Sunday, 22 December 2024

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नौतपा में मंगल-केतु का संयोग दे रहा है खतरे का संकेत, आंधी, तूफान, आगजनी, दुर्घटनाएं.....

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नौतपा में मंगल और केतु का संयोग भीषण खतरे का संकेत

 
आज 25 मई को शाम 7.53 बजे नौतपा की शुरूआत होगी। के के साथ ही नौतपा 25 मई से 2 जून तक खूब तपेगा। इस वर्ष मंगल और केतु के संयोग से तपन की भीषणता और अधिक होगी।

गर्मी के अलावा बारिश के भी संयोग

रोहिणी के सूर्य 25 मई से 8 जून तक है। इस वर्ष मंगल और केतु का संयोग रोहिणी में प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति बनाएगा। इस बीच भीषण गर्मी के अलावा बारिश के भी संयोग बताए जा रहे है अर्थात रोहिणी गलेगी। 

1 मई से ही मंगल और केतु का संयोग बन गया है। इन दोनों के साथ होने से प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति बनी है। जिससे भीषण गर्मी आंधी, तूफान के साथ हवा, आगजनी, दुर्घटनाएं, राजनैतिक उथल-पुथल की स्थितियां बनी हैं।

सूरज की तपन से त्वचा झुलसाने लगी है। भीषण गर्मी के चलते लोग घरों से निकलने में कतरा रहे हैं। सूरज के तीखे तेवर के साथ छुट-पुट बादल कुछ लम्हे के लिए राहत दे जाते हैं, किन्तु तपती धूप और लू जनजीवन बाधित कर रही है।

नौतपा : वैज्ञानिक तथ्य

वैज्ञानिक मतानुसार नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर आती हैं, जिस कारण तापमान बढ़ता है। अधिक गर्मी के कारण मैदानी क्षेत्रों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है, जो समुद्र की लहरों को आकर्षित करता है। इस कारण ठंडी हवाएं मैदानों की ओर बढ़ती हैं। चूंकि समुद्र उच्च दबाव वाला क्षेत्र होता है, इसलिए हवाओं का यह रुख अच्छी बारिश का संकेत देता है।

नौतपा : ज्योतिष शास्त्र

ज्योतिष शास्त्र अनुसार रोहिणी नक्षत्र का अधिपति ग्रह चन्द्रमा और देवता ब्रह्मा है। सूर्य ताप तेज का प्रतीक है, जबकि चन्द्र शीतलता का। चन्द्र से धरती को शीतलता प्राप्त होती है। सूर्य जब चन्द्र के नक्षत्र रोहिणी में प्रवेश करता है, तो इससे उस नक्षत्र को अपने पूर्ण प्रभाव से ले लेता है। जिस वजह से पृथ्वी को शीतलता प्राप्त नहीं होती। ताप अधिक बढ़ जाता है। वैसे तो सूर्य 15 दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में भ्रमण करता है, लेकिन शास्त्रीय मान्यता अनुसार प्रारंभ के नौ दिन ही नौतपा के तहत स्वीकार किए जाते हैं।

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23 मई 2018 : आपका जन्मदिन.....

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जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है वेबदुनिया की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 23 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी : आप बेहद भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म 23 को हुआ है। 23 का अंक आपस में मिलकर 5 होता है। 23 का अंक देखने पर ॐ का आभास देता है। जो कि भारतीय परंपरा में शुभ प्रतीक है। जबकि 5 का अंक बुध ग्रह का प्रतिनिधि करता है। ऐसे व्यक्ति अधिकांशत: मितभाषी होते हैं। कवि, कलाकार, तथा अनेक विद्याओं के जानकार होते हैं।

आपमें गजब की आकर्षण शक्ति होती है। आपमें लोगों को सहज अपना बना लेने का विशेष गुण होता है। अनजान व्यक्ति की मदद के लिए भी आप सदैव तैयार रहते हैं। आपमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन करना मुश्किल है। अर्थात अगर आप अच्छे स्वभाव के व्यक्ति हैं तो आपको कोई भी बुरी संगत बिगाड़ नहीं सकती। अगर आप खराब आचरण के हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको सुधार नहीं सकती। लेकिन सामान्यत: 23 तारीख को पैदा हुए व्यक्ति सौम्य स्वभाव के ही होते हैं।
 
