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जबलपुर। EVM की सुरक्षा को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। कांग्रेस ने यहां EVM में गड़बड़ी के मुद्दे को लेकर याचिका लगाई थी, याचिका के जरिये कांग्रेस ने SIT जांच की मांग की गयी थी। हाईकोर्ट ने कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग की कार्रवाईयों पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि सभी स्ट्रांग रूम सुरक्षा के घेरे में मौजूद हैं. किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है। ऐसे में इस मामले में हाईकोर्ट कोई भी हस्तक्षेप नहीं करेगा।
EVM में गड़बड़ी और सागर में देर से जमा कराने के मामले पर कांग्रेस ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगायी थी। गुरुवार को कोर्ट ने इस पर सुनवाई पूरी कर ली थी।मामला सागर ज़िले की खुरई विधानसभा सीट में EVM जमा कराने में देर हुई थी। ये क्षेत्र प्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह का निर्वाचन का है। यहां 48 EVM 48 घंटे बाद स्ट्रॉन्ग रूम में जमा की गयीं। ये वो मशीनें थीं जो रिजर्व में रखी गयी थीं। कांग्रेस ने इस पर गहरी आपत्ति जताते हुए EVM में गड़बड़ी की आशंका जताई थी। कांग्रेस इस मसले को जबलपुर हाईकोर्ट में ले गयी। यहां याचिका दायर कर उसने इस मामले की SIT से जांच कराने की मांग की थी।
गुरुवार को इस मसले पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें निर्वाचन आयोग ने अपना पक्ष रखा। आयोग ने कहा जो EVM लेट आयीं उनका मतदान में इस्तेमाल नहीं किया गया था. इस केस में सागर, सतना, भोपाल ,शाजापुर, खंडवा जिले के कलेक्टर को पक्षकार बनाया था।
::/fulltext::दिल्ली. निर्वाचन आयोग को उस समय जमकर लोगों की आलोचना का शिकार होना पड़ा जब राजस्थान के पाली से भाजपा उम्मीदवार के घर से ईवीएम मशीन का वीडियो वायरल हुआ। जिसके बाद बैकफुट पर आए निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा की पाली सीट के रिटर्निंग अधिकारी को हटाने का आदेश दिया है।
बीजेपी के एक उम्मीदवार के घर में कथित तौर पर ईवीएम पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई। इससे पहले दिन में निर्वाचन आयोग ने कहा था कि एक सेक्टर अधिकारी ईवीएम मशीन लेकर बीजेपी उम्मीदवार के घर गया था, जिसके बाद सेक्टर अधिकारी को हटा दिया गया और संबंधित ईवीएम को चुनाव प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।
निर्वाचन आयोग ने पाली के रिटर्निंग अधिकारी महावीर को भी हटाने का आदेश दिया है। बीजेपी उम्मीदवार के घर में कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन रखे होने का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसके बाद निर्वाचन आयोग लोगों के निशाने पर आ गया है।
इस बीच बारां जिले में हाइवे पर वोटिंग के दौरान इस्तेमाल की गई ईवीएम मिलने के बाद मशीन की सुरक्षा और गोपनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां एक सीलबंद मशीन लावारिस पड़ी मिली, जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया। लोगों का कहना है कि ये घटनाएं साफ बताती हैं कि एवीएम की सुरक्षा का स्तर क्या है।
::/fulltext::खास बातें
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर भीड़ हिंसा (Bulandshahr) मामले में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह (Subodh Kumar Singh) की हत्या को लेकर अब बड़ी खबर आई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या एक आर्मी जवान ने की है, जिसका नाम जीतू उर्फ फौजी है. सूत्रों की जानकारी के मुताबिक, ऐसा शक जताया जा रहा है कि छुट्टी पर जम्मू-कश्मीर से घर आए जीतू उर्फ फौजी की गोली से ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हुई है. हालांकि, पुलिस इस बात की पुष्टि नहीं कर रही है कि जीतू ने ही इंस्पेक्टर की हत्या की है, मगर पुलिस को पहला शक उसी पर है. पुलिस का कहना है कि वह उस दिन घटनास्थल पर कई बार देखा गया. बता दें कि इस मामले में जो पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई है उसमें मुख्य आरोपी बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज है. हालांकि, इसमें 27 लोग नामजद हैं.
