध्यक्ष श्री के. वेंकटरमन, डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश, संभागायुक्त श्री एस.एन. राठौर, आईजी श्री आर.जी. गर्ग, कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, एसपी श्री जितेन्द्र शुक्ला, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण एवं संस्थान के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
रायपुर-
भारत के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को अपने बीच पाकर छत्तीसगढ़ के लोग हमेशा गौरवान्वित होते हैं, विशेष रूप से यहां के जनजातीय समाज स्वयं को बहुत प्रतिष्ठित महसूस कर रहा है।
इस अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम, श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, लोकसभा क्षेत्र रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री खुशवंत साहेब एवं श्री रोहित साहू उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ के गौरवशाली ‘पुरखौती मुक्तांगन‘ में आयोजित सरगुजा प्रखण्ड के लोकार्पण और महतारी वंदन की 9 वीं किस्त की राशि के अंतरण के अवसर पर छत्तीसगढ के आदिवासी समुदाय के लोगों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों के लोग अपनी जीवन-पद्धति, खान-पान, लोक-नृत्य, लोक-संगीत, लोकवाद्यों, कलाओं रीति-रिवाजों, तीज-त्यौहारों, अस्थाओं और अन्य आदिम परंपराओं को सहेज कर रखा है। नर्तक दलों ने अपने नृत्य के माध्यम से बताया कि जनजातीय समाज के गौरव और आत्मसम्मान को बढ़ाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। जनजातीय समाज का कल्याण करने सरकार प्रतिबद्ध है।
छत्तीसगढ़ के गौरवशाली ‘पुरखौती मुक्तांगन‘ में भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को अपने बीच पाकर हमारे छत्तीसगढ के आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपनी पहचान नृत्य के माध्यम में प्रस्तुत की। जिला सरगुजा, विकासखण्ड मैनपाट के ग्रमा डांगबुड़ा के नर्तक दल ने सरगुजा संभाग के आदिवासियों के प्रसिद्ध लोकनृत्य करमा का पुरूष पारंपरिक वेशभूषा में धोती, कुर्ता, पगड़ी, मयूरपंख सहित और महिलाएं साड़ी- ब्लाउज के साथ पैर में घुंघरू पहनकर मांदर और झांझ बजाते हुए नृत्य का प्रदर्शन किए। करमा नृत्य लगभग हर खुशी के अवसर पर किया जाता है।
इसी प्रकार दंतेवाडा जिला के विपकासखण्ड गीदम के ग्राम जोड़तराई के नर्तकदल ने गौर नृत्य कर पारंपरिक बस्तर के विभिन्न त्यौहारों के जैसे- अमुस तिहार, नवाखाई आमा पण्डुम, शादी-विवाह आदि में महिलाओं और पुरूषों के द्वारा मिलकर सामुहिक रूप से पांरपरिक तरीके से नृत्य का प्रदर्शन किए।
जिला जशपुर के विकासखण्ड कांसाबेल के ग्राम टाटीडांड के नर्तकों ने करमा अपने नृत्य के माध्यम से बताया कि करमा दशहरा के चार दिन बाद गाड़ते हैं, शाम को करम डगाल काटकर गाड़तें हैं और रातभर करमा नृत्य करते हैं । यही राजी करमा के नाम से भी जाना जाता है। इस करमा को बड़े घुमघाम से मनाया जाता है। इसी प्राकर दीपावली करमा दीपावली के दिन शाम को करम पेड से डगाल काटकर गाडते हैं और और रातभर करमा नृत्य करते हुए सुबह विसर्जन करते हैं। इस करमा में गोवर्धन पूजा, लक्ष्मी पूजा भी करते हैं।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं कल्याण विभाग श्री सोनमणि बोरा एवं प्रमुख सचिव संस्कृति श्री अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानन्द, आयुक्त आदिवासी विकास श्री नरेंद्र दुग्गा, संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति श्री विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।
रायपुर-राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के छत्तीसगढ़ के प्रवास के अंतिम दिन राजभवन में उन्हें ससम्मान बिदाई दी गई। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को राज्यपाल श्री रमेन डेका द्वारा छत्तीसगढ़ की पहचान, बेल मेटल से निर्मित स्मृति चिन्ह और विश्व प्रसिद्ध कोसा की साड़ी भेंट की गई। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने भी राष्ट्रपति भवन की काष्ठ से निर्मित प्रतिकृति उन्हें भेंट की। इस अवसर पर राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी भी उपस्थित थी।
रायपु-
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मुआई.आई.टी. भिलाई पहुंची
आई.आई.टी. भिलाई के तृतीय एवं चतुर्थ दीक्षांत समारोह में हुई शामिल
राज्यपाल श्री रमेन डेका, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भी साथ हैं उपस्थित
राष्ट्रपति के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हो रहा है दीक्षांत समारोह
राष्ट्रपति के हाथों सात छात्रों को मिलेगा गोल्ड मेडल
दीक्षांत समारोह में 2023 और 2024 में स्नातक करने वाले 396 छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी
2023 बैच के स्नातक छात्रों में 13 पीएचडी, 11 एमएससी, 27 एमटेक, 13 बीटेक (ऑनर्स) और 123 बीटेक स्नातक शामिल है
2024 के स्नातक बैच में 8 पीएचडी, 20 एमएससी, 19 एमटेक, 12 बीटेक (ऑनर्स) और 150 बीटेक छात्र शामिल है