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चंद्रबाबू नायडू ने बजट पर उठाए सवाल.
नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर आंध्र प्रदेश के साथ धोखा करने का आरोप लगाया. 2014 में आंध्र के बंटवारे के समय किए गए वादों को पूरा करने में असफल रहने और राज्य को तत्काल विशेष दर्जा न दिये जाने को लेकर चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट में राज्य को कुछ भी नहीं दिया गया.
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत बीजेपी सरकार ने इन सभी सालों में आंध्र प्रदेश को धोखा दिया है. आंतरिक बजट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास लोकसभा चुनाव से पहले अपने आखिरी बजट में भी राज्य के लिए कुछ भी नहीं है. बता दें कि आंध्र प्रदेश में टीडीपी के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों ने केन्द्र से एपी पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में किए गए वादों को पूरा करने और राज्य को तत्काल विशेष दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को एक राज्यव्यापी बंद का आयोजन किया.
आंध्र प्रदेश विधानसभा ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम और वादों और कार्यान्वयन का विषय चर्चा के दौरान उठाया. चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक विष्णु कुमार राजू ने जब अपनी पार्टी के बचाव करने की कोशिश की तो बीच में चंद्रबाबू नायडू ने हस्तक्षेप किया और उन्हें फटकारा. फिर जब भाजपा विधायक मणिक्याला राव चंद्रबाबू नायडू के काउंटर के लिए उठे, तब भी चंद्रबाबू नायडू ने अपना एंग्री स्पीच जारी रखा.
उन्होंने कहा कि टीडीपी ने किसी भी तरह का समझौता नहीं किया. मैंने बहुत विनम्रता दिखाई और उन्हें मोदी सर कहता रहा. लेकिन उन्होंने हमारी जरूरतों का भुगतान नहीं किया. उन्होंने केवल अमरावती के लिए धूल और पानी दिया. अब भाजपा प्रचार कर रही है कि वे केवल किआ मोटर्स को आंध्र प्रदेश में में लाए. यह पूरी तरह बकवास है.'
पीएम मोदी पश्चिम बंगाल के ठाकुरगंज में रैली को संबोधित कर रहे थे.
खास बातें
नई दिल्ली: पीएम मोदी अपनी वाकपटुता के लिए पूरे विश्व में जाने जाते हैं. उनके भाषणों की तारीफ खुद विपक्ष के नेता तक कर चुके हैं. चुनावी सरगर्मियों में प्रधानमंत्री रैलियों में कई घंटों तक भाषण देते हुए देखा गया था. लेकिन पश्चिम बंगाल के ठाकुरगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ 14 मिनट का भाषण ही दिया. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक दुर्गापुर की रैली में अप्रत्याशित भीड़ से स्थिति बेकाबू होने लगी. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि प्रशासन के लिए उसे संभालना चुनौती बन गया. लिहाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण को जल्दी ही खत्म कर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठाकुरगढ़ की रैली के साथ आगामी लोकसभा चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रचार अभियान की शुरुआत की. पीएम मोदी ने दुर्गापुर में 294 किलोमीटर लंबे अंदल-सैंथिया-पाकुर-मालदा रेलवे सेक्शन के इलेक्ट्रिफिकेशन को राष्ट्र को समर्पित किया.
रैली के दौरान उन्होंने भीड़ को देखकर कहा कि यह दृष्य देखकर मुझे समझ आ रहा है कि दीदी हिंसा पर क्यों उतर आई है. यह आपका प्यार है कि लोकतंत्र के बचाव का नाटक करने वाले लोग लोकतंत्र का हत्या करने पर तुले हुए हैं. पीएम मोदी ने भीड़ से कहा कि मैदान छोटा पड़ गया है. आप जहां हैं वहीं खड़े होकर रहिए. फिर उन्होंने भारत माता के जय-जयकार लगाए. रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम नागरिकता कानून लेकर आए हैं. हम चाहते हैं कि इसे संसद में इसे पास करने दीजिए, हम अपने भाइयों और बहनों को इंसाफ दिलवाना चाहते हैं.
DND पर प्रदर्शन करते किसान.
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने बजट में किसानों को सौगातें देखकर रिझाने की कोशिश की लेकिन किसानों का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ है. जमीन अधिग्रहण में उचित मुआवजे की मांग को लेकर नाराज किसान दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास को घेरने की चेतावनी दे रहे हैं. टप्पल के आक्रोशित किसान अपनी मांगों के साथ भारी संख्या में डीएनडी पहुंच गए हैं और उसे घेर लिया है. फिलहाल यह प्रदर्शन डीएनडी के किनारे हो रहा है. नाराज किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं, तब तक वह अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. किसानों के आंदोलन को देखते गुए पुलिस ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है.
बता दें कि पिछले 50 महीनों से टप्पल के किसान मुआवजे की मांग को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं. इन किसानों की जमीन, बसपा सरकार ने यमुना एक्सप्रेस-वे निर्माण के दौरान अधिग्रहित की थी. इसके बाद किसानों ने आंदोलन चलाया था. इस आंदोलन के दौरान तीन किसानों और एक पुलिसकर्मी की मौत भी हो गई थी. करीब 50 महीने से चल रहे इस आंदोलन की खबर लेने कोई नहीं पहुंचा तो किसान शुक्रवार को पीएम आवास घेरने पहुंच गए.
