Owner/Director : Anita Khare
Contact No. : 9009991052
Sampadak : Shashank Khare
Contact No. : 7987354738
Raipur C.G. 492007
City Office : In Front of Raj Talkies, Block B1, 2nd Floor, Bombey Market GE Road, Raipur C.G. 492001
himachal pradesh weather : ब्यास नदी में अचानक आए बाढ़ से बह गई बस.
खास बातें
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश (himachal pradesh weather) में भारी बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त है. लगातार बारिश (Weather News ) की वजह से वहां बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. कई जगह लोग फंसे हुए हैं. मनाली (Manali) में देखते ही देखते एक वॉल्वो बस ब्यास नदी के पानी के तेज़ बहाव की चपेट में आ गई. बस ऐसे बही जैसे कोई खिलौना पानी में बह रहा हो, हालांकि गनीनत यह रही कि जिस समय बस बही उस समय उसमें कोई सवार नहीं था. वहीं, कुल्लू के डोबी में फंसे हुए 19 लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से निकालकर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया. बाकी जगहों से भी लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. भारी बारिश की आशंका के मद्देनज़र 8 ज़िलों में स्कूल-कॉलेज बंद रखे गए हैं. भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ की वजह से कुल्लू में कई बस्तियां तक डूब गई हैं. नदी-नाले उफान पर हैं. भारी बारिश के बाद सड़कों पर सैलाब आ गया है. गाड़ियां आधी से ज़्यादा डूब जा रही हैं. चारों ओर पानी ही पानी नज़र आ रहा है. वहीं, बारिश के बाद हुई बर्फबारी से भी लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. पारा 6 से 8 डिग्री नीचे गिरा है. लाहौल-स्पीति में बर्फबारी के बाद बर्फ की मोदी चादर बिछी है.
भारी बर्फबारी और भूस्खलन के कारण कई रास्ते बंद हैं.
कुल्लू जिले के लिए 'हाई अलर्ट' जारी करते हुए उपायुक्त युनूस ने लोगों को चेतावनी दी कि बाढ़ जैसी स्थिति के मद्देनजर वे नदियों और नालों के पास न जाएं. मौसम केंद्र के मुताबिक, ऊंचाई वाले इलाकों में बड़े पैमाने पर बारिश और बर्फबारी के कारण तापमान में कमी आई है. लाहौल और स्पीति जिले के केलोंग में तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है. केंद्र के मुताबिक, उना में तापमान सबसे अधिक (27.2 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया. मौसम केंद्र ने पूर्वानुमान जाहिर किया है कि 25 सितंबर को राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में मध्यम एवं कम ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों और कुछ एक जगहों पर हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होगी.
उधर, हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले के दोबी में बाढ़ और भारी बारिश की वजह से फंसे 19 लोगों को रविवार को भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर ने बचा लिया. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण उपजी स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि जान-माल की हानि को कम करने के लिए एहतियाती कदम उठाएं.
चक्रवाती तूफान 'डेई' शुक्रवार की सुबह ओडिशा में गोपालपुर के पास समुद्री तट को पार कर गया, जिससे राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश होने के साथ तेज हवाएं चल रही हैं। जिसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को कई इलाकों में दोपहर को बारिश होने से मौसम सुहाना हो गया। अगले तीन दिनों में भी बारिश होने के आसार हैं। बरेली में बारिश के साथ तेज हवाएं चलीं, जिससे कई क्षेत्रों में पेड़ उखड़ गए। हिमाचल प्रदेश में शनिवार से भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है।
भुवनेश्वर स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक एचआर विश्वास ने बताया कि उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना चक्रवाती तूफान 'डेई' 23 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ गया है और शुक्रवार सुबह दक्षिण ओडिशा तथा गोपालपुर के पास पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश के तट को पार गया है।
