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नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यवाहक वीसी पीसी जोशी (PC joshi) ने आज बुधवार को कहा कि डीयू की करीब 70 हजार सीटों पर प्रवेश जुलाई के पहले सप्ताह से शुरु हो सकता है. दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला इस साल भी मेरिट के आधार पर ही होगा. CBSE या दूसरे बोर्ड जो भी परीक्षा परिणाम देंगे उससे मेरिट तय करके दाखिले की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय भारत सरकार के 12वीं की परीक्षा न कराने के फैसले के साथ है. Central Universities Common Entrance Test अगर होते हैं तो उसके मुताबिक हम चलेंगे. लेकिन इस साल हालात ऐसे नहीं लग रहे हैं कि ये परीक्षा हो पाए. CBSE और दूसरे राज्य बोर्ड के नतीजे आने पर ही दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले की प्रक्रिया शुरु होगी.
CBSE 12वीं की परीक्षाएं स्थगित
बता दें कि कोरोना महामारी को देखते हुए CBSE 12वीं की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है. 12वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग में फैसला लिया गया कि कक्षा 12वीं की परीक्षाओं को रद्द किया जाए. बता दें, CBSE के बाद ICSE बोर्ड ने भी 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी है.
कोरोनावायरस महामारी के कारण और छात्र, अभिभावक 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे. इस फैसले के बाद सभी का इंतजार खत्म हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, CBSE 12वीं की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है, हमारे लिए छात्रों की प्राथामिकता सबसे जरूरी है.
परीक्षाएं पहले ही स्थगित कर चुका है डीयू
इससे पहले कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय ने अंतिम सेमेस्टर / वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षा 7 जून तक के लिए स्थगित कर दी थी. परीक्षाएं 15 मई से होने वाली थीं, हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते COVID-19 मामलों के कारण, परीक्षाएं टाल दी गईं. विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा था कि वह जल्द ही नई डेट शीट जारी करेगा. बयान में कहा गया था, "नई डेट शीट जल्द ही जारी की जाएगी और दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी. मई/जून 2021 परीक्षा के संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश नियत समय पर जारी किए जाएंगे." बता दें, कोरोना वायरस के कारण परीक्षा का आयोजन ऑनलाइन और ओपन बुक फॉर्मेट में किया जाएगा.
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की दर लगातार कम हो रही है। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 1,32,788 नए मामने सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,83,07,832 हो गई। वहीं, 3,207 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,35,102 हो गई। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में भी गिरावट आई है और अभी 17,93,645 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है।
केरल में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के नए मामलों में बड़ी वृद्धि देखी गए और इन मामलों की संख्या 19,760 पर पहुंच गई, जबकि इस दौरान 24,117 मरीज स्वस्थ हुए।
महाराष्ट्र में मंगलवार को कोविड-19 के 14,123 नए मामले आए, जो 10 मार्च के बाद से सबसे कम है और 477 संक्रमित लोगों की मौत हुई हैं। राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 57,61,015 हो गए, जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर 96,198 हो गई।
आंध्र प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 11,303 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 17 लाख के आंकड़े को पार कर गए। राज्य में अब संक्रमण के कुल मामले 17,04,388 हैं।
पश्चिम बंगाल में 40 दिनों के बाद कोविड-19 के नए मामले 10,000 से कम आए। राज्य में मंगलवार को संक्रमण के 9,424 नए मामले आए। राज्य में 21 अप्रैल से हर दिन 10,000 से अधिक मामले आ रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि पिछले 24 घंटों में, 137 और मरीजों ने संक्रमण से दम तोड़ दिया, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 15,678 हो गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मन की बात कार्यक्रम के 77वां संस्करण के तहत लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम हम देख रहे हैं कि किस प्रकार से देश पूरी ताक़त के साथ COVID-19 के खिलाफ़ लड़ रहा है.....
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मन की बात कार्यक्रम के 77वां संस्करण के तहत लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम हम देख रहे हैं कि किस प्रकार से देश पूरी ताक़त के साथ COVID-19 के खिलाफ़ लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले सौ सालों में यह सबसे बड़ी महामारी है और इसी महामारी के बीच भारत ने अनेक प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है. पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है. हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मज़बूती से खड़े हैं, जिन्होंने इस आपदा का नुक़सान झेला है. उन्होंने कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी हमेशा उतना ही बड़ा रहा है. देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने, देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है.
साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब
पीएम मोदी ने कहा कि आज 30 मई को हम ‘मन की बात' कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है. इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास' के मंत्र पर चला है. उन्होंने कहा कि इन 7 वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वो देश की रही है, देशवासियों की रही है. कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण हमने इन वर्षों में साथ मिलकर अनुभव किए हैं. बकौल पीएम, जब हम ये देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, तो हम सबको गर्व होता है. उन्होंने कहा कि जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है.
ऑक्सीजन का उत्पादन 10 गुना बढ़ा
पीएम मोदी ने कहा कि आप अंदाज़ा लगा सकते हैं, सामान्य दिनों में हमारे यहां एक दिन में 900 MT, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन होता था. अब ये 10 गुना से भी ज्यादा बढ़कर,करीब-करीब 9500 Metric टन प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है. एक टीम बनकर हर किसी ने अपना कर्तव्य निभाया है.
70 साल बनाम 7 साल
पीएम ने कहा कि जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती हैं, तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं. उन्होंने कहा कि कितने ही लोग देश को धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है, उनके बेटे- बेटियाँ उजाले में, पंखे में बैठ करके पढ़ रहे हैं. कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गाँव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है. ऐसे ही कहीं कोई बैंक खाता खुलने की खुशी साझा करता है, तो कोई अलग-अलग योजनाओं की मदद से जब नया रोज़गार शुरू करता है तो उस खुशी में मुझे भी आमंत्रित करता है, उन्होंने बताया कि मुझे याद है एक आदिवासी इलाके से कुछ साथियों ने मुझे संदेश भेजा था कि सड़क बनने के बाद पहली बार उन्हें ऐसा लगा कि वो भी बाकी दुनिया से जुड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिलने के बाद गृहप्रवेश के आयोजन में कितने ही निमंत्रण मुझे हमारे देशवासियों की ओर से लगातार मिलते रहते हैं. इन 7 सालों में आप सबकी ऐसी करोड़ों खुशियों में, मैं शामिल हुआ हूं.
ऑक्सीजन टैंकर ड्राइवर से संवाद
अपने रेडियो कार्यक्रम में पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले दिनेश बाबूलनाथ उपाध्याय से संवाद किया, जोकि लीक्विड ऑक्सीजन का टैंकर चलाते हैं. प्रधानमंत्री ने उनके कामकाज के अनुभव के साथ उनके परिवार का हालचाल जाना और कोविड काल के दौरान किए गए काम के लिए उनकी सराहना भी की. उन्होंने बातचीत के बाद कहा कि वाकई जब एक टैंकर ड्राइवर ऑक्सीजन लेकर अस्पताल पहुंचते हैं तो ईश्वर के भेजे गए दूत ही लगते हैं. उन्होंने कहा कि हम समझ सकते हैं कि ये काम कितनी ज़िम्मेदारी का होता है और इसमें कितना मानसिक दबाव भी होता है.
ऑक्सीजन एक्सप्रेस लोको पायलट शिरिषा संग संवाद
इसके बाद पीएम मोदी ने रेलवे की प्रशंसा करते हुए कहा कि चुनौती के इसी समय में ऑक्सीजन के ट्रांस्पोर्टेशन को आसान करने के लिए भारतीय रेल भी आगे आई है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने सड़क पर चलने वाले ऑक्सीजन टैंकर से कहीं ज्यादा तेज़ी से, कहीं ज्यादा मात्रा में प्राणवायु देश के कोने-कोने में पहुंचाई. इस मौके पर उन्होंने ऑक्सीजन एक्सप्रेस की लोको पायलट शिरिजा गजनी के साथ संवाद किया और उनके कार्य की सराहना की. उन्होंने कहा कि शिरिषा जी, आप बहुत ही शानदार काम कर रही हैं. कोरोना काल में आप की तरह अनेक महिलाओं ने आगे आकर कोरोना से लड़ने में देश को ताक़त दी है. उन्होंने कहा कि आप भी नारी-शक्ति का एक बहुत बड़ा उदाहरण हैं.
