Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
तिरुवनंतपुरम: क्या 'शादी से पहले सेक्स' संबंधों से व्यक्ति जानलेवा ह्यूमन इम्यूनोडिफिशियेंसी वायरस (HIV) की चपेट में आ जाता है? केरल के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जा रही पाठ्य-पुस्तकों की मानें तो कुछ ऐसा ही होता है. 10वीं कक्षा के जीव-विज्ञान (Biology) के पाठ्यक्रम में छात्रों को पढ़ाया जा रहा है कि 'शादी से पहले सेक्स' या 'विवाहेतर सेक्स'' करने से व्यक्ति जानलेवा एचआईवी का शिकार हो सकता है.
जीव-विज्ञान की पाठ्य-पुस्तक के चौथे अध्याय "रोगों को दूर रखें" में बताया गया है कि शादी से पहले यौन संबंध या विवाहेतर यौन संबंध बनाने से व्यक्ति एचआईवी की चपेट में आ सकता है. इस अध्याय में एक प्रश्न है कि एचआईवी किन तरीकों से फैलता है? इसके बारे में अध्याय में बताया गया है कि एड्स के मरीजों द्वारा इस्तेमाल में लाई गई सुई और सीरिंज साझा करने से, शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थों से और एचआईवी संक्रमित मां से भ्रूण में यह विषाणु फैलता है.
चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा तैयार की गई इस पाठ्य-पुस्तक का इस्तेमाल राज्य के स्कूलों में 2016 से ही हो रहा है, लेकिन किसी शिक्षक या स्कूल प्राधिकारियों ने अब तक इस तरफ ध्यान नहीं दिलाया. यह मामला तब सामने आया जब इंटरनेट पर सक्रिय रहने वाले कुछ लोगों ने किताब के इस विवादित हिस्से की तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली. सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों ने इस पर ऐतराज जताया.
एससीईआरटी के निदेशक जे. प्रसाद ने संपर्क किए जाने पर कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के लिए नई पाठ्य-पुस्तक की छपाई अब पूरी हो चुकी है और नए संस्करण में यह भूल नजर नहीं आएगी. उन्होंने बताया, "पाठ्य-पुस्तक 2016 से ही पढ़ाई जा रही है और किसी ने अब तक इस भूल की तरफ ध्यान नहीं दिलाया था. जब यह हमारे संज्ञान में आया तो हमने नई पाठ्य-पुस्तक से इसे हटाने के लिए कदम उठाए. नई पाठ्य-पुस्तकें जल्द ही छात्रों में वितरित की जाएंगी."
::/fulltext::नई दिल्ली: गुजरात के पाटीदार समुदाय के नेता हार्दिक पटेल जल्दी ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं और राज्य के जामनगर लोकसभा क्षेत्र से उनके आम चुनाव लड़ने की भी संभावना है. पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया, गुजरात में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई कर चुके पटेल के 12 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल होने की संभावना है. फिलहाल जामनगर से भारतीय जनता पार्टी की नेता पूनमबेन मादम सांसद हैं. पटेल अहमदाबाद में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के समय पार्टी में शामिल होंगे.
सूत्रों के अनुसार बैठक के बाद पार्टी के शीर्ष नेता वहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है और कांग्रेस प्रदेश पर पूरा ध्यान लगा रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को पार्टी ने यहां कड़ी टक्कर दी थी. हालांकि 25 साल के हो चुके हार्दिक पटेल ने कुछ दिन पहले NDTV से कहा था कि जब तक उनके पास जनता की समस्याओं का समाधान नहीं होगा तो पार्टी पॉलिटिक्स में जाने का कोई मतलब नहीं होगा. हार्दिक ने कहा कि वो पूरे देश में घूमेंगे और सत्ता की ग़लत नीतियों का विरोध करते रहेंगे.
गुजरात चुनाव में सूरत के नतीजों पर सवाल खड़ा करने वाले हार्दिक पटेल ने यह भी कहा था कि भले ही कांग्रेस 3 राज्यों में जीत गई हो लेकिन ईवीएम से छेड़छाड़ का सवाल बना हुआ है. पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में काफी देर से आए नतीजे फिर से सवाल उठा रहे हैं. हार्दिक ने कहा कि जब प्राइम टाइम के वक़्त कई जगह टीवी पर NDTV इंडिया नहीं दिखता, सोशल मीडिया के ज़रिए भ्रम फ़ैलाया जा सकता है तो ऐसे वक़्त में ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं हो सकती ये कैसे मानें?
::/fulltext::खास बातें
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को लेकर कांग्रेस (Congress)के रुख में बदलाव देखने को मिल रहा है. सूत्रों के मुताबिक सपा-बसपा (SP-BSP) की तरफ से कांग्रेस को नया ऑफर मिला है. बताया जा रहा है कि सपा-बसपा ने कांग्रेस को 9+2 सीटों का ऑफर दिया है. पहले कांग्रेस 20 सीटें मांग रही थी, लेकिन अब वह 17 सीटें मांग रही है. सूत्रों ने साथ ही बताया कि कांग्रेस पार्टी 13+2=15 पर मान जाएगी. बता दें, बसपा-सपा ने रायबरेली और अमेठी सीट पहले ही कांग्रेस के लिए छोड़ दी है.
बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के बाद कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्वी यूपी की जिम्मेदारी सौंपते हुए महासचिव बनाया था. प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने के बाद बसपा-सपा का भी रुख नरम हुआ है. अखिलेश यादव और मायावती ने लोकसभा के लिए गठबंधन का ऐलान करते हुए 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. इसमें रायबरेली और अमेठी सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी गई थी, वहीं दो सीटें अन्य साथी दलों के लिए छोड़ी गई थी. इसके बाद आरएलडी गठबंधन में शामिल हो गई, शुरुआत में पांच सीटों की चाह रखने वाली आरएलडी को तीन सीटें मिलीं. सपा ने अपने खाते से एक सीट आरएलडी को दी है. राष्ट्रीय लोकदल को पश्चिमी यूपी की मथुरा, मुजफ्फरनगर और बागपत सीट मिली है.
सपा और बसपा के गठबंधन में शुरू से ही आरएलडी की यह कोशिश रही थी की कम से कम उसे पांच सीटें मिले. शुरू में आरएलडी ने सपा-बसपा गठबंधन से 5 सीटों की मांग की थी, जबकि सपा-बसपा गठबंधन शुरू से ही आरएलडी को तीन सीटें देने को तैयार था. आरएलडी ने इन पांच सीटों की मांग की थी- हाथरस, कैराना, बागपत, मुज़फ़्फरनगर और कैराना. हालांकि, उसे महज तीन सीटों पर ही संतोष करना पड़ा.
बता दें, इस साल जनवरी में सपा-बसपा ने यूपी में गठबंधन करते हुए कांग्रेस को अपने साथ लेने से मना कर दिया था. उस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि हमें ऐसा लगता है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से उन्हें सीटों का नुकसान होगा. बुआ-बबुआ की जोड़ी ने महागठबंधन की कवायदों में जुटी कांग्रेस को न सिर्फ झटका दिया था. सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को साथ न रखने पर मायावती ने कहा था कि बीजेपी की तरह ही कांग्रेस की नीतियां भी भ्रष्ट हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के शासनकाल में भ्रष्टाचार हुए. कांग्रेस और बीजेपी दोनों की नीति एक जैसी ही भ्रष्ट है और काग्रेस के साथ जाने पर बसपा को वोट शेयर में नुकसान होता है.