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खास बातें
कोविड-19 का प्रकोप भारत में दिन-ब-दिन वीभत्स रूप लेता जा रहा है, और हर रोज़ पिछले दिन के मुकाबले संक्रमण के ज़्यादा नए केस सामने आ रहे हैं, रोज़ाना पहले से ज़्यादा मरीज़ मौत का शिकार हो रहे हैं. शुक्रवार को देश में लगातार दूसरे दिन COVID-19 संक्रमण के तीन लाख से ज़्यादा केस दर्ज हुए. वैसे, यह लगातार छठा दिन है, जब देशभर में ढाई लाख से ज़्यादा कोरोनावायरस संक्रमण के नए मामले दर्ज हुए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान 3,32,730 नए COVID-19 केस दर्ज किए गए, जिन्हें मिलाकर देश में कुल संक्रमितों की संख्या एक करोड़ 62 लाख पार कर 1,62,63,695 हो गई है. इसी अवधि में देशभर में 2,263 मरीज़ों की मौत हुई, और यह भी एक दिन में कोरोनावायरस से हुई मौतों की अब तक की सबसे बड़ी तादाद है. इसके साथ ही देश में इस रोग से जान गंवाने वालों की कुल संख्या 1,86,920 हो गई है.
इस साल अप्रैल में कोरोनावायरस का कहर किस कदर बरपा है, इसका अंदाज़ा महीने के पहले 23 दिन में नए संक्रमण के केसों की संख्या से लगाया जा सकता है. 1 अप्रैल से अब तक देश में 41,14,360 नए केस दर्ज हो चुके हैं, और अप्रैल में कुल 24,452 लोगों की COVID-19 की वजह से मृत्यु हुई है. वैसे, यह लगातार नौवां दिन है, जब देश में दो लाख से ज़्यादा कोरोनावायरस संक्रमण के केस सामने आए हैं. इसके अलावा, डेढ़ लाख से ज़्यादा केस सामने आते हुए शुक्रवार को लगातार 13वां दिन है, और लगातार 17वां दिन है, जब देश में एक लाख से ज़्यादा नए COVID-19 केस सामने आए.
नई दिल्ली: देश में कोरोना के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चिंता जताई है. शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस ने कहा कि देश में कोविड से हालात नेशनल इमरजेंसी जैसे हो गए हैं. देश में कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. कोर्ट ने चार मुद्दों पर स्वत: संज्ञान लिया है, जिसमें ऑक्सीजन की सप्लाई और वैक्सीन का मुद्दा भी शामिल है. CJI एस ए बोबडे ने केंद्र को इसपर नोटिस जारी किया है.
CJI ने कहा कि 'हम आपदा से निपटने के लिए नेशनल प्लान चाहते हैं.' सुप्रीम कोर्ट ने कहा, '6 हाईकोर्ट इन मुद्दों पर सुनवाई कर रहे हैं. हम देखेंगे कि क्या मुद्दे अपने पास रखें.' कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन लगाने का अधिकार राज्यों को होना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो ऑक्सीजन की सप्लाई, जरूरी दवाओं की सप्लाई, वैक्सीन लगाने का तरीका और प्रक्रिया और लॉकडाउन के मुद्दे पर विचार करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर अलग-अलग राज्यों में हो रही सुनवाइयों पर कहा कि 'दिल्ली, मध्य प्रदेश, बॉम्बे, कलकत्ता, सिक्किम और इलाहाबाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई कर रहे हैं, हालांकि वो अच्छे हित के लिए सुनवाई कर रहे हैं, लेकिन इससे भ्रम हो रहा है और संसाधन डाइवर्ट हो रहे हैं.'
सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणियां तब आई, जब गुरुवार को वेदांता कंपनी की उस याचिका पर सुनवाई हो रही थी, जिसमें कंपनी ने अपने प्लांट को ऑक्सीजन पैदा करने के लिए खोले जाने के लिए अनुमति मांगी है. तमिलनाडु याचिका पर सुनवाई कल चाहता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोविड की स्थिति पर कई मुद्दों को लेकर स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि देश में हालात नेशनल इमरजेंसी जैसे बन गए हैं.
