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नई दिल्ली: अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर जल्दी पहुंचने के बाद दक्षिण पश्चिम मॉनसून केरल की ओर बढ़ रहा है और मौसम विभाग ने अगले सप्ताह के मध्य तक प्रदेश में इसके दस्तक देने की संभावना जताई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार की शाम को बताया, ‘‘सप्ताह के अंत तक केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी रहेंगी.''
यदि इस सप्ताह के अंत तक केरल में दक्षिण पश्चिम मॉनसून की शुरुआत होती है, तो हाल के वर्षों में ऐसा पहली बार होगा. इससे पहले मानसून 2009 में 23 मई को केरल पहुंचा था. इससे पहले, मौसम विभाग ने पांच दिन पहले 27 मई तक केरल में मॉनसून के शुरूआत की भविष्यवाणी की थी. आम तौर पर केरल में एक जून को मॉनसून पहुंचता है.
विभाग ने कहा कि सप्ताह के कई दिन केरल तथा तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी भारी बारिश होने का अनुमान है. कुछ राहत के बाद, बृहस्पतिवार को पूरे पश्चिमोत्तर भारत में तापमान बढ़ गया है और बाड़मेर में 47.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो देश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान है.
दिल्ली में आज तेज हवाएं चलने के आसार
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में मॉनसून समय से पहले दस्तक दे सकता है. वहीं राजधानी में शुक्रवार को तेज हवाएं चलने के आसार हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी. इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में भीषण गर्मी का दौर जारी है.
दिल्ली में बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 43.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने शुक्रवार को दिन में आंशिक रूप से बादल छाए रहने और शाम को गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई है.
मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को 20-30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी. अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 44 डिग्री सेल्सियस और 29 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है.
जलवायु परिवर्तन के कारण भारत और पाकिस्तान में लोगों को भयंकर लू का सामना करना पड़ रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन ने अप्रैल और मई महीने में उत्तर-पश्चिम भारत और पाकिस्तान में चरम तापमान को 100 गुना अधिक बढ़ा दिया है. इसके साथ ही ये संभावना भी बढ़ा गई है कि इस तरह की गर्मी की लहरें सदी के अंत तक अधिक बार आएंगी. बुधवार को प्रकाशित हुए यूके के मेट ऑफिस द्वारा एक एट्रिब्यूशन अध्ययन में ये बात कही गई है.
Bloomberg में छपी अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, अगर क्लाइमेट चेंज के प्रभाव को एकबारी नजरअंदाज करें, जो 2010 का औसत तापमान है, वो हर 312 साल में एक बार पार होते हुए देखा जा सकता है, लेकिन अब क्लाइमेट चेंज के चलते यह तापमान हर 3.1 साल में एक बार देखा जा सकता है. वहीं यह सदी खत्म होते-होते हर 1.5 साल में तापमान की यह औसत सीमा पार हो सकती है. मौसम कार्यालय के अनुसार, भारत और पाकिस्तान की लू भी अपनी अवधि में असाधारण है. मार्च में अत्यधिक उच्च तापमान शुरू हुआ और इस सप्ताह फिर से गर्मी बढ़ने की संभावना है.
एट्रिब्यूशन अध्ययन, जो किसी विशेष मौसम घटना पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को निर्धारित करते हैं, उन्हें पूरा होने में महीनों लग सकते हैं. क्योंकि प्रत्येक अध्ययन की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की जानी है. प्रक्रिया को तेज करने के लिए, मौसम कार्यालय ने कहा कि ये एक सहकर्मी-समीक्षा पद्धति के साथ आया है. जिसे होने वाली हर बड़ी घटना पर फिर से लागू किया जा सकता है.
वैज्ञानिकों को महीने के अंत तक इंतजार करना होगा. अप्रैल और मई के सभी रिकॉर्ड एकत्र होने पर, यह देखना होगा कि क्या इस साल की हीटवेव 2010 में अनुभव किए गए स्तरों से अधिक है.
नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर, पंजाब-हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश के साथ देश के ज्यादातर इलाकों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. दिल्ली में रविवार को तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, लेकिन आसमान से बरसते अंगारों के बीच एक राहत भरी खबर आई है कि मानसून ने समय से पहले दस्तक दे दी है. दक्षिण-पश्चिम मानसून ने सोमवार को अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में आगाज कर दिया है, जो चार महीने लंबी चलने वाली मौसमी बारिश की शुरुआत का संकेत है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ये खुशखबरी दी है. मौसम विभाग ने कहा कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और आसपास के इलाकों में दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के मजबूत होने के कारण बारिश हो रही है.
मौसम विभाग ने कहा, साउथ वेस्ट मानसून के अगले 2-3 दिनों के दौरान दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, पूरे अंडमान द्वीप समूह के अलावा पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं. अगले पांच दिनों के दौरान लक्षद्वीप और उत्तरी तमिलनाडु तट पर चक्रवात की उपस्थिति के चलते केरल, तटीय और दक्षिण कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में गरज या तेज हवाओं के साथ व्यापक वर्षा होने की उम्मीद है.
