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खास बातें
कमला हैरिस (Kamala Harris) ने बुधवार को अमेरिका की पहली महिला उप-राष्ट्रपति पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया. वो अमेरिका की पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली एशियन अमेरिकन मूल की उप-राष्ट्रपति बनी हैं. उन्होंने एक साथ कई पैमानों पर इतिहास बनाया है. शपथ लेने के बाद उन्होंने अपने यूएस सरकार के अकाउंट से पहला ट्वीट किया और बस तीन शब्दों में अपना उद्देश्य सामने रखा- 'Ready to Serve' यानी सेवा करने को तैयार.
कमला हैरिस पिछले साल नवंबर में उप-राष्ट्रपति पद पर चुने जाने के बाद से यूएस गवर्नमेंट का यह अकाउंट चला रही हैं, जिसपर उनके 7 मिलियन फॉलोअर्स हैं. कमला हैरिस के अपने पर्सनल ट्विटर अकाउंट पर 15 मिलियन फॉलोअर्स हैं. उनके पर्सनल ट्विटर अकाउंट का बायो भी अब बदल दिया गया है.
भारतीय और जमैकन मूल की कमला हैरिस को यूएस सुप्रीम कोर्ट की जज सोनिया सोतोमेयर ने पद की शपथ दिलाई. उनके पद पर चयनित होने को दुनिया भर में लिंग और नस्लभेद के खिलाफ लड़ाई में बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है. कमला हैरिस ने जीतने के बाद अपने पहले भाषण में ही कहा था कि इस पद पर आने वाली पहली महिला हैं, लेकिन आखिरी नहीं. उन्होंने अपनी भारतीय मूल की मां को भी श्रद्धांजलि दी थी और कहा कि वो उन सभी महिलाओं की शुक्रगुजार हैं, 'जो उनसे पहले आईं.'
उन्होंने कहा था कि 'मैं यहां उन महिलाओं की वजह से हूं, जो मुझसे पहले आईं. मेरी यहां मौजूदगी का सबसे ज्यादा श्रेय मेरी मां- श्यामला गोपालन हैरिस को जाता है, जो हमेशा हमारे दिल में हैं.'
अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस एक के बाद एक रिकॉर्ड तोड़ने के लिए जानी जाती रही हैं. बता दें कि कमला हैरिस ने अपने करियर की शुरुआत 90 के दशक में अटॉर्नी के तौर पर की थी. यूएस सीनेट में आने वाली वो पहली भारतीय अमेरिकी थीं. वहीं, सैन फ्रांसिस्को में डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के पद पर नियुक्त होने वाली पहली अश्वेत महिला थीं. इसके अलावा जब वो 2010 में कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनी थीं, तो ऐसा करने वाली वो पहली महिला और पहली अश्वेत अमेरिकी बनी थीं.
खास बातें
अमेरिका में 46वें राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन ने शपथ ले ली है. भारतीय मूल की कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली. जैसा कि पहले से ही मानाजा रहा था कि बाइडेन शपथ लेने के बाद डोनाल्ड ट्रंप के कुछ फैसले पलट देंगे, वैसा ही हुआ. कामकाज संभालने के बाद ही बाइडेन एक्शन में आ गए औरकई ऐसे फैसलों पर साइन किए, जिनकी लंबे समय से मांग चल रही थी. इसमें कोरोना वायरस, आव्रजन और जलवायु परिवर्तन के मामले में शामिल हैं.
जो बाइडेन ने कार्यभार संभालते ही ‘ग्लोबल वॉर्मिंग' कम करने की वैश्विक लड़ाई में अमेरिका को फिर से शामिल कर दिया है. बाइडेन ने बुधवार को अपने पहले भाषण में कहा , ग्रह स्वयं ही खुद को बचाने की गुहार लगा रहा है. उन्होंने कहा, यह गुहार पहले कभी इतनी हताशा भरी और स्पष्ट नहीं थी. बाइडेन ने शपथ ग्रहण करने के कुछ घंटे बाद ही ‘पेरिस जलवायु' समझौते में अमेरिका को पुन: शामिल करने के लिए एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए और अपने एक बड़े चुनावी वादे को पूरा किया. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस समझौते से बाहर कर लिया था. पेरिस समझौते में शामिल 195 देशों और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं के लिए कार्बन प्रदूषण को कम करने और उनके जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन की निगरानी करने तथा उसकी जानकारी देने का लक्ष्य रखा गया है. चीन के बाद अमेरिका दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है.
