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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण कर दिया है. इस मौके पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं नगर कोतवाल कालभैरव जी के चरणों में शीश नवाकर आ रहा हूं. देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूं. काशी में कुछ भी खास हो तो सबसे पहले उनसे पूछना आवश्यक है. मैं काशी के कोतवाल के चरणों में अभिवादन करता हूं.'
इस मौके पर आह्लादित भाव में पीएम मोदी ने भोजपुरी में बोलते हुए कहा कि 'काशी के लोगन के प्रणाम करत हईं. शुभ घड़ी आइल है, आपसब लोगन के बहुत-बहुत बधाई है.' PM ने कहा, "बाबा विश्वनाथ, माता अन्नपूर्णा के चरणों में शीश नवावत हैं..."
पीएम ने कहा कि हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है, सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है. उन्होंने कहा, "भगवान विश्वेश्वर का आशीर्वाद, एक अलौकिक ऊर्जा देती है. यहाँ आते ही हमारी अंतर-आत्मा को जागृत कर देती है. आप यहाँ जब आएंगे तो केवल आस्था के दर्शन नहीं करेंगे."
प्रधानमंत्री ने कहा, "विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का! ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का! ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का! भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का."
पीएम ने कहा, "आपको यहाँ अपने अतीत के गौरव का अहसास भी होगा. कैसे प्राचीनता और नवीनता एक साथ सजीव हो रही हैं, कैसे पुरातन की प्रेरणाएं भविष्य को दिशा दे रही हैं, इसके साक्षात दर्शन विश्वनाथ धाम परिसर में हम कर रहे हैं."
प्रधानमंत्री ने कहा, "जब मैं बनारस आया था, तो मुझे अपने से ज्यादा बनारस के लोगों पर भरोसा था. कुछ लोग ऐसे थे जो बनारस के लोगों पर संदेह करते थे कि कैसे होगा, होगा ही नहीं. मुझे आश्चर्य होता कि बनारस के बारे में ऐसी धारणा बना ली गई थी. ये जड़ता बनारस की नहीं थी." उन्होंने समय पर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट पूरा होने पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की और मंदिर के पुनर्मिर्माण कार्य में लगे सभी श्रमिकों का आभार जताया.
पीएम ने कहा, "मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है. कोरोना के विपरीत काल में भी, उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया."
इससे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अनुष्ठान के बाद प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ धाम परिसर के दर्जनों सफाई कर्मचारियों पर पुष्पवर्षा की और घूम-घूमकर सफाई कर्मचारियों के पास पहुंचे. इसके बाद पीएम मोदी ने सफाई कर्मचारियों के साथ फोटो भी खिंचवाई.
प्रधानमंत्री के हाथों 13 दिसंबर को इसके लोकार्पण का कार्यक्रम तय हो चुका है. इसके मुआयने के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार आ चुके हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण पर पूरे जिले में आम लोगों की मदद से उत्सव का माहौल बनाया जाएगा.....
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. वह वाराणसी पहुंच गए हैं, और उन्होंने प्राचीन कालभैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं फेसबुक पर काशी विश्वनाथ धाम की तस्वीरें साझा कीं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई हस्तियां भी वाराणसी पहुंच चुकी हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण को लेकर पूरे जिले में उत्सव का माहौल है. कॉरिडोर के उद्घाटन के साथ पीएम मोदी कई अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. उनका बीजेपी के पदाधिकारियों से भी मिलने का कार्यक्रम है.
नई दिल्ली: शोक में डूबे देश ने आज नम आंखों से अपने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को शुक्रवार को अंतिम विदाई दी. यहां दिल्ली छावनी स्थित बरार स्क्वेयर अंत्येष्टि स्थल पर जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर को उनकी बेटी ने मुखाग्नि दी जिसके बाद दोनों की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गईं.दोनों का अंतिम संस्कार पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ किया गया. सेना के बैंड की धुन के साथ उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई. जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर एक ही चिता पर रखे गए.अंत्येष्टि स्थल पर लोगों का हुजूम मौजूद था. लगभग 800 सैन्यकर्मियों के साथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री किरेन रिजिजू, भी भारत के पहले सीडीएस के अंतिम संस्कार के समय उपस्थित थे.