शुभ दिनांक : 1, 5, 7, 14, 23
 
शुभ अंक : 1, 2, 3, 5, 9, 32, 41, 50
 
शुभ वर्ष : 2030, 2032, 2034, 2050, 2059, 2052 

ईष्टदेव : देवी महालक्ष्मी, गणेशजी, मां अम्बे। 

शुभ रंग : हरा, गुलाबी जामुनी, क्रीम
 
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
वर्ष आपके लिए सफलताओं भरा रहेगा। अभी तक आ रही परेशानियां भी इस वर्ष दूर होती नजर आएंगी। परिवारिक प्रसन्नता रहेगी। संतान पक्ष से खुशखबर आ सकती है। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए यह वर्ष निश्चय ही सफलताओं भरा रहेगा। दाम्पत्य जीवन में मधुर वातावरण रहेगा। अविवाहित भी विवाह में बंधने को तैयार रहें। व्यापार-व्यवसाय में प्रगति से प्रसन्नता रहेगी।
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तिरुमाला तिरुपति : विवादों के साये में है देश का सबसे समृद्ध मंदिर.....

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तिरुमाला तिरुपति मंदिर के मुख्य पुजारी रहे दीक्षितुलु नाराज इसलिए हैं क्योंकि मुख्यमंत्री के द्वारा नियुक्त किए अधिकारियों ने उन्हें रिटायरमेंट का नोटिस थमा दिया है, उन्होंने हाल ही में मंदिर प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं

आंध्रप्रदेश के तिरुमाला में स्थित है देश का सबसे समृद्ध मंदिर. लेकिन इन दिनों ये मंदिर श्रद्धा और विश्वास की बजाए किसी और चीज के लिए चर्चा में है. दरअसल तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् इन दिनों भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रहा है. देश का सबसे अमीर मंदिर भ्रष्टाचार,धर्म और राजनीति के कॉकटेल में उलझता नजर आ रहा है. इस बार मंदिर से संबंधित विवाद की शुरुआत खुद उस मंदिर के मुख्य पुजारी रहे एवी रमना दीक्षितुलु ने की है. दीक्षितुलु के निशाने पर हैं आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और वो अधिकारी जिन्हें खुद चंद्रबाबू ने उस मंदिर में नियुक्त किया है. दीक्षितुलु नाराज इसलिए हैं क्योंकि मुख्यमंत्री के द्वारा नियुक्त किए अधिकारियों ने उन्हें रिटायरमेंट का नोटिस थमा दिया है. मजेदार बात ये है कि दीक्षितुलु भगवान श्री वेंकेटश्वर के इस प्रसिद्ध मंदिर के 18 मई 2018 तक मुख्य पुजारी के तौर पर काम कर रहे थे.

दीक्षितुलु ने लगाए हैं गंभीर आरोप

 लेकिन बात केवल नाराजगी तक ही सीमित नहीं है, दीक्षितुलु ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् पर बहुत गंभीर आरोप लगाए हैं. दीक्षितुलु ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् पर आरोप लगाए हैं कि उन लोगों ने मंदिर के फंड को दूसरी जगहों पर डायवर्ट कर दिया है. दीक्षितुलु का कहना है कि भगवान को चढ़ावे में मिले मंहगे आभूषणों की भी चोरी की गई है. दीक्षितुलु का दावा है कि मंदिर को मैसूर के महाराजाओं और राजा कृष्णदेवाचार्य द्वारा दान किए गए कीमती आभूषण और जेवरात मंदिर से गायब हैं. दीक्षितुलु के मुताबिक इस गड़बड़ी में शक की सुई उन अधिकारियों की ओर है जिन्हें खुद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने नियुक्त किया है. गौरतलब है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम् (टीटीडी) सरकार द्वारा नियुक्त की गई संस्था है जो कि मंदिर से जुड़े सभी कार्यों को देखती है. मजेदार बात ये है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले दीक्षितुलु एक जमाने में तिरुपति के श्री वेंकटेश्वरा विश्विद्यालय में चंद्रबाबू नायडू के सीनियर रह चुके हैं. दीक्षितुलु काफी जानकार व्यक्ति हैं और धर्मग्रथों की गहरी समझ और तिरुमाला मंदिर परंपराओं के जानकार होने के साथ साथ वो मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में डॉक्ट्रेट भी हैं. अपनी शिकायतों में दीक्षितुलु ने 8 दिसंबर की घटना का जिक्र किया है और कहा है कि मंदिर की रसोई जो कि पिछले एक हजार सालों से कभी बंद नहीं हुई थी उसे बंद कर दिया गया था. दीक्षितुलु के मुताबिक उन्होंने पाया कि रसोई की फर्श को खोद दिया गया था और दीवारों को कुरदने की कोशिश की गई थी. दीक्षितुलु को संदेह है कि रसोई और उसके आसपास की जगहों को छिपे हुए खजाने की तलाश में नुकसान पहुंचाया गया था.

