Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
नई दिल्ली। दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में है। देश की राजधानी में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया, जबकि कश्मीर में 40 दिन का भीषण ठंड का मौसम चिल्लई कलां शुरू हो गया है। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान थोड़ी वृद्धि के साथ 4.7 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे पहले बृहस्पतिवार चार डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ इस मौसम का सबसे सर्द दिन रहा।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को न्यूनतम तापमान मौसम के औसत से तीन डिग्री कम रहा और सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता का स्तर 89 फीसदी दर्ज किया गया। कश्मीर में स्थानीय भाषा में चिल्लई कलां कहलाने वाली 40 दिन की सर्वाधिक भीषण ठंड शुक्रवार को शुष्क मौसम के साथ शुरू हो गई। घाटी एवं लद्दाख क्षेत्र में शीतलहर का प्रकोप जारी है क्योंकि राज्य में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है।
मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने यहां बताया कि चिल्लई कलां के दौरान सबसे भीषण ठंड पड़ती है। इस दौरान निरंतर बर्फबारी होती है और अधिकतम तापमान में लगातार गिरावट आती है। शुक्रवार से चिल्लईं कलां की शुरुआत हो गई। चिल्लईं कलां की अवधि 31 जनवरी को खत्म होगी लेकिन इसके बाद भी कश्मीर में शीतलहर जारी रहती है।
अधिकारियों ने बताया कि समूचे कश्मीर में मौसम शुष्क बना हुआ है जबकि अधिकतम स्थानों पर रात के तापमान में जमाव बिंदू से नीचे कई डिग्री की गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर एकमात्र ऐसा स्थान रहा जहां बृहस्पतिवार की रात तापमान में वृद्धि देखी गई। शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया जो एक रात पहले शून्य से नीचे 4.9 डिग्री रहा।
पंजाब और हरियाणा में शीतलहर का प्रकोप लगातार जारी है। शुक्रवार को दोनों राज्यों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया गया। पंजाब का आदमपुर दोनों राज्यों में सबसे ठंडा इलाका रहा जहां न्यूनतम तापमान 0.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
मौसम विभाग के मुताबिक फरीदाबाद और बठिंडा में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। फरीदाबाद में जहां न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है वहीं बठिंडा का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हरियाणा में नारनौल सबसे ठंडा इलाका रहा जहां तापमान 2.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है।
श्रीनगर। कश्मीर में चिल्लेकलां (भयानक सर्दी का मौसम) का आगमन हो गया है, पर कश्मीरी इससे पहले ही ठंड से चिल्ला रहे थे। उन्हें अब चिंता यह है कि इस बार चिल्लेकलां के 40 दिन के अरसे में कितनी भयानक सर्दी पड़ेगी। कश्मीर में 21 और 22 दिसम्बर की रात से सर्दी के मौसम की शुरुआत मानी जाती है। करीब 40 दिनों तक के मौसम को चिल्लेकलां कहा जाता है और इस दिन हुई बर्फबारी कई सालों के बाद सही समय पर हुई है।
नतीजतन कुदरत का समय चक्र सुधरा तो कश्मीरियों की परेशानियां बढ़ गईं क्योंकि पिछले कई सालों से बर्फबारी के समय पर न होने के कारण वे चिल्लेकलां को ही भुला बैठे थे। चिल्लेकलां करीब 40 दिनों तक चलता है और उसके बाद चिल्ले खुर्द और फिर चिल्ले बच्चा का मौसम आ जाता है। अभी तक चिल्लेकलां के दौरान 1986 में कश्मीर में तापमान शून्य ये 9 डिग्री नीचे गया था जब विश्व प्रसिद्ध डल झील दूसरी बार जम गई थी। वैसे चिल्लेकलां के दौरान कश्मीर के तापमान में जो गिरावट देखी गई है उसके मुताबिक तापमान शून्य से 5 व 7 डिग्री ही नीचे जाता है।
