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खास बातें
फैटी लीवर को हेपेटिक स्टीटोसिस के रूप में भी जाना जाता है. यह तब होता है जब लीवर (Liver) में वसा का निर्माण होता है. फैटी लीवर के कारण कई हैं, लेकिन लोग इन पर ध्यान देने की बजाय फैटी लीवर से बचने के उपायों पर ज्यादा ध्यान देते हैं. लीवर हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों को करने के लिए जाना जाता है. आपका जिगर आपके शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है. आपके लीवर में कम मात्रा में वसा का होना सामान्य है, लेकिन बहुत अधिक एक स्वास्थ्य समस्या बन सकती है. कई लोग फैटी लीवर के इलाज के बारे में सवाल करते हैं. यह भोजन और पेय से पोषक तत्वों को संसाधित करने में मदद करता है, लेकिन फिर भी लीवर को हेल्दी रखने के उपायों की तरफ किसी का ध्यान नहीं है, जो चिंताजनक है. लीवर आपके रक्त से हानिकारक पदार्थों को फिल्टर करता है. फैटी लीवर की बीमारी में आपकी लीवर पर्याप्त रूप से वसा का चयापचय नहीं करता है.
अतिरिक्त वसा यकृत कोशिकाओं में जमा होती है, जहां यह जमा होती है और फैटी लीवर रोग का कारण बनती है. हालांकि फैटी लीर से छुटकारा पाने के तरीके कई हैं, लेकिन आपको सबसे पहले फैटी लीवर की वजह को पकड़ना होगा. कुछ कारण हैं जो फैटी लीवर की समस्या को जन्म देते हैं. साथ ही फैटी लीवर के लिए घरेलू उपाय भी कमाल हो सकते हैं.
यहां फैटी लीवर के कारणों के साथ फैटी लीवर के घरेलू उपाय भी जानें...
फैटी लीवर से निजात पाने के लिए इन कारणों से बचें
1. मोटापा
मोटापा की समस्या आपको फैटी लीवर के जोखिम में डाल सकती है. जरूरी नहीं है की हर इंसान जो मोटापे से जूझ रहा है, उसको फैटी लिवर की बीमारी हो, लेकिन एक स्वस्थ और सही BMI बनाए रखना इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी है. पेट के आस पास फैट इकठ्ठा होने से फैटी लिवर होने की संभावना बढ़ जाती है.
अगर आप ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में नहीं रखते हैं तो आपको फैटी लीवर की समस्या हो सकती है. डायबिटीज के मरीजों में हाई शुगर की समस्या नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लीवर की परेशानी को बढ़ावा दे सकती है. यह एक ऐसी स्थिति होती है, जब लीवर में अत्यधिक फैट जमा होने लगता है. फिर चाहे डायबिटीज का मरीज एल्कोहॉल का सेवन बहुत कम करता हो.
3. इंसुलिन रेजिस्टेंस
शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध होने पर फैटी लीवर की समस्या हो सकती है. कई शोधों में यह बात सामने आई है कि अगर आपका इंसुलिन का स्राव हेल्दी नहीं है तो आपको फैटी लीवर के साथ कई और समस्याएं भी हो सकती हैं. इसलिए अपने इंसुलिन स्राव हो बेहतर बनाए रखना जरूरी है.
फैटी लीवर के कम सामान्य कारण
- गर्भावस्था
- तेजी से वजन कम होना
- कुछ प्रकार के संक्रमण, जैसे हेपेटाइटिस सी
- कुछ प्रकार की दवाओं से साइड इफेक्ट्स
- कुछ विषों के संपर्क में आने से
फैटी लीवर के लिए कारगर घरेलू उपाय
देश में हुए एक सर्वे के मुताबिक स्मोकिंग करने वाले और शाकाहारी लोगों में कोरोना के संक्रमण का खतरा कम रहता है। यह सर्वे देश की संस्था कांउसलिंग फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च ने की है। इस सर्वे में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ओ ब्लड ग्रुप वालों को कोरोना के संक्रमण का खतरा कम है। जबकि बी और एबी ग्रुप वालों को ज्यादा खतरा है।
कांउसलिंग फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च यानी सीएसआईआर ने यह सर्वे देशभर के 10 हजार 427 लोगों पर रिसर्च कर किया। इनमें वो लोग शामिल थे, जो देशभर की सीएसआईआर की अलग-अलग प्रयोगशालाओं में काम करते हैं। हालांकि उन्हें इस बात की आजादी दी गई थी कि वे चाहे तो ही इस रिसर्च में भाग लें।
इस रिसर्च का मकसद था कोरोना के खिलाफ लोगों में एंटीबॉडीज की मौजूदगी के बारे में पता लगाना।
स्टडी में शामिल विशेषज्ञों ने मीडिया को बताया कि इस दौरान यह बात भी सामने आई कि स्मोकिंग यानी धुम्रपान करने वाले लोगों में कोरोना के संक्रमण का खतरा कम होता है। हालांकि यह बेहद हैरान करने वाली बात है क्योंकि स्मोकिंग से सबसे ज्यादा नुकसान फेफड़ों को ही होता है, लेकिन यहां स्मोकिंग कोरोना से फेफड़ों को बचा रही है।
इससे पहले न्यूयॉर्क, इटली, फ्रांस और चीन की रिसर्च में भी यही बात सामने आई थी। इसके साथ ही रिसर्च में कहा गया है कि जो लोग सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करते हैं, सिक्योरिटी जॉब वाले, मेड और नॉन-वेजिटेरियन यानी मांसाहार का सेवन करने वालों को कोरोना का खतरा दूसरे लोगों की तुलना में ज्यादा है। जबकि कुछ समय पहले भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को धुम्रपान से बचने की सलाह दी थी।