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नई दिल्ली: देश का सबसे बड़ा आईपीओ आज निवेशकों के लिए खुलेगा, जिसको लेकर निवेशकों में बड़ी हलचल है. आखिर एलआईसी आईपीओ में भागीदारी के लिए कितना न्यूनतम या अधिकतम निवेश करना होगा. क्या एडवांस बुकिंग भी हो सकती है, ऐसे तमाम सवाल इंटरनेट पर पूछे जा रहे हैं. ऐसे ही कुछ आम सवालोंका ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया ने जवाब दिया है. एलआईसी ने एंकर निवेशकों से 5,627 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं, जिनमें ज्यादातर घरेलू कंपनियां हैं. एंकर निवेशकों के लिए 949 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की दर पर 5.92 करोड़ शेयर आरक्षित रखे गए थे. एलआईसी अपने 3.5 फीसदी शेयरों की बिक्री आईपीओ के जरिये करने वाली है। इससे 20,557 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है, जानिए अहम सवालों के जवाब...
पॉलिसीधारकों को मिलेगी छूट
ट्रेडस्मार्ट ( TradeSmart) के विजय सिंघानिया ने कहा, यह आपका देश के सबसे बड़े आईपीओ में शामिल हो जाएगा. पहले इनवेस्टमेंट बैंकरों ने 2100 रुपये के करीब इसका प्राइस बैंड तय किया था, लेकिन मार्केट डाउन होने के बाद यह 902-949 रुपये के प्राइस बैंड में आ गया है. इस कारण छोटे निवेशक भी इसमें पैसा लगा सकते हैं. इसमें आगे और डिस्काउंट भी पॉलिसीधारक और 45 रुपये एलआईसी कर्मचारियों के लिए है. लिस्टिंग गेन भी निवेशक को मिलना चाहिए.
ऑनलाइन ही होगा निवेश
इसमें साधारण ऑनलाइन तरीके से निवेश करते हैं. बस आपको किसी ट्रेडिंग ऐप के जरिये ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. सिर्फ केवाईसी की जरूरत होगी. बैंक और डीमैट अकाउंट बस जरूरी होगा. किसी भी ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप के जरिये केवाईसी कुछ देर में हो जाएगी. इसमें कोई फीस वगैरा नहीं होती है.
कितना होगा न्यूनतम निवेश
किसी भी आम निवेशकों को कम से कम 15 शेयर आईपीओ (में खरीदने पड़ेंगे. अगर 902-949 रुपये के प्राइस बैंड में छूट को अलग करके मानें तो करीब 13-14 हजार रुपये का न्यूनतम निवेश किसी व्यक्ति को कम से कम करना होगा.
IPO Oversubscribe का मतलब
मान लीजिए ये 21 हजार करोड़ रुपये का पूरा इश्यू है, लेकिन अगर इसमें दोगुना निवेश हुआ तो दोगुना ओवरसब्सक्राइस होगा. ऐसे ही ये कई गुना तक जा सकता है. मान लीजिए अगर ये एक लाख करोड़ रुपये के करीब होता है तो 5 गुना माना जाएगा. रिटेल का शेयर यानी खुदरा निवेशकों के लिए हिस्सा करीब 35 फीसदी है. ग्रॉस ओवरसब्सक्रिप्शन, रिटेल ओवरसब्सक्रिप्शन और एचएनआई का अलग.
कितने शेयर मिलेंगे, बाद में पता चलेगा
एलआईसी के 3.5 फीसदी हिस्से के हिसाब से 22 करोड़ 13 लाख 74 हजार के करीब शेयर हैं, अगर ये ओवरसब्सक्राइब हो गया तो कैसे इन शेयरों का वितरण कैसे होगा. अगर किसी ने 100 शेयर अप्लाई किए तो उसे 15 देंगे. 200 का आवेदन किया है तो 20-25 देंगे. ये इश्यू खत्म होने के बाद अलॉटमेंट स्कीम निकाली जाती है. मर्चेंट बैंकर रजिस्ट्रार से मिलकर स्कीम निकालते हैं और उसके हिसाब से शेयरों का बंटवारा होता है. जो ज्यादा आवेदन करते हैं, उन्हें ज्यादा फायदा तो होता ही है. कभी कभार ऐसा भी हो सकता है कि सबके लिए न्यूनतम शेयर ही दिए जाते हैं. लेकिन इसमें छोटे निवेशकों का ज्यादा ध्यान रखा जाता है.
क्या समय से पहले बंद हो सकता है इश्यू
ये 9 दिसंबर के बाद ही अलॉट होगा. आईपीओ को वैसे तो समय से पहले क्लोज कर सकते हैं, लेकिन सामान्यतया ऐसा करते नहीं हैं. आईपीओ का समय बढ़ाया तो नहीं जा सकता, पहले ऐसा कर सकते हैं. अगर वो टाइम बढ़ाना चाहते हैं तो इसमें तमाम सारी मंजूरियां लेनी पड़ती हैं.