नई दिल्ली: देश में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों और चरमराती स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कांग्रेस ने मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए आक्रामक रुख अख्तियार किया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि भारत सरकार के एम्पावर्ड ग्रूप द्वारा मार्च 2020 में ऑक्सीजन की कमी को लेकर चेताए जाने के बावजूद सरकार ऑक्सीजन विदेश भेजती रही.
कांग्रेस प्रवक्ता ने फेसबुक पर इससे संबंधित एक ब्लॉग लिखा है, जिसके अनुसार मार्च 2020 में भारत सरकार के एम्पावर्ड ग्रूप ने ऑक्सीजन उपलब्ध करने बारे चेताया था, बावजूद इसके मोदी सरकार ने अप्रैल 20-जनवरी 21 के बीच 9,294 मेट्रिक टन ऑक्सीजन विदेश निर्यात कर दी. अब 16 अप्रैल, 2021 को मोदी सरकार कह रही है कि वो 50,000 मेट्रिक टन ऑक्सीजन आयात करेंगे. उन्होंने सवाल उठाया कि जब अप्रैल 2021 में ऑक्सीजन आयात का ऑर्डर दे रहे थे तो फिर अप्रैल 2020-जनवरी 2021 के बीच लगभग 10,000 मेट्रिक टन ऑक्सीजन विदेश क्यों भेज रहे थे?
कांग्रेस नेता के ब्लॉग के जरिए सरकार से सवाल पूछा कि ये 50,000 मेट्रिक टन ऑक्सीजन कब आएगी और कब मिलेगी. उन्होंने कहा कि इसका कुछ अता पता नही. तब तक दम तोड़ते मरीज़ों और उनके परिवारों को क्या कहें? कि मोदी जी 18 घंटे मेहनत कर शायद 6 महीने में ऑक्सीजन मंगा देंगे, सांसे रोके रखें? सुरजेवाला के अनुसार सरकार ने PM CARE Fund से 21 अक्टूबर, 2020 को देश के 150 अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का टेंडर जारी किया था लेकिन 6 महीने बाद तक उनका अता पता नही.
उन्होंने कहा कि अब 6 अप्रैल, 2021 को 100 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की नई घोषणा हो गई. जब तीसरी कोरोना वेव आएगी तो तीसरी घोषणा हो जाएगी. बकौल रणदीप सुरजेवाला, बस टेलिविज़न की सुर्ख़ियां देखिए और मोदी सरकार के गुणगान करिए कि क्या बढ़िया काम कर रहे हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 18 घंटे काम करने वाली देश की सरकार ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकर का इंतज़ाम ही नही किया है. न ही ऑक्सीजन ले जाने वाले जम्बो व डयूरा सिलेंडर उपलब्ध हैं. न ही 1 साल में अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टोर करने की क्षमता बढ़ाई है.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि क्योंकि मोदी सरकार किसान मज़दूर आढ़ती की रोज़ी रोटी छीनने, दुकान धंधे बंद करवाने, अर्थ व्यवस्था डुबोने, रोज़गार छिनने में व्यस्त थी. मोदी और भाजपा है तो यही मुमकिन है. इसी के साथ उन्होंने मीडिया रिपोर्ट शेयर की है, जिसके अनुसार वित्त वर्ष 2021 में भारत ने 9300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन एक्पोर्ट की है.
कोरोनावायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, और दिन-ब-दिन हालात बिगड़ते नज़र आ रहे हैं. गुरुवार को देश में पहली बार COVID-19 संक्रमण के तीन लाख से अधिक नए मामले सामने आए, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है. वैसे, यह लगातार पांचवां दिन है, जब देशभर में ढाई लाख से ज़्यादा COVID-19 संक्रमण के नए मामले दर्ज हुए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान 3,14,835 नए COVID-19 केस दर्ज किए गए, जिन्हें मिलाकर देश में कुल संक्रमितों की संख्या एक करोड़ 59 लाख पार कर 1,59,30,965 हो गई है. इसी अवधि में देशभर में 2,104 मरीज़ों की मौत हुई, और यह भी एक दिन में कोरोनावायरस से हुई अब तक की सबसे बड़ी तादाद है. इसके साथ ही देश में इस रोग से जान गंवाने वालों की कुल तादाद 1,84,657 हो गई है.
