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मध्य प्रदेशः कार्यकर्ताओं को बड़ा गिफ्ट देगी कांग्रेस सरकार, बनेंगे सरकार का हिस्सा.
भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार का हिस्सा बनने वाले हैं, वो भी एक दो नहीं हज़ारों. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी चुनावी बिगुल फूंकने के वक्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए सरकार बनने पर अच्छे दिन का वायदा किया था, जिसे क्रियान्वयन समिति, जनभागीदारी समितियों के जरिये सरकार पूरा करने की योजना बना रही है. सितंबर में राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कहा था मैं बहुत सालों से देख रहा हूं आपका संघर्ष, जो आपने लड़ाई लड़ी है उसका फायदा आपको मिलना चाहिये. ये मेरी जिम्मेदारी है, और किसी की नहीं मेरी ज़िम्मेदारी है. अब कमलनाथ सरकार अपने अध्यक्ष के वायदे को पूरा करने में जुटी है.
इसी कड़ी में जिला सतर्कता समिति, उपभोक्ता संरक्षण समिति, जिला वक्फ कमेटी, जिला जन अभियोग निराकरण समिति जैसे कमेटियों के जरिये कांग्रेस अपने 12000 कार्यकर्ताओं को इनाम देने का मन बना रही है, जो पिछले 15 साल से पार्टी के लिए जी जान से काम कर रहे थे. इसके लिये दिग्विजय सरकार के वक्त काम करने वाली क्रियान्वयन समितियों को शुरू किया जा रहा, जिसे बीजेपी ने बंद कर दिया था. इन समितियों के ज़रिये ज़िला स्तर पर सरकार अपने कामकाज की निगरानी करती है.
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल इसे ग़लत भी नहीं मानते. कांग्रेस का कार्यकर्ता 15 साल से पीड़ित है उसको सम्मान देना है. 12000 लोग किस तरह से पार्टी में पदाधिकारी बनते हैं ये देखा जा रहा है. निश्चित तौर पर ये फायदेमंद होगा कांग्रेस के लिए, राज्य के लिये क्योंकि कार्यकर्ता बहुत समर्पित हैं देश के प्रति-प्रदेश के प्रति. स्कूल-कॉलेज में जनभागिदारी समितियों में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नियुक्ति होगी, बीजेपी का कहना है नियुक्ति हो, लेकिन संस्था भ्रष्टाचार का अड्डा ना बने.
बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा सरकार में भागीदारी के लिये कोई अशासकीय सदस्य की प्रक्रिया-प्रावधान है तो ज़रूर बनाएं, लेकिन सरकार के एजेंट ना बनाएं, क्योंकि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारें इस मप्र ने देखी हैं जो अधिकृत तौर पर एजेंट बनाने का काम करते हैं. जो दफ्तर को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाने में जुट जाती हैं. बाकी उनकी मर्ज़ी सरकार उनकी. इस योजना के तहत हर विधानसभा से 50 नाम जिला अध्यक्ष और विधायक की सहमति से तय किए जाएंगे. तैयारी इनकी नियुक्ति लोकसभा चुनाव से पहले करने की है.
::/fulltext::मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करना शुरू किया.
खास बातें
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने अपने चुनावी वादे के तहत राज्य में किसानों का कर्ज माफ ( Farmers Loan waiver) करना शुरू कर दिया है. बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamal Nath) ने एक कार्यक्रम से इसकी औपचारिक शुरुआत की. इस दौरान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्ज माफी को लेकर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा (CM Kamal Nath) कि कर्जमाफी ( Farmers Loan waiver) कैसे की जाएगी और इसके लिए पैसे कहां से आएंगे इसका इंतजाम पांच महीने पहले से ही शुरू कर दिया गया था. मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने किसानों के ऋण माफी योजना का नाम जय किसान ऋण मुक्ति योजना रखा है. इस योजना के तहत राज्य में 26 बैंकों की साढ़े सात हजार ब्रांच किसानों की कर्जमाफी में जुटे हैं. सरकार (MP Government) का कहना है योजना से 55 लाख किसानों को फायदा मिलेगा. सरकार उनके 55 हजार करोड़ रुपये का कर्जा माफ होगा. इस मौके पर 12 किसानों को कर्जमाफी का सर्टिफिकेट भी दिया गया. कर्जमाफी को लेकर आयोजित कार्यक्रम में आए उधम सिंह पर ढाई लाख का कर्ज़ था.
उन्होंने कहा 2 लाख रुपये का कर्जमाफी प्रमाणपत्र मिल गया है. सिंह ने बताया कि कर्ज माफी से उन्हें यह फायदा हुआ कि अब मैं खाद बीज ले सकूंगा जो फसल आएगी उससे साहूकार का कर्ज चुका पाऊंगा. वहीं मान सिंह पटेल ने कहा 5 लाख का कर्जा है 2 लाख कम होंगे 3 लाख बचेंगे, इससे मैं बहुत खुश हूं. हालांकि अनुपूरक बजट में कर्जमाफी के लिये 5000 करोड़ का प्रावधान है, जबकि योजना के लिये 55,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम चाहिए.मध्यप्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले उसका सकल मौद्रिक घाटा 3.3% के आसपास है.
एफआरबीएम के नियमों की सीमा से 0.2% ज्यादा है. मोटा-मोटी गणित के हिसाब से सरकार और 7000 करोड़ का कर्ज जुगाड़ सकती है वो भी तब जब 2018-19 में राज्य पर कर्ज़ा 1,87,636 करोड़ का है जिसके लिये 12,867 करोड़ ब्याज चुकाना होता है. ऐसे में विपक्ष कह रहा है कर्जमाफी ढकोसला है. पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा आपने कहा सबका कर्ज माफ करेंगे आंकड़ा आता है 56,000 करोड़ आपने अनुपूरक बजट में 5000 करोड़ का प्रावधान रखा, अभी सरकार ने कहा 1000 करोड़ का कर्ज लेंगे ये तो 6000 करोड़ होता है ये साफ बताता है कि कर्ज़माफी ढकोसला है.
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पाला प्रभावित फसलों का जायजा लेने 2 दिनों के लिये राज्य के दौरे पर हैं. ढाढस बंधा रहे हैं कि वो उनके साथ खड़े हैं. राजगढ़ ज़िले में उन्होंने कहा पाले से फसलें खराब हुई मैं देखने जा रहा हूं अभी तक कोई देखने नहीं गया, ये नहीं होने दूंगा लड़ लड़के राहत दिलाऊंगा. लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने कर्जमाफी कर दी, अब वो 41 दिन पूरे राज्य में किसान विजय रथ यात्रा निकालेगी, विपक्ष सवाल कर्जमाफी के फॉर्म पर भी उठा रहा है जिसमें मुख्यमंत्री की तस्वीर है. हालांकि वो ये भूल गया है कि उसके शासन के वक्त ये तस्वीर सिर्फ फॉर्म में ही नहीं, विज्ञापनों के जरिये जनता के पैसे से हर जगह छाई रहती थी.