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रायपुर 21 मई 2018। बस्तर के दंतेवाड़ा ज़िले में हुए नक्सली हमले में सात जवानों की शहादत के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और कांग्रेस विधायक दल के नेता टी एस सिंहदेव ने रमन सरकार पर तीखा हमला बोला है। नेताद्वय ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से विकास यात्रा छोड़कर नक्सल मामलों पर गंभीरता से विचार करने को कहा है।
भूपेश और सिंहदेव ने कहा है कि जनता ने सरकार को सही ढंग से प्रशासन चलाने और राज्य के नागरिकों के जानमाल की रक्षा की जिम्मेदारी दी है, लेकिन मुख्यमंत्री को विकास यात्रा से फुर्सत नहीं है। विकास यात्रा को प्रचार यात्रा बताते हुए, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से विकास यात्रा को रखने की मांग की है। चूंकि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी भी छत्तीसगढ़ में हैं इसलिए उन्हें और मुख्यमंत्री रमन सिंह को कोरी बयानबाजी छोड़कर तत्काल बस्तर पहुंचकर नक्सलियों के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. छत्तीसगढ़ की जनता पिछले 15 वर्षों से सुन रही है कि भाजपा की सरकार नक्सलियों से आरपार की लड़ाई और निर्णायक लड़ाई लड़ने जा रही है. उन्होंने कहा है कि हर बार नक्सली हमले में जवान शहीद होते हैं और हर बार सरकार की ओर से एक जैसे बयान जारी हो जाते हैं और केवल मीडिया में प्रकाशित प्रसारित होकर बात ख़त्म हो जाती हैं.
मामला वर्ष 2010 में चिंतलनार में जब 76 जवानों के शहीद होने का हो, 2013 में झीरम में बड़े कांग्रेस नेताओं सहित 30 लोगों के जनसंहार का हो, अप्रैल, 2017 में 25 जवानों के शहीद होने का या फिर मार्च 2018 में नौ जवानों के जान गंवाने का, हर बार मुख्यमंत्री रमन सिंह निर्णायक या आरपार की लड़ाई की बात करते रहे हैं लेकिन होता कुछ नहीं है. रमन सिंह जी सिर्फ़ दिल्ली और अमरीका जाकर झूठ बोलते हैं कि बस्तर में नक्सली समस्या ख़त्म हो रही है लेकिन सच तो यह है कि बस्तर के बड़े हिस्से में उनकी पुलिस भी नहीं पहुंच पाती है. पिछले कुछ बरसों में बस्तर में नक्सली समस्या ख़त्म होने की जगह बढ़ी ही है.
हाल ही में केंद्र सरकार ने नक्सल प्रभावित ज़िलों की सूची जारी की तो उसमें बस्तर के सारे ज़िले शामिल हैं। अगर सरकार ने ठीक ढंग से काम किया होता तो बस्तर में विकास पहुंच जाता और नक्सली समस्या अपने आप हाशिए पर चली जाती लेकिन न तो रमन सिंह ने बस्तर में विकास पहुंचाया और न नक्सली समस्या के उन्मूलन की दिशा में कोई ठोस काम किया. रमनसिंह जी को यह समझना होगा कि यह समय स्वागत में फूल मालाएं पहनने, स्वागत के नारे लगवाने और उत्सव मनाने का नहीं, सही निर्णय लेकर उसे अमल में लाने का है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और कांग्रेस विधायक दल के नेता टी एस सिंहदेव ने पूछा है कि यूपीए सरकार के समय रमन सिंह जी लगातार माओवादी समस्या को राष्ट्रीय समस्या बताकर अपनी जिम्मेदारी से भागते रहे। अब 4 वर्षों से केंद्र में मोदी जी की और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह जी की सरकार है ।अब राजनाथ सिंह और रमन सिंह बताएं कि यह केंद्र की समस्या है या राज्य की समस्या और इसे हल करने की जिम्मेदारी से भाजपा की सरकारें कब तक मुंह चुराती रहेंगी ?