अप्रैल माह में कोरोना के बढ़ते प्रकोप का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महीने के पहले 22 दिन में कुल मिलाकर 37,81,630 नए केस दर्ज हो चुके हैं, और अप्रैल में अब तक कुल 22,189 लोगों की कोविड की वजह से मृत्यु हुई है. वैसे, यह लगातार आठवां दिन है, जब देश में दो लाख से ज़्यादा कोरोनावायरस संक्रमण के केस सामने आए हैं. इसके अलावा, डेढ़ लाख से ज़्यादा केस सामने आते हुए सोमवार को लगातार 12वां दिन है, और लगातार 16वां दिन है, जब देश में एक लाख से ज़्यादा नए COVID-19 केस सामने आए.
अब से पहले, 21 अप्रैल (बुधवार) को देशभर में COVID-19 संक्रमण के 2,95,041 केस दर्ज हुए थे, 20 अप्रैल (मंगलवार) को 2,59,170 मामले सामने आए थे, 19 अप्रैल (सोमवार) को 2,73,810 केस दर्ज हुए थे, 18 अप्रैल (रविवार) को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 2,61,500 नए मामले दर्ज हुए थे, 17 अप्रैल (शनिवार) को 2,34,692 नए केस, 16 अप्रैल (शुक्रवार) को 2,17,353 नए मामले सामने आए थे, 15 अप्रैल (गुरुवार) सुबह जारी आंकड़ों में 200,739 नए केस दर्ज हुए थे, 14 अप्रैल (बुधवार) को 184,372 नए केस, 13 अप्रैल (मंगलवार) को 161,736 नए कोरोना केस, 12 अप्रैल (सोमवार) को 168,912 नए मामले, 11 अप्रैल (रविवार) को 1,52,879 नए केस, 10 अप्रैल (शनिवार) को 1,45,384 नए मामले, 9 अप्रैल (शुक्रवार) को 1,31,968 केस, 8 अप्रैल (गुरुवार) को 1,26,789 मामले और 7 अप्रैल (बुधवार) को 1,15,736 कोविड केस दर्ज किए गए थे. 6 अप्रैल (मंगलवार) को देशभर में 96,982 नए केस दर्ज हुए थे, लेकिन 5 अप्रैल (सोमवार) को देश में कोरोनावायरस के रोज़ाना आंकड़े ने पहली बार एक लाख का आंकड़ा दर्ज किया था, और कुल 1,03,558 मामले सामने आए थे.
वायरस के विभिन्न म्यूटेशन और वेरिएन्ट से जूझते हमारे मुल्क में कोरोनावायरस के नए केसों में लगातार होती बढ़ोतरी के बीच उपचाराधीन मरीज़ों की तादाद भी लगातार बढ़ती जा रही है, और किसी वक्त सिर्फ एक लाख के आसपास पहुंच चुकी एक्टिव मरीज़ों की कुल संख्या इस वक्त 22 लाख से ज़्यादा हो चुकी है. गुरुवार सुबह जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में इस वक्त 22,91,428 मरीज़ों का इलाज जारी है.
वैसे, देश में कुल केसों की तुलना में इस वक्त एक्टिव केस 14.38 फीसदी हैं, जबकि ठीक हो चुके लोगों का प्रतिशत 84.46 रह गया है. भारत में COVID-19 से अब तक कुल केसों की तुलना में 1.16 फीसदी लोगों की मौत हुई है.
इस बीच, देश में कोरोनावायरस, और उससे होने वाले रोग COVID-19 के विरुद्ध जारी वैक्सीनेशन अभियान की गति भी लगातार तेज़ बनी हुई है, और दुनियाभर में सबसे तेज़ गति से 10 करोड़ वैक्सीन डोज़ लगाने का रिकॉर्ड कायम करने वाले देश में गुरुवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को देशभर में कोरोना वैक्सीन की 22,11,334 डोज़ लगाई गईं, जिनके साथ भारत-भर में अब तक कुल 13,23,30,644 कोरोना वैक्सीन डोज़ लगाई जा चुकी हैं.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में बिगड़ती कोरोनो वायरस की स्थिति को लेकर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्यों में नए ऑक्सीजन प्लांट, चिकित्सा उपयोग के लिए औद्योगिक ऑक्सीजन का उपयोग, ऑक्सीजन एक्सप्रेस - हम सब कुछ कर रहे हैं. तूफान की तरह दूसरी लहर चली है; मुझे स्वास्थ्यकर्मियों का दर्द महसूस होता है. किसी भी स्थिति में हमें कभी भी धैर्य नहीं खोना चाहिए. पिछले कुछ दिनों में लिए गए निर्णयों से कोरोनोवायरस की स्थिति में सुधार होगा.