मौसम विभाग ने कहा कि तमिलनाडु में सोमवार से बुधवार तक और अगले दो दिनों में लक्षद्वीप क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है. इसने कहा कि बुधवार को कर्नाटक के तटीय और दक्षिणी हिस्सों में भी भारी बारिश की संभावना है. पिछले हफ्ते, मौसम विभाग ने कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के 27 मई तक केरल पहुंचने की उम्मीद है, जो कि 1 जून की अपनी सामान्य शुरुआत की तारीख से पांच दिन पूर्व का वक्त है.
गौरतलब है कि दिल्ली में रविवार को कुछ इलाकों में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. जबकि गुरुग्राम में 48 डिग्री टंप्रेचर दर्ज किया गया था. राजस्थान के चुरु जैसे कई इलाके भी बेहद भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं.
नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश में 'असानी' तूफान को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. इस बीच, प्रदेश के काकीनाडा जिले के कुछ हिस्सों में बुधवार सुबह से ही बारिश हो रही है. IMD के अनुसार, अगले कुछ घंटों के लिए चक्रवात के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और आंध्र प्रदेश तट के करीब बंगाल की खाड़ी में पश्चिम-मध्य तक पहुंचने की संभावना है. बताते चलें कि मंगलवार को ही ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने कहा था कि चक्रवात असानी के बुधवार सुबह आंध्र तट पर काकीनाडा पहुंचने का अनुमान है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
काकीनाडा के थिम्मापुरम पुलिस स्टेशन के उप निरीक्षक राम कृष्ण ने बताया कि समुद्र तट के साथ लगता रोड काफी क्षतिग्रस्त हुआ है. हम 2 चेक पोस्ट लगाकर ट्रैफ़िक को इस तरफ जाने से रोक रहे हैं. हम पूरे अलर्ट पर हैं. माइक से भी लोगों को अनुरोध किया है कि बाहर न निकलें.
मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों में आंध्र प्रदेश,पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है. मौसम विभाग ने 10 से 11 मई के दौरान पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी में और 10 से 12 मई को बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी में मछली पकड़ने पर पूरी तरीके से रोक लगा दी है. साथ ही समुद्र से मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी है.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को बेहद तीव्र चक्रवात ‘असानी' से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया, जो आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों से दूर बंगाल की खाड़ी के ऊपर बढ़ रहा है, जहां नागरिकों की सहायता के लिए बचाव दल तैनात किए गए हैं. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने आंध्र प्रदेश में नौ टीमें तैनात की हैं, जबकि सात और टीमों को तैयार रहने को कहा गया है. वहीं, ओडिशा में एक टीम को तैनात किया गया है और 17 टीमों को तैयार रहने को कहा गया है.
पश्चिम बंगाल में 12 टीमों को तैनात किया गया है और पांच टीमों को तैयार रखा गया है, जबकि जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त टीमें भी मदद के लिए तैयार बैठी हैं. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “केंद्रीय गृह सचिव ने बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘असानी' के मद्देनजर आज आंध्र प्रदेश और ओडिशा में केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों व प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा की.”
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि चक्रवात के 11 मई की दोपहर तक काकीनाड़-विशाखापत्तनम तटों के पास पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तक पहुंचने का अनुमान है, जिसके बाद यह काकीनाड़ और विशाखापत्तनम (कृष्णा, पूर्व एवं पश्चिम गोदावरी और विशाखापत्तनम जिले) के बीच आंध्र तट की तरफ आगे बढ़ सकता है.
आईएमडी के मुताबिक, चक्रवात के कारण आंध्र के तटीय इलाकों में 75-85 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 95 किलोमीटर प्रति घंटे, जबकि ओडिशा के तटों पर 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 65 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, केंद्रीय गृह सचिव ने केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों को स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने तथा किसी भी तरह की मदद के लिए आंध्र प्रदेश व ओडिशा के प्रशासन के संपर्क में रहने का निर्देश दिया है.
आईएमडी चक्रवात पर करीबी नजर रख रहा है और अब तक 20 राष्ट्रीय बुलेटिन जारी कर चुका है. वह स्थानीय प्रशासन को लगातार चक्रवात की स्थिति के बारे में सूचित कर रहा है और लोगों की जान बचाने के उपाय सुझा रहा है.
मौसम विभाग कार्यालय ने कहा कि पश्चिम-मध्य और उससे सटी दक्षिण बंगाल की खाड़ी में समुद्र में बेहद तीव्र हलचल बने रहने के आसार हैं. विभाग के अनुसार, चक्रवात के कारण कोलकाता, हावड़ा, पूर्व मेदिनीपुर, उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना और नादिया जिलों सहित पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से में सोमवार से बृहस्पतिवार के बीच भारी बारिश होने का अनुमान है.
ओडिशा के खुर्दा, गंजाम और पुरी में मंगलवार को सुबह भी बारिश हुई थी. विशेष राहत आयुक्त पी. के. जेना ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को आगाह कर दिया गया है कि भारी बारिश और उसके कारण जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है तथा चार तटीय जिलों के 15 ब्लॉक से लोगों को निकालने के लिए भी कहा गया है.