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दिल्ली के पश्चिमपुरी में 250 झुग्गियों में भीषण आग लग गई। खबरों के मुताबिक आग इतनी तेजी से फैली कि इसमें 250 झुग्गियां जलकर खाक हो गईं। दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया। आग में किसी के हताहत होने की खबरें नहीं हैं। खबरों के अनुसार आग बुझाने का काम किया जा रहा है।
इसके साथ ही ऐसी ठंड में बच्चों के सिर से छत भी छिन गई है। लोग सरकार से सहारे की मांग कर रहे हैं। खबरों के अनुसार झुग्गीवासियों का काफी सामान जलकर राख हो गया है।
नई दिल्ली। पूर्वोत्तर के दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू और मणिपुर के एन बीरेन सिंह ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में अपनी आवाज उठाई और राज्यसभा में इसे पारित नहीं करने की गृहमंत्री राजनाथ सिंह से अपील की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भाजपा के दोनों मुख्यमंत्रियों ने 30 मिनट की बैठक के दौरान गृहमंत्री को पूर्वोत्तर की मौजूदा स्थिति के बारे में अवगत कराया जहां इस विधेयक के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि दोनों मुख्यमंत्रियों ने गृहमंत्री से अनुरोध किया कि पूर्वोत्तर के लोगों को नागरिकता संशोधन विधेयक पर राजी करने से पहले इसे पारित नहीं कराया जाए। साथ ही उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों की सांस्कृतिक एवं भाषाई पहचान के संरक्षण की भी मांग की। अधिकारी ने बताया कि गृहमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को चिंता न करने को कहा और आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर के मूल निवासियों के अधिकारों को कमजोर नहीं किया जाएगा।
इस विधेयक के कानून बनने के बाद, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल की बजाय महज 6 साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। इस विधेयक को शीतकालीन सत्र के दौरान 8 जनवरी को लोकसभा ने पारित कर दिया था और राज्यसभा में इसे आज पेश किया जा सकता है। असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का कड़ा विरोध किया जा रहा है।
नई दिल्ली: बिहार शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट के अवमानना का सामना कर रहे सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट बरसा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि नागेश्वर राव को पता होना चाहिए था कि बिहार शेल्टर मामले के उस वक्त के जांच अधिकारी ए के शर्मा को हटाने से क्या असर होगा. राव को फटकार लगाते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम नागेश्वर राव को अवमानना का दोषी करार देंगे. एक तरफ वो कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया जाए, और दूसरी तफर वो शर्मा का रिलीविंग ऑर्डर साइन कर देते हैं. चीफ जस्टिस ने कड़े लहजे में कहा कि अगर एक दिन बाद रिलीविंग ऑर्डर साइन होता तो क्या आसमान टूट पड़ता?
सुप्रीम कोर्ट ने नागेश्वर राव को अवमानना का दोषी माना है. सुप्रीम कोर्ट ने नागेश्वर राव पर 1 लाख का जुर्माना लगाया. सुप्रीम कोर्ट ने सजा में कहा कि जब तक आज कोर्ट चलती रहेगी, कोर्ट में ही एक कोने में बैठे रहेंगे. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की मनाही के बाद नागेश्वर राव ने अफसर का तबादला किया था. बिहार शेल्टर होम मामले में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अंतरिम निदेशक को पता था कि एके शर्मा को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, फिर भी ऐसा किया. CJI ने AG से पूछा कि ए के शर्मा को रिलीव करने का नोट राव के पास पहुंचा और उन्होंने रिलीविंग लेटर पर साइन कर दिया. उन्होंने ये भी संतुष्ट करना जरूरी नहीं समझा कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है या नहीं.
आगे सीजेआई ने कहा कि नागेश्वर राव को ये पता होना चाहिए था कि इसका असर क्या होगा. उन्होंने यह भी पूछा कि वो हलफनामा कहां है जो सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने था? इस पर AG ने कहा कि फैसला समझने में गलती हुई है. इस मामले में सहानुभूति के साथ देखा जाए सीजेआई ने कहा कि हम राव को अवमानना का दोषी देंगे. एक तरफ वो कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया जाए. दूसरी तरफ वो शर्मा का रिलीविंग आर्डर साइन कर देते हैं. अगर एक दिन बाद रिलीविंग आर्डर साइन होता को क्या आसमान टूट पड़ता? इस पर एजी ने कहा कि नागेश्वर राव का 30 साल का बेदाग करियर है.
पूर्व अंतरिम सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. AG ने कहा कि मैं सीबीआई डायरेक्टर व सीबीआई के लिए पेश हुआ हूं. अतंरिम निदेशक यहां पेश हुए हैं और उन्होंने अलग से हलफनामा दाखिल किया है. AG ने कहा कि राव ने बिना शर्त माफी मांगी है.
इससे पहले सोमवार को पूर्व अंतरिम सीबीआई प्रमुख एम नागेश्वर राव ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. पूर्व अंतरिम सीबीआई प्रमुख एम नागेश्वर राव ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी. एम नागेश्वर राव ने कोर्ट से बिना शर्त मांगी माफी. एम नागेश्वर राव ने अपने हलफनामे में कहा कि वह अपनी गलती स्वीकार करते हैं. अदालत के आदेश के बिना मुख्य जांच अधिकारी को स्थानांतरित नहीं करना चाहिए था. राव ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कृपया मेरी माफी स्वीकार करें.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राव की खिंचाई की थी
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि भगवान ही आपकी मदद कर सकते हैं. दरअसल मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले से जुड़े सीबीआई के अधिकारी के ट्रासफर करने से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व अंतरिम सीबीआई प्रमुख एम नागेश्वर राव को पेश होने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि ये अवमानना का फिट केस है.