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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Polls 2018) की सरगर्मी शबाब पर है, मगर पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) रैलियों से गायब हैं. इस बार सोमवार को राहुल गांधी के इंदौर और उज्जैन दौरे पर भी दिग्विजय सिंह नजर नहीं आएंगे. इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें हैं. पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी की चुनावी रैलियों से यह दूरी दिग्विजय सिंह को खटकती भी है. अपने दर्द को वह जाहिर करना नहीं भूलते. उनके ट्वीट में इसकी झलक दिखती भी है. इस बार राहुल गांधी के इंदौर और उज्जैन दौरे को लेकर दिग्विजय सिंह ने दो ट्वीट किए. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा-मैं इंदौर में पैदा हुआ स्कूल व कॉलेज की शिक्षा भी इंदौर में हुई. आज राहुल गांधी जी इंदौर पहुंच रहे हैं मैं उनका हार्दिक स्वागत करता हूं. दूसरे ट्वीट में दिग्विजय सिंह बोले- अध्यक्ष जी ने जरूरी काम सौंपा है, इस नाते उनके दौरे पर नहीं रहूंगा, क्षमा करें. ट्वीट पर कांग्रेस सूत्र बता रहे हैं कि इंदौर से अपने जमीनी जुड़ाव के बाद भी पार्टी के कार्यक्रम में उपस्थिति न होने का दर्द दिग्विजय सिंह को है. हालांकि दिग्विजय सिंह खुद पूर्व में कह चुके हैं कि उनके बोलने से वोट कटते हैं, इसलिए वह पार्टी की रैलियों में नहीं जाते.
क्यों कार्यक्रमों से दूर हैं दिग्विजय
बीते दिनों दिग्विजय सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें वह कार्यकर्ताओं से दो टूक कह रहे हैं- 'मेरे भाषण से कांग्रेस के वोट कटते हैं, इसलिए मैं रैलियों में नहीं जाता.' दिग्विजय सिंह का यह वीडियो उस वक्त बना, जब मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के सरकारी बंगले पर वह पहुंचे थे. इस दौरान बाहर निकलते समय कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए थे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मध्यप्रदेश में होने वाले भाषणों में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कभी कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का नाम नहीं होता, वो खुद पूरे राज्य में भले ही घूम घूमकर नाराज़ कार्यकर्ताओं को मनाने और समन्वय का काम कर रहे हों लेकिन कभी कभी उनकी नाराज़गी सार्वजनिक रूप से जाहिर हो ही जाती है. दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के घर पहुंचे थे. मीटिंग के बाद बाहर निकलते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से उनका सामना हो गया. इसमें ज्यादातर कार्यकर्ता दिग्विजय सिंह के करीबी थे और उन्हीं के इंतजार में बाहर खड़े थे.
इस दौरान दिग्विजय सिंह ने साफ शब्दों में कार्यकर्ताओं से कहा, 'देखते रह जाओगे. ऐसे सरकार नहीं बनेगी. जिसको टिकट मिले, चाहे दुश्मन को टिकट मिले, जिताओ.' उन्होंने आगे कहा, 'मेरा काम सिर्फ एक है- कोई प्रचार नहीं, कोई भाषण नहीं. मेरे भाषण देने से तो कांग्रेस के वोट कटते हैं इसलिए मैं कहीं जाता ही नहीं.' बता दें कि न सिर्फ राहुल गांधी के भाषणों से बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष के भोपाल में हुए रोड शो और भेल दशहरा मैदान में हुई रैली स्थल पर भी नौ बड़े नेताओं के विशाल कटआउट लगे थे सिवाय दिग्विजय सिंह के. हालांकि बाद में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उनसे माफी भी मांगी थी. इन सब बातों को देखते हुए माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह ने आखिरकार दिल की बात कार्यकर्ताओं से कह ही दी.
गुरुवार को सेना के काफिले पर प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की थी.
खास बातें
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में सेना के काफिले पर गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की थी, उसमें आज यानी शुक्रवार को सेना का एक जवान मौत हो गई. सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग बाईपास ट्राई जंक्शन के पास से सेना का काफिला गुजर रहा था. उसी दौरान पत्थरबाजी हुई थी, जिसमें यह जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था.
जवान की पहचान राजेंद्र सिंह (22) के रूप में हुई है, जो सीमा सड़क संगठन को सुरक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार त्वरित प्रतिक्रिया टीम का हिस्सा था. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि पत्थरबाजी की वजह से यह जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था, इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. अधिकारी ने बताया, " राजेंद्र सिंह को तत्काल प्राथमिक सहायता प्रदान की गई थी और 92 बेस हॉस्पिटल ले जाया गया था, लेकिन वह अपनी गंभीर चोट के शिकार हो गए." बता दें कि राजेंद्र सिंह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के निवासी थे, उन्होंने साल 2016 में सेना ज्वाइन की थी.