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भारत मंडपम में दूर से खड़े खड़े कार्यक्रम देख रहे थे एक बुजुर्ग, मुख्यमंत्री ने पास बुलाया और अपने साथ बैठने का किया आग्रह
मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता छू गई दिल वालों की नगरी दिल्ली के लोगों को भी
भारत मंडपम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की आत्मीयता ने जीता सबका दिल
मुख्यमंत्री श्री साय ने किया सियान का सम्मान
रायपुर-मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सादगी और संवेदनशीलता ने एक बार फिर लोगों के दिलों को छू लिया। यह दृश्य था राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में, जहां छत्तीसगढ़ दिवस के अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन चल रहा था। छत्तीसगढ़ की परंपरा और कला की शानदार प्रस्तुतियां मंच पर हो रही थीं, और दर्शक तालियों से कलाकारों का उत्साह बढ़ा रहे थे।
इसी दौरान मुख्यमंत्री श्री साय की नजर दर्शकों के बीच एक वृद्ध व्यक्ति पर पड़ी, जो खड़े होकर कार्यक्रम देख रहे थे। मुख्यमंत्री ने तुरंत अपने सहायक से कहा कि उस बुजुर्ग को पास बुलाएं। कुछ ही पल में वह बुजुर्ग व्यक्ति मुख्यमंत्री के पास पहुंचे। श्री साय ने बड़े ही आत्मीय भाव से उनका स्वागत किया और उन्हें अपने पास बैठने का आग्रह किया।
कार्यक्रम देखकर बाहर आये बुजुर्ग श्री रामावतार तिवारी ने बताया कि मुझे बहुत अच्छा लगा जब मुख्यमंत्री ने मुझे सम्मान दिया, अपने पास बैठाया और मेरा हालचाल पूछा। मुख्यमंत्री ने इतना बड़ा ओहदा हासिल करने के बाद भी अपनी विनम्रता और संस्कार को नहीं छोड़ा। श्री रामावतार तिवारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सीधे सरल लोगों के बारे में सुनते आये हैं। वहां के मुख्यमंत्री से मिलकर लगा कि सीधे और सरल लोगों के मुखिया भी सीधे और सरल स्वभाव के हैं। मुख्यमंत्री श्री साय का हृदय संवेदनशीलता से परिपूर्ण है। हम एक दूसरे से अपरिचित भले ही हो सकते हों लेकिन संवेदनशील हृदय के द्वारा हम एक दूसरे की भावनाओं को प्रगाढ़ता से महसूस कर सकते हैं।
कांकेर जिले को मत्स्यपालन के लिए मिला बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट का राष्ट्रीय अवार्ड
नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री ने दिया सम्मान
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई
रायपुर- छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले को मत्स्यपालन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिला है। आज 21 नवंबर को विश्व मत्स्यपालन दिवस के अवसर पर केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी एवं पंचायतीराज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल एवं श्री जॉर्ज कुरियन ने छत्तीसगढ़ के मत्स्यपालन विभाग के संचालक श्री नारायण सिंह नाग, सहायक संचालक मत्स्यपालन कांकेर श्री एस.एस. कंवर को नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में ट्राफी एवं प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ राज्य को इससे पूर्व मत्स्यपालन के क्षेत्र में देश के बेस्ट इनलैंड स्टेट का अवार्ड मिल चुका है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कांकेर को देश का बेस्ट इनलैंड डिस्ट्रिक्ट अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए कांकेर सहित राज्य के सभी मत्स्य कृषकों एवं मत्स्यपालन विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ लैंडलॉक्ड प्रदेश होने के बावजूद भी मत्स्यपालन के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान पर है। मछली बीज उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश का आत्मनिर्भर राज्य है। यह राज्य के मत्स्य कृषकों की मेहनत का परिणाम है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में मछली पालन के लिए 2.032 लाख हेक्टेयर जल क्षेत्र है, जिनमें से 96 प्रतिशत में किसी न किसी रूप में मत्स्य पालन हो रहा है। राज्य में प्रतिवर्ष 546 करोड़ मत्स्य बीज तथा 7.30 लाख टन मत्स्य उत्पादन हो रहा है। यहां से पड़ोसी राज्यों को भी मत्स्य बीज का निर्यात होता है। राज्य मत्स्य बीज उत्पादन में देश में 6वें तथा मत्स्य उत्पादन में देश में 8 वें स्थान पर है। छत्तीसगढ़ राज्य के मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंक से ऋण की सुविधा प्रदान की जा रही है। पात्रतानुसार मत्स्य कृषकों को एक प्रतिशत से लेकर तीन प्रतिशत ब्याज पर अल्प अवधि ऋण भी दिया जा रहा है।
रायपु-
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली स्थित राजीव गांधी भवन में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू से सौजन्य मुलाक़ात की। बैठक में राज्य की हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने और क्षेत्रीय हवाई अड्डों के विकास को लेकर चर्चा की गयी। इस दौरान मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत एवं नई दिल्ली में पदस्थ छत्तीसगढ़ की इन्वेस्टमेंट कमिश्नर श्रीमती ऋतु सेन भी उपस्थित थीं।
