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वाशिंगटन: भारतीय मूल की अमेरिकी और रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने की अपनी योजना की औपचारिक घोषणा 15 फरवरी को कर सकती हैं. अगर ऐसा हुआ तो वह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती पेश करने वाली पार्टी की पहली नेता होंगी. हेली (51) दो बार दक्षिण कैरोलाइना की गवर्नर रह चुकी हैं और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत के तौर पर भी सेवाएं दी हैं.
अगर वह इस पद के लिये दावेदारी करती हैं तो हेली अपने पूर्व बॉस (ट्रंप) के खिलाफ मुकाबले में उतरने वाली पहली दावेदार होंगी. ट्रंप वर्तमान में अपनी पार्टी की तरफ से 2024 में राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिये दावेदारी करने वाले एकमात्र रिपब्लिकन हैं. ट्रंप (76) ने पिछले साल व्हाइट हाउस के लिये अपनी दावेदारी पेश की थी.
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, हेली इस हफ्ते जल्द से जल्द अपनी योजनाओं का संकेत देने वाला एक वीडियो जारी कर सकती हैं. ‘द पोस्ट एंड कूरियर' की खबर के मुताबिक पूर्व गवर्नर के समर्थकों को जल्द ही हेली की 15 फरवरी को होने वाली “विशेष घोषणा” का उल्लेख किए जाने से संबंधित एक निमंत्रण पत्र मिल सकता है. यह कार्यक्रम ‘चार्ल्सटन विजिटर सेंटर' के ‘द शेड' में होगा जिसमें उनके सैकड़ों समर्थकों के जुटने की संभावना है.
पेशावर : पाकिस्तान में अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में खचाखच भरी एक मस्जिद में सोमवार को दोपहर की नमाज की दौरान एक शक्तिशाली आत्मघाती बम विस्फोट होने से 46 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 अन्य घायल हो गये. सुरक्षा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि अपराह्न एक बजकर करीब 40 मिनट पर पुलिस लाइन्स क्षेत्र के समीप जब नमाजी ज़ुहर (दोपहर) की नमाज पढ़े रहे थे, तब अगली पंक्ति में बैठे आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया. उनके अनुसार, नमाजियों में पुलिस, सेना और बम निष्क्रिय दस्ते के कर्मी थे.
लेडी रीडिंग अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अबतक 46 लोगों की जान चली गयी है. हालांकि, पेशावर पुलिस ने 38 मृतकों की सूची जारी की है. घायलों में ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के मृत कमांडर उमर खालिद के एक भाई ने दावा किया कि यह आत्मघाती हमला अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त में मार दिये गये उसके भाई की मौत का बदला है. इस प्रतिबंधित संगठन ने सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाते हुए अतीत में कई आत्मघाती हमले किये हैं, उसे पाकिस्तान तालिबान नाम से भी जाना जाता है.
पेशावर के पुलिस अधीक्षक (जांच) शाहजाद कौकब ने मीडिया को बताया कि जब नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में वह दाखिल ही हुए थे, तभी यह धमाका हुआ लेकिन सौभाग्य से उनकी जान बच गयी. उनका कार्यालय मस्जिद के समीप ही है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट से मस्जिद का एक हिस्सा ढ़ह गया और माना जाता है कि कई लोग उसके मलबे के नीचे दबे हैं. उनके अनुसार, बम हमलावर पुलिस लाइन्स के अंदर, चार स्तरीय सुरक्षा वाली मस्जिद में घुस गया.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह कहते हुए इस हमले की कड़ी निंदा की कि इस घटना के पीछे जिन हमलावरों का हाथ है, उनका "इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है." उन्होंने कहा, "आतंकवादी उन लोगों को निशाना बनाकर डर पैदा करना चाहते हैं जो पाकिस्तान की रक्षा करने का कर्तव्य निभाते हैं." उन्होंने कहा कि विस्फोट में मारे गये लोगों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. उन्होंने कहा, "समूचा राष्ट्र आतंकवाद की इस बुराई के विरूद्ध लड़ाई में एकजुट है. शरीफ ने कहा कि अशांत खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मुकाबला करने के लिए समग्र रणनीति अपनायी जाएगी तथा संघीय सरकार प्रातों को उनकी आतंकवाद विरोधी क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगी.
विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी यह कहते हुए इस हमले की निंदा की कि "स्थानीय और आम चुनाव से पहले आतंकवादी घटनाओं का साफ मतलब है." खैबर पख्तून के गवर्नर हाजी गुलाम अली ने विस्फोट की निंदा की और लोगों से घायलों के वास्ते रक्तदान करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह "पुलिस के प्रति बहुत बड़ी मेहरबानी होगी." अधिकारियों ने बताया कि घायलों को पेशावर के लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया जा रहा है. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि उनमें 13 की हालत नाजुक है.
पेशावर के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गयी है. अस्पताल प्रशासन ने लोगों से रक्तदान करने की अपील की है. पेशावर में विस्फोट के बाद इस्लामाबाद समेत बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. इस्लामाबाद में आने-जाने वाले सभी मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है और महत्वपूर्णस्थानों एवं भवनों पर अचूक निशानेबाज (स्नीपर्स) तैनात किये गये हैं. कार्यवाहक मुख्यमंत्री आजम खान ने हमले की निंदा की है और प्रभावितों के प्रति संवेदना जताई है.
बीजिंग: चीन के एक शीर्ष महामारी विज्ञानी का कहना है कि कोरोनावायरस और उससे होने वाले रोग COVID-19 की लहर का चरम दो से तीन महीने तक बना रहने की आशंका है, और यह लहर जल्द ही दूरदराज के ग्रामीण इलाकों तक भी फैल जाएगी, जहां चिकित्सा संसाधन काफी कम हैं.
