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नई दिल्ली। तमिलनाडु में गुरुवार को आए चक्रवाती तूफान निवार के बाद 29 नवंबर से एक बार फिर भारी बारिश होने की आशंका है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) कहा कि 29 नवंबर से बंगाल की खाड़ी में एक नया, कम दबाव का क्षेत्र बनने की आशंका है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि 29 नवंबर से बन रहे कम दबाव के क्षेत्र से तमिलनाडु में भारी बारिश हो सकती है। उन्होंने कहा, हालांकि यह देखने की जरूरत है कि क्या कम दबाव का क्षेत्र और गहरा होकर चक्रवात में तो नहीं बदलेगा। कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात बनने का पहला चरण है।
महापात्र ने कहा, हम इस पर (कम दबाव के क्षेत्र पर) करीबी नजर रख रहे हैं।तमिलनाडु के तटीय इलाकों में बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान के तौर पर दस्तक देने वाले चक्रवात निवार से गुरुवार को अलसुबह राज्य में भारी बारिश हुई, खासतौर पर उत्तरी इलाकों में।
चेन्नई: चक्रवात निवार के बुधवार शाम को तमिलनाडु के ममल्लापुरम (जो राज्य की राजधानी चेन्नई से लगभग 56 किमी दूर है) और पुडुचेरी में कराईकल के बीच पहुंचने की उम्मीद है. ऐसा माना जा रहा है कि यह संभवत: "बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान" बन जाएगा और आसपास क्षेत्रों में भूस्खलन भी हो सकती है. निवार बेहद भारी वर्षा लाएगा और इसकी दस्तक पर 120 कि.मी. प्रतिघंटे और 130 किमी प्रति घंटे के बीच हवाएं चलेंगी और यह 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंचेगी. चेन्नई में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने सलाह दी है कि गुरुवार तक तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है. मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु और पुदुचेरी सरकारों को आश्वस्त करने के लिए ट्वीट किया - दोनों ने कहा है कि कल सार्वजनिक अवकाश है .
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
प्रधानमंत्री ने अंग्रेजी और तमिल में ट्वीट किया, "चक्रवात निवार के मद्देनजर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी से बात की. केंद्र से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया. मैं प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना करता हूं."
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को एनडीटीवी से बात की और कहा कि बड़े समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और सार्वजनिक आवाजाही 9 बजे से शाम 6 बजे तक प्रतिबंधित है. उन्होंने यह भी कहा कि गैर-जरूरी दुकानें और सेवाएं बंद कर दी गई थीं; केवल दूध बूथ, ईंधन स्टेशन, अस्पताल और फार्मेसियों और सरकारी कार्यालयों को खोलने की अनुमति दी जाएगी.
तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि आवश्यक सेवाओं में शामिल लोग काम करना जारी रखेंगे. मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने लोगों से जहां तक संभव हो सके घर में रहने की अपील की और कहा कि 4,000 से अधिक "असुरक्षित" स्थानों की पहचान की गई है और स्थानीय अधिकारियों से कहा गया है कि वे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
2015 की बाढ़ की यादें ताजा होने के साथ, तमिलनाडु चार जलाशयों - पोन्डी, चोलवरम, रेड हिल्स और चेम्बरमबक्कम की निगरानी भी कर रहा है - जल स्तर में तेजी से वृद्धि की आंशका में.राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख राजस्व मंत्री आरबी उधयकुमार ने NDTV को बताया, "हम बड़ी झीलों में पानी के सुरक्षित प्रवाह और सुरक्षित भंडारण के लिए स्पष्ट चैनल सुनिश्चित कर रहे हैं"
पुडुचेरी ने बंदरगाह क्षेत्रों में '' नंबर 7 तूफान चेतावनी पिंजरा '' स्थापित किया है, जिसका अर्थ है कि बंदरगाह हल्के या मध्यम तीव्रता के तूफान से गंभीर मौसम का अनुभव करेगा उम्मीद है कि ये बंदरगाह के ऊपर या उसके पास से पार हो जाएगा.
एनडीआरएफ के प्रमुख एसएन प्रधान ने बताया कि तमिलनाडु, पुडुचेरी और पड़ोसी आंध्र प्रदेश में लगभग 1,200 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के जवानों को तैनात किया गया है. 12 टीमें तमिलनाडु में (छह कुड्डालोर जिले में और दो चेन्नई में), सात आंध्र प्रदेश में और तीन पुडुचेरी में हैं. अतिरिक्त 20 टीमें ओडिशा के कटक, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा और केरल के त्रिशूर में स्टैंडबाय पर होंगी.
भारतीय नौसेना ने कहा है कि वह निवार के आंदोलन की बारीकी से निगरानी कर रही है, और तमिलनाडु और पुदुचेरी दोनों सरकारों के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है. नौसेना के जहाज, विमान, गोताखोरी और बचाव टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है.
राज्य सरकारों को तूफान के चलते बिजली लाइनों और संचार नेटवर्क को व्यापक नुकसान की उम्मीद. इसके साथ ही ऐसी भी आशंका है कि ग्रामीण इलाकों में मकान नष्ट हो जाएंगे और पेड़ उखड़ जाएंगे. दोनों सरकारों ने मछली पकड़ने वाले समुदायों को भी चेतावनी दी है और तटीय और निचले इलाकों के हजारों लोगों को स्थानांतरित कर दिया है, जो ज्वार की लहरों की चपेट में एक मीटर तक आ सकते हैं.
