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नई दिल्ली : कजरी तीज सुहागन महिलाओं के लिए बेहद ही जरूरी व्रत है. इस दिन वह उपवास रखकर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं. हिंदी पंचाग के अनुसार यह त्योहार हर साल भाद्रमास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को आता है. इस बार यह कजरी तीज 25 अगस्त यानी बुधवार को है. कजरी तीज व्रत ( Kajari Teej Vrat ) का पारण चंद्रमा के दर्शन करने और उन्हें अर्घ्य देने के बाद किया जाता है. इस दिन सुहागिनें निर्जलाव्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती है. ऐसी मान्यता है कि इससे माता पार्वती और भगवान महादेव प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्राप्त होने एवं सभी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.
बन रहा है धृति योग - इस बार एक विशेष योग बन रहा है. दरअसल साल 2021 में कजरी तीज के दिन प्रातः काल 05 बजकर 57 मिनट तक धृति योग रहेगा. इस योग में किया गया सभी शुभ कार्य सफल एवं शुभ फलदायी होते हैं ऐसी मान्यता है. वैदिक शास्त्र के अनुसार, धृति योग को बेहद शुभ भी माना गया है.
शुभ मुहूर्त - अगर व्रत के शुभ मुहूर्त की बात करें तो कजरी तीज का व्रत भाद्र पद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है. हिंदी पंचांग के अनुसार भादों के कृष्ण की तृतीया तिथि 24 अगस्त की शाम 4:05 से शुरू हो कर 25 अगस्त को शाम 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. ऐसे में कजरी तीज का व्रत 25 अगस्त को रखा जाएगा.
नई दिल्ली : इस बार बुधवार, 11 अगस्त 2021 को हरियाली तीज मनाई जाएगी. श्रावण के पवित्र माह में तीज का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है. प्रतिवर्ष श्रावण माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं.
जानें हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज का पावन व्रत करवा चौथ के व्रत से भी ज्यादा मुश्किल होता है। इस व्रत में पत्नियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करने एवं व्रत रखने से अखंड सौभाग्य का वर मिलता है। घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। पति के निरोगी रहने का आशीर्वाद भी प्राप्त होने की मान्यता है.
ये है हरियाली तीज की पूजन सामग्री.
बेल पत्र,
केले के पत्ते,
धतूरा,
अंकव पेड़ के पत्ते,
तुलसी,
शमी के पत्ते,
काले रंग की गीली मिट्टी,
जनैऊ,
धागा और नए वस्त्र।
यह है पार्वती जी के श्रृंगार की जरूरी सामग्री
चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग चूड़ा, कुमकुम, कंघी, सुहागिन के श्रृंगार की चीज़ें। इसके अलावा श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध और पंचामृत आदि।
हरियाली तीज पूजन विधि
अगर साथ में इन मंत्रों को बोलना चाहिए. बनी रहे मां पार्वती का आशीर्वाद.
ॐ उमायै नम:,
ॐ पार्वत्यै नम:,
ॐ जगद्धात्र्यै नम:,
ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नम:,
ॐ शांतिरूपिण्यै नम:,
ॐ शिवायै नम:
भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करनी चाहिए.
ॐ हराय नम:,
ॐ महेश्वराय नम:,
ॐ शंभवे नम:,
ॐ शूलपाणये नम:,
ॐ पिनाकवृषे नम:,
ॐ शिवाय नम:,
ॐ पशुपतये नम:,
ॐ महादेवाय नम:
हरियाली तीज 2021 पूजन के शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज व्रत रखने की तारीख- बुधवार, 11 अगस्त 2021
राहुकाल- बुधवार- दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक। (राहुकाल में पूजा नहीं करनी चाहिए) श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि मंगलवार, 10 अगस्त को शाम 06.11 मिनट से शुरू होगी और 11 अगस्त 2021, बुधवार को शाम 04.56 मिनट पर समाप्त होगी।
अमृत काल- सुबह 01:52 से 03:26 तक
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:29 से 17 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 14 से 03.07 तक
गोधूलि बेला- शाम 23 से 06.47 तक
निशिता काल- रात 14 से 12 अगस्त सुबह 12:25 तक
रवि योग- 12 अगस्त सुबह 09:32 से 05:30 तक।
हरियाली तीज महत्व
मान्यता है कि इस दिन माता शिव और माता पार्वती की पूजा करने व व्रत रखने से अखंड सौभाग्य का वर मिलता है घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. पति के निरोगी रहने का आशीर्वाद भी प्राप्त होने की मान्यता है.
हरे रंग का महत्व
हरियाली तीज में हरी चूड़ियां, हरे वस्त्र पहनने, सोलह शृंगार करने और मेहंदी रचाने का विशेष महत्व है। इस त्यौहार पर विवाह के पश्चात पहला सावन आने पर नवविवाहित लड़कियों को ससुराल से मायके बुला लिया जाता है. लोकमान्य परंपरा के अनुसार नव विवाहिता लड़की के ससुराल से इस त्यौहार पर सिंजारा भेजा जाता है जिसमें वस्त्र,आभूषण, श्रृंगार का सामान, मेहंदी, घेवर-फैनी और मिठाई इत्यादि सामान भेजा जाता है. इस दिन महिलाएं मिट्टी या बालू से मां पार्वती और शिवलिंग बनाकर उनकी पूजा करती हैं. पूजन में सुहाग की सभी सामिग्री को एकत्रित कर थाली में सजाकर माता पार्वती को चढ़ाना चाहिए.