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नई दिल्ली: पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार का मंगलवार को ऐलान कर दिया. पंजाब में AAP का सीएम चेहरा भगवंत मान होंगे. दिल्ली के मुख्यंमत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह घोषणा की. भगवंत मान आप की पंजाब इकाई के प्रमुख होने से साथ-साथ संगरूर लोकसभा सीट से AAP सांसद हैं. भगवंत मान आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट के सबसे लोकप्रिय नेता हैं.
पिछले हफ्ते पंजाब की जनता से मुख्यमंत्री पद के लिए अपने पसंदीदा उम्मीदवार का नाम बताने की अपील करते हुए केजरीवाल ने एक मोबाइल नंबर जारी किया था. केजरीवाल ने आज संवाददाताओं से कहा कि फोन और व्हाट्सएप के जरिये भगवंत मान को 93 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले हैं.
केजरीवाल ने कहा कि तीन प्रतिशत वोट पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्ध के नाम पर आए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ वोट मेरे पक्ष में भी आए हैं, जिन्हें अवैध घोषित किया गया है.
आप संयोजक केजरीवाल ने कहा, "यह स्पष्ट हो गया है कि आम आदमी पार्टी पंजाब चुनाव में जीतेगी. एक तरह से, मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुना गया व्यक्ति पंजाब का अगला मुख्यमंत्री होगा."
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार ये होने जा रहा है कि किसी पार्टी का CM उम्मीदवार कौन हो ये जनता द्वारा चुना गया है. 21 लाख से ज़्यादा लोग इस मुहिम से जुड़े और अपनी राय रखी है.
कौन हैं भगवंत मान? जानें...
- हास्य कलाकार के रूप में मशहूर
- 2012: मनप्रीत बादल की पीपीपी में शामिल
- 2012: लहरा विधानसभा सीट से हारे
- 2014: आम आदमी पार्टी में शामिल
- 2014: संगरूर लोकसभा सीट से जीते
- 2017: जलालाबाद से विधानसभा चुनाव लड़े
- 2017: सुखबीर बादल से विधानसभा चुनाव हारे
- 2019: संगरूर से फिर लोकसभा चुनाव जीते
- सांसद के साथ-साथ पंजाब प्रदेश अध्यक्ष
नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने पंजाब में अब 20 फरवरी को मतदान कराने का फैसला किया है. पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए पहले 14 फरवरी को वोटिंग होनी थी लेकिन राज्य सरकार और विभिन्न सियासी पार्टियों ने चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने का आग्रह किया था. गौरतलब है कि पंजाब की सभी 117 सीटों पर एक ही चरण में 14 फरवरी को वोट डाले जाने थे लेकिन अब वोटिंग की तारीख आगे बढ़ाकर 20 फरवरी कर दी गई है.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयोग को चिट्टी लिखकर सुझाव दिया था कि 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को गुरु रविदास जयंती को ध्यान में रखते हुए कम से कम छह दिनों के लिए टाल दिया जाना चाहिए. मतदान की तारीख़ के दो दिन बाद 16 फ़रवरी को रविदास जयंती है. पंजाब के सीएम ने पत्र में लिखा था कि अनुसूचित जाति समुदाय के प्रतिनिधियों, जिसमें पंजाब की आबादी का 32 प्रतिशत शामिल है, ने उन्हें बताया है कि रविदास जयंती की वजह से बड़ी संख्या में समुदाय के लोग 10 से 16 फरवरी को वाराणसी जाते हैं. ऐसी स्थिति में कई लोग विधानसभा चुनाव के लिए अपना वोट नहीं डाल पाएंगे, जो संवैधानिक अधिकार है.
बीजेपी और उसकी सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग को ख़त लिखकर पंजाब में 14 फरवरी को होने वाले मतदान को आगे बढ़ाने का आग्रह किया था. पंजाब बीजेपी के महासचिव सुभाष शर्मा ने रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे लेटर में कहा था, "राज्य में अनुसूचित जाति समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी संख्या है, जो यहां की आबादी का करीब 32 प्रतिशत है. इस पवित्र अवसर पर, लाखों लोग गुरपर्व मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के बनारस जाएंगे. इसलिए उनके लिए मतदान प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं होगा."आप की पंजाब इकाई के प्रमुख भगवंत मान ने भी चुनाव आयोग से इसी तरह की गुहार लगाई थी.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और बीजेपी को 24 घंटों के अंदर ही दूसरा झटका लगा है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद योगी सरकार के एक और मंत्री व ओबीसी नेता दारा सिंह चौहान ने इस्तीफा दे दिया है. पिछले 24 घंटों में यानी कल से छह नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. दारा सिंह चौहान के समाजवादी पार्टी से जुड़ने की संभावना जताई जा रही है. राजनीतिक दृष्टि से देश के सबसे अहम राज्य यूपी में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है. दो दिनों में दो मंत्री और चार विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं. राज्य में फिर से सत्ता हासिल करने के लिए योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी को इस बार अखिलेश यादव से कठिन चुनौती मिल रही है.
गौरतलब है कि इससे पहले, कल योगी आदित्यनाथ सरकार के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी का दामन छोड़ दिया था. मौर्य, उत्तर प्रदेश में ओबीसी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. उनके साथ ही बीजेपी के चार और विधायकों ने पार्टी छोड़ने का फ़ैसला किया, जिनमें बृजेश प्रजापति, रोशन लाल, भगवती सागर, और विनय शाक्य शामिल हैं.अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)के प्रभावी नेता और पांच बार के विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने मायावती की बीएसपी छोड़ने के बाद 2017 में बीजेपी ज्वॉइन की थी. वह अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का मुकाबला करने के लिए ओबीसी वोटर्स को आकर्षित करने की बीजेपी की योजना कें केंद्र बिंदु थे.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. योगी सरकार के श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे के बाद मौर्य समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात भी की. अखिलेश ने मुलाकात की तस्वीर शेयर की है. सपा सुप्रीमो ने मौर्य का स्वागत करते हुए कहा कि "सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा. बाइस में बदलाव होगा." तिलहर से बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा भी मौर्य के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो रहे हैं, और इनके अलावा बांदा की तिंदवारी सीट से BJP विधायक ब्रजेश प्रजापति तथा बिल्हौर से BJP MLA भगवती सागर ने भी इस्तीफा दे दिया है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को लिखे पत्र में कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं."
पा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मौर्य को स्वागत करते हुए ट्वीट में कहा, "सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंक़लाब होगा ~ बाइस में बदलाव होगा."
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य 2016 में मायावती की पार्टी बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. मौर्य को बीएसपी सुप्रीमो मायावती के करीबी नेताओं में गिना जाता था. स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बंदायू से बीजेपी की सांसद हैं. मौर्य ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य कई बार विधायक रह चुके हैं.
मौर्य के साथ BJP विधायक रोशन लाल वर्मा भी सपा से जुड़े
स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफ़ा लेकर बीजेपी के तिलहर से विधायक रोशन लाल वर्मा राजभवन पहुंचे. तीन बार के विधायक रोशन लाल वर्मा ने बताया कि वो भी स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा में जाएंगे. बीजेपी विधायक का सपा में जाना पार्टी के लिए दूसरा झटका है.