जनरल बिपिन रावत ( Bipin Rawat) के अंतिम संस्कार में पड़ोसी देशों से कुछ सैन्य कमांडर् भी शामिल हुए, इसमें श्रीलंका से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ व श्रीलंका सेना के कमांडर शावेंद्र सिल्वा और पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ एडमिरल रविंद चंद्रासिरी विजेगरत्ने (रिटायर्ड), भूटान से रायल भूटान आर्मी के डिप्टी चीफ आपरेशंस कमांडर ब्रिगेडियर दोरजी रिनचेन, नेपाल से चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के समकक्ष) लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण खार्की और बांग्लादेश से ऑर्म्ड फार्सेस डिवीजन के लेफ्टिनेंट जनरल वकार उज रहमान शामिल हैं.श्रीलंका के एडमिरल रवींद्र, नेशनल डिफेंस कॉलेज में जनरल रावत के सहपाठी और करीब दोस्त रहे हैं. भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस और भारत में फ्रांस के उच्चायुक्त एमेनुएल लेनेन भी जनरल रावत के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. लेनेन ने कहा, ' मैं जनरल रावत को श्रद्धांजलि देना चाहता था और निजी रूप से आना चाहता था क्योंकि हम उन्हें अपने देश के साथ सहयोग बढ़ाने वाले एक महान सैन्य लीडर और मित्र के रूप में याद करते हैं. 'एलिस ने कहा, 'उन्होंने (जनरल रावत) ने उस संयुक्त रक्षा दृष्टिकोण (joint defence approach)की शुरुआत की जिसका हम ब्रिटेन में पालन करते हैं. भारत ने एक महान सैन्य लीडर, सैनिक और बेहतरीन इंसान को खो दिया है. '
इससे पहले, शुक्रवार सुबह 11 बजे से जनरल रावत और उनकी पत्नी के शवों को उनके परिवार, दोस्तों और जनता के अंतिम दर्शन के लिए उनके दिल्ली स्थित घर पर रखा गया. बाद में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर श्मशान घाट लाया गया.इससे पहले, सीडीएस जनरल रावत की अंतिम यात्रा में उमड़े लोगों के हुजूम ने ‘भारत माता की जय', ‘वंदे मातरम' और ‘जनरल रावत अमर रहें' जैसे नारे लगाए. अंत्येष्टि स्थल पर भी लोगों ने ऐसे ही नारे लगाए.जनरल रावत की अंतिम यात्रा यहां उनके आधिकारिक आवास से शुरू हुई. रास्ते में हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. आम लोग हाथों में तिरंगा लिए फूलों से सजे उस वाहन के साथ दौड़ते नजर आए जिसमें जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर रखे हुए थे. रास्ते में लोगों ने अपने वाहन रोककर भी देश के सबसे बड़े सैन्य अधिकारी को नम आंखों से विदाई दी.तिरंगे में लिपटे ताबूत में रखे जनरल रावत के अवशेषों को जैसे ही फूलों से सजी तोपगाड़ी में गाड़ी रखा गया, लोगों ने फूलों की पंखुड़ियों की बौछार की और ‘भारत माता की जय', ‘वंदे मातरम' और ‘जनरल रावत अमर रहें' जैसे नारे लगाए.
बुधवार को, तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्यकर्मियों का निधन हो गया था.भारत के पहले सीडीएस के रूप में, जनरल रावत को सेना के तीनों अंगों के बीच थिएटर कमान और संयुक्तता लाने का काम सौंपा गया था. जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले जाए जाने से पहले उनके आधिकारिक आवास में रखा गया, ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें.देश की विभिन्न हस्तियों ने जनरल रावत के आधिकारिक आवास 3, कामराज मार्ग पहुंचकर उनके और उनकी पत्नी के अंतिम दर्शन किए तथा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. कई देशों के सेना प्रमुख और बड़े सैन्य अधिकारी भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे.जनरल रावत की दोनों बेटियों ने अपने माता-पिता के अवशेषों को तोपगाड़ी में अंत्येष्टि के लिए ले जाए जाने से पहले संबंधित पारंपरिक अनुष्ठान किए.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा कई अन्य गणमान्य लोगों ने आज जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने हादसे में शहीद हुए लोगों को बृहस्पतिवार को पालम हवाई अड्डे पर श्रद्धांजलि दी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, थल सेना प्रमुख एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, एयर चीफ मार्शल ए वी आर चौधरी, रक्षा सचिव अजय कुमार उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 9,800 करोड़ रुपये की सरयू नहर परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया. इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में बीजेपी के प्रतिद्वंद्वी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह इंतजार कर रहे थे कि कब कोई इस परियोजना का क्रेडिट लेने के लिए दावा करेगा. प्रधानमंत्री मोदी का यह कमेंट समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने दावा किया था यह योजना सपा सरकार के समय में ही तीन चौथाई बन चुकी थी.
प्रधानमंत्री ने बलरामपुर में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "जब मैं आज दिल्ली से चला तो सुबह से इंतजार कर रहा था कि कब कोई आएगा, कहेगा कि मोदी जी इस योजना का फीता तो हमने काटा था, ये योजना तो हमने शुरू की थी. कुछ लोग हैं जिनकी आदत है ऐसा कहने की, हो सकता है कि बचपन में इस योजना का फीता उन्होंने ही काटा हो.
