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रायपुर। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है. राजधानी रायपुर में फिर पारा 44 डिग्री के पार पहुंच गया है. बुधवार को आँधी तूफान चलने की भी संभावना जताई जा रही हैं पश्चिम से आ रही गर्म हवाओं की वजह से यहां भीषण गर्मी का असर देखा जा रहा है. हालाकि स्थानीय प्रभाव के कारण बन रहे कम दबाव के चलते बदली व छुटपुट बारिश भी हो सकती है.
इस बार नवतपा 25 मई से शउरू हो रहे हैं. जिसमें में तापमान में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है. इस अवधि में तापमान 46 डिग्री तक पहुंच सकता है. जिससे लू का असर देखा जाएगा. नवातपा में लू लगने की संभावना ज्यादा है.मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में तापमान बढञने एवं प्रदेश के सभी संभागों में अंधड़ चलने की संभावना जताई है।
प्रदेश के शहरों का तापमान
रायपुर 44.2 डिग्री
बिलासपुर 44.2 डिग्री
पेंड्रारोड 41.5 डिग्री
अँबिकापुर 41.5 डिग्री
जगदलपुर 39.0 डिग्री
दुर्ग 43.8 डिग्री
राजनांदगांव 42.8 डिग्री
::/fulltext::रायपुर । छत्तीसगढ़ के सभी शहरों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है. राजस्थान की ओर से आ रही बेहद गर्म हवा की चपेट में अने से पूरा प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में है. मैदानी ही नहीं, पहाड़ी इलाकों में भी सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक गर्म हवा के थपेड़े महसूस किए जा रहे हैं.
मौसम विभाग ने सोमवार को जगदलपुर (बस्तर) और राजनांदगांव में लू का अलर्ट जारी कर दिया है. दोनों ही शहरों में तापमान सामान्य से 4 डिग्री से ज्यादा हो गया है. नांदगांव और आसपास का इलाका बुरी तरह तप रहा है और तापमान 44.5 डिग्री से ऊपर हो गया है. जगदलपुर में गर्मी हालांकि 41.5 डिग्री है
प्रदेश के शहरों का तापमान…
राजनांदगांव में तापमान 44.5 डिग्री
रायपुर में तापमान 43.3 डिग्री
बिलासपुर में तापमान 43.5 डिग्री,
दुर्ग में तापमान 43.8 डिग्री
अंबिकापुर में तापमान 40.4 डिग्री
जगदलपुर में तापमान 41.5 डिग्री
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार और मंगलवार को भी प्रदेश के अधिकांश मैदानी इलाकों में लू चलने के असार हैं.
::/fulltext::खास बातें
नई दिल्ली: इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून सीज़न में औसत की 93 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद है जो कि औसत से कम है. प्राइवेट वेदर फोरकास्टर स्काईमेट ने बुधवार को यह दावा किया. मौसम विभाग ने भी माना है कि इस साल मानसून कुछ दिनों की देरी से केरल पहुंचेगा. कमजोर मानसून नई सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.
महाराष्ट्र में सूखे के बढ़ते प्रकोप के बीच निजी मौसम पूर्वानुमान कंपनी स्काईमेट ने बुधवार को दावा किया कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान पिछले दस साल के औसत की बस 93 फीसदी बारिश होगी. इससे पहले मौसम विभाग ने मानसून में औसत की 96 प्रतिशत बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त किया था.
स्काईमेट के एमडी जतिन सिंह ने कहा कि 'हमारी फोरकॉस्ट है कि मानसून इस बार सामान्य से कम रहेगा.' स्काईमेट के मुताबिक इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन में दीर्घावधि औसत की 93 प्रतिशत बारिश होगी. स्काईमेट के मुताबिक सबसे ज़्यादा चिंता महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और उत्तरी कर्नाटक को लेकर है. वहां सूखे से निपटने की आपात तैयारी अभी से शुरू करनी होगी. मध्य भारत में सबसे कम, यानी सिर्फ 91% बारिश होने की संभावना है.
शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आगाह किया है कि हालात 1972 के भयंकर सूखे से भी ज्यादा गंभीर हो रहे हैं. राज्य सरकार को बड़े स्तर पर प्रभावित लोगों को राहत देने की तैयारी शुरू करनी चाहिए.