'सारी संस्थाएं एकजुट'
अपने कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि वास्तव में ये लड़ाई इतनी बड़ी है कि इसमें रेलवे की ही तरह हमारा देश, जल, थल, नभ, तीनों मार्गों से काम कर रहा है. एक ओर खाली टैंकर्स को एयरफोर्स के विमानों द्वारा ऑक्सीजन प्लांट तक पहुंचाने का काम हो रहा है वहीं दूसरी ओर नए ऑक्सीजन बनाने का काम भी पूरा किया जा रहा है. साथ ही, विदेशों से ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कसंट्रेटर और क्रिप्टोजेनिक टैंकर भी देश में लाये जा रहे हैं. इसलिए, इसमें नेवी भी लगी, एयरफोर्स भी लगी, भारतीय सेना भी लगी और DRDO जैसी हमारी संस्थाएं भी जुटी हैं. हमारी संस्थाएं भी जुटी हैं. उन्होंने कहा कि हमारे कितने ही वैज्ञानिक, इंडस्ट्री के विशेषज्ञ और टेक्नीशियन भी युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन पटनायक जी से संवाद कर किया और वायुसेना द्वारा कोविड काल में किए गए कामकाजों की सराहना की. उन्होंने कहा कि वाकई हमारे जवानों ने, इन वॉरियर्स ने जो काम किया है, इसके लिए देश इन्हें सलाम करता है. इसी तरह लाखों लोग दिन रात जुटे हुए हैं जो काम वो कर रहे हैं, वो इनके रुटीन काम का हिस्सा नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह की आपदा तो दुनिया पर सौ साल बाद आई है , एक शताब्दी के बाद इतना बड़ा संकट, इसलिए इस तरह के काम का किसी के पास कोई भी अनुभव नहीं था. इसके पीछे देशसेवा का जज़्बा है और एक संकल्पशक्ति है, इसी से देश ने वो काम किया है जो पहले कभी नहीं हुआ.
ढाई हजार से ज्यादा कोरोना लैब
पीएम मोदी ने बताया कि अब तक देश में 33 करोड़ से ज्यादा सैंपल की जांच की जा चुकी है. बकौल पीएम, कोरोना की शुरुआत में देश में केवल एक ही टेस्टिंग लैब थी, लेकिन आज ढाई हजार से ज्यादा लैब्स काम कर रही हैं, शुरू में कुछ सौ टेस्ट एक दिन में हो पाते थे, अब 20 लाख से ज्यादा टेस्ट एक दिन में होने लगे हैं.
किसानों पर चर्चा
पीएम मोदी ने दिल्ली में एक लैब टेक्नीशियन के तौर काम करने वाले प्रकाश से बातचीत की और उनके कामकाज की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ सालों में हमने उनका खूब समर्पण और परिश्रम देखा है. लेकिन इस लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका देश के कई क्षेत्रों के अनेक वॉरियर्स की भी है. किसानों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा. कृषि-व्यवस्था ने ख़ुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा. सुरक्षित ही नहीं रखा, बल्कि प्रगति भी की, आगे भी बढ़ी. उन्होंने बताया कि इस महामारी में भी हमारे किसानों ने record उत्पादन किया है? किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया, तो इस बार देश ने रिकॉर्ज फसल खरीदी भी की है. इस बार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को MSP से भी ज्यादा भाव मिला है.
80 करोड़ गरीबों को राशन
पीएम मोदी के अनुसार इस संकट काल में 80 करोड़ ग़रीबों को मुफ़्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि ग़रीब के घर में भी कभी ऐसा दिन न आए जब चूल्हा न जले. रिकॉर्ड खाद्यान्न-उत्पादन की वजह से ही हमारा देश हर देशवासी को संबल प्रदान कर पा रहा है.
