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रायपुर। लालपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को रेड अलर्ट जारी किया। विभाग ने चेतावनी जारी की है कि प्रदेश के सभी संभागों में अगले 24 घंटे में हल्की से भारी बारिश हो सकती है, कुछ क्षेत्रों में अति भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इससे पहले गुरुवार को बस्तर संभाग में भारी बारिश की चेतावनी के साथ प्रदेश में यलो अलर्ट जारी किया गया था। राजधानी रायपुर में बीते चार दिनों से बारिश नहीं हुई। शुक्रवार को सिर्फ हल्की फुहारें पड़ीं। बारिश न होने के कारण गर्मी बढ़ गई है। तापमान बढ़कर 31 डिग्री पर पहुंच गया है। रात का पारा 26 डिग्री के नजदीक है। बारिश न होने से एक बार फिर परेशानी बढ़ती दिखाई दे रही है।
अगर मौसम विभाग का पूर्वानुमान फेल हुआ तो एक बार फिर किसानों, मौसम वैज्ञानियों की चिंता बढ़ सकती है। बता दें कि मौसम विज्ञान ने पूर्व में मध्य भारत में 95 फीसद बारिश का पूर्वानुमान जारी किया था। करीब हफ्तेभर से अधिक समय तक अच्छी बारिश हुई, उसके बाद आसमान साफ हो चुका है।
सर्वाधिक बारिश- पेंड्रा रोड, अंबिकापुर, जगदलपुर में सर्वाधिक बारिश रिकॉर्ड हुई।
अलर्ट की वजह- एक कम दाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, समीपवर्ती ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्र पर बना हुआ है। इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा 7.6 किमी की ऊंचाई पर है।
::/fulltext::वायुमंडलीय काला कार्बन और जलवायु परिवर्तन पर देश स्तरीय रिसर्च रविवि के प्रोफेसर डॉ. शम्स परवेज के नेतृत्व में होगा।
रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय अब ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की जांच करेगा। रविवि के रसायन विभाग के प्रोफेसर के प्रपोजल को स्वीकार करते हुए भारत सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत यह प्रोजेक्ट स्वीकृत किया है। वायुमंडलीय काला कार्बन और जलवायु परिवर्तन (एटमॉसफिरिक ब्लेक कार्बन एंड क्लाइमेट चेंज) पर देश स्तरीय रिसर्च रविवि के प्रोफेसर डॉ. शम्स परवेज के नेतृत्व में होगा।
डॉ. परवेज के प्रस्ताव को 60 लाख रुपये की राशि मिलेगी। इसके अंतर्गत दो शोधार्थी भी होंगे। इसके तहत भारत के चार तरह प्रकृति वाले इलाकों को चयनित करके ग्लोबल वार्मिंग पर पड़ रहे प्रभाव को जांचा जाएगा। इनमें हिमालय जहां पर आए दिन बादल फटने की क्या है। इसी तरह दिल्ली में अक्सर प्रदूषण के कारण यहां होने वाली दिक्कतें व वायुमंडल में असर जांचेंगे। रसायन विभाग के प्रोफेसर डॉ. शम्स परवेज के मुताबिक मिनरल एंड कोल बेस्ड एरिया रायपुर होने के कारण यहां भी ग्लोबल वार्मिंग की जांच होगी और गोवा या विशाखापट्टनम में समुद्री तट के किनारे भी ग्लोबल वार्मिंग की जांच करेंगे।
मौसम की जानकारी आंकने के मिलेंगे यंत्र -
स्पेक्टोफोटो मीटर, वेदर की जानकारी, वेदर मीटर करने के लिए भी उपकरण मिलेंगे। बताया जाता है कि पृथ्वी का औसत तापमान अभी लगभग 15 डिग्री सेल्सियस है, हालांकि भूगर्भीय प्रमाण बताते हैं कि पूर्व में ये बहुत अधिक या कम रहा है। लेकिन अब पिछले कुछ वर्षों में जलवायु में अचानक तेजी से परिवर्तन हो रहा है। गर्मियां लंबी होती जा रही हैं, और सर्दियां छोटी। पूरी दुनिया में ऐसा हो रहा है। यही है जलवायु परिवर्तन। दिन और रात के तापमान में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। लिहाजा इस स्तर के रिसर्च के लिए रविवि के प्रोफेसर को प्रोजेक्ट मिलना बड़ी कामयाबी है।
