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नई दिल्ली: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों के परिणाम आने के बाद 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश किया है. वहीं 109 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर मौजूद भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि वह भी निर्दलीय तथा अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने की मंशा रखती है. हालांकि, कांग्रेस ने राज्यपाल मिलने के लिए समय मांगा था, जिस पर अब राजभवन ने हामी भर दी है. गवर्नर से कांग्रेस को मिलने का समय मिल गया है और अब कांग्रेस 12 बजे राजभवन मं राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी.
सभी 230 सीटों पर परिणाम आने के बाद कांग्रेस को 114, भाजपा के 109, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को दो, समाजवादी पार्टी को एक और निर्दलीय उम्मीदवारों को चार सीटें मिली हैं. प्रदेश में 230 सीटों वाली विधानसभा में किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए 116 सीटें होनी जरूरी हैं. चूंकि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, ऐसे में सत्ता की कुंजी बसपा, सपा और चार निर्दलीय विधायकों के पास है. मगर बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. इससे पहले सपा ने भी कांग्रेस कोही समर्थन देने का ऐलान किया है. इससे अब कांग्रेस की राह आसान हो गई है और अब कांग्रेस आसानी से सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़े को पूरा कर लेगी.
गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार रात को ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर सरकार बनाने दावा पेश किया था. इसके लिये उन्होंने राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा था और कहा कि उनके दल के पास सरकार बनाने का पर्याप्त आंकड़ा है और उन्हें अन्य दलों और निर्दलीयों का समर्थन हासिल है. बुधवार तड़के संवाददाताओं से बातचीत में कमलनाथ ने कहा कि सरकार बनाने के लिये हमारे पास बहुमत का आंकड़ा है. बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और यहां तक की निर्दलीय भी हमारे साथ हैं.हमने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है और हम उन्हें हमारे बहुमत के बारे में बताकर सरकार बनाने की अनुमति देने का आग्रह करेगें. उन्होंने कहा कि पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक बुधवार शाम को बुलाई गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को विधानसभा चुनावों में मसलन, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़ा झटका लगा है. 2019 लोकसभा चुनाव से पहले तीन राज्यों की सत्ता से बेदखल हो जाना भारतीय जनता पार्टी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ को जीत लिया है, वहीं मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो है, मगर बहुमत के आंकड़े से 2 सीट दूर रह गई है. राजस्थान में कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं मगर अजीत सिंह की पार्टी आरएलडी ने अपनी एक सीट से समर्थन देना का वादा किया है, जिससे यह तह है कि कांग्रेस बहुमत के लिए 100 का आंकड़ा छू लेगी और आसानी से सरकार बना लेगी. वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को क्लीन स्वीप कर दिया है. मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला, मगर बीजेपी एंटी इनकंबेंसी के लहर को खत्म नहीं कर पाई और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर आई. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 114 सीटें और बीजेपी को 109 सीटें मिली हैं. आज राजस्थान में कांग्रेस विधायक दलों की बैठक है और कांग्रेस सरकार बनाने का दावा कर सकती है और अपने मुख्यमंत्री का चेहरा भी चुन सकती है.
नई दिल्ली: तेलंगाना में भारी नुकसान की ओर बढ़ती दिख रही कांग्रेस ने मंगलवार को यहां ईवीएम में गड़बड़ी का अंदेशा जताया और मांग की कि वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी गणना की जानी चाहिए. तेलंगाना में सात दिसंबर को चुनाव हुए थे. यहां कांग्रेस ने 99 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे और वह केवल 22 सीटों पर ही आगे चल रही है. तेलंगाना कांग्रेस कमेटी के राज्या इकाई के अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, ''मुझे परिणामों पर शक है. हम बैलेट पेपर काउंटिंग में जीत रहे थे. हमें शक है कि हो सकता है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई है. वीवीपीएटी की पर्चियां गिनी जानी चाहिए. कांग्रेस के सभी नेता शिकायत करेंगे. हम लोग इस मामले में चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज करवाएंगे. मतगणना से पहले कैसे टीआरएस नेता कह सकते हैं कि चुनाव में कौन हारेगा.''
ताजा रूझानों के मुताबिक, 87 सीटों पर बढ़त के साथ यहां सत्तारूढ़ टीआरएस सत्ता में वापसी करती दिख रही है. राज्य में कांग्रेस ने तेलुगु देशम पार्टी, तेलंगाना जन समिति और भाकपा के साथ मिलकर विपक्षी गठबंधन बनाया था. तेदेपा दो सीटों पर आगे है जबकि गठबंधन के सहयोगी अपनी अपनी सीटों पर पीछे चल रहे हैं. तेलंगाना विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Elections) में कुल 1,821 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.
राज्य की 119 विधानसभा सीटों के लिए सात दिसंबर को चुनाव हुए थे और इनमें 73.20 प्रतिशत मतदान हुआ था. तेलंगाना के अलावा मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और छत्तीसगढ़ (Madhya Pradesh, Rajasthan, Mizoram and Chhattisgarh) के भी मतगणना की जा रही है.
एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक तेलंगाना में चंद्रशेखर राव (Kalvakuntla Chandrashekar Rao) की पार्टी टीआरएस (Telangana Rashtra Samithi) नतीजों में बहुमत हासिल कर सकती है. गौरतलब है कि एआईएमआईएम (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मतगणना से पहले कहा है कि उनकी पार्टी टीआरएस तथा उसके प्रमुख के चन्द्रशेखर राव के साथ खड़ी रहेगी.
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