70 साल बनाम 7 साल
पीएम ने कहा कि जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती हैं, तो हमें लगता है कि हां, हम सही रास्ते पर हैं. उन्होंने कहा कि कितने ही लोग देश को धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है, उनके बेटे- बेटियाँ उजाले में, पंखे में बैठ करके पढ़ रहे हैं. कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गाँव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है. ऐसे ही कहीं कोई बैंक खाता खुलने की खुशी साझा करता है, तो कोई अलग-अलग योजनाओं की मदद से जब नया रोज़गार शुरू करता है तो उस खुशी में मुझे भी आमंत्रित करता है, उन्होंने बताया कि मुझे याद है एक आदिवासी इलाके से कुछ साथियों ने मुझे संदेश भेजा था कि सड़क बनने के बाद पहली बार उन्हें ऐसा लगा कि वो भी बाकी दुनिया से जुड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिलने के बाद गृहप्रवेश के आयोजन में कितने ही निमंत्रण मुझे हमारे देशवासियों की ओर से लगातार मिलते रहते हैं. इन 7 सालों में आप सबकी ऐसी करोड़ों खुशियों में, मैं शामिल हुआ हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी के बाद 7 दशकों में हमारे देश के केवल साढ़े तीन करोड़ ग्रामीण घरों में ही पानी के कनेक्शन थे, लेकिन पिछले 21 महीनों में ही साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी के कनेक्शन दिए गए हैं , इनमें से 15 महीने तो कोरोनाकाल के ही थे. उन्होंने कहा कि एक नया विश्वास देश में ‘आयुष्मान योजना' से भी आया है, जब कोई ग़रीब मुफ़्त इलाज से स्वस्थ होकर घर आता है तो उसे लगता है कि उसे नया जीवन मिला है. उसे भरोसा होता है कि देश उसके साथ है.
उन्होंने कहा कि 7 सालों में भारत ने ‘Digital लेन देन' में दुनिया को नई दिशा दिखाने का काम किया है. आज किसी भी जगह जितनी आसानी से आप चुटकियों में Digital Payment कर देते हैं, वो कोरोना के इस समय में भी बहुत उपयोगी साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्वोतर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है. बकौल पीएम, पूर्वोतर से लेकर कश्मीर तक शांति और विकास का एक नया भरोसा जगा है. हम रिकॉर्ड सैटेलाइट भी प्रक्षेपित कर रहे हैं और रिकॉर्ड सड़कें भी बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन 7 वर्षों में ही देश के अनेकों पुराने विवाद भी पूरी शांति और सौहार्द से सुलझाए गए हैं.
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का कहर दिख रहा है। प्रदेश में अब ब्लैक फंगस से 17 मौतें हो चुकी है। शनिवार को एक मौत बलरामपुर में भी हुई, बलरामपुर जिले में ये ब्लैक फंगस से पहली मौत है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रदेश में कोरोना से 16 मौत की पुष्टि की थी। छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के अब तक 162 मरीज मिले हैं।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के मुताबिक रायपुर के एम्स में सर्वाधिक 126 मरीज भर्ती हैं, जबकि आंबेडकर हास्पीटल में 24 मरीज का इलाज चल रहा है। जिलों के अन्य अस्पतालों में भी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज रहा है।ब्लैक फंगस से पीड़ित 57 मरीजों का हो सफल ऑपरेशन चुका है।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम पीपरपान, सनावल निवासी कुमारू यादव 60 वर्ष कोरोना से संक्रमित था। स्थानीय अस्पताल में तबीयत में सुधार नहीं होने पर परिजनों द्वारा उसे रायपुर के एम्स अस्पताल में 20 मई को भर्ती कराया गया था। यहां वह ब्लैक फंगस से भी संक्रमित हो गया। इसी बीच इलाज के दौरान 29 मई की दोपहर उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने उसकी ब्लैक फंगस से मौत की पुष्टि की है।
इसके पहले बिलासपुर में ब्लैक फंगस से एक और मरीज ने दम तोड़ा है। पाली निवासी 52 वर्षीय अधेड़ की मौत हो गई है। सिम्स में 25 मई से भर्ती मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई। शुक्रवार को पाटन निवासी 35 वर्षीय युवक की मौत हो गई है, मरीज युवक में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले थे, युवक का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था और AIIMS रायपुर ले जाने की तैयारी चल रही थी
नई दिल्ली। देश में नए कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से कम हो रही है। रोजाना की संक्रमण दर घटकर 8.36 प्रतिशत पर आ गई है। लगातार पांच दिनों से 10 प्रतिशत से कम दर्ज की गई जबकि संक्रमण की साप्ताहिक दर 9.84 प्रतिशत दर्ज की गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह तक के आंकड़ों के मुताबिक, देश में एक दिन में कोविड-19 के 1,73,790 मामले सामने आए जो पिछले 45 दिनों में सबसे कम है। संक्रमण की चपेट में अब तक आए कुल लोगों की संख्या 2,77,29,247 हो गई है।
देश में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या भी घटकर 22,28,714 पर आ गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 8.04 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर सुधरकर 90.80 प्रतिशत हो गई है।