रायपुर में इसलिए होगी जांच -
रायपुर में ग्लोबल वार्मिंग की जांच होने की प्रमुख वजह यहां शहर से लगे औद्योगिक क्षेत्र का लगा होना है। विशेषज्ञों के मुताबिक राजधानी से लगे उरला और सिलतरा में चलने वाले केमिकल और स्पंज आयरन उद्योगों ने न केवल वायु बल्कि, जल प्रदूषण को भी बढ़ाया है। उद्योगों की चिमनी से निकलने वाले आर्गेनिक व ब्लैक कार्बन के कारण वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है। इसी कारण यहां ठंड की तासीर कम होती जा रही है। ठंड में भी गर्मी का एहसास होने लगा है। इसका असर इतना खतरनाक है कि आसपास के रिहायशी इलाकों के मकानों की दीवारें काली पड़ गई हैं ।
::/fulltext::रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। राजधानी रायपुर समेत बस्तर और दुर्ग संभाग के लिए यह अलर्ट जारी किया गया है। रविवार से रायपुर, दुर्ग सहित प्रदेश के कई इलाकों में तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले 24 से 48 घंटे कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। तेज बारिश के कारण राजधानी रायपुर के कई इलाके पानी पानी हो गए। सोमवार को सुबह से ही बारिश ने रफ्तार पकड़ी हुई है और पूरे दिन बारिश का होती रही। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी के कई इलाकों में बारिश का पानी भरने से लोग परेशान होते नजर आए। वहीं दूसरी तरफ लंबे समय बाद हो रही इस बारिश को लेकर लोगों में उत्साह भी नजर आया। किसानों के लिए यह बारिश अच्छी मानी जा रही है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक लगातार बारिश से रोपाई के लिए फायदा हो सकता है।
इन जगहों पर इतनी बारिश
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कांकेर के दुर्गुकोंदल में सर्वाधिक 155.00 मिमी बारिश 24 घंटों के दौरान दर्ज की गई। इसके अलावा कोंडागांव के बड़े राजपुर में 110.4 मिमी, गरियाबंद के छूरा में 109.0 मिमी, बस्तर के बास्तानार 105.6 मिमी, जांजगीर के पामगढ़ में 83.0 मिमी, बिलासपुर के बिह्ला में 84.2 मिमी, महासमुंद के पिथौरा में 74 मिमी, धमतरी के कुरूद में 73.9 मिमी, दुर्ग के पाटन में 69.0 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
बाढ़ की स्थिति में इन नंबरों पर करें संपर्क
जिला स्तर पर बाढ़ आपदा व राहत व्यवस्था के लिए डिप्टी कलेक्टर के मोबाइल नंबर 79743-64217 को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। इसी तरह जिला स्तर पर स्थापित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के लिए बाल श्रम परियोजना अधिकारी केएस पटले मोबाइल नंबर 99266-15200 को प्रभारी बनाया गया है। तहसील स्तर पर रायपुर तहसील के लिए बाढ़ नियंत्रण प्रभारी तहसीलदार उमेश साहू मोबाइल नंबर 83053-77283 को प्रभारी अधिकारी तथा नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 0771-2224163 है। तिल्दा तहसील के लिए तहसीलदार के मोबाइल नंबर 9828211112 को प्रभारी अधिकारी तथा नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 07721-233601, तहसील आरंग के लिए तहसीलदार अनुभव शर्मा मोबाइल नंबर 98261-40500 को प्रभारी अधिकारी तथा नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नंबर 07720-258545 और तहसील अभनपुर के लिए तहसीलदार पार्वती पटेल मोबाइल नंबर 96172-37611 को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है।
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