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दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में गर्मी का कहर नियमित रूप से जारी है. इसी बीच मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि आने वाले कुछ अन्य दिनों तक भी दिल्ली में लू का कहर जारी रहेगा. मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 28 मई तक गर्मी और लू का असर देखने को मिल सकता है. इसके अलावा हीटवेव का प्रभाव जम्मू, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट उत्तर प्रदेश, ईस्ट मध्य प्रदेश, सेंट्रल महाराष्ट्र और गुजरात में भी देखने को मिलेगा.
शनिवार को दिल्ली में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के दौरान मतदान हुआ था. भीषण गर्मी के बीच सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो गया था. मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली का तापमान शनिवार को 46.9 डिग्री सेल्सियस था जो सामान्य से लगभग 7 डिग्री सेल्सियस अधिक था.
28 मई तक 46 डिग्री सेल्सिय तापमान रहने का अनुमान
दिनाक | अधिकतम तापमान |
26.05.2024 | 46 |
27.05.2024 | 46 |
28.05.2024 | 46 |
आने वाले चार दिनों के लिए मौसम विभाग द्वारा दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में गर्मी के चले रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसके साथ ही 28 मई तक मौसम विभाग ने राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में रातों में भी अधिक तापमान रहने का अनुमान लगाया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि शनिवार को देश के कई हिस्सों में लू से लेकर भीषण गर्मी की स्थिति बनी रही.
मौसम विभाग ने लोगों को 12 से 3 के बीच घरों में रहने की दी सलाह
भीषण गर्मी और लू को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों से दोपहर के 12 बजे से 3 बजे तक घरों में रहने के लिए कहा है. मौसम विभाग का कहना है कि दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक लू और गर्मी अपने चरम पर होती है और इस वजह से खुद को लू के कारण बीमार होने से बचाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि लोग घरों में ही रहें.
नई दिल्ली: देश में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है, लेकिन मॉनसून की बारिश जल्द होने वाली है. भारत के मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून इस साल समय से पहले दस्तक देने वाला है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 31 मई तक केरल पहुंचने की उम्मीद है. IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, 19 मई को मॉनसून के अंडमान निकोबार में पहुंचने की संभावना है. उसके बाद मॉनसून देश के अन्य हिस्सों की तरफ बढ़ेगा.
मौसम विभाग की मानें, तो देश में अल नीनो सिस्टम कमजोर हो रहा है. ला नीना स्थितियां एक्टिव हो रही हैं. ये इस साल अच्छे मॉनसून का संकेत है. इसी वजह से भारत में मॉनसून समय से पहले ही दस्तक दे सकता है. वहीं उत्तर-पश्चिम भारत में 16 मई से और पूर्वी भारत में 18 मई, 2024 से गर्मी की लहर का एक नया दौर शुरू होने की संभावना है.
कब दस्तक देगा मॉनसून?
19 मई तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में प्रवेश करने की उम्मीद है. 1 जून के बीच ये केरल पहुंचेगा. मानसून के बंगाल की खाड़ी से मुख्य भूमि भारत की ओर बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो गई हैं. इसलिए अनुमान है कि 19 मई तक मॉनसून भारत की सीमा में प्रवेश कर जाएगा. मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तारीख की बात करें तो 10 जून तक ये महाराष्ट्र पहुंच जाता है.
उत्तर भारत में मॉनसून का दस्तक
15 जून को ये गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार पर पहुंचता है. वहीं, 20 जून को ये गुजरात के आंतरिक इला... एमपी के मध्य हिस्सों और उत्तर प्रदेश में दस्तक देता है.
20 मई, 2024 तक दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में गरज के साथ बारिश, बिजली और तेज हवाओं के साथ छिटपुट भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 19 मई, 2024 के आसपास दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ने की संभावना है.
तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और केरल में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा देखी गई. मध्य प्रदेश, कोंकण, मराठवाड़ा, विदर्भ में अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि की गतिविधि देखी गई.
अप्रैल का महीना खत्म होने जा रहा है, इसी के साथ देश में गर्मी का सितम भी बढ़ने लगा है. आलम ये है कि कुछ जगहों पर तो पारा इसी महीने 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है. ऐसे में अब शुरू होने जा रहे मई महीने में गर्मी और सताएगी. मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी भारत में 01 मई तक लू से भीषण लू की स्थिति जारी रहने की संभावना जताई गई है. हालांकि इसके बाद धीरे-धीरे लू का असर कम होने की गुंजाइश है.
अगले 5 दिनों के दौरान दक्षिण भारत में लू की स्थिति जारी रहने की संभावना है. वहीं अगले 4-5 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में तूफान और तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश का दौर जारी रहने की संभावना जताई गई है. इसके साथ ही पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और उत्तर-पश्चिम भारत के आसपास के मैदानी इलाकों में आज भी गरज/बिजली और तेज़ हवाओं के साथ बारिश जारी रहने की संभावना है.
बिहार में भीषण गर्मी और लू जारी रहने के साथ सोमवार को राज्य के 17 स्थानों पर तापमान 42 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया. भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने पूर्वानुमान जताया है कि आने वाले दिनों में बिहार के कई हिस्सों में भीषण गर्मी जारी रहेगी. बिहार के शेखपुरा जिले में सोमवार को अधिकत्तम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पार कर गया. इसके अलावा, औरंगाबाद में तापमान 43.6 डिग्री, मधुबनी में 43.2 डिग्री और अवरल में 43.2 डिग्री सेल्सियस रहा.
