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अभी तक आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि मछली खाने के बाद दूध मत पीना, वर्ना सफेद दाग पड़ जाएंगे! लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। जयपुर स्थित स्किना हॉस्पिटल के डर्मेटॉल्जिस्ट पुष्पेंद्र भारद्धाज से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस बात को सरासर गलत बताया।
मिथक: विटिलिगो लाइलाज बीमारी है?
फैक्ट : ऐसा बिल्कुल नहीं है। हमारे देश में विटिलिगो के इलाज के लिए पूरी दवाएं और तकनीक हैं। इसके इलाज के लिए नवीनतम तकनीक मेलेनॉइट ट्रांसमिशन है, जिसमें सामान्य त्वचा से केवल मेलानोसाइट्स निकाला जाता है और विटिलिंगियस स्पॉट्स पर इंजेक्ट कर दिया जाता है।
प्यूरिन का जरूरत से ज्यादा सेवन करने पर और शरीर में प्यूरिन की मात्रा बढ़ जाने पर यूरिक एसिड बढ़ने लगता है. यूरिक एसिड एक तरह का नेचुरल वेस्ट प्रोडक्ट है जो तब निकलता है जब शरीर प्यूरिन को ब्रेक करता है. यह किडनी से फिल्टर होकर शरीर से बाहर निकलने लगता है. लेकिन, हाई यूरिक एसिड होने पर किडनी इसे सही तरह से फिल्टर नहीं कर पाती है और यह शरीर में फैलने लगता है. यूरिक एसिड क्रिस्टल्स के रूप में जोड़ों में जम जाता है और जोड़ों के दर्द (Joint Pain) का कारण बनता है. इससे गाउट की दिक्कत भी हो जाती है. ऐसे में खानपान में सुधार करके यूरिक एसिड कम किया जा सकता है.
यूरिक एसिड कम करने वाले फूड्स
यूरिक एसिड कम करने के लिए केले का सेवन किया जा सकता है. केले में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है और इनमें प्यूरिन (Purine) ना के बराबर होता है. ऐसे में यूरिक एसिड कम करने के लिए केले खाए जा सकते हैं.
विटामिन सी से भरपूर नींबू का सेवन यूरिक एसिड में असर दिखाता है. नींबू (Lemon) में विटामिन सी के साथ-साथ सिट्रिक एसिड भी होता है. नींबू पानी पीने से ही शरीर से टॉक्सिंस निकल जाते हैं और यह यूरिक एसिड को भी शरीर से बाहर करता है.
फाइबर से भरपूर सेब यूरिक एसिड लेवल्स को कम कर सकता है. सेब शरीर पर यूरिक एसिड के प्रभाव को कम करते हैं. इनसे शरीर को मैलिक एसिड भी मिलता है जो यूरिक एसिड का खात्मा करता है.
सीताफल या कद्दू (Pumpkin) को अक्सर ही सेहत के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद सब्जियों की गिनती में रखा जाता है. कद्दू में बीटा कैरोटिन, ल्यूटिन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जो यूरिक एसिड को कम करते हैं. इसे पकाकर सब्जी या सूप की तरह भी खाया जा सकता है.
एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर चेरीज यूरिक एसिड कम करने में असरदार होती हैं. इससे यूरिक एसिड के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द से भी राहत मिल जाती है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.
