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भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भोपाल दौरे से पहले कमलनाथ सरकार ने युवाओं और किसानों को बड़ी सौगात दी है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव के समय प्रदेश का जनता को दिए गए वचन को पूरा करते हुए बेरोजगार युवाओं को रोजगार और किसानों के बिजली बिल को आधा करने की सौगात दी है।
कमलनाथ सरकार के इस फैसले को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भोपाल दौरे से भी जोड़ा जा रहा है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शुक्रवार को जंबूरी मैदान में होने वाले राहुल गांधी के मेगा शो के जरिए कांग्रेस ये संदेश देना चाहती है कि उसने जनता से जो वादे किए हैं उसको हर हाल में पूरा करेगी।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले युवा वोट बैंक को साधने के लिए कमलनाथ सरकार ने युवा स्वाभिमान योजना पर मुहर लगा दी है। इस योजना के तहत 21 से 30 साल के युवाओं को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के लिए दस फरवरी से पंजीयन शुरू होगा। योजना के तहत उन युवाओं को जिनके परिवार की आय दो लाख से कम है सरकार उनको चार हजार रुपए महीने का स्टॉपेंड भी देगी।
योजना के तहत युवाओं को योग्यता के आधार पर काम सिखाया जाएगा और अच्छा परफॉर्मेंस देने वाले युवाओं को उसी निकाय में संविदा पर काम दिलाने की कोशिश भी की जाएगी। योजना के तहत दस दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी बाकी 90 दिन का रोजगार दिया जाएगा। योजना के मुताबिक युवाओं को साल में 100 दिन काम के लिए 134 रुपए प्रतिदिन दिए जाएंगे, जो अधिकतम चार हजार रुपए प्रतिमाह होगा।
अगर बात करें मध्यप्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इनकी संख्या 31 लाख है। इसमें 30 वर्ष तक के युवाओं की संख्या 30 फीसदी है।
किसानों को सौगात : वहीं दूसरी ओर कमलनाथ सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को दूसरी बड़ी सौगात देते हुए उनके बिजली बिल आधा करने की योजना को अपनी मंजूरी दे दी। सरकार के इस फैसले का लाभ सत्रह लाख से अधिक किसानों को होगा। वहीं सरकार के इस फैसले से करीब 667 करोड़ रुपए का भार आएगा। अब तक किसानों को 1400 रुपए प्रति कार्य पावर के हिसाब से हर साल बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता था, जो अब आधा हो जाएगा।
विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में किसानों के बिजली के बिल को आधा करने का वचन दिया था, जो अब सरकार ने पूरा कर दिया है।
भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को 15 साल बाद एक बार फिर सत्ता का स्वाद चखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दिग्विजय सिंह खुद भी लोकसभा चुनाव के मैदान में मुकाबला करते नजर आएंगे। वो किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, यह फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी करेंगे।
मध्यप्रदेश के राजगढ़ दौरे पर आए दिग्विजय सिंह ने इस आशय के संकेत दिए। 16 साल से चुनाव नहीं लड़ रहे दिग्विजय ने कहा कि मैं तो राज्यसभा का मेंबर हो चुका हूं, लेकिन जहां से पार्टी कहेगी, वहीं से चुनाव लड़ूंगा।
उल्लेखनीय है कि राजगढ़ सीट से फिलहाल भाजपा नेता रोडमल नागर सांसद हैं और यहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत नजर आ रही है। राजनीतिक विशेषज्ञों का दावा है कि यदि इस सीट से दिग्विजय सिंह चुनाव मैदान में उतरते हैं तो यह सीट कांग्रेस के खाते में दर्ज हो जाएगी।
हालांकि सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस कार्यकर्ता दिग्विजय सिंह को इंदौर से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। पिछले दिनों इंदौर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की थी कि दिग्विजय सिंह को इंदौर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया जाए। इस सीट पर वरिष्ठ भाजपा नेता और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का कब्जा है। हालांकि कुछ भाजपा नेताओं ने साफ बयानी कर दी है कि यदि इस बार भी ताई को टिकट दिया तो वो भाजपा के लिए प्रचार नहीं करेंगे।
SC ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस किया दिल्ली ट्रांसफर.
खास बातें
नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले (Muzaffarpur Shelter Home Case)में सुप्रीम कोर्ट नेबिहार सरकार (Bihar Govt) को कड़ी फटकार लगाई है. मामले की सुनवाई करते हुएचीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने कहा कि आप दुर्भाग्यशाली बच्चों के साथ इस तरह बर्ताव करते हैं. आप इस तरीके की चीजों की इजाजत नहीं दे सकते.सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने बिहार सरकार से दो बजे सारे सवालों के जवाब देने को कहा है. बिहार सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि हम सरकार नहीं चला रहे है लेकिन हम ये जानना चाहते हैं कि आप कैसे सरकार चला रहे हैं? इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर कर दिया. अब दिल्ली की साकेत कोर्ट में इसका ट्रायल होगा. कोर्ट ने कहा कि दो हफ्ते में सारे रिकॉर्ड ट्रांसफर हो जाएं और ट्रायल छह महीने में पूरा हो जाना चाहिए. अब साकेत की POCSO कोर्ट में मामला चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय के हित में ट्रायल का ट्रांसफर किया जा रहा है.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली से पटना दो घंटे का रास्ता है. हम चीफ सेक्रेटरी को भी कोर्ट में खड़ा कर सकते हैं. कोर्ट ने बिहार सरकार के वकील से कहा कि अगर सारी जानकारी नहीं दे सकते तो किसी अफसर को बुलाइए. अब बहुत हो गया.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा है:-
- बिहार में कितने शेल्टर होम हैं ?
- उनमें कितने बच्चे हैं?
- इनमें कितने बालक और बालिका हैं?
- इनको कितना फंड मिलता है?
- इनमें रहने वालों के हालात कैसे हैं?
हालांकि, बिहार सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि 110 शेल्टर होम हैं. लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि हम मुश्किल वाले सवाल पूछेंगे. बेहतर होगा कि आप सारी जानकारी हासिल करें. वरना हम जानते हैं कि जानकारी कैसे हासिल करनी है? हम दो घंटे में चीफ सेक्रेटरी को कोर्ट में खड़ा कर सकते हैं. कम से कम बच्चों को तो बख्श दीजिए साथ ही सीजेआई ने कहा कि जिन लोगों ने यह किया है वो सजा से बच नहीं पाएंगे. कानून अपना काम करेगा. लेकिन शेल्टर होम में जो चल रहा था, उसे इजाजत नहीं दी जा सकती.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम की निगरानी कर रहे ज्वाइंट डायरेक्टर एक शर्मा के ट्रांसफर पर कड़ी नाराजगी जताई. चीफ जस्टिस ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिना अनुमति के उनका ट्रांसफर नहीं होगा तो यह ट्रांसफर क्यों किया गया. क्या कैबिनेट कमेटी को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसफर ना करने के आदेश दिए हैं. केंद्र इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब देगा.
बता दें, मुजफ्फपुर शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट अहम सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें ठाकुर ने अपने साथ पटियाला की जेल में मारपीट का आरोप लगाया था. इसके अलावा कोर्ट ने ठाकुर की उस याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिसमें उसने बालिका गृह को तोड़े जाने पर रोक लगाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के बाद बिहार के 16 शेल्टर होम के मामलों को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था.