क्या पहले आओ-पहले पाओ की नीति
निवेशक को क्या पहले आओ पहले पाओ का फायदा मिलेगा. यानी जो पहले इश्यू के लिए आवेदन करेगा, उसे ज्यादा शेयर मिल सकते हैं. इस पर उन्होंने कहा, ऐसा नहीं होता, जब तक इश्यू क्लोज नहीं होता, तब तक शेयरों का अलॉटमेंट नहीं होता. ऐसे में आईपीओ इश्यू के इन 5-6 दिनों के दौरान कभी भी निवेश कर सकते हैं.
ऐसे कटेंगे खाते से पैसे
जिस दिन इश्यू खुलेगा, उसी दिन आपके बैंक के जरिये या ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के जरिये आपके पैसे जमा हो जाएंगे. आपका बैंक उतने ही पैसे आईपीओ के खाते में लॉक कर देगा. फिर अलॉटमेंट के बाद उतने पैसे कट जाएंगे, बाकी खाते में वापस आ जाएंगे. आईपीओ इश्यू 9 तारीख को बंद होगा. मेरे हिसाब से 7 से 10 दिन के भीतर शेयरों के आवंटन की प्रक्रिया पूरी होगी. खुदरा निवेशकों के तौर पर आप अधिकतम कितना भी निवेश करते हैं. अगर आप दो लाख से ज्यादा शेयर से ज्यादा निवेश करते हैं तो एचएनआई की श्रेणी में आ जाएंगे.
1. आईपीओ से करीब 21 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद
2. एलआईसी का आईपीओ निवेशकों के लिए 4 मई को खुलेगा, 9 मई को बंद होगा.
3. इसके लिए शेयर का प्राइस रेंज 902-949 रुपये रहेगा.
4. खुदरा निवेशकों, एलआईसी कर्मियों को 45 रुपये और पॉलिसीधारकों को 60 रुपये प्रति शेयर छूट
5. बिक्री के लिए 22.13 करोड़ इक्विटी शेयरों की पेशकश होगी.
6. एलआईसी के शेयर 17 मई को बाजार में सूचीबद्ध होने की संभावना.
7. एलआईसी ने एंकर निवेशकों से 5,627 करोड़ रुपये जुटाए हैं
8. एंकर निवेशकों के लिए 949 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की दर पर 5.92 करोड़ शेयर आरक्षित रखे गए थे.
नई दिल्ली : देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 3,205 नए मामले सामने आए हैं. वहीं COVID-19 केसों में लगभग 25 फीसदी उछाल देखने को मिला है. पिछले 24 घंटे में कोरोना से 31 लोगों की मौत हुई है. वहीं पिछले 24 घंटे में 4,79,208 वैक्सीनेशन हुआ है. अब तक कुल वैक्सीनेशन 1,89,48,01,203 हो चुका है.
जम्मू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह में भाग लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं. राज्य में अनुच्छेद 370 और स्पेशल स्टेटस का दर्जा हटाए जाने के बाद से पीएम मोदी का यह पहला जम्मू-कश्मीर दौरा है. इस दौरान पीएम 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. पीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास को नई गति देने के लिए तेजी से काम चल रहा है. कनेक्टिविटी, बिजली से संबंधित 20,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास या उद्घाटन किया गया है. यह राज्य पूरे देश के लिए मिसाल बन गया है. उन्होंने जम्मू-कश्मीर की अपनी इस यात्रा पर अपनी रैली में वहां के लोगों से यह भी कहा कि 'न मैं आपके लिए नया हूं, न आप मेरे लिए नए हैं.'
पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को जम्मू कश्मीर में तेजी से लागू किया जा रहा है और लोगों को फायदा हो रहा है. उन्होंने कहा कि यहां पर लोगों के बीच दिलों और व्यवहार के बीच की दूरियां मिटाना प्राथमिकता है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नई पीढ़ी की समस्याएं दूर करने पर ध्यान देगी. पीएम बोले कि 'जब मैं एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बात करता हूं, तब हमारा फोकस कनेक्टिविटी पर होता है, दूरियां मिटाने पर भी होता है. दूरियां चाहे दिलों की हो, भाषा-व्यवहार की हो या फिर संसाधनों की, इनको दूर करना आज हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता है.'
PM ने कहा कि यह एक बड़े बदलाव का प्रतीक है कि इस बार का पंचायती राज दिवस जम्मू-कश्मीर में मनाया जा रहा है और वो वहां से देशभर की पंचायतों को संबोधित कर पा रहे हैं.
पीएम ने यहां बनिहाल काजीगुंड रोड सुरंग का उद्घाटन किया, जो जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रों को करीब लाने में मदद करेगी. साथ ही दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे और रातले और क्वार जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है. मंच पर पीएम के साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहे. अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पीएम की यह जम्मू-कश्मीर यात्रा बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
कई परियोजनाओं से बदलेगी तस्वीर
प्रधानमंत्री ने 3,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी बनिहाल काजीगुंड रोड टनल का उद्घाटन किया. 8.45 किमी लंबी सुरंग बनिहाल और काजीगुंड के बीच सड़क की दूरी को 16 किमी कम कर देगी और यात्रा के समय को लगभग डेढ़ घंटे कम कर देगी. सुरंग जम्मू और कश्मीर के बीच हर मौसम में संपर्क स्थापित करने और दोनों क्षेत्रों को करीब लाने में मदद करेगी.