झारखंड सरकार ने राज्यभर में भीषण गर्मी के मद्देनजर मंगलवार से आठवीं तक की कक्षाएं निलंबित कर दी हैं. एक अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय छात्रों को भीषण गर्मी के प्रतिकूल प्रभावों से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है. उन्होंने कहा कि यह आदेश सरकारी, निजी, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त सहित सभी प्रकार के स्कूलों पर लागू होगा.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भीषण गर्मी के अंदेशे के मद्देनजर केरल के पलक्कड़ जिले के लिए ‘ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है. केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने कहा कि मौसम एजेंसी ने चिलचिलाती और भीषण गर्मी के अंदेशे के मद्देनजर कोल्लम और त्रिशूर जिलों के कुछ इलाकों के लिए भी ‘येलो' अलर्ट जारी किया है.मौसम केंद्र ने बताया कि एक और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से चार मई को पश्चिमी व उत्तरी राजस्थान में कहीं-कहीं बादल गरजने के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है.
नई दिल्ली: गंभीर चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के गुजरात में 15 जून को पहुंचने की आशंका के बीच राज्य में एक विस्तृत निकासी योजना बनाई गई है और प्रशासन ने 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. निकासी अभियान आज भी जारी रहेगा. चक्रवात बिपरजॉय एक "बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान" में बदल गया है, और इसके गुरुवार दोपहर कच्छ और पाकिस्तान के कराची के बीच पहुंचने की संभावना है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि बचाव दल चक्रवात ‘बिपारजॉय' के मार्ग में संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने चक्रवात से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए केंद्र और गुजरात सरकार की तैयारियों की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस चक्रवात का पाकिस्तान पर भी असर पड़ने की आशंका है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया कि संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों को राज्य सरकार द्वारा सुरक्षित रूप से निकाला जाए. बयान के अनुसार मोदी ने बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाओं के रखरखाव को सुनिश्चित करने और किसी भी तरह की क्षति होने की स्थिति में उन्हें तुरंत बहाल करने का भी निर्देश दिया.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि चक्रवात के दौरान गुजरात में 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अंदेशा है. सेना, नौसेना और भारतीय तट रक्षक को द्वारका के पास तट से दूर तेल खनन जहाज 'की सिंगापुर' से 50 कर्मियों को निकालने के लिए तटरक्षक बल (आईसीजी) के साथ तैयार अवस्था में रखा गया है.
आईएमडी ने कहा कि बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान बिपारजॉय के बृहस्पतिवार को गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ पत्तन के पास तट पर पहुंचने का अनुमान है. अधिकारियों ने बताया कि कच्छ, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़ और मोरबी के तटीय जिलों में समुद्र तट के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. इसके साथ ही मछुआरों को मछली पकड़ने के लिए समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और बंदरगाहों पर चेतावनी के संकेत लगा दिए गए हैं.
अधिकारियों के अनुसार लगभग 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और कच्छ-सौराष्ट्र जिलों में तट से 10 किलोमीटर की दूरी तक बसे गांवों के निवासियों को वहां से हटाने का अभियान मंगलवार को शुरू होगा. पोरबंदर के 31 गांवों से करीब 3,000 लोगों को और देवभूमि द्वारका में करीब 1,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
गुजरात के राहत आयुक्त आलोक पांडे ने बताया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रही है कि इस चक्रवात से कोई जनहानि न हो. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की दर्जनों टीमों को चक्रवात से प्रभावित होने वाले जिलों में तैनात किया गया है और लोगों के आवास, भोजन और दवाओं की व्यवस्था की गई है.
मौसम विभाग ने एक ट्वीट में कहा, "सौराष्ट्र और कच्छ तट के लिए चक्रवात अलर्ट... सुबह आज 0830 बजे चक्रवात पोरबंदर से करीब 320 किमी दक्षिण-पश्चिम, देवभूमि द्वारका से 360 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, जखाऊ बंदरगाह से 440 किमी दक्षिण, नलिया से 450 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित था. इसके 15 जून की दोपहर तक जखाऊ बंदरगाह को पार कर जाने का अनुमान है."
चक्रवात बिपारजॉय के प्रभाव को कम करने के लिए रेलवे ने अपने आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय कर दिया है. रेल मंत्रालय ने कई स्थानों पर हवा की गति की नियमित निगरानी और हवा का वेग 50 किमी प्रति घंटे से अधिक होने पर ट्रेनों को विनियमित या बंद करने के निर्देश, वास्तविक समय की निगरानी और समन्वय के लिए ऑनलाइन समूहों का गठन, और मौसम विभाग की वेबसाइट की लगातार निगरानी समेत कई कदम उठाए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि कच्छ जिले के तटीय इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है और सभी स्कूल एवं कॉलेज 15 जून तक बंद कर दिए गए हैं.
पाकिस्तान सरकार ने भी सिंध और बलूचिस्तान में अधिकारियों को सतर्क रहने की सलाह दी है. देश के मौसम कार्यालय ने आज रात से सिंध और मकरान के तटों पर बादलों की गर्जना के साथ बारिश होने की संभावना जताई है.