यह पश्चिम-उत्तर पश्चिमोत्तर दिशा की ओर बढ़ता रहेगा और कमजोर हो जाएगा। चक्रवाती तूफान से गजपति, गंजम, पुरी, रायगढ़, कालाहांड़ी, कोरापुट, मल्कानगिरी, नवरंगापुर जिलों के कुछ स्थानों में भारी बारिश हुई है। इसके प्रभाव से रायगढ़, कालाहांड़ी, कोरापुट और नवरंगापुर जिलों में कई स्थानों पर शनिवार तक भारी बारिश होने के आसार हैं।
दिल्ली के कई इलाकों में बारिश, अगले तीन दिन भी बारिश के आसार : राजधानी में शुक्रवार को कई इलाकों में दोपहर को बारिश होने से मौसम सुहाना हो गया। हालांकि अधिकतर इलाकों में बारिश नहीं हुई लेकिन आसमान में बादल छाए रहने से मौसम में ठंडक बनी रही। अगले तीन दिनों में भी दिल्ली में बारिश होने के आसार हैं।
राजधानी में शुक्रवार को हुर्इ बारिश से तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है। शनिवार और रविवार को दिल्ली का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रहने के साथ आसमान में बादल छाए रहेंगे। इसके साथ ही आंधी के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। सोमवार को भी आसमान में बादल छाए रहेंगे और इस बीच आंधी के साथ हल्की बारिश होने के आसार हैं।
बरेली में बारिश के साथ चली तेज हवाएं, पेड़ उखड़े : शुक्रवार शाम को हुई हल्की बारिश के बाद देर रात भी बदरा बरसे। बारिश के साथ तेज हवा भी चली। हवा में बरेली शहर और आसपास क्षेत्र में कई पेड़ जड़ समेत उखड़ गए। शहर के बीचोंबीच कोहाड़ापीर मार्ग पर गुलाब राय इंटर कॉलेज के पास तेज हवा में उखड़ा पाकड़ का पेड़ सड़क पर गिर गया। इससे आने जाने वालों को दिक्कतें झेलनीं पड़ीं। बारिश से मौसम और ठंडा हो गया। रात में सड़क पर घूमने से लग रहा है, जैसे सर्दी का मौसम शुरू हो गया हो।
हिमाचल में भारी बारिश की चेतावनी : प्रदेश में शनिवार से भारी बारिश होने की चेतावनी जारी हुई है। 22 से 24 सितंबर तक प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में जोरदार बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में 26 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। 27 सितंबर से मौसम साफ होने के आसार हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार सितंबर के अंत तक हिमाचल से मानसून विदा होगा। भारी बारिश की चेतावनी के बीच प्रदेश में मौसम बदलना शुरू हो गया है। राजधानी शिमला और सोलन में शुक्रवार दोपहर बाद बादल बरसे। सोलन में नौ मिलीमीटर और शिमला में 1 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रहा।
मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि अमरीका के पूर्वी तट पर स्थित इलाक़ों में जिस फ़्लोरेंस चक्रवात के टकराने का डर बना हुआ है, वो बीते तीन दशक का सबसे बड़ा चक्रवात साबित हो सकता है.
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, अटलांटिक के गर्म जल से इस चक्रवात को ताक़त मिल रही है और आने वाले समय में इसके और भी अधिक शक्तिशाली होने की उम्मीद है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि अगले 48 घंटे में चक्रवात के साथ बढ़ते पानी से तटीय इलाक़ों में जान और माल पर ख़तरा बढ़ सकता है. अधिकारियों का कहना है कि फ़्लोरेंस अब चौथी श्रेणी का तूफ़ान बन चुका है और इसके अंदर क़रीब 225 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल रही हैं.
इमेज कॉपीरइटREUTERS
माना जा रहा है कि यह ख़तरनाक चक्रवात गुरुवार को अमरीका के विल्मिंगटन (उत्तरी कैरोलाइना) में दस्तक दे सकता है. इस चक्रवात को देखते हुए वर्जीनिया, मेरीलैंड, वॉशिंगटन, उत्तर और दक्षिणी कैरोलाइना में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है. उत्तरी कैरोलाइना के गवर्नर रॉय कूपर ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि ये तूफ़ान एक विशाल शातिर दैत्य जैसा है. ये बेहद ख़तरनाक है और ये एक ऐतिहासिक चक्रवात है.
फ़्लोरेंस अभी कहाँ है?
अमरीकी मौसम विभाग के ताज़ा अपडेट के अनुसार, ये चक्रवात मंगलवार शाम को उत्तरी कैरोलाइना से क़रीब 1,000 किलोमीटर दूर था. इस अपडेट में कहा गया है कि फ़्लोरेंस चक्रवात क़रीब 28 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और बुधवार को इसके और मज़बूत होने की उम्मीद है. हालांकि मौसम विभाग के अधिकारियों का ये भी अनुमान है कि फ़्लोरेंस चक्रवात गुरुवार को कुछ कमज़ोर पड़ सकता है. लेकिन ज़मीन से टकराने के बाद ये एक बेहद ख़तरनाक तूफ़ान होगा.
इमेज कॉपीरइटAFP
फ़्लोरेंस से कितना नुकसान हो सकता है?