छत्तीसगढ़ की जनता इस सवाल का जवाब चाहती है 4 साल पहले भाजपा सरकार ने कहा था कि माओवादी समस्या के हल के लिए नई रणनीति बनाई जाएगी । माओवादियों की नई रणनीतियां तो लगातार एक के बाद एक उजागर हो रही हैं लेकिन सरकार की कोई प्रभावी रणनीति आज तक सामने नहीं आई है। माओवादियों से लड़ रहे सुरक्षाबलों को सही साजो-सामान तक उपलब्ध कराने में भाजपा सरकार विफल रही है । इसके लिए राशि के आवंटन में भी केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव करती है। उत्तर प्रदेश में माओवाद लगभग नहीं है ।उस राज्य में साजो-सामान के लिए छत्तीसगढ़ से कई गुना अधिक राशि आवंटित की गई । साजो सामान की हालत यह है कि माओवादियों पर दागे ग्रेनेड नहीं फूटते हैं और सुरक्षाबलों की शहादत होती है। दूसरे दिन घटनास्थल में सुरक्षाबलों के द्वारा फायरिंग में मारे गए शव हटाए जाते समय यह ग्रेनेड फूट जाते हैं और तीन जवान बुरी तरीके से जख्मी हो जाते हैं।
सूचना तंत्र लगातार बुरी तरीके से विफल रहा है और इसमें सुधार लाने की जगह इस पर सरकारी खर्च को बढ़ाने और जायज ठहराने के अलावा रमन सिंह की सरकार ने और कुछ नहीं किया है। रमन सिंह जी जॉइंट कमांड के प्रमुख है लेकिन जॉइंट कमांड की बैठकें भी या तो यदाकदा या तो नहीं होती हैं। भाजपा की सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है और संवेदनशील भी नहीं है। सतही उपाय करने का दिखावा मात्र करने से माओवादी समस्या हल नहीं हो सकती है।
::/fulltext::कांकेर 21 मई 2018। रविवार को हुए नक्सली हमले में कांकेर ने अपने दो बहादूर जवानों को खोया। रामकुमार यादव और सालिकराम सिन्हा का शव जैसे ही पहुंचा, पूरा कांकेर गमगीन हो गया। चोलनार ब्लास्ट में शहीद हुए 7 जवानों में सालिकराम और रामकुमार भी शामिल थे। चारामा क्षेत्र के चिनौरी गांव के रहने वाले शहीद जवान सालिकराम सिन्हा को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई।
इस मौके पर शहीदों के परिजनों के साथ-साथ सैकड़ों लोग इस अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए। पूरा परिवेश शोकाकुल था। शहीद जवान रामकुमार यादव और सालकिराम सिन्हा को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर विधायक शंकर ध्रुवा, डीआईजी पुलिस टीआर पैकरा, एसपी कन्हैयालाल ध्रुव, जिला पंचायत सीईओ ऋचाप्रकाश चौधरी समेत जनप्रतिनिधी और पुलिस जवान मौजूद थे। शहीद रामकुमार यादव अमर रहे, भारत माता की जय के नारों से पूरा इलाका गूंज रहा था। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। बता दें कि छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और ज़िला पुलिस बल के जवान चोलनार से किरन्दुल के बीच सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा के लिए ड्यूटी पर निकले जवानों को ied ब्लास्ट से उड़ा दिया था। इस हमले में 7 जवान शहीद हो गये थे।
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के दंतेवाड़ा जिले में आज नक्सलियों द्वारा बारूदी सुरंग विस्फोट में जिला पुलिस बल के छह जवानों की शहादत पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। डॉ. सिंह ने इन शहीदों के परिवारों प्रति संवेदना प्रकट की है और इस नक्सल वारदात की तीव्र निंदा की है। डॉ. सिंह ने घायल जवानों के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए संबंधित अधिकारियों को उनका बेहतर से बेहतर इलाज करवाने के निर्देश दिए है।
मुख्यमंत्री ने कहा- हमारे जिला पुलिस बल के जवानों ने सड़क निर्माण में सुरक्षा देने के लिए कर्त्तव्य पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। उनकी यह शहादत हमेशा याद रखी जाएगी। ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और जिला पुलिस बल के जवान चोलनार से किरन्दुल के बीच सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा के लिए डूयटी पर निकले थे। तभी उनका वाहन नक्सलियों द्वारा लगाए गए आई.ई.डी. विस्फोटक की चपेट में आ गया। इससे पांच जवान घटना स्थल पर ही शहीद हो गए, जबकि दो घायल जवानों को तत्काल किरन्दुल स्थित एनएमडीसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान एक जवान की मृृत्यु हो गयी। शहीदों में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के तीन और जिला पुलिस बल के तीन जवान शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह नक्सलियों की कायरतापूर्ण हरकत है। इससे यह भी साबित होता है कि नक्सली इस जिले के ग्रामीणों और आदिवासियों तक सड़क जैसी बुनियादी सुविधा भी नही पहुंचने देना चाहते। इससे उनकी जन-विरोधी और विकास विरोधी मानसिकता उजागर होती है। इसके बावजूद हमारे पुलिस बल और सड़क निर्माण से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों का मनोबल बहुत ऊंचा है। दंतेवाड़ा सहित सम्पूर्ण बस्तर संभाग के सभी जिलों में जनता को बारहमासी आवागमन की सुविधा दिलाने के लिए सड़कों का जाल बिछाने हम सब वचनबद्ध है।
दंतेवाड़ा/सूरजपुर 20 मई 2018। मुख्यमंत्री की विकास यात्रा की आमसभा के ठीक पहले हुई इस वक्सली हमले से पुलिस के भी होश उड़ गये हैं। दो दिन बाद ही मुख्यमंत्री रमन सिंह को बचेली आना है, लिहाजा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे, लेकिन इसी बीच हुए इस हमले ने पुलिस की चुनौतियां बढ़ा दी है। इधर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शहीद जवानों को अपनी श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “नक्सली विकास के विरोधी है, ये विकास का विरोध है, मैं जवानों को अपनी श्रद्धांजलि देता हूं, नक्सलियों के इस करतूत का हमारे जवान मुंहतोड़ जवाब देंगे” इधर खबरें ये आ रहे है ंकि जवान वाहन में सवार होकर जगरगुंडा से लौट रहे थे। इसी बीच चोलनार के पास ये आईईडी ब्लास्ट हो गया। जिस गाड़ी को IED ब्लास्ट से उड़ाया गया, उस गाड़ी में 7 जवान सवार थे, जिसमें से 6 जवान अब तक शहीद हो चुके हैं, जबकि एक जवान को हेलीकाप्टर से रायपुर लाया जा रहा है। विस्फोट के बाद नक्सलियों ने गोलियां भी चलायी है.. हालांकि इस मामले में सर्चिंग के बाद ही पुलिस कुछ कहने की बात कह रही है। वहीं जवानों से 2 एके 47, 2 इंसास रायफल, 2 SLR और 2 ग्रेनेड नक्सलियों ने लूट लिये हैं।
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