भगवान के आभूषणों को लेकर है मुख्य विवाद
दरअसल दीक्षितुलु के इस संदेह के पीछे एक मुंहबोली कहानी है जिसके मुताबिक कहा जात है कि 1150 ई. के आसपास में चोल और पल्लव महाराजाओं के द्वारा मंदिर को दान किए गए कीमती आभूषणों और हीरे जवाहरातों को मुगल आक्रमणकारियों से बचाने के लिए पूरे खजाने को रसोई की फर्श के नीचे दबा दिया गया था. सबसे आश्चर्य की बात तो ये है कि इस पूरी खुदाई के बारे में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को जानकारी तक नहीं लगने दी गई. जबकि किसी भी ऐतिहासिक महत्व वाली पुरानी संरचना को कहीं पर भी हाथ लगाने से पहले एएसआई और उसके विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक है. संदेह जताया जा रहा है कि इसी घटना के बाद एएसआई ने 4 मई को टीटीडी को एक पत्र लिखकर इस मंदिर को ऐतिहासिक महत्व वाले ढांचे में शामिल किए जाने और उसे संरंक्षित स्मारकों की सूची में जगह देने की संभावनाओं पर विचार करने को कहा. लेकिन एएसआई के इस पत्र को टीटीडी के अधिकारियों ने दूसरे तरीके से लिया और इस पर आपत्ति जताई. नतीजा ये हुआ कि अगले ही दिन एएसआई को अपना वो पत्र वापस लेना पड़ा. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आईवायआर कृष्णा राव, जो कि टीटीडी में 2009-2011 के बीच एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के रुप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं, उनका मानना है कि तेलगु देशम पार्टी और टीटीडी के अधिकारियों के बीच सांठगांठ कायम है.

कृष्णा राव का कहना है कि ‘रसोई क्षेत्र के मुख्य मंदिर का हिस्सा होने की वजह से किसी को भी ये अधिकार नहीं है कि वो वहां पर खुदाई करे या फिर इस ऐतिहासिक ढांचे के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ करे. जहां तक मंदिर से आभूषणों की चोरी के दीक्षितुलु के आरोपों का सवाल है तो वो उन्हें खुद ही साबित करना पड़ेगा.’ वैसे इससे पहले भगवान के आभूषणों के रखरखाव को लेकर जस्टिस जगन्नाथ राव कमिटी और जस्टिस वाधवा कमिटी टीटीडी की सराहना कर चुके हैं. इसके अलावा तिरुमाला मंदिर के अंदर वास्तविक रुप से क्या चल रहा है ये श्रद्धालुओं को दिन के 23 घंटे सीसीटीवी के माध्यम से आसानी से दिख सकता है.

टीडीपी ने दीक्षितुलु पर लगाया बीजेपी के इशारे पर राजनीति करने का आरोप
इस पूरे मामले पर तेलगु देशम पार्टी को लगता है दीक्षितुलु राजनीति कर रहे हैं. टीडीपी को लगता है कि दीक्षितुलु के विस्फोट के पीछे बीजेपी का हाथ है. टीडीपी के मुताबिक उनके ऐसा मानने के पीछे वहां का उस दौरान का घटनाक्रम है. कर्नाटक चुनाव के मतदान के एक दिन पहले 11 मई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तिरुमाला मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे जहां उनका मंदिर के गेट पर उनका स्वागत करने के लिए दीक्षितुलु मौजूद थे. दीक्षितुलु ने स्वीकार किया है कि उन्होंने मंदिर भ्रमण के दौरान अमित शाह के मंदिर की रसोई से हुई छेड़छाड़ की जानकारी दी थी. इधर दीक्षितुलु ने अपने बचाव में दलील देते हुए कहा है कि ‘मंदिर का मुख्य पुजारी होने के नाते वो अक्सर महत्वपूर्ण व्यक्तियों और महत्वपूर्ण दानकर्ताओं का स्वागत करते रहे हैं ऐसे में अमित शाह के आने पर भी उन्होंने वही किया लेकिन जिस तरह से बीजेपी और टीडीपी के संबंधों में हाल में खटास बढ़ी है उससे लगता है कि सरकार को मेरा अमित शाह का स्वागत करना रास नहीं आया.’ लेकिन इस कहानी में और भी बहुत कुछ है. दीक्षितुलु ने चेन्नई में पत्रकारों से बात करने के दौरान आरोप लगाया कि टीटीडी में भ्रष्टाचार फैला हुआ है और वो मंदिर के गौरवशाली अतीत को सहेज कर रखने में सफल नहीं रही है. आंध्र सरकार का मंदिर और उसके कामकाज पर जबरदस्त नियंत्रण है और जो भी इस इस संबंध को नजदीक से जानता है वो इस बात को भी समझता है कि टीटीडी पर हमला करने का मतलब सीधे सीएम चंद्रबाबू नायडू पर हमला करना है भले ही वो अप्रत्यक्ष तरीके से क्यों न किया गया हो.