भोपाल: मध्यप्रदेश के हर ज़िले से कर्जमाफी में घोटाले की ख़बरें आ रही हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्जमाफी प्रक्रिया में सामने आ रहे घोटाले की रकम को हजार करोड़ से ज्यादा का बताया है. उन्होंने ये भी कहा कि ये घोटाला पिछली सरकार के कार्यकाल में बीजेपी नेताओं और बैंक अफसरों ने मिलकर किया. इसकी जांच कराएंगे. जीरो फीसदी के नाम पर भी कर्ज देने का दुरुपयोग हुआ. वहीं बीजेपी कह रही है सरकार बयान देकर कर्जमाफी की विफलता छिपा रही है. उमरिया के किसान रोहिणी साहू का कहना है, 'मैंने सोसायटी से कर्जा नहीं लिया है, फिर भी मेरे नाम से 80,000 का कर्ज का आरोप लगाया गया, जांच भी करवाया, कोई जांच नहीं हुई. वहीं, दयाल ने कहा, '56000 कर्जा आ गया, न हमने लिया, ना हमारे बाप दादा ने लिया.'
उमरिया ज़िले के पड़वार, बेल्दी, बचहा, चिल्हारी, सुखदास जैसे गांवों के कई किसानों की बिना कर्ज लिए लाखों रुपए की कर्जमाफी हो गई. किसान परेशान हैं और रोज़ सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. यही नहीं कर्जमाफी की सूची में उन किसानों के नाम भी शामिल हैं जिनकी सालों पहले मौत हो चुकी है. शहडोल में तो कई लखपति, कारोबारी, नेता, डॉक्टर, इंजीनियरों के नाम पर खेती का कर्ज है, जिसे उन्होंने सालों तक नहीं चुकाया. कटनी में जरवाही सोसायटी पर ये किसान फर्जीवाड़े का आरोप लगा रहे हैं. बुद्धुलाल पटेल, चंद्रभान पटेल जैसे कई किसान हैं जिन्होंने अपना कर्ज चुका दिया, लेकिन उनके नाम के आगे लाखों की रकम दर्ज है. बुद्धुलाल पटेल ने कहा मेरे ऊपर 7,95,480 लोन निकाला है. हमने लोन लिया, लेकिन समय-समय पर चुकाते रहे. जिसकी एक-एक रसीद है. वहीं चंद्रभान पटेल ने कहा, 'मेरे ऊपर 3,68.894 कर्ज निकाल दिया. मेरा वहां 1,03,789 रु ज्यादा जमा है. मेरा पैसा फसल से काट कर ले लिया और सबकी रसीद है.'
आगर मालवा ज़िले में गागोरनी और गणेशपुरा गांव के किसानों का भी यही आरोप है. किसी के पिता की मौत के 18 साल बाद भी कर्जदार में उनका नाम लिखा है, तो कोई कर्ज चुकाने के बाद भी कर्ज़दार है. पुर सिंह ने कहा कि मेरे पिताजी को मरे 18 साल हो गए. उनके नाम से कर्जा चल रहा है. छतरपुर जिले में भी कई ऐसे मामले मिले, जिसमें किसान दुनिया में नहीं हैं और कर्जदार हो गया. कई लापता लोगों के नाम भी कर्ज है. कटनी, सागर, रीवा में प्रशासन ने फर्जी ऋण मामलों में आईपीसी की धारा 420, 409, 201 तथा 120 के तहत मामला दर्ज कराया है.
मध्यप्रदेश सरकार के प्रवक्ता जीतू पटवारी ने कहा, 'बीजेपी की जब सरकार रही तब सहकारिता विभाग. सहकारी समितियों में जो करप्शन की गंगा बह रही है वो किसी से छिपी नहीं है. ये विसंगतियां उसी का परिणाम हैं. हमने आदेश निकाला है जो आपराधिक गतिविधियों में पाये गये हैं उन्हें आपराधिक प्रकरणों से गुजरना होगा.' वहीं बीजेपी का कहना है, जो दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई हो. सिर्फ बयान देकर सरकार कर्जमाफी की विफलता छिपा रही है. बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि दस दिन हमने नहीं राहुल गांधी ने गिनाये थे. लोकसभा चुनाव तक ऐसे आरोप लगाते रहेंगे. सवाल ये है कि किसी ने कोई गड़बड़ी की है तो जांच कराये, जांच हुई नहीं निष्कर्ष पहले निकाल दिया. आपको बता दें कि राज्य में जय किसान फसल ऋण माफी योजना में अबतक 53 लाख 18 हजार 757 ऋण खाता धारक किसानों में से लगभग 79 प्रतिशत यानी 42 लाख 4 हजार 463 किसानों ने ऋण माफी के लिये आवेदन पत्र भर दिये हैं. जिसमें 14 लाख 29 हजार 879 किसानों के ऋण खाते पंच किये जा चुके हैं. सरकार ने शिकायतों के निपटारे के लिये जो कंट्रोल रूम बनाये थे उसमें कुल 342 शिकायतें अब तक मिल गई हैं.
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