बारिश के सुहाने मौसम में घूमने का मजा ही अलग होता है, लेकिन ये मौसम कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स अपने साथ लेकर आता है। मानसून में स्किन इंफेक्शन की समस्या बच्चों से लेकर बड़ों में नजर आ सकते हैं।
मानसून में स्किन इंफेक्शन से बचने के टिप्स
- चेहरे पर मौजूद एक्सट्रा ऑयल और गंदगी को हटाने के लिए अपने चेहरे को दिन में दो बार गैर-कॉमेडोजेनिक क्लींजर से साफ करें।
- बैक्टीरिया के संचरण को रोकने के लिए अपने चेहरे को गंदे हाथों से छूने से बचें।
- पोर्स को बंद किए बिना अपनी स्किन को हाइड्रेटेड रखने के लिए तेल मुक्त और हल्के मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें।
- पिंपल्स को कम करने के लिए सैलिसिलिक एसिड या बेंज़ॉयल पेरोक्साइड स्पॉट इलाज के लिए इस्तेमाल करें।
- अपनी स्किन को ड्राई और साफ रखें, खासकर फंगल इंफेक्शन वाले एरिया जैसे कि पैर की उंगलियों, अंडरआर्म्स और कमर के बीच में।
- रेगुलर अपने कपड़े बदलें, और पसीने वाले कपड़ों में ज्यादा देर रहने से बचें।
- टाइट-फिटिंग कपड़े पहनने से बचें जो नम वातावरण बना सकते हैं और फंगल इंफेक्शन को बढ़ा सकते हैं।
3. बहुत ज्यादा पसीना आना
4. बेजान और डिहाइड्रेटेड स्किन
- अपनी स्किन को अंदर से हाइड्रेटेड रखने के लिए सही मात्रा में पानी का सेवन बढ़ाएं।
- डेड स्किन सेल्स को हटाने और चेहरे की चमकदार रंगत दिखाने के लिए हफ्ते में एक या दो बार सौम्य एक्सफोलिएटर का यूज करें।
- स्किन में नमी बनाए रखने के लिए हल्का, गैर-चिकना मॉइस्चराइजर लगाएं।
- स्किन की नमी को अतिरिक्त बढ़ावा देने के लिए हाइड्रेटिंग फेस मास्क या शीट मास्क को अपनी स्किन की देखभाल के रूटीन में शामिल करें।
5. धूप से सुरक्षा
जामुन में विटामिन, सी, ए, के बी, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, मिनरल्स, मैग्नीशियम, जिंक, आयरन जैसे पोषक तत्व से भरपूर होता है। जामुन बच्चों से लेकर बड़े सबको बेहद पसंद होता है। जामुन आपके शरीर में खून बढ़ाने, दिल को हेल्दी रखने में फायदेमंद है। लेकिन इसे खाने से पहले भी कई तरह की हिदायत दी जाती है। खासकर ऐसे लोगों को जिन्हे पहले से कोई बीमारी या परेशानी होती है। तो आइए जानते हैं किन लोगों को जामुन खाने से परहेज करना चाहिए।
ये लोग जामुन खाने से करें परहेज
1. ब्लड शुगर के मरीज-जामुन अपने ब्लड शुगर को कम करने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। हालांकि यह डायबिटीज वाले व्यक्तियों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह कम ब्लड शुगर के स्तर वाले लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकता है। जामुन का सेवन संभावित रूप से ब्लड शुगर के स्तर को और कम कर सकता है, जिससे प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। अगर आपका ब्लड शुगर कम है या हाइपोग्लाइसीमिया होने का खतरा है, तो सलाह दी जाती है कि आप जामुन का सेवन करने से बचें।
2. एसिडिटी या पाचन की समस्या होने पर- जामुन में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो ज्यादातर लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है। हालांकि, कुछ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मुद्दों, जैसे चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (आईबीएस) या सूजन आंत्र रोग (आईबीडी) वाले व्यक्तियों के लिए ये नुकसानदायक हो सकता है। जामुन में उच्च फाइबर सामग्री उनकी समस्या के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में आप पेट से जुड़ी समस्या होने पर जामून का सेवन करने से बचें।
3. एलर्जी वाले व्यक्ति करें परहेज- किसी भी भोजन की तरह, कुछ लोगों को जामुन खाने से भी एलर्जी हो सकती है। अगर आपको जामुन या संबंधित फलों, जैसे आलूबुखारा या चेरी से एलर्जी है, तो एलर्जी की प्रतिक्रिया को रोकने के लिए जामुन का सेवन करने से बचना बहुत जरूरी है। अगर आपको जामून खाने के बाद खुजली, पित्ती, सूजन, सांस लेने में परेशानी या पाचन संबंधी परेशानी होने लगती है, तो समझ जाए आपको जामून खाने से एलर्जी है और इसका सेवन तुरंत बंद कर दें और अपने डॉक्टर को दिखाएं
4. पहले से किसी बीमारी की दवा लेने वाले व्यक्ति-अगर आप कोई दवा ले रहे हैं, तो जामुन का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें। कुछ दवाएं जामुन में मौजूद यौगिकों के साथ परस्पर क्रिया कर सकती हैं, जिससे संभावित रूप से उनकी प्रभावशीलता प्रभावित हो सकती है या आपके सेहत पर गलत असर पड़ सकता है।