दीक्षितुलु के बाद अब अन्य पुजारियों को भी रिटायर करने की तैयारी
टीडीपी ने अमित शाह का मंदिर भ्रमण और दीक्षितुलु के संवाददाता सम्मेलन की कड़ियों को जोड़ना शुरू किया और इस घटना के तीन बाद दीक्षितुलु को रिटायरमेंट नोटिस थमा दी गई. टीटीडी का ये रवैया दीक्षितुलु को नागवार गुजरा क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने का अधिकार टीटीडी के पास है ही नहीं. दीक्षितुलु के मुताबिक उन्हें उस जगह पर आजीवन बने रहने की अनुमति धार्मिक परिषद ने दी है. टीटीडी दीक्षितुलु के इस दावे से इत्तेफाक नहीं रखता. उसके अनुसार सेवा नियम 1956 के तहत भगवान का कोई भी अनुवांशिक सेवक 65 साल से ज्यादा उम्र तक नहीं रह सकता और दीक्षितुलु की उम्र 69 साल है. टीडीपी सांसद सीएम रमेश दीक्षितुलु पर हमला करते हुए कहते हैं कि ‘उन्हें पिछले तीन महीने से पता था कि उन्हें किसी भी क्षण मंदिर से विदा होने को कहा जा सकता है, ऐसे में उन्होंने टीडीपी को बदनाम करने के लिए बीजेपी का सहारा लिया और मंदिर से आभूषणों के चोरी होने का झूठा दावा किया.’ टीडीपी के इस पूरी घटना की साजिश करार देने के दावों को इसलिए भी दम मिलता है क्योंकि बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यण स्वामी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं. स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके दीक्षितुलु को रिटायर करने वाले आदेश को समाप्त करने और मंदिर के फंड में टीटीडी के द्वारा गड़बड़ी करने के आरोपों की कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है. इधर टीटीडी ये संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि उसने केवल दीक्षितुलु को निशाना नहीं बनाया है. ऐसे में टीटीडी जल्द ही 15 और पुजारियों को रिटायरमेंट देना चाहता है जिनकी उम्र 65 साल से ज्यादा है.

टीटीडी ने किया दीक्षितुलु के आरोपों से इनकार
टीटीडी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ए के सिंघल ने साफ किया है कि मंदिर से कोई भी आभूषण गायब नहीं हुआ है. सिंघल का कहना कि ‘आगम (शास्त्रों में लिखी बातें) सलाहकार अगर अनुमति दे तो टीटीडी कड़ी सुरक्षा के बीच आभूषणों को जनता के सामने रख कर सभी को सब कुछ ठीक ठाक होने का यकीन दिला सकता है.’ सिंघल ने जोर देकर कहा कि मंदिर के सामान्य रख रखाव के लिए रसोई में पहले भी 2001 और 2007 में मरम्मत कराया जा चुका है. बीजेपी की आंध्र इकाई ने भी दीक्षितुलु के आरोपों पर सीबीआई जांच की मांग की है. दीक्षितुलु के समर्थकों के अनुसार भी वो गड़बड़ी उजागर करने वाले शख्स हैं ऐसे में उन्हें बर्खास्त करने के बजाए उन्हें सुरक्षा देनी चाहिए. आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केई कृष्णमूर्ति ने दीक्षितुलु पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वो मंदिर की छवि को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. टीडीपी को लगता है कि केंद्र सरकार तिरुमाला मंदिर पर कब्जे के लिए दीक्षितुलु का इस्तेमाल कर रहा है. देश के इस प्रसिद्ध मंदिर में प्रतिदिन 60 हजार से एक लाख श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. इस मंदिर के पास ऐतिहासिक आभूषणों का भंडार है जिसकी वास्तविक कीमत का अंदाजा तक लगाना मुश्किल है. इसके अलावा मंदिर को प्रतिदिन हुंडी,दान आदि से 3 करोड़ रुपए तक की आमदनी हो जाती है. ऐसे में मंदिर और उसकी संपत्ति के महत्व को आसानी से समझा जा सकता है.
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शनिवार को क्यों नहीं खरीदते हैं यह चीजें...

