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मौसम विभाग ने कहा कि देश में अगस्त के महीने में पिछले 44 साल में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि देश में अगस्त के महीने में 27 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई जबकि एक जून से 31 अगस्त तक देश में सामान्य से 10 फीसदी अधिक बारिश हुई।
गुजरात में लगातार जारी मूसलधार बारिश के कारण नर्मदा नदी का जल स्तर बढ़ने से भरूच और वड़ोदरा जिलों के कई गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। दोनों जिलों के गांवों से करीब पांच हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
उधर, मध्यप्रदेश में हुई भारी बारिश के कारण इससे लगे महाराष्ट्र के विदर्भ के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। विदर्भ के बाढ़ प्रभावित भंडारा और चंद्रपुर जिले से तीन हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना का जल स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है और यह यहां खतरे के निशान से नीचे बह रही है। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से बहुत हल्की बारिश हुई जबकि राजस्थान के कुछ भागों में भारी बारिश दर्ज की गई।
मध्यप्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से राज्य के 14 जिलों में अब तक सात लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को नुकसान होने के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को आश्वासन दिया है कि सरकार उनके नुकसान की भरपाई के हरसंभव उपाय करेगी।
मौसम विभाग ने कहा कि पंजाब, पूर्वी राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के दूरदराज के इलाकों में भी भारी बारिश हो सकती है। इसी तरह, मंगलवार को रायलसीमा (आंध्र प्रदेश), कर्नाटक के तटीय एवं दक्षिणी सुदूरवर्ती क्षेत्रों, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम अरब सागर पर 45-55 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है। ऐसे में मछुआरों को इन क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है। वहीं ओडिशा, दक्षिण सुदूरवर्ती कर्नाटक, तमिलनाडु, पुदुचेरी, कराईकल, केरल और माहे क्षेत्र में बुधवार को भी भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
विभाग के मुताबिक, इसी दिन जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के क्षेत्रों, लद्दाख, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
विभाग ने छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, असम, मेघालय, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक और लक्षद्वीप के लिए बुधवार को इसी तरह का पूर्वानुमान जताया है।
वहीं बाढ़ के संबंध में परामर्श के तहत केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने कहा कि अगले 24 घंटे बारिश जारी रहने के पूर्वानुमान के मद्देनजर मध्य प्रदेश में चंबल एवं इसकी सहायक नदियां और माही नदी के उफान पर रहने की आशंका है। सीडब्ल्यूसी ने कहा कि गुजरात में नर्मदा, माही और साबरमती नदियां और कोंकण और गोवा में पश्चिम को बहने वाली नदियां में जलस्तर बढ़ने की आशंका है।