उन्होंने कहा कि सरयू नहर परियोजना में जितना काम 5 दशक में हो पाया था, उससे ज्यादा काम हमने 5 साल से पहले करके दिखाया है. यही डबल इंजन की सरकार है. यही डबल इंजन की सरकार के काम की रफ्तार है.
इससे पहले, आज सुबह समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, "सपा के समय तीन चौथाई बन चुकी ‘सरयू राष्ट्रीय परियोजना' के शेष बचे काम को पूर्ण करने में उप्र भाजपा सरकार ने पांच साल लगा दिए. 22 में फिर सपा का नया युग आएगा… विकास की नहरों से प्रदेश लहलहाएगा!"
पीएम मोदी ने कहा कि देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) का जाना हर भारत प्रेमी के लिए बहुत बड़ी क्षति है. जनरल बिपिन रावत जितने जांबाज थे, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जितनी मेहनत करते थे, पूरा देश उसका साक्षी है. उन्होंने कहा कि भारत दुख में है, लेकिन दर्द सहते हुए भी हम ना अपनी गति रोकते हैं और ना प्रगति. भारत रुकेगा नहीं, भारत थमेगा नहीं.
विपक्ष पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "पहले जो सरकार में थे, वो माफिया को संरक्षण देते थे. आज योगी जी की सरकार माफिया की सफाई में जुटी है. तभी तो यूपी के लोग कहते हैं कि फर्क साफ है. पहले यूपी की बेटियां घर से बाहर निकलने से पहले 100 बार सोचने के लिए मजबूर थीं. आज अपराधी गलत काम करने से पहले 100 बार सोचता है. तभी तो यूपी के लोग कहते हैं- फर्क साफ है.
नई दिल्ली: तमिलनाडु के नीलगिरि में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी डॉ. मधुलिका रावत सहित 13 लोगों का निधन हो गया है. ये हेलीकॉप्टर हादसा कल हुआ था. वहीं आज जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी डॉ. मधुलिका रावत का शव दिल्ली लाया जाना है. जानकारी के अनुसार जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का पार्थिव शरीर दिल्ली छावनी लाया जाएगा और शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा. इनके पार्थिव शरीर को आज एक सैन्य विमान से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचाया जाएगा.
एनडीटीवी संवाददाता राजीव रंजन के अनुसार जनरल बिपिन रावत को वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल में 10.30 बजे श्रद्धांजलि दी जाएगी. इस दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन और एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी मौजूद होंगे. करीब 12 बजे सुलूर एयरबेस से पार्थिव शरीर विशेष विमान के जरिए दिल्ली लाया जाएगा. दिल्ली के एयरफोर्स टेक्निकल एयरपोर्ट पर जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का पार्थिव शरीर 4 बजे के आसपास पहुंचेगा. उसके बाद इनके पार्थिव शरीर को धौलाकुआं के मिलेट्री अस्पताल में ले जाया जाएगा.
शुक्रवार को 11 बजे जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर उनके सरकारी आवास 3 कामराज मार्ग में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. दोपहर दो बजे इनके पार्थिव शरीर को सेना के तीनों अंगों के मिलिट्री बैंड के साथ धौलाकुआं के बरार स्कावयर ले जाया जाएगा. करीब 4 बजे धौलाकुआं के बरार स्कावयर में अंतिम संस्कार किया जाएगा.
राजनाथ सिंह सदनों में देंगे दुर्घटना पर बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहआज दोनों सदनों में तमिलनाडु के नीलगिरि में हुई इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बारे में विस्तार जानकारी देंगे. सूत्रों के अनुसार राजनाथ सिंह आज सुबह 11:15 बजे लोकसभा में और फिर दोपहर में राज्य सभा में बयान देंगे.
गौरतलब है कि जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया है. इस हेलीकॉप्टर में जनरल रावत, उनकी पत्नी सहित 14 लोग सवार थे. भारतीय वायुसेना (IAF) के जिस हेलीकॉप्टर में सवार थे, वो तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है. Mi सीरीज के हेलीकॉप्टर ने सुलुर (Sulur) आर्मी बेस से उड़ान भरी थी, इसके कुछ ही देर बाद ये नीलगिरि में हादसे का शिकार हो गया था.
भारतीय वायुसेना की ओर से ट्वीट कर इस हादसे की पुष्टि की गई थी. ट्वीट करते हुए कहा गया था कि ,बेहद अफसोस के साथ बताना पड़ रहा है कि जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और हेलीकॉप्टर में सवार 11 अन्य लोगों की इस दुर्घटना में मृत्यु हो गई है.