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यूं तो किसी भी वस्तु के उपयोग या क्रय करने का समय उसकी आवश्यकता पर ही निर्भर करता है, परंतु शास्त्र में भी इसके कुछ नियम बताए गए हैं। जानिए ऐसी कौनसी वस्तुएं हैं जो शनिवार को घर नहीं लानी चाहिए या इस दिन इन्हें नहीं खरीदना चाहिए।
 
लोहे का सामान
भारतीय समाज में यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है कि शनिवार को लोहे का बना सामान नहीं खरीदना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि शनिवार को लोहे का सामान क्रय करने से शनि देव कुपित होते हैं।
 
इस दिन लोहे से बनी चीजों के दान का विशेष महत्व है। लोहे का सामान दान करने से शनि देव की कोप दृष्टि निर्मल होती है और घाटे में चल रहा व्यापार मुनाफा देने लगता है। इसके अतिरिक्त शनि देव यंत्रों से होने वाली दुर्घटना से भी बचाते हैं।
 
 
तेल
इस दिन तेल खरीदने से भी बचना चाहिए। हालांकि तेल का दान किया जा सकता है। काले श्वान को सरसों के तेल से बना हलुआ खिलाने से शनि की दशा टलती है। ज्योतिष के अनुसार, शनिवार को सरसों या किसी भी पदार्थ का तेल खरीदने से वह रोगकारी होता है।
 
नमक
नमक हमारे भोजन का सबसे अहम हिस्सा है। अगर नमक खरीदना है तो बेहतर होगा शनिवार के बजाय किसी और दिन ही खरीदें। शनिवार को नमक खरीदने से यह उस घर पर कर्ज लाता है। साथ ही रोगकारी भी होता है।
 
कैंची
कैंची ऐसी चीज है जो कपड़े, कागज आदि काटने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। पुराने समय से ही कपड़े के कारोबारी, टेलर आदि शनिवार को नई कैंची नहीं खरीदते। इस दिन खरीदी गई कैंची रिश्तों में तनाव लाती है। इसलिए अगर आपको कैंची खरीदनी है तो किसी अन्य दिन खरीदें।
 
 
काले तिल
सर्दियों में काले तिल शरीर को पुष्ट करते हैं। ये शीत से मुकाबला करने के लिए शरीर की गर्मी को बरकरार रखते हैं। पूजन में भी इनका उपयोग किया जाता है। शनि देव की दशा टालने के लिए काले तिल का दान और पीपल के वृक्ष पर भी काले तिल चढ़ाने का नियम है, लेकिन शनिवार को काले तिल कभी न खरीदें। कहा जाता है कि इस दिन काले तिल खरीदने से कार्यों में बाधा आती है।
 
काले जूते
शरीर के लिए जितने जरूरी वस्त्र हैं, उतने ही जूते भी। खासतौर से काले रंग के जूते पसंद करने वालों की तादाद आज भी काफी है। अगर आपको काले रंग के जूते खरीदने हैं तो शनिवार को न खरीदें। मान्यता है कि शनिवार को खरीदे गए काले जूते पहनने वाले को कार्य में असफलता दिलाते हैं।
 
ज्वलनशील पदार्थ
रसोई के लिए ईंधन, माचिस, केरोसीन आदि ज्वलनशील पदार्थ आवश्यक माने जाते हैं। भारतीय संस्कृति में अग्नि को देवता माना गया है और ईंधन की पवित्रता पर विशेष जोर दिया गया है लेकिन शनिवार को ईंधन खरीदना वर्जित है। कहा जाता है कि शनिवार को घर लाया गया ईंधन परिवार को कष्ट पहुंचाता है।

झाड़ू
झाड़ू घर के विकारों को बुहार कर उसे निर्मल बनाती है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। झाड़ू खरीदने के लिए शनिवार को उपयुक्त नहीं माना जाता। शनिवार को झाड़ू घर लाने से दरिद्रता का आगमन होता है।
 
चक्की
इसी प्रकार अनाज पीसने के लिए चक्की भी शनिवार को नहीं खरीदनी चाहिए। माना जाता है कि यह परिवार में तनाव लाती है और इसके आटे से बना भोजन रोगकारी होता है।
 
स्याही
विद्या मनुष्य को यश और प्रसिद्धि दिलाती है और उसे अभिव्यक्त करने का सबसे बड़ा माध्यम है कलम। कलम की ऊर्जा है स्याही। कागज, कलम और दवात आदि खरीदने के लिए सबसे श्रेष्ठ दिन गुरुवार है। शनिवार को स्याही न खरीदें। यह मनुष्य को अपयश का भागी बनाती है।
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RO No 13047/3
RO no 13028/3

 Divya Chhattisgarh

 

City Office :-  Infront of Raj Talkies, Block - B1, 2nd Floor,

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