गौरसिंग मुकुट पहनाकर किया गया अभिनन्दन
मुख्यमंत्री ने किया बस्तर हाट की थीम पर आधारित एक्सपीरियंस जोन और स्टाल्स का अवलोकन
रायपुर-
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के आज बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने चित्रकोट पहुंचने पर बस्तरिया अंदाज में स्वागत हुआ| उनके स्वागत में जनजातीय लोक नर्तक दलों ने आकर्षक प्रस्तुति दी| जनप्रतिनिधियों ने पारंपरिक गौर सिंग मुकुट पहनाकर उनका अभिनन्दन किया|
प्रसिद्ध पर्यटन स्थल चित्रकोट में बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक के आयोजन हेतु विशेष तैयारियां की गई थीं| इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर हाट की थीम पर आधारित एक्सपीरियंस जोन एवं विभिन्न विभागीय स्टालों का अवलोकन किया। प्राधिकरण के बैठक स्थल पर संभाग के सात जिलों बस्तर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, सुकमा और बीजापुर की विकास योजनाओं और उपलब्धियों को स्टॉल के जरिए साझा किया गया। इन स्टालों में विकास और नवाचार की विस्तृत झलक दिखी|
'बस्तर कॉफी' के सफर की दिखी झलक
बस्तर जिले के स्टाल में 'बस्तर कॉफी' की प्रक्रिया और उसके प्रसार को रोचक ढंग से दिखाया गया है। प्रदर्शनी में कॉफी उत्पादन, ताजा चेरी उत्पादन से लेकर कॉफी की धुलाई, भुनाई, पिसाई और पाउडर पैकेजिंग तक की पूरी प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया है। 'बस्तर कैफे' की पहल से स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया गया है। बस्तर कॉफी ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास भी जारी है।
कला और नवाचार का संगम
कोण्डागांव जिले ने स्टाल के माध्यम से अपनी पारंपरिक शिल्पकला और आधुनिक विकास परियोजनाओं को सामने रखा है। झिटकू मिटकी आर्टिसन प्रोड्यूसर ने बेल मेटल कला से अयोध्या के श्री राम मंदिर के स्थापत्य को प्रदर्शित किया। इस दौरान जिले में हो रहे पर्यटन विकास, रोजगार के अवसर बढ़ाने गारमेंट फैक्ट्री, एनीमिया मुक्त कोण्डागांव अभियान स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने, 'मावा कोण्डानार' मोबाइल ऐप: पारदर्शी प्रशासन और नागरिक सुविधाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने की दिशा में पहल की जानकारी दी गई।
शिक्षा और बाल विकास में नवाचार
दंतेवाड़ा जिले ने शिक्षा और बाल कल्याण के क्षेत्र में किए गए नवाचारों को साझा किया। बाल मित्र कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल से बाहर और अप्रवेशी बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पहल शुरू की गई है । बाल मित्र पुस्तकालय एवं पंचायत के जरिए बच्चों को नेतृत्व और निर्णय लेने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम शिक्षा के साथ-साथ समग्र विकास के लिए भी अहम साबित हो रहा है।
लघु वनोपज से बढ़ती आजीविका
कांकेर जिले में लघुवनोपज आधारित परियोजनाओं और उद्यानिकी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। फ्रेश सीताफल परियोजना स्थानीय किसानों सहित स्वसहायता समूह की दीदियों के लिए आय का प्रमुख स्रोत बनी है। पोषण और रोजगार, लघु धान के मछली पालन, कड़कनाथ मुर्गी पालन में रोजगार के नए अवसर और आजीविका संवर्धन की जानकारी दी गई है।
महिला सशक्तिकरण का उदाहरण
नारायणपुर जिले में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं। स्वसहायता समूहों की दीदियों ने हर्बल गुलाल, मशरूम उत्पादन, कड़कनाथ पालन और बटेर पालन जैसी गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई है। इन गतिविधियों से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिली है।पोषण आहार और एकीकृत कृषि, कृषि में नवीन तकनीकों के समावेश का प्रदर्शन किया गया है।
यातायात और आवासीय योजनाओं की प्रगति
सुकमा जिले के स्टाल में आधारभूत संरचना और ग्रामीण विकास पर जोर दिया गया है। हक्कुम मेल अंतर्गत यातायात सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में हो रहे कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना,आवासीय परियोजनाओं से सकारात्मक बदलाव, लखपति दीदी योजना मरईगुड़ा (वन) पंचायत, महिला स्वसहायता समूहों को आर्थिक सशक्तिकरण में हो रहे सकारात्मक परिणामों को प्रदर्शित किया गया।
'नियद नेल्ला नार' योजना के सकारात्मक परिणाम
बीजापुर जिले में प्रदेश सरकार द्वारा माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में संचालित 'नियद नेल्ला नार' योजना के माध्यम से समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें ग्रामीणों के लिए बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए तकनीकी और स्थानीय संसाधनों का उपयोग, जिले के प्राकृतिक सौंदर्य को पर्यटन के माध्यम से दुनिया के पटल पर रखने के प्रयासों की जानकारी दी गई है।