तमिलनाडु के कलपक्कम में मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन (एमएपीएस) में अलर्ट जारी किया गया है, जो ममल्लापुरम से लगभग 20 किमी दूर है. अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि अधिकारी कार्रवाई के लिए मौसम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने भी अलर्ट की जारी किया है. राज्य में भारी वर्षा होने की उम्मीद है क्योंकि निवार अंतर्देशीय है. नेल्लोर और चित्तूर जिले अलर्ट पर हैं, क्योंकि कडप्पा, कुरनूल और अनंतपुर के कुछ हिस्सों में 11 से 20 सेमी बारिश और हवाओं की गति 75 किमी प्रति घंटा तक होने की उम्मीद है. मछुआरों को समुद्र से बाहर न जाने की सलाह दी गई है और निचले इलाकों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है.
नई दिल्ली: Weather: कश्मीर के बड़े हिस्से में सोमवार को इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई, जिसके कारण उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में तापमान में गिरावट आई. राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को सर्द हवाओं (Cold wave) के बीच न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले 17 साल में नवंबर के महीने में दर्ज किया गया सबसे कम तापमान है. आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी में मंगलवार और बृहस्पतिवार के बीच चक्रवात ‘निवार' के आने की आशंका के मद्देनजर अधिकारी इससे निपटने की तैयारियों में जुट गए हैं.
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने सोमवार को यहां बैठक की और तूफान के मद्देनजर अनेक उपायों पर विचार करने के साथ ही संबंधित राज्य सरकारों समेत अनेक पक्षों को प्रभावित क्षेत्रों में किसी की जान नहीं जाने देने और सामान्य स्थिति जल्द बहाल करने का निर्देश दिया.
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को सर्द हवाओं के बीच न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले 17 साल में इस महीने में दर्ज किया गया सबसे कम तापमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी.
विभाग ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो इस महीने का सबसे कम तापमान था. आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ सफदरजंग वेधशाला ने न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि नवम्बर महीने में 2003 से दर्ज किया गया सबसे कम तापमान है. तब 6.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था.''
दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगभग दस दिनों बाद सोमवार को ‘‘अत्यंत खराब'' श्रेणी में दर्ज की गई और धीमी हवाओं के कारण अगले दो दिनों में इसके और खराब होने की आशंका है. दिल्ली के ''पीएम 2.5'' प्रदूषण में पराली जलाये जाने से निकलने वाले प्रदूषकों की हिस्सेदारी रविवार को 12 प्रतिशत थी जबकि सोमवार को यह छह प्रतिशत थी.
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मोबाइल ऐप समीर के अनुसार सोमवार की सुबह शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 281 दर्ज किया गया जबकि शाम को यह 302 पहुंच गया. यह रविवार को 274 था. शनिवार को यह 251, शुक्रवार को 296, बृहस्पतिवार को 283 और बुधवार को 211 था.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी एजेंसी ‘सफर' के अनुसार हालांकि पराली जलाये जाने की घटनाएं कम हो गई हैं. सफर के अनुसार, ‘‘दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 में पराली जलाये जाने की हिस्सेदारी आज छह प्रतिशत रही.''
कश्मीर के ज्यादातर मैदानी इलाकों में सोमवार को मौसम की पहली बर्फबारी हुई. घाटी के ऊंचाई पर स्थित क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बर्फबारी हुई जिसके चलते घाटी को लद्दाख से जोड़ने वाला श्रीनगर-लेह मार्ग बंद हो गया. मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर और श्रीनगर-लेह मार्ग के सोनमर्ग-जोजिला अक्ष के ऊंचाई पर स्थित इलाकों के लिए ‘ऑरेंज' चेतावनी जारी की जिसमें प्रशासन और लोगों से सतर्कता बरतने और तैयार रहने को कहा गया है.
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू और सोनमर्ग-द्रास अक्ष पर कुछ स्थानों पर, कश्मीर के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई तथा कुछ स्थानों पर भारी बर्फबारी हुई. अधिकारी ने बताया कि उत्तर कश्मीर के गुलमर्ग में रात के दौरान चार इंच तक बर्फ गिरी, दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में दस सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई. उन्होंने बताया कि ऊंचाई पर स्थित इलाकों में बर्फबारी अंतिम रिपोर्ट आने तक हो रही थाी तथा यह जारी रहेगी. घाटी में कई स्थानों पर बारिश भी हुई.
यातायात नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि बर्फबारी के कारण श्रीनगर-लेह मार्ग के साथ-साथ घाटी को जम्मू क्षेत्र से जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग मुगल रोड भी बंद हो गया. श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर बर्फबारी के बीच भी यातायात जारी है.
हरियाणा के हिसार में राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान (5.9 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया, जबकि पंजाब में बठिंडा सबसे ठंडा स्थान रहा और वहां न्यूनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. राजस्थान के एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू में पारा जमाव बिंदु पर पहुंच गया है. मौसम विभाग ने इसकी जानकारी दी . राज्य के बाकी इलाकों में भी अच्छी खासी सर्दी पड़ रही है वहीं मौसम विभाग ने अगले दो दिन में राज्य के कई जिलों में बादल छाये रहने तथा हल्की बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है.
विभाग के अनुसार बीती रविवार माउंट आबू में न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक आर एस शर्मा के अनुसार वर्तमान परिस्थिति के अनुसार 24-25 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है. इसके प्रभाव से पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, नागौर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरु तथा आसपास के क्षेत्रों में 24 नवंबर को आसमान में बादल छाए रहेंगे तथा 25 नवंबर को इन जिलों में मेघगर्जन के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है. उनके अनुसार राज्य के अन्य स्थानों पर हल्के बादल व मौसम मुख्यतः शुष्क रहने तथा न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है.