पीएम मोदी के संबोधन में कही गईं प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
आज की स्थिति में हमें देश को लॉकडाउन से बचाना है. मैं राज्यों से भी अनुरोध करूंगा कि वो लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में ही इस्तेमाल करें. लॉकडाउन से बचने की भरपूर कोशिश करनी है और माइक्रो कन्टेनमेंट जोन पर ही ध्यान केंद्रित करना है.
ऑक्सीजन प्रॉडक्शन और सप्लाई को बढ़ाने के लिए भी कई स्तरों पर उपाय किए जा रहे हैं. राज्यों में नए ऑक्सीजन प्लांट्स हों, एक लाख नए सिलेंडर पहुंचाने हों, औद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल हो रही ऑक्सीजन का मेडिकल इस्तेमाल हो, ऑक्सीजन रेल हो, हर प्रयास किया जा रहा है.
अपने बाल मित्रों से एक बात विशेष तौर पर कहना चाहता हूं.मेरे बाल मित्र, घर में ऐसा माहौल बनाएं कि बिना काम, बिना कारण घर के लोग, घर से बाहर न निकलें. आपकी जिद बहुत बड़ा परिणाम ला सकती है.
मेरा युवा साथियों से अनुरोध है की वो अपनी सोसायटी में, मोहल्ले में, अपार्टमेंट्स में छोटी छोटी कमेटियां बनाकर COVID अनुशासन का पालन करवाने में मदद करें. हम ऐसा करेंगे तो सरकारों को न कंटेनमेंट ज़ोन बनाने की ज़रुरत पड़ेगी, न कर्फ़्यू लगाने की, न लॉकडाउन लगाने की.
मेरा राज्य प्रशासन से आग्रह है कि वो श्रमिकों का भरोसा जगाए रखें, उनसे आग्रह करें कि वो जहां हैं, वहीं रहें. राज्यों द्वारा दिया गया ये भरोसा उनकी बहुत मदद करेगा कि वो जिस शहर में हैं वहीं पर अगले कुछ दिनों में वैक्सीन भी लगेगी और उनका काम भी बंद नहीं होगा.
हमारे वैज्ञानिकों ने दिन-रात एक करके बहुत कम समय में देशवासियों के लिए वैक्सीन विकसित की हैं. आज दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन भारत में है. भारत की कोल्ड चेन व्यवस्था के अनुकूल वैक्सीन हमारे पास है.
हम सभी का प्रयास, जीवन बचाने के लिए तो है ही, प्रयास ये भी है कि आर्थिक गतिविधियां और आजीविका, कम से कम प्रभावित हों.
वैक्सीनेशन को 18 वर्ष की आयु के ऊपर के लोगों के लिए Open करने से शहरों में जो हमारी वर्कफोर्स है, उसे तेजी से वैक्सीन उपलब्ध होगी. कल ही वैक्सीनेशन को लेकर एक और अहम फैसला लिया गया है. एक मई के बाद से, 18 वर्ष के ऊपर के किसी भी व्यक्ति को वैक्सीनेट किया जा सकेगा.
जिन लोगों ने बीते दिनों में अपनों को खोया है, मैं सभी देशवासियों की तरफ से उनके प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. परिवार के एक सदस्य के रूप में मैं आपके दुख में शामिल हूं.
हमारे शास्त्रों में कहा गया है- त्याज्यं न धैर्यं विधुरेऽपि काले. कठिन से कठिन समय में भी हमें धैर्य नहीं खोना चाहिए. किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हम सही निर्णय लें, सही दिशा में प्रयास करें तभी विजय हासिल कर सकते हैं. इसी मंत्र को लेकर आज देश दिन-रात काम कर रहा है.