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भगवान शिव के भक्त पूरे साल महाशिवरात्रि पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं। भोलेनाथ की पूजा के लिए महाशिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम माना गया है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है। पंचांग के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। जानते हैं इस साल महाशिवरात्रि की तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। साथ ही जानते हैं इस साल बनने वाले शुभ संयोग के बारे में।
महाशिवरात्रि: 11 मार्च 2021
अवधि: 00 घण्टे 48 मिनट
12 मार्च 2021: शिवरात्रि पारण समय - 06:34 से 15:02
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: 18:27 से 21:29
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: 21:29 से 00:31, मार्च 12
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: 00:31 से 03:32, मार्च 12
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 03:32 से 06:34, मार्च 12
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ: 11 मार्च को 14:39 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 12 मार्च को 15:02 बजे
महाशिवरात्रि पर शुभ संयोग
इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस साल महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र होगा और इस अवधि में चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे। इस साल महाशिवरात्रि पर शुभ संयोग बन रहा है जिससे इस दिन की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ का व्रत रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि महाशिवरात्रि का व्रत करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस जीवनकाल में मनुष्यों के लिए महाशिवरात्रि व्रत को कल्याणकारी बताया गया है। इस दिन व्रत रखने के अतिरिक्त भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। महाशिवरात्रि व्रत से मनुष्य के सभी दुख और कष्टों का अंत होता है। इस दिन सच्चे मन से की गई आराधना से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। भोले बाबा के आशीर्वाद से सौभाग्य, समृद्धि और संतान प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि व्रत की संक्षिप्त पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन जातक सुबह जल्दी उठे। स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद विधिवत पूजा का शुभारंभ करें। पूजा के समय कलश में जल या दूध भरकर शिवलिंग पर अवश्य चढ़ाएं। शिवलिंग को बेलपत्र, आक फूल, धतूरे के फूल आदि भी अर्पित करें। इस दिन पूजा में शिवपुराण, महामृत्युंजय मंत्र, शिव मंत्र और शिव आरती का पाठ जरुर करना चाहिए। महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण भी किया जाता है।ण भी किया जाता है।