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चीन (China) में Covid-19 संक्रमण का वास्तविक स्तर जानना अब "असंभव" हो गया है. चीन की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था ने बुधवार को यह जानकारी दी. चीन की तरफ से ज़ीरो-कोविड पॉलिसी (Zero-Covid Policy) को अचानक खत्म करने के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने बीजिंग में कोविड के तेजी से फैलने की चेतावनी दी है. चीन ने कोरोना महामारी के लगभग तीन साल बाद पिछले हफ्ते मास टेस्टिंग और क्वारेंटीन पर प्रतिबंधों को ढ़ीला किया था. इससे आधिकारिक तौर पर चीन के कोविड आंकड़ों में बड़ी गिरावट देखने को मिली जबकि पिछले महीने ही चीन में कोरोना के संक्रमण के नए रिकॉर्ड देखने को मिल रहे थे.
अब जबकि देश के अधिकतर भागों में टेस्टिंग ज़रूरी नहीं है , चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने बुधवार को यह माना कि उसके आधिकारिक आंकड़े अब वास्तविक तस्वीर पेश नहीं कर रहे हैं.
न्यूजीलैंड की सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने देश में अगले साल 2023 से तंबाकू पर प्रतिबंध लगा दिया है। न्यूजीलैंड की संसद ने इस संबंध में कानून को पारित कर दिया है। इस कानून के मुताबिक साल 2008 के बाद पैदा हुआ कोई भी शख्स कभी भी सिगरेट या टैबेको प्रोडक्ट नहीं खरीद सकता है। इस कानून के जमीन पर आने के बाद तंबाकू या सिगरेट खरीदने वालों के नंबर कम हो जाएंगे। संसद में बिल पेश करते वक्त स्वास्थ्य मंत्री आयशा वेराल ने कहा कि ये "धूम्रपान मुक्त भविष्य की ओर" एक महत्वपूर्ण कदम है।
न्यूज़ीलैंड देश में स्मोकिंग रेट पहले से ही कम निचले स्तर पर है। नवंबर में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार केवल 8 फीसदी व्यस्क रोजाना स्मोक करते है, ये दर पिछले साल की तुलना में 9.4 प्रतिशत से नीचे है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस बिल के लागू होने के बाद देश भर में स्मोक्ड टैबेको प्रोडक्ट्स को बेचने में खुदरा विक्रेताओं की संख्या को 600 तक सीमित हो सकती है। निकोटीन को गैर-नशे की लत के स्तर तक कम कर दिया जाएगा।
नया कानून वैप प्रोडक्ट्स पर प्रतिबंध नहीं लगाता है, जो सिगरेट की तुलना में युवा पीढ़ी के बीच कहीं अधिक लोकप्रिय हैं।
भारत में टोबैको प्रोडक्ट्स पर कब लगेगा बैन ?
वहीं भारत में भी संसद में तंबाकू प्रोडक्ट्स पर रोक लगाने की सिफारिशें की गई हैं, ये सिफारिश संसदी की स्थायी समिति ने की है। इसके साथ ही देश के हर एयरपोर्ट पर भी स्मोकिंग जोन बंद करने की सिफारिश भी की गई है।
न्यूयॉर्क: ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने कहा है कि वे सोशल मीडिया कंपनी के भविष्य को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं हैं क्योंकि सर्वश्रेष्ठ लोग कंपनी के साथ हैं. दरसअल मस्क ने जो समय सीमा दी थी उसका पालन करते हुए सैकड़ों कर्मचारी कंपनी छोड़ चुके हैं. ट्विटर ने संदेश भेजकर कर्मचारियों से कहा था कि अगले कुछ दिन के लिए वह कार्यालय भवनों को बंद कर रही है. इसके बाद अनेक कर्मचारियों ने कंपनी छोड़ दी थी.
कंपनी के एक उपयोगकर्ता ने ट्वीट करके मस्क से पूछा था ‘‘लोगों का कहना है कि ट्विटर बंद होने वाला है, इसका क्या मतलब है.'' इसके जवाब में मस्क ने ट्वीट किया, ‘‘सर्वश्रेष्ठ लोग ट्विटर में रुक रहे हैं. मुझे खास चिंता नहीं है.''
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि मस्क ने कर्मचारियों को यह तय करने के लिए गुरुवार शाम पांच बजे तक की समय सीमा दी थी कि वे ट्विटर छोड़ना चाहते हैं या कंपनी में रहना चाहते हैं. इसके बाद सैकड़ों कर्मचारियों ने कंपनी को अलविदा कहने और तीन महीने की क्षतिपूर्ति लेने का निर्णय लिया.
तेल अवीव: पानी ज़िन्दगी की मूलभूत ज़रूरतों में से एक है, और उसके बिना दुनिया में किसी का भी काम नहीं चल सकता है. एक तथ्य यह भी है कि दुनियाभर में 70 फीसदी पानी होने के बावजूद पेयजल, यानी पीने लायक पानी कि किल्लत का सामना बहुत-से स्थानों पर करना पड़ रहा है. UNICEF की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में हर तीसरे व्यक्ति को पीने का साफ पानी उपलब्ध नहीं है. भारत में भी कई नदियां सूख रही हैं और भूजल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है और माना जाता है कि वर्ष 2050 तक पानी का संकट बेहद खराब रूप ले सकता है. पानी की कमी से जूझता ऐसा ही एक मुल्क है इस्राइल, जो लगातार ऐसी ईजाद में जुटा रहता है, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पानी जुटाया जा सके.
