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बिल को अभी विधान परिषद में भेजा जाएगा.
खास बातें
मुंबई: महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर मराठा समाज की लड़ाईनतीजे पर पहुंच गई है. महाराष्ट्र विधानसभा में गुरुवार को मराठा आरक्षण बिल पास हो गया है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सदन में यह बिल पेश किया था. विधानसभा ने एकमत के साथ बिल को पास कर दिया गया है. अब इस बिल को राज्य के उच्च सदन विधान परिषद में भेजा जाएगा. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बिल में मराठा समुदाय को रोजगार और शिक्षा के लिए 16 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव है. बता दें, हालही में देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट ने मराठा आरक्षण को मंजूरी दी थी. मराठाओं को सामाजिक और आर्थिक पिछड़े समाज के तौर पर यह आरक्षण दिया गया है.
आरक्षण के मुद्दे पर चल रही बहस के बीच मुस्लिम समाज को आरक्षण देने की मांग भी एक बार फिर से तेज़ हो गई. इस बीच रविवार शाम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी शीतकालीन सत्र से पहले प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्षी पार्टियों के आरोपों का जवाब दिया. यही नहीं महाराष्ट्र कैबिनेट की ओर से मराठा आरक्षण को मंज़ूरी देने का ऐलान भी कर दिया.
कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि राजस्थान में सत्ता में आने पर वह किसानों का कर्ज माफ करेगी, बुजुर्ग किसानों को पेंशन देगी, बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपए तक का मासिक भत्ता देगी व बच्चियों की शिक्षा पूरी तरह नि:शुल्क करेगी।
कांग्रेस ने आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए अपने जन घोषणा-पत्र में ये वादे किए हैं। घोषणा पत्र गुरुवार को यहां जारी किया गया। पार्टी का कहना है कि यह घोषणा पत्र राज्य की जनता की जनभावनाओं, उनकी अपेक्षाओं व आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है इसके लिए पार्टी को ऑफलाइन व ऑनलाइन लगभग दो लाख सुझाव मिले थे।
कांग्रेस के घोषणा पत्र की प्रमुख बातों में किसानों को कर्जमाफी, बेरोजगार युवाओं को 3500 रुपए तक का भत्ता, बच्चियों की सारी शिक्षा नि:शुल्क करना व राइट टू हेल्थ के प्रस्ताव शामिल हैं। इसके साथ ही उसने बुजुर्ग किसानों को पेंशन की बात कही है। वह असंगठित मजदूरों के लिए बोर्ड बनाएगी।
पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने इस अवसर पर कहा कि यह जन घोषणा पत्र कोई दस्तावेज नहीं बल्कि पार्टी की जनता के प्रति प्रतिबद्धता है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि पार्टी के घोषणा पत्र में जनभावनाओं को शामिल करने का यह राहुल मॉडल है और घोषणा पत्र के लिए लगभग दो लाख सुझाव मिले।
गहलोत ने आरोप लगाया कि वसुंधरा राजे सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं बंद कर दीं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य के सभी सातों संभाग में इस घोषणा पत्र को जारी किया। इस अवसर पर घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष हरीश चौधरी व पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे भी मौजूद थे।