यूपी पुलिस के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक, स्थानीय, आरोपी और मौके पर मौजूद रहे लोगों से पूछताछ पर जीतू फौजी का नाम सामने आया है. उसे पकड़ने के लिए दो टीमें निकल चुकी हैं, लेकिन हम लोकेशन इसलिए नहीं बता सकते क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है. जब हम जीतू को पकड़ लेंगे और पूछताछ कर लेंगे तब बता पाएंगे कि क्या वाकई में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या जीतू फौजी ने ही की है. हालांकि, यह हमारी शुरुआती लीड है. हालांकि, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जीतू को पकड़ने के लिए पुलिस की दो टीमें जम्मू-कश्मीर गई हैं. एक टीम यूपी एसटीएफ की है और दूसरी यूपी पुलिस की. बताया जा रहा है कि आरोपी जीती फौजी आर्मी का जवान है.
दरअसल, पुलिस ये पुख़्ता तौर पर कह रही है कि जीतू फौजी घटना में शामिल था. इसलिए उसे नामजद किया गया है. सुबोध कुमार को गोली जीतू फ़ौजी ने मारी या नहीं इस पर सवाल है. जीतू फ़ौजी घटना के तुरंत बाद भागकर अपना बटालियन चला गया. जीतू का भाई धरमेंद्र भी आर्मी में है और वह पूणे में तैनात है. पुलिस ने जीतू के पिता राजपाल से पूंछताछ की, जिसमें से पता चला कि घटना के दिन जीतू गांव में ही था.
पुलिस का कहना है कि बिलकुल महाव गांव के ही खेत में गाय का मांस मिला था. पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज कराया है, उसमें जीतू फौजी का भी नाम है. घटना के वक्त जीतू दिखा भी था, मगर उसके बाद वह तुरंत जम्मू-कश्मीर फरार हो गया.
जीतू घटना के वक्त मौके पर था. कई वीडियो में इसे देखा गया है. घटना के बाद जम्मू कश्मीर भाग गया था. यूपी पुलिस बीएसएफ़ के संपर्क में है और आज जीतू की गिरफ्तारी भी हो सकती है. हालांकि, सुमित नामक लड़के की मौत किसकी गोली से हुई है, अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है. इससे पहले मेरठ जोन के आईजी राम कुमार ने एनडीटीवी से कहा था कि उन्हें अभी तक इंस्पेक्टर सुबोध सिंह पर गोली चलाने वाले शख्स के बारे में जानकारी नहीं मिली है, जैसे ही सूचना मिलेगी पुलिस कार्रवाई करेगी.
बता दें कि बीते दिनों बुलंदशहर में गोकशी के शक में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक आम नागरिक सुमित की मौत हो गई थी. बुलंदशहर हिंसा मामले में पुलिस की एफआईआर में बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया गया है. हालांकि, अभी तक योगेश राज भी फरार है. मगर सुबोध कुमार सिंह की मौत का आरोप अब जीतू फौजी पर लगा है. बताया जा रहा है कि इसकी गिरफ्तारी से कई सारी बातें सामने आ सकती हैं.
वहीं पुलिस में एक और एफआईआर दर्ज कराई गई है. यह एफआईआर गोकशी मामले में है. बजरंग दल के योगेश राज ने यह एफआईआर दर्ज कराई है. इसमें सात मुस्लिमों के नाम हैं, जिनमें से एक नाबालिग है. यूपी पुलिस योगेश राज की तलाश कर रही है. हालांकि, योगेश राज ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वह घटना के वक्त घटनास्थल पर नहीं था और उसने गोली नहीं चलाई है.