इस्राइल की एक कंपनी वॉटरज़ेन (WATERZEN) ने एक ऐसी मशीन ईजाद कर दी है, जो हवा से ही साफ पानी बना लेती है. यही नहीं, इस्राइली कंपनी ने इस मशीन को कार में भी कामयाबी से फिट कर लिया है, जिससे यह क्रांतिकारी तकनीक ज़्यादा कारगर हो गई है.
वॉटरज़ेन का कहना है, कार किसी भी ब्रांड की हो सकती है, लेकिन यह मशीन लग जाने के बाद वह सामान्य कार नहीं रह जाएगी, क्योंकि इसके बाद कार किसी को भी शुद्ध साफ पानी पिला सकेगी. वॉटरज़ेन के इस्राइल की राजधानी तेल अवीव स्थित मुख्यालय का दौरा कर हमारे संवाददाता उमाशंकर सिंह ने इस मशीन के बारे में न सिर्फ जानकारी हासिल की, बल्कि कार में लगी मशीन के ज़रिये हवा की नमी को सोखकर बनाया गया पानी पीकर भी देखा.
अब वॉटरज़ेन कंपनी दुनिया के कई कार निर्माताओं से बात कर रही है, ताकि इस मशीन को हर तरह मॉडलों में फिट किया जा सके. दरअसल, वॉटरज़ेन पिछले कई सालों से हवा की नमी को सोखकर पानी बनाने की तकनीक विकसित करने पर काम करती आ रही थी, और इस मशीन से पहले इस तरह के वॉटर जेनरेटर बना चुकी है, जो घरों और दफ्तरों में लगाए जा रहे हैं.
उमाशंकर सिंह ने एक दफ्तर में लगी मशीन का भी मुआयना किया, जो दिखने में आम वॉटर डिस्पेन्सर मशीन जैसा ही दिखती है. बस, फर्क सिर्फ इतना है कि दफ्तरों में आमतौर पर लगी मशीनों में पानी की बड़ी बोतल को मशीन पर टिकाना होता है, लेकिन इस मशीन में पानी की कोई बोतल नहीं लगानी पड़ती, क्योंकि यह आसपास की हवा से नमी को सोखकर पानी बना लेती है.
वॉटरज़ेन कंपनी द्वारा घरेलू इस्तेमाल के लिए बनाई गई मशीन 24 घंटे में 30 लीटर पानी बना सकती है. वॉटरज़ेन का कहना है कि इस मशीन के सुचारु ढंग से काम करने के लिए हवा में मात्र 20 फीसदी नमी होना पर्याप्त होता है. इस मशीन के ज़रिये हवा में से नमी को सोखकर बनाए गए पानी में खनिज, यानी मिनरल, भी मिलाए जाते हैं, ताकि पानी शुद्ध होने के साथ-साथ पौष्टिक भी रहे.
अच्छी ख़बर यह भी है कि इस्राइल की वॉटरज़ेन कंपनी द्वारा बनाई जा रही इस मशीन के लिए उनके साथ मिलकर काम कर रही भारतीय कंपनी एस.एम.वी. जयपुरिया ग्रुप के मुताबिक, भारत में भी इसकी मांग काफी बढ़ रही है, जो उत्साहजनक है. वॉटरज़ेन के CEO मायन मुल्ला ने कहा, "घरों और दफ़्तरों में इस्तेमाल की जाने वाली दोनों मशीनों के लिए हमें भारत में बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है..."
इन मशीनों के अलावा, वॉटरज़ेन ने ऐसे बड़े-बड़े वॉटर जेनरेटर भी तैयार किए हैं, जो समूचे दफ्तर या दफ्तरों और घरों के समूहों को भी पानी की निर्बाध सप्लाई देते रह सकें. ऐसा ही एक वॉटर जेनरेटर वॉटरज़ेन कंपनी मुख्यालय की छत पर लगा हुआ है. कार, घर और दफ्तर के भीतर लगाए जाने वाले वॉटर जेनरेटर कम क्षमता के होते हैं, लेकिन छत कर रखे जाने वाले ऐसे जेनरेटर भी हैं, जो कई फ्लैटों या पूरे बड़े-बड़े दफ्तरों की पानी की ज़रूरत को पूरा कर सकते हैं. वॉटरज़ेन कंपनी मुख्यालय की छत पर लगा वॉटर जेनरेटर 24 घंटे में 800 से 900 लीटर तक पानी पैदा करता है, और उसे नीचे दफ्तर में भेजता है.
वॉटरज़ेन के वरिष्ठ अधिकारी मिकी शोहम ने बताया, एक और बड़ा जेनरेटर है, जो 24 घंटे में 6,000 लीटर तक पानी पैदा करता है, और इसका इस्तेमाल सामुदायिक स्तर पर किया जा सकता है. यानी यह जेनरेटर एक साथ कई घरों और दफ्तरों की पानी की ज़रूरत को पूरा कर सकता है. उनके मुताबिक, इस तरह से बनाए जाने वाले पानी की कीमत लगभग 50-60 पैसे प्रति लीटर तक हो सकती है.