ये है बाइडेन के लिए महत्वपूर्ण फैसले
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन से जुड़े मामले से खुद को अलग कर लिया था और पेरिस समझौते से भी अपना नाम वापस ले लिया था, लेकिन जो बाइडेन इस मामले को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए इसमें वापसी करने की बात कही है.
कोरोना वायरस के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन से डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के मतभेद हुए और उन्होंने खुद को विश्व स्वास्थ्य संगठन से नाता तोड़ लिया. इसके बाद बाइडेन ने कहा था कि अगर वे वापस आते हैं तो WHO से नाता जोड़ेंगे.
गौरतलब है कि बाइडेन ने शपथ के दौरान अपने भाषण में नस्लीय भेदभाव को खत्म करने की भी बात कही है. उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र को मजबूत करते हुए अब एकता के साथ आगे बढ़ने का समय है. अमेरिका एक महान देश है.
वाशिंगटन: अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन को शुभकामनाएं दी. इससे पहले जो बाइडेन ने भावुक अंदाज में वॉशिंगटन की उड़ान भरी. बुधवार (20 जनवरी) को नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस पदभार संभालेंगे.
अपने गृहनगर विलमिंगटन, डेलावेयर से वाशिंगटन के लिए उड़ान भरने से पहले एक विदाई समारोह में जो बाइडेन बेहद भावुक नजर आए. उनके गालों पर आंसू टपकते नजर आए, जहां उन्होंने अपने दिवंगत पुत्र और उभरते राजनीतिज्ञ बियू को श्रद्धांजलि दी.
78 वर्षीय जो बाइडेन ने कहा, "मेरी भावनाओं को माफ कीजिएगा लेकिन जब मैं मर जाऊंगा, तो मेरे दिल पर डेलावेयर लिखा होगा. मुझे सिर्फ एक पछतावा रह जाएगा कि वो यहां नहीं है क्योंकि वो मुझे राष्ट्रपति के रूप में देखना और परिचय कराना चाहता था."
ट्रम्प, जो एक सप्ताह से सार्वजनिक तौर पर प्रकट नहीं हुए थे, ने एक विदाई संबोधन के साथ अपना मौन तोड़ा, जिसे व्हाइट हाउस ने कहा था कि दिन में बाद में जारी किया जाएगा. ट्रंप के विदाई संबोधन के अंश के अनुसार, उन्होंने पहली बार अमेरिकियों से आने वाले बाइडेन प्रशासन की सफलता के लिए "प्रार्थना" करने को कहा है.
अमेरिका के इतिहास में सबसे अधिक उम्र के राष्ट्रपति बनने जा रहे बाइडन शपथ ग्रहण के तुरंत बाद राष्ट्रपति के तौर पर देश के नाम अपना पहला संबोधन देंगे. ऐतिहासिक भाषण भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक विनय रेड्डी तैयार कर रहे हैं, जो एकता और सौहार्द पर आधारित होगा.
जो बाइडन बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति जबकि कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी. ट्रम्प समर्थकों द्वारा कैपिटल हिल (संसद भवन परिसर) पर हाल ही में हुए हमले के बाद ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर सुरक्षा की बढ़ती चिंताओं के बीच बुधवार को बाइडन और हैरिस शपथ ग्रहण करेंगे.
मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स 12 बजते ही (स्थानीय समयानुसार) कैपिटल के वेस्ट फ्रंट में बाइडन को पद की शपथ दिलाएंगे. शपथ ग्रहण का यह पारंपरिक स्थान है जहां नेशनल गार्ड्स के 25 हजार से अधिक जवान सुरक्षा में तैनात रहेंगे. निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए इस स्थान को किले में तब्दील कर दिया गया है.