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भाजपा सांसद देवाजी भाई राजस्थान में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे, इस दौरान भाषणबाजी में उन्होंने राहुल को पप्पू कहकर बुलाया। इस पर वहां मौजूद कांग्रेसी महिला पार्षद भड़क गईं और सांसद को घेर लिया। माहौल गर्माता देख बीजेपी सांसद ने माफी मांगी।
गुजरात के सुरेंद्रनगर से बीजेपी सांसद देवजी भाई को राजस्थान के बांसवाड़ा के भागाकोट इलाके में अपनी पार्टी के प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए भेजा गया था। जब वे बांसवाड़ा सीट से बीजेपी प्रत्याशी हकरू मईड़ा के पक्ष में चुनाव प्रचार करने वार्ड नंबर 36 पहुंचे और वहां पर एक बैठक कर रहे थे, तभी वार्ड की पार्षद सीता डामोर वहां पहुंचीं।
डामोर कहने लगीं कि यहां पर पांच साल से बीजेपी का शासन है। सड़क पर हर जगह गड्ढे हैं। कम से कम यहां की सड़कों के गड्ढे तो भरवा दो। यहां पर बीजेपी ने अभी तक कोई विकास कार्य नहीं किया है। स्थानीय लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस की महिला पार्षद ने सांसद के सामने बीजेपी की जमकर बुराई की।
सांसद देवजी भाई ने पूछा कि आखिर यह महिला कौन है, लोगों ने उन्हें बताया कि यह कांग्रेसी पार्षद हैं। इस पर सांसद ने कह दिया कि आप अपने पप्पू को बुला लो, आपका पप्पू सारे गड्डे भर देगा। बीजेपी सांसद द्वारा राहुल गांधी के बारे में विवादित बोलने के बाद कांग्रेसी पार्षद सीता डामोर ने कहा कि आखिर तुमने राहुल गांधी को पप्पू कैसे कह दिया। तुम्हें अपने इन शब्दों के लिए माफी मांगनी होगी।
जोधपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में दो बार मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में सत्तारुढ़ भाजपा ने अपनी चुनावी प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए मौजूदा आठ विधायकों को फिर चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने फिर से प्रतिष्ठा कायम करने के लिए पूर्व मंत्रियों के बेटे-बेटियों सहित नए चेहरों को भी मौका दिया है, जहां पांच सीटों में सीधा जबकि इतनी सीटों पर त्रिकोणात्मक मुकाबला होने के आसार हैं।
भाजपा ने जिले में मोदी लहर के चलते पिछली बार 10 में से 9 सीटें जीतकर कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले जिले में अपना राजनीतिक प्रभुत्व कायम किया था और इसे बचाने के लिए इस बार चुनाव में जोधपुर शहर से मौजूदा विधायक कैलाश भंसाली को छोड़कर शेष आठों विधायकों पर फिर भरोसा जताया है। हालांकि शहर से भंसाली की जगह उनके भतीजे अतुल भंसाली को मौका दिया गया है।
भाजपा ने गहलोत की परंपरागत सीट पर उन्हें पटखनी देने के लिए पिछले चुनाव में उनसे 18478 मतों से हारे शंभू सिंह खेतासर को फिर चुनाव मैदान में उतारा है, जहां भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर मानी जा रही है लेकिन इस बार भी कड़ी टक्कर होने के आसार कम नजर आ रहे हैं। खेतासर वर्ष 2008 में ओसियां विधानसभा क्षेत्र से महिपाल मदेरणा से भी चार हजार से अधिक मतों से चुनाव हार चुके हैं।
गहलोत सरदारपुरा से 1999 से लगातार चार चुनाव जीत चुके हैं और माली बहुल क्षेत्र में उनका राजनीतिक प्रभुत्व काफी मजबूत बन गया है। सरदारपुरा कांग्रेस का गढ़ माना जा रहा हैं और यहां से कांग्रेस ने अब तक दस बार जीत दर्ज की हैं जबकि भाजपा ने दो बार चुनाव जीता है। भाजपा के राजेन्द्र गहलोत ने 1990 में यहां से भाजपा के लिए खाता खोला और इसका अगला चुनाव भी जीता।
सरदारपुरा से कुल सत्रह उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। सरदारपुरा सीट पर पहला चुनाव वर्ष 1952 में पूर्व महाराजा हनवंत सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता और उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास को हराया था। यहां से कम्युनिस्ट पार्टी प्रत्याशी हरी किशन व्यास ने हनुवंत सिंह की मौत के बाद हुआ उपचुनाव जीता। इसके अलावा जनसंघ, जनता पार्टी ने भी चुनाव जीता।
जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने मौजूदा विधायक कैलाश भंसाली के भतीजे अतुल भंसाली को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस महिला जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनीषा पंवार पर चुनावी दांव खेला है। श्रीमती पंवार दो बार चुनाव हार चुके कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेद सिंह की पत्नी हैं। जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में इस बार भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला होने की संभावना है जहां सात निर्दलीय सहित कुल सोलह प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं।