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नई दिल्ली: पेगासस स्कैंडल और कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर संसद सत्र की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है. कोशिशों के बावजूद सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध दूर नहीं हो सका है. मंगलवार को संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्ष संसद नहीं चलने दे रहा.यह संसद, संविधान, लोकतंत्र और देश की जनता का अपमान है.संसद की कार्यवाही के दौरान एक कैबिनेट मंत्री से पेपर छीनने और तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन के पापड़ी चाट कमेंट का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि संसद का अपमान किया गया है. इससे पहले, 27 जुलाई को भी बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधते हुए कहा था कि यह पार्टी सदन नहीं चलने दे रही.
उन्होंने कहा था कि जब कोविड-19 पर बैठक बुलाई गई तो कांग्रेस ने बहिष्कार भी किया और अन्य दलों को आने से रोका. पीएम मोदी ने बीजेपी सांसदों से आग्रह किया था कि वे कांग्रेस और विपक्ष के इस 'कार्य' को जनता और मीडिया के सामने एक्सपोज करें. पीएम ने सांसदों से यह भी कहा था कि आजादी के 75 साल पूरा होने के मौके पर 75 गांव जाएं, 75 घंटे रुकें. गांवों में देश की उपलब्धियां, देश की आजादी इन तमाम चीजों के बारे में लोगों को बताएं. छोटी-छोटी जोड़ियां बना करके जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि यह सुनिश्चित करना होगा कि आजादी के 75 साल का यह कार्यक्रम सरकारी कार्यक्रम बनकर न रह जाए, इस कार्यक्रम में देश के जन-जन की भागीदारी होनी चाहिए.
गौरतलब है कि पेगासस जासूसी और कृषि कानूनों के मुद्दे पर दोनों सदनों की कार्यवाही में लगातार बाधा उत्पन्न हो रही है. सरकार-विपक्ष के बीच गतिरोध दूर नहीं हो पा रहा है. अगस्त माह के पहले वर्किंग डे यानी सोमवार को भी कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी. संसद सत्र 19 जुलाई से प्रारंभ हुआ हैलेकिन ज्यादा समय विपक्षी सांसदों के हंगामे और विरोध की ही भेंट चढ़ा है.
नई दिल्ली: देश में पिछले कुछ वर्षों में आई डिजिटल क्रांति में एक नया अध्याय सोमवार को जुड़ेगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ई-रुपी यानी e-RUPI सेवा को लांच करेंगे. यह ऑनलाइन भुगतान का कांटैक्टलेस माध्यम बनेगा. इसके लिए किसी डेबिट-क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या यूपीआईकी भी जरूरत नहीं पड़ेगी. नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यह सेवा विकसित की है.प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर बताया कि यह सुविधा पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी है. यह तेज गति से भुगतान करने वाली आसान सेवा है.
कैशलेस औऱ कांटैक्टलेस
एनपीसीआई के मुताबिक, e-RUPI प्लेटफॉर्म को पूरी तरह से कैशलेस और कॉन्टेक्टलेस बनाया गया है. इसमें सरकार के लिए ई-वाउचर (E-Vouchers) कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी सीधे लाभार्थी के पास बिना किसी कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के पहुंचाना आसान होगा. इसके इस्तेमाल के लिए किसी ऐप की जरूरत नहीं होगी.
ई-रुपी ऐप (What is e-RUPI) क्या है
ई-रुपी डिजिटल पेमेंट का जरिया है. वास्तव में e-RUPI एक प्रीपेड ऑनलाइन वाउचर है. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने तैयार किया है. e-RUPI क्यूआर कोड (QR Code) या एसएमएस (SMS) के आधार पर ई-वाउचर के तौर पर कार्य करता है.
एसएमएस या क्यूआरकोड बनेगा साधन
जिस लाभार्थी को भुगतान करना होगा, उसके मोबाइल फोन पर एसएमएस (SMS) या क्यूआर कोड (QR Code) पहुंचाया जाता है. e-RUPI में पेमेंट के लिए डेबिट-क्रेडिट कार्ड, यूपीआई जैसे किसी थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म की जरूरत नहीं होगी. यह बिना किसी अन्य सेवा प्रदाता के समय पर भुगतान करने की गारंटी है.
E-Voucher जारी कर सकेगी सरकार या कंपनियां
सरकार इसमें किसी विशेष योजना के लिए विशेष वाउचर जारी कर सकती है, जो एक निश्चित अवधि तक काम करेगा. जैसे बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कोई खास ई-रुपी वाउचर बने और जो केवल उन्हीं लाभार्थियों के पास जाएगा और वे ही इसे ई-गिफ्ट कार्ड की तरह रिडीम करने के हकदार होंगे.
E-RUPI के लिए किसी बैंक अकाउंट, डिजिटल पेमेंट जैसे यूपीआई (UPI) या स्मार्टफोन भी नहीं है, तो भी वो लाभार्थी इसका इस्तेमाल कर सकेगा. यानी आम आदमी तक सीधे पैसा पहुंचाने में सहूलियत होगी. शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य योजनाओं के लिए ये वाउचर सरकार जारी कर सकती है. कंपनियां, संस्थान भी तोहफे के तौर पर कर्मचारियों के लिए ऐसे ई वाउचर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
नई दिल्ली: पेगासस जासूसी स्कैंडल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है और इसके कारण संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) की कार्यवाही बुरी तरह बाधित हो रही है. मॉनसून सत्र में अब तक विपक्षी सांसदों के हंगामे के बार-बार कार्यवाही टालने की नौबत आई है. बुधवार को भी विपक्ष के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे और फिर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी. उधर, लोकसभा की कार्यवाही के दौरान 12 बजे विपक्ष ने लोकसभा में स्पीकर के चेयर के ऊपर कागज के टुकड़े फेंके. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसे लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली घटना बताया. उन्होंने कहा कि जनता को संसद सत्र का इंतज़ार रहता है ताकि उनके मुद्दे संसद में उठें.आज कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने हंगामा किया और मर्यादा तोड़ी. पत्रकार दीर्घा तक काग़ज़ फेंकना लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली घटना है. पेगासस जासूसी मामला और केंद्रीय कृषि कानूनों समेत कुछ अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी.
सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के सांसद तख्तियां लेकर नारेबाजी करने लगे और हंगामे के चलते कार्यवाही टालनी पड़ी.12 बजे तक के स्थगन के बाद राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई. मॉनसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच चल रहे गतिरोध के बीच राज्यसभा में बुधवार को पहली बार प्रश्नकाल हुआ और विभिन्न मंत्रियों ने सदस्यों के पूरक प्रश्नों के जवाब दिए. प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री प्रतिमा भौमिक ने उनके जवाब दिए. हालांकि इस दौरान विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आ कर हंगामा करते रहे और उप सभापति हरिवंश ने 12 बज कर 41 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी.उच्च सदन की कार्यवाही जब 11 बजे प्रारंभ हुई तो सभापति वेंकैया नायडू ने धोलावीरा (Dholavira) को यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज लिस्ट में शामिल किए जाने की जानकारी सदन को दी.
गौरतलब है कि मंगलवार को विपक्षी सांसदों के लगातार हंगामे और शोरगुल को लेकर सभापति नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा थाकि इस हंगामे से अन्य चीजों के अलावा देशहित को भी नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने रवैये पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था.लगातार कार्यवाही स्थगित होने को लेकर स्पीकर ओम बिरला ने भी मंगलवार को हंगामा करने वालों के प्रति सख्त रुख दिखाया था. उन्होंने कहा था कि सरकार जवाब देना चाहती है, आप जवाब चाहते हैं तो अपनी जगह पर जाएं. स्पीकर ने कहा कि आप नारेबाजी कर जवाब मांगते हैं फिर जवाब सुनते भी नहीं, यह उचित नहीं है. जनता ने आपको सदन में उनके मुद्दे और समस्याएं उठाने के लिए भेजा है लेकिन जनता के अभाव सामने लाने की जगह आप नारेबाजी और हंगामा कर रहे हैं.हंगामे और नारेबाजी से सदन की गरिमा को गिरा रहे हैं. हंगामा करने वाले सदस्यों का यह आचरण उचित नहीं है.