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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में आज सुबह नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में 6 जवान शहीद हो गए, वहीं एक गंभीर रूप से घायल है। घायल जवान को उपचार के लिए अपोलो हास्पिटल बचेली में भर्ती करवाया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है। नक्सली जवानों के 2 एके 47, 2 एसएलआर, 2 इंसास एवं 2 हेंड ग्रेनेड भी लूटकर ले गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार बचेली से चोलनार मार्ग पर सड़क निर्माण का काम प्रगति पर है। श्रमिकों एवं अन्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सीएएफ और डीएफ का संयुक्त पुलिस बल बोलेरो वाहन में सवार होकर बचेली से कार्यस्थल की ओर रवाना हुआ था, कि जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोट कर दिया। विस्फोट की जद में आकर 6 जवानों की घटनास्थल पर ही सांसे थम गयीं।
घायल एक जवान अर्जुन राजवर को बचेली अस्पताल लाया गया है। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि वाहन के परखच्चे उड़ गए और जमीन पर दस फीट गहरा गड्ढा बन गया है। वाहन में कुल 7 जवान ही सवार थे। शहीद जवानों में जिला पुलिस बल के प्रधान आरक्षक राम कु मार यादव, आरक्षक टीकेश्वर धु्रव, सहायक आरक्षक सालीगराम, विक्रम यादव, आरक्षक राजेश सिंह तथा आरक्षक वरिन्द्र नाथ हैं। आरक्षक अर्जुन राजवर गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें अपोलो अस्पताल बचेली में उपचारार्थ भर्ती करवाया गया है। बस्तर डीआईजी रतनलाल डांगी ने 6 जवानों के शहादत की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना के बाद समूचे इलाके में एलर्ट जारी कर दिया गया है और गश्त सर्चिंग तेज कर दी गयी है। विदित हो कि आगामी 22 मई को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह बचेली में विकास यात्रा और आम सभा में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा आज दोपहर विकास यात्रा के दौरान जशपुर जिले के कांसाबेल में एक महिला हितग्राही के ई-रिक्शे में बैठकर विकास प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए मंच तक पहुंचे। उल्लेखनीय है कि श्रम विभाग की योजना के तहत 15 महिला श्रमिकों को आज कांसाबेल में मुख्यमंत्री ने ई-रिक्शे भेंट किए। इनमें रायमुनि भी शामिल थी। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा केे साथ रायमुनि के ई- रिक्शे में बैठकर प्रदर्शनी स्थल का भ्रमण किया। डॉ. रमन सिंह ने कांसाबेल की आमसभा में इसका उल्लेख करते हुए कहा कि आज मुझे यह देखकर खुशी हुई की जशपुर जिले की हमारी बेटियों में इतना आत्मविश्वास आ गया है कि वे अब मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को भी बेहिचक अपने ई-रिक्शे में बैठाकर भ्रमण करवा सकती हैं। डॉ. सिंह ने ई-रिक्शा प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
::/fulltext::बिलासपुर 18 मई 2018। शिक्षाकर्मियों की एकता अब चट्टानी होती जा रही है। खासकर कमेटी के टालमटोल के रवैये ने तो मोर्चा की मजबूती में नयी जान ला दी है। यूं तो हाल के कई अभियानों की बदौलत शिक्षाकर्मियों की चल रही संविलियन की मुहिम आमलोगों से जुड़ती जा रही है, लेकिन आज का प्रयोग बेहद अनूठा था। संविलियन चाय चर्चा नाम से आज शिक्षाकर्मी मोर्चा ने मुहिम शुरू की। मकसद आम शिक्षाकर्मियों को साथ जोड़ना तो था ही, साथ ही साथ संविलियन और शिक्षाकर्मियों की मांगों को लेकर आम शिक्षाकर्मियों की जिज्ञासा को भी शांत करना था। लिहाजा आज पूरे प्रदेश भर में शिक्षाकर्मी मोर्चा ने अनूठा अभियान चलाया। बिलासपुर में खुद जहां मोर्चा के प्रांतीय संचालक संजय शर्मा अपने मीडिया प्रभारी विवेक दुबे व अन्य सीनियर पदाधिकारी और आम शिक्षाकर्मी के साथ संविलियन चाय चर्चा के दौरान मौजूद रहे..तो वहीं पूरे प्रदेश के अलग-अलग जिला व ब्लाक मुख्यालयों में भी मोर्चा के पदाधिकारियों ने चाय पर संविलियन और शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर चर्चा की। खास बात ये कि इस मुहिम का हर जगह से फेसबुक लाइव किया गया है, ताकि आम शिक्षाकर्मी इसमें जुड़ सकें। फेसबुक लाइव के जरिए न केवल हजारों शिक्षाकर्मियों ने देखा बल्कि देखते ही देखते मात्र आधे घंटे के अंदर हजार से अधिक कमेंट आ गए जो कि कार्यक्रम की सफलता को बताता है।