रातले और क्वार जलविद्युत परियोजनाएं
पीएम ने दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के तीन रोड पैकेजों का शिलान्यास किया. साथ ही रातले और क्वार जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी. वहीं किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर लगभग 5300 करोड़ रुपये की लागत से 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना की शुरुआत हुई. 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना भी किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर रुपये से अधिक की लागत से बनाई जाएगी. दोनों परियोजनाओं से क्षेत्र की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन
पीएम मोदी ने पल्ली में 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन किया, जो इसे कार्बन न्यूट्रल बनने वाली देश की पहली पंचायत बना देगा. वहीं, जल निकायों के कायाकल्प को सुनिश्चित करने के लिए, पीएम की जम्मू-कश्मीर की यात्रा के दौरान अमृत सरोवर नामक एक नई पहल भी शुरू हो रही है. इसका उद्देश्य देश के प्रत्येक जिले में 75 जल निकायों का विकास और कायाकल्प करना है. यह आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के प्रति सरकार का एक और सम्मान है.
कीव: यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने शनिवार को "युद्ध को समाप्त करने" के लिए रूसी नेता व्लादिमीर पुतिन से मिलने की बात कही. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने मेट्रो स्टेशन पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मुझे लगता है कि जिसने भी इस युद्ध को शुरू किया है वह इसे समाप्त करने में सक्षम होगा," उन्होंने कहा कि अगर पुतिन से रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता होता है तो वह "मिलने से नहीं डरते." जेलेंस्की ने कहा, "शुरू से ही मैंने रूसी राष्ट्रपति के साथ बातचीत पर जोर दिया है.
यूक्रेन के राष्ट्र्पति जेलेंस्की ने कहा, "ऐसा नहीं है कि मैं उनसे मिलना चाहता हूं, मुझे उनसे मिलना है ताकि इस संघर्ष को कूटनीतिक तरीकों से सुलझाया जा सके. हमें भले ही अपने सहयोगियों पर भरोसा है, लेकिन हमें रूस पर कोई भरोसा नहीं है. "राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ये जानकारी भी दी कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन रविवार को यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा करेंगे. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन भी यात्रा करेंगे.
24 फरवरी के हमले के बाद यह अमेरिकी सरकार के अधिकारियों की पहली आधिकारिक यात्रा होगी. हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. ज़ेलेंस्की ने कीव से पहले मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की मास्को यात्रा की योजना की निंदा की. उन्होंने कहा,"पहले रूस और फिर यूक्रेन जाना गलत है," इसमें कोई न्याय और कोई तर्क नहीं है."
ज़ेलेंस्की ने अपनी चेतावनी दोहराई कि अगर रूस ने शेष यूक्रेनी सैनिकों को मारियुपोल के काला सागर बंदरगाह में मार डाला तो वे वार्ता तोड़ देंगे. उन्होंने कहा, "अगर हमारे लोग मारियुपोल में मारे जाते हैं और अगर ये छद्म जनमत संग्रह खेरसॉन के (दक्षिणी) क्षेत्र में आयोजित किए जाते हैं, तो यूक्रेन किसी भी बातचीत प्रक्रिया से पीछे हट जाएगा," यूक्रेन के अधिकारियों ने इससे पहले शनिवार को रूस पर मारियुपोल से नागरिकों को निकालने के नए प्रयास को विफल करने का आरोप लगाया था.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन दो दिन के दौरे पर भारत (India) पहुंच गए हैं. कुछ देर पहले ही जॉनसन गुजरात पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी कल मुलाकात होगी जहां दोनों देश व्यापार, रक्षा और अन्य मुद्दों पर बातचीत करेंगे. बोरिस जॉनसन ने संकेत दिया है कि वो मु्क्त व्यापार समझौते के बाद भारत को अधिक वीज़ा देने के लिए तैयार हैं, जिससे दोनों देशों के बीच कई बिलियन पाउंड का द्विपक्षीय वार्षिक व्यापार बढ़ जाएगा. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने यह रिपोर्ट किया है.
यह पहला मौका है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री गुजरात का दौरा कर रहे हैं. गुजरात में ब्रिटिश पीएम आपसी व्यापार के महत्वपूर्ण निवेश प्रस्तावों की घोषणा भी करेंगे. उनकी इस यात्रा से भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते के प्रस्ताव में तेजी आने, हिंद प्रशात क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा मिलने और रक्षा संबंधों के आगे बढ़ने की संभावना है.
इस दौरे की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि जॉनसन नई दिल्ली को ‘‘इस पर कोई उपदेश नहीं देंगे कि उसे यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए.''
अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ जॉनसन की बातचीत हिंद प्रशांत क्षेत्र के हालात पर केन्द्रित रहेगी. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन भारत को रक्षा निर्माण का केन्द्र बनाने के मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने में अपना सहयोग देने के लिए तैयार है और देश सैन्य हार्डवेयर के संयुक्त उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण को भी तैयार है. 21 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद से फिर बोरिस जॉनसन दिल्ली आयेंगे.