दरअसल कश्मीरियों के लिए समय चक्र बदलने लगा है। माना कि आतंकवादी गतिविधियों से उन्हें फिलहाल पूरी तरह से निजात नहीं मिल पाई है लेकिन कुदरत के बदलते चक्र ने उनकी झोली खुशियों से भरनी आरंभ कर दी है। यही कारण है कि अब कश्मीर में चिल्लेकलां के प्रथम दिन ही होने वाली बर्फबारी से कश्मीर घाटी चिल्ला उठती है क्योंकि चिल्लेकलां की शुरुआत भयानक सर्दी से होती है।
हालांकि समय चक्र के सुधार से कश्मीर में पानी की किल्लत और बिजली की कमी जैसी परेशानियों से निजात मिलने की उम्मीद तो जगती है लेकिन कश्मीरी परेशानियों के दौर से गुजरने को मजबूर इसलिए हो जाते हैं क्योंकि पिछले कई सालों से मौसम के खराब रहने के कारण राजमार्ग के बार-बार बंद रहने का परिणाम यह होता है कि कश्मीरियों को चिंता इस बात की रहती है कि उन्हें खाने-पीने की वस्तुओं की भारी कमी का सामना किसी भी समय करना पड़ सकता है। फिलहाल सर्दी से कोई राहत भी नहीं मिल पा रही है। अनुमान इस बार का यह है कि सर्दी अपना भयानक रूप दिखा सकती है।
वैसे भी कुछ सालों से मौसम की पश्चिमी गड़बड़ियों के कारण कश्मीर कभी बर्फीले सुनामी के दौर से गुजरता है तो कभी बाढ़ से कश्मीरियों को सामना करना पड़ रहा है। पहले चिल्लेकलां के शुरू होने से पहले ही कश्मीरी सब्जियों को सुखाकर तथा अन्य चीजों का भंडारण कर लेते थे मगर कई सालों से मौसम चक्र के गड़बड़ रहने के कारण वे इसे भुला बैठे थे और अब तो राजमार्ग के बार-बार बंद होने से घाटी में रोजमर्रा की वस्तुओं की आपूर्ति समय पर न होने के कारण उन्हें कई बार महंगे दामों पर खाने-पीने की वस्तुएं खरीदनी पड़ती हैं।
रायपुर। फेथई तूफान का असर अभी और कुछ दिनों तक रहेगा। आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों से टकराए फेथई तूफान की वजह से पारा अचानक से छत्तीसगढ़ का गिर गया है। मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ में शीत लहर की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अभी कुछ दिन छत्तीसगढ़ के सभी इलाकों में इसी तरह की कड़ाके की ठंड़ देखने को मिलेगी।
रात में कोहरा और दिन में शीत लहर का असर देखने को मिलेगा। हालांकि सोमवार की तरह मंगलवार को भी सूरज पूरी तरह से छत्तीसगढ़ में नहीं निकला था, बुधवार को भी कई इलाकों में बादलों ने आसमान में डेरा जमाये रखने की उम्मीद है। हालांकि सुबह के समय प्रदेश के कुछ इलाकों में धूप खिल सकती है, लेकिन दोपहर बाद ठंड़ अपना पूरा रंग दिखायेगा।
तूफान के चलते पिछले दिनों 5 जिलों कोरबा, बलौदाबाजार, महासमुंद, कांकेर और नारायणपुर को छोड़कर पूरे प्रदेश में 20 फीसदी ज्यादा बारिश रिकार्ड की गई है। सबसे ज्यादा बलरामपुर के कुसुमी में 80 मिमी दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में और भी गिरावट दर्ज की जा सकती है। राजधानी रायपुर में आकाश में बादल छाए रहेंगे और एक दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकती हैं। वहीं प्रदेश में भी कुछ स्थानाें पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। रायपुर में भी तापमान 15 डिग्री के आस-पास रहने की संभावना है। दोपहर को बादल छाए रहने के बाद एक बार फिर ठंड का असर ज्यादा हो गया है। सोमवार को सबसे कम तापमान 12.5 डिग्री पेंड्रा रोड पर दर्ज किया गया।
::/fulltext::