नेशनल हरिकेन सेंटर (एनएचसी) ने फ्लोरेंस को 'बेहद ख़तरनाक' मौसमी घटना बताया है. ये तटीय और अंदरूनी इलाक़ों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण तबाही मचा सकता है. एनएचसी ने कहा है, "फ्लोरेंस के कारण जानलेवा प्रभाव पैदा हो सकते हैं. तटों पर 13 फ़ुट ऊंची लहरें उठ सकती हैं और क़रीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली चक्रवात की ताक़तवर हवाएं भारी तबाही मचा सकती हैं." फ़्लोरेंस चक्रवात के कारण कुछ इलाक़ों में 64 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है और भारी-बारिश के कारण अंदरूनी इलाक़ों में पानी भरने से बाढ़ आ सकती है.
अमरीका के कुछ नामी मौसम विज्ञानियों के अनुसार, फ़्लोरेंस चक्रवात साल 1989 में आये ह्यूगो नाम के उस बड़े तूफ़ान से भी ज़्यादा भयानक साबित हो सकता है, जिसकी वजह से 49 लोगों की मौत हो गई थी और अमरीका को क़रीब 700 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था. इस चक्रवात से अमरीका के ब्रुंसविक परमाणु संयंत्र पर भी ख़तरा है क्योंकि उत्तरी कैरोलाइना में जिस जगह इस चक्रवात के ज़मीन से टकराने की संभावना है, ये संयंत्र वहाँ से कुछ ही मील की दूरी पर स्थित साउथपोर्ट में है.
लोगों की तैयारी कैसी है?
इस चक्रवात के कारण अमरीका के पूर्वी तट के इलाक़ों में रहने वाले क़रीब दस लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. दक्षिणी कैरोलाइना, उत्तरी कैरोलाइना और वर्जीनिया के कुछ हिस्सों में लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले जाने के आदेश दिये गए हैं.
अन्य प्रभावित क्षेत्रों के निवासी आवश्यक वस्तुओं को जमा करने के लिए दुकानों में आ रहे हैं. दक्षिणी कैरोलाइना में एक हार्डवेयर स्टोर चलाने वाले जॉन जॉनसन ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि दुकानों पर बैट्री, फ़्लैशलाइट्स और प्लास्टिक के तिरपाल खरीदने वाले लोगों की भीड़ जमा है. कुछ पेट्रोल पंप खाली हो गये हैं.
अब तक राष्ट्रपति ट्रंप ने क्या कहा?
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इस चक्रवात के कारण शुक्रवार को मिसीसिपी में होने वाली रैली रद्द कर दी है. राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने उत्तर और दक्षिण कैरोलाइना के लिए 'आपातकाल की घोषणा' पर हस्ताक्षर किए हैं. साथ ही चक्रवात का सामना करने के लिए संघीय कोष से मदद मुहैया कराई है. मंगलवार शाम को डोनल्ड ट्रंप ने कहा, "सरकार फ़्लोरेंस चक्रवात से लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी."
इमेज कॉपीरइटAFP
इंश्योरेंस को लेकर लोगों में चिंता?
अमरीका की सरकार 'राष्ट्रीय बाढ़ बीमा' नामक एक कार्यक्रम चलाती है जिसके तहत पूरे देश में अधिक जोखिम वाले इलाक़ों में रहने वाले लोगों को बाढ़ कवरेज मिलता है. ये सरकारी कार्यक्रम अरबों डॉलर के कर्ज़ में डूबा हुआ है. ऐसे में चक्रवाती हवाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई तो घरों के साधारण इंश्योरेंस से की जा सकती है, लेकिन बाढ़ आने पर बीमा का फ़ायदा मिलना मुश्किल लगता है. इस सरकारी योजना से परे, अगर कोई व्यक्ति किसी प्राइवेट कंपनी से बाढ़ का बीमा करवाना भी चाहे तो ऐसा करना अमरीका में बहुत महंगा है क्योंकि किस घर पर बाढ़ का कितना ख़तरा है, इसका आकलन करना बहुत मुश्किल काम है.
किसी प्राइवेट कंपनी से बाढ़ का बीमा करवाने की प्रक्रिया 30 दिन में पूरी होती है. कैरोलाइना के लोगों के पास अब इतना वक़्त नहीं बचा है कि वो फ़्लोरेंस चक्रवात के आने से पहले ऐसा करवा पायें. अमरीका की एक संस्था के मुताबिक़, साल 2016 तक दक्षिणी राज़्यों में रहने वाले केवल 14 प्रतिशत अमरीकी नागरिकों ने अपने घर का बाढ़ बीमा करवाया था.
::/fulltext::