शिक्षाकर्मी मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने आज 5 से 5:30 बजे अपने साथियों के साथ चाय पर चर्चा कार्यक्रम का ऐलान कर रखा था जिसका फेसबुक लाइव होना भी तय था, ठीक साढ़े 5 बजे संजय शर्मा कोन्हेर गार्डन से लाइव हुए, जिसके बाद प्रदेशभर के शिक्षाकर्मियों के कमेंट्स का जो सिलसिला चालू हुआ वह अंत तक नहीं थमा। यहां तक कि कई शिक्षाकर्मियों ने कार्यक्रम के टाइम को बढ़ाने की भी अपील की ।
कार्यक्रम में शिक्षाकर्मियों ने खासतौर पर शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की वेतन विसंगति, शिक्षाकर्मियों की क्रमोन्नति, पदोन्नति और समय पर वेतन भुगतान न होने को लेकर सवाल पूछे साथ ही सैकड़ों शिक्षाकर्मियों ने सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोलने की रणनीति की तारीफ करते हुए आगे और आक्रामक रुख अपनाने की अपील की ।
इधर 26 मई को शिक्षाकर्मियों का संकल्प सभा कार्यक्रम पहले से ही प्रस्तावित है जिसमें प्रदेश भर के 90 विधानसभा में शिक्षाकर्मी एकजुट होकर सरकार के विरुद्ध अपनी संविलियन की लड़ाई को और तेज करेंगे और किसी भी कीमत पर संविलियन प्राप्त करने के लिए संकल्प लेंगे। आज के कार्यक्रम में प्रदेश संचालक संजय शर्मा के अलावा प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रांतीय महासचिव संजय उपाध्याय, प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे, प्रांतीय संगठन मंत्री वासुदेव पांडे, बिलासपुर जिला अध्यक्ष संतोष सिंह, कोरबा जिला अध्यक्ष मनोज चौबे, करीम खान, डॉ मुकेश पांडे, डॉ अखिलेश तिवारी, मोनीष कौशिक, निर्मल कौशिक, राजेश पांडे, चंद्रकांत पांडे, प्रमोद शर्मा कौस्तुभ पांडे, प्रदीप पांडे, सुनील पांडे, जय कौशिक, नीलिमा पाठक, पूजा गौरहा, प्रीति शर्मा, कमल नारायण गौरहा, आशीष यादव, प्रणव तिवारी, रविंद्र घोरे, सुरेश कौशिक, इंद्रकांत सोलखे, साधेलाल पटेल, कमलेश साहू सूरज क्षत्रीय,खूबचंद क्षत्रीय, शिवकुमार चंद्राकर, आलोक पांडे, डॉ अजीत तिवारी, रविंद्र शर्मा, सुशील कैवर्त, देवकुमार पारकर, तेज नारायण शास्त्री सुमित शर्मा इत्यादि शामिल थे ।
::/fulltext::कोरबा। मिडिल स्कूलों में हेडमास्टर के रिक्त पद पर भर्ती के लिए 289 उच्च श्रेणी शिक्षक को पदोन्नति का लाभ देने के लिए काउंसलिंग की गई। 77 शिक्षक ने पदोन्नति लेने से इनकार कर दिया है। मनचाहा जगह में पहले से ही जमे होने की वजह से अधिक वेतन को ठुकरा दिया है। 200 स्कूल में हेडमास्टर के पद अब भी खाली हैं। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के पदस्थ होने से इनकार करने के कारण स्कूली कामकाज व अध्यापन प्रभावित होता है। स्कूलों में कार्यालयीन व अध्यापन व्यवस्था को नियंत्रित रखने के लिए हेडमास्टर की नियुक्ति आवश्यक है। 300 मिडिल स्कूल में वैकल्पिक हेडमास्टर के भरोसे स्कूलों को संचालन हो रहा था। नवीन शैक्षणिक सत्र 2018.19 में शिक्षा व्यवस्था दुरूस्त रखने के लिए 289 उच्च श्रेणी शिक्षक को पदोन्नति दी गई।
पदोन्नति के पश्चात शिक्षकों को उनके पसंदीदा जगह चयन करने के लिए काउंसलिंग भी की गई। जिनमें 21 शिक्षक अनुपस्थित रहे। पदस्थाना के लिए पहुंचने वाले 268 शिक्षक ने पदोन्नति नहीं ली। पदोन्नति नहीं लेने वालों में ऐसे शिक्षकों की तादाद अधिक हैए जो पहले से अपने गृह ग्राम अथवा आसपास के गांव में यूडीटी शिक्षक के तौर पर पदस्थ हैं। शिक्षकों के पदोन्नति से इनकार के चलते स्कूलों की दशा पूर्ववत बनी हुई है। प्रभावित स्कूलों में सड़क विहीन स्कूल अधिक हैं।