रॉयटर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अब जल्द ही चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेज़ी से बढ़ने की आशंका है, क्योंकि चंद्र नववर्ष की छुट्टियों के लिए लाखों लोग अपने-अपने घरों को यात्रा करते हैं. चीनी नववर्ष आधिकारिक तौर पर 21 जनवरी से शुरू होता है, और महामारी के प्रकोप से पहले इसे लोगों के सबसे बड़े वार्षिक प्रवास के रूप में जाना जाता था.
चीन ने लॉकडाउन लगाने के सख्त कोरोनाकाल के खिलाफ नवंबर के अंत में देशभर में हुए ऐतिहासिक विरोध-प्रदर्शनों के बाद पिछले महीने अचानक सभी पाबंदियों को हटा दिया था, और पिछले रविवार को अपनी सीमाओं को भी फिर खोल दिया था.
सरकारी मीडिया के मुताबिक, पाबंदियों के अचानक खत्म होने से चीन के 1.4 अरब आबादी पर वायरस का खतरा मंडरा गया है, जिनमें एक-तिहाई से ज़्यादा ऐसे इलाकों में रहते हैं जहां संक्रमण पहले से चरम पर है.
लेकिन स्थानीय मीडिया आउटलेट कैक्सिन में गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार चाइनीज़ सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के पूर्व मुख्य महामारी विज्ञानी ज़ेंग गुआंग ने चेतावनी दी है कि महामारी का सबसे खराब दौर अभी खत्म नहीं हुआ है. ज़ेंग के हवाले से कहा गया है, "हमारी प्राथमिकता बड़े शहरों पर केंद्रित रही है... और यह समय ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का है..." उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में, जहां चिकित्सा सुविधाएं अपेक्षाकृत खराब हैं, बड़ी तादाद में लोग छूटते जा रहे हैं, जिनमें बुज़ुर्ग, बीमार और दिव्यांग शामिल हैं.
वॉशिंगटन: अमेरिका में एयरपोर्ट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के कंप्यूटरों में अचानक आई तकनीकी खामियों के बाद पूरे देश की एयरलाइन की सभी उड़ानों को अगले आदेश तक रोक दिया गया है. फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन के कंप्यूटर्स में टेक्निकल फॉल्ट हो गया है, जिसके बाद पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में उड़ानें प्रभावित हुईं हैं. NBC न्यूज के मुताबिक, राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूरे मामले में FAA से रिपोर्ट मांगी है.
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अब तक 3,578 फ्लाइट्स लेट हो चुकी हैं. जबकि 450 डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई हैं. अतिरिक्त 100 उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं. न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक- अमेरिका से बुधवार को कुल 21 हजार फ्लाइट टेकऑफ करने वाली हैं. ज्यादातर डोमेस्टिक फ्लाइट्स हैं. इनके अलावा 1,840 इंटरनेशनल फ्लाइट्स US में लैंड करने वाली हैं. इन पर भी असर पड़ रहा है.
बाइडन ने की इमरजेंसी मीटिंग
राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस मामले में इमरजेंसी मीटिंग के बाद मीडिया को ब्रीफिंग दी. बाइडन ने कहा- 'सभी एयरक्राफ्ट सेफ लैंडिंग कर सकते है. हां, ये बात जरूर है कि अभी हम उन्हें टेकऑफ की मंजूरी नहीं दे सकते. फिलहाल, ये कहना भी मुश्किल है इस बड़ी दिक्कत की वजह क्या है. उम्मीद करते हैं कि कुछ घंटे बाद हमें इस बारे में विस्तार से जानकारी मिल जाएगी. मैं खुद इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहा हूं.'
NOTAM का होता है ये काम- NOTAM पूरे फ्लाइट ऑपरेशन का सबसे अहम हिस्सा होता है. इसके जरिए ही फ्लाइट्स को टेकऑफ या लैंडिंग की जानकारी मिलती है. NOTAM रियल टाइम डेटा लेकर एयरपोर्ट ऑपरेशन्स या एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को देता है. इसके बाद एटीसी इसे पायलट्स तक पहुंचाते हैं.
साइबर अटैक से किया इनकार -अमेरिकी इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी तकनीकी खराबी के बाद व्हाइट हाउस का भी बयान आया. NBC न्यूज के मुताबिक, राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूरे मामले में FAA से रिपोर्ट मांगी है. प्रेस सेक्रेटरी कैरीन जीन पियरे ने कहा- 'ट्रांसपोर्टेशन सेक्रेटरी कुछ देर पहले प्रेसिडेंट जो बाइडन से मिले. उन्होंने इस परेशानी के बारे में प्रेसिडेंट को जानकारी दी है. अब तक की जांच के आधार पर हम कह सकते हैं कि यह साइबर अटैक का मामला नहीं है, लेकिन प्रेसिडेंट ने इस मामले की पूरी और गंभीरता से जांच के आदेश दिए हैं और रिपोर्ट मांगी है.
परिवहन मंत्री बटिगीज ने कहा कि वह एफएए के संपर्क में हैं और स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "एफएए इस मुद्दे को तेजी से और सुरक्षित रूप से हल करने के लिए काम कर रहा है, ताकि एयर ट्रैफिक का सामान्य संचालन फिर से शुरू कर सके. एफएए आपको अपडेट करता रहेगा.”
एफएए ने इस संबंध में स्थिति पर ताजा जानकारी में कहा, “एफएए अब भी नोटिस टू एयर मिशन सिस्टम को पूरी तरह से बहाल करने के लिए काम कर रहा है. कुछ काम पटरी पर आ गया है....''