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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को डिजिटल हेल्थ मिशन (Digital Health Mission) का आगाज किया. इसके तहत हर नागरिक का होगा आधार जैसा यूनीक हेल्थ कार्ड Unique Health Card होगा. यह योजना फिलहाल छह केंद्रशासित प्रदेशों से शुरू की जाएगी और फिर पूरे देश के राज्यों में लागू की जाएगी. पीएम मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर ऐलान किया था कि देश में हेल्थ आईडी कार्ड लाया जाएगा, जिसमें नागरिक की सेहत का पूरा रिकॉर्ड (Digital Health Card) होगा. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश गर्व के साथ कह सकता है कि 130 करोड़ से ज्याा आधार कार्ड बन चुके हैं. देश में अब 80 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं. देश में 43 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि इतना बड़ा डिजिटल नेटवर्क कहीं नहीं हैं. यूपीआई के माध्यम से कभी भी कहीं भी डिजिटल लेनदेन में आज भारत दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है. ई रुपे वाउचर भी एक सामान्य पहल है. आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना संक्रमण की रोकथाम में बड़ी मदद मिली है. इससे लोगों को काफी जागरूक बनाया गया है.
पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत दो करोड़ से ज्यादा मुफ्त इलाज का लाभ उठा चुके हैं. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं. वहीं ई संजीवनी योजना के तहत सवा करोड़ से ज्यादा लोग घर बैठे प्रख्यात डॉक्टरों से चिकित्सा सलाह ले चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा कि बुजुर्ग औऱ महिलाएं कहती थीं कि वो इसलिए इलाज नहीं कराते हैं क्योंकि अपनी संतानों पर कोई कर्ज नहीं छोड़कर जाना चाहते. पीएम मोदी ने कहा कि अभी तो कोरोना काल है, लेकिन इससे पहले वो जब भी राज्यों में जाते थे तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों से मुलाकात करते थे.
पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत के सैकड़ों लाभार्थियों से वो खुद रूबरू होचुके हैं. उन्होंने कहा कि बरसों तक पथरी का दर्द सहने के बाद ऑपरेशन करा पानेवाली बूढ़ी मां को वो कभी नहीं भूल पाते हैं. आयुष्मान योजना ऐसे लोगों के लिए बड़ा संबल बनी है. पीएम मोदी ने कहा कि जो फिल्म आयुष्मान हेल्थ योजनाको लेकर यहां दिखाई गई है, उसमें ऐसे ही हजारों लाभार्थियों की कहानी बताई गई है. इससे लाखों परिवार गरीबी के कुचक्र में जाने से बचे हैं. हर कोई गरीबी से बाहरआने की कोशिश में जुटा है.
पीएम मोदी ने कहा कि बीमारी परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर नहीं आने देती है. डिजिटल हेल्थ मिशन समेत जो भी स्वास्थ्य क्षेत्र में उपाय सरकार ला रही है, वो लोगों की मदद करेंगे. डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत अस्पतालों में इलाज में लगने वाला समय बर्बाद नहीं हो जाएगा. इसके तहत एक यूनीक हेल्थ कार्ड होगा,जिससे मरीजों को अपनी बीमारी और इलाज का फाइलों का रिकॉर्ड साथ लेकर नहीं चलना पड़ेगा.
डॉक्टर भी एक क्लिक पर मरीज का पूरा हेल्थ रिकॉर्ड देख लेंगे. अक्सर ज्यादातर मरीज जब डॉक्टर के पास जाते हैं तो उनके पास कोई मेडिकल रिकॉर्डही नहीं होता है. इससे डॉक्टर को शुरू से काम करना पड़ता है. मेडिकल हिस्ट्री न होने से मरीजों और डॉक्टरों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.
नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बीच भारत और अमेरिका ने एक बार फिर परोक्ष तौर पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है. भारत औऱ अमेरिका ने साझा बयान में कहा है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश पर हमले के लिए न हो. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के कब्जे में पाकिस्तान (Pakistan) की अहम भूमिका मानी जाती रही है. साझा बयान में दोनों देशों ने आतंकवाद, कोरोना और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बात रखी है.
दोनों नेताओं ने कहा कि तालिबान को यूएनएससी के प्रस्ताव 2593 (2021) का पालन करना चाहिए. जिसमें यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि अफगानी क्षेत्र का इस्तेमाल फिर कभी किसी देश को धमकाने या हमले करने, आतंकियों को प्रशिक्षण देने और शरण देने, आतंकी घटनाओं की योजना एवं वित्तपोषण के लिए नहीं होना चाहिए.
अमेरिका और भारत ने तालिबान से इन और अन्य प्रतिबद्धताओं को पालन करने के लिए कहा है. साथ ही अफगानिस्तान से अफगानी नागरिकों और सभी विदेशी नागरिकों सुरक्षित और व्यवस्थित वापसी और अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों, महिलाओं, और बच्चों समेत सभी अफगानियों के मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया है.
भारत, अमेरिका ने तालिबान से राहत गतिविधि में लगे संयुक्त राष्ट्र, उसकी विशेष एजेंसियों को पूरी तरह, सुरक्षित, प्रत्यक्ष और अबाधित पहुंच बनाने देने का आह्वान किया.
भारत और अमेरिका ने साझा बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने स्पष्ट विजन की पुष्टि की है जो भारत-अमेरिका संबंधों को आगे ले जाया जाएगा. इसमें रणनीतिक साझेदारी का निर्माण एवं आसियान एवं क्वॉड सदस्यों समेत क्षेत्रीय समूहों के साथ मिलकर काम करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा हितों को बढ़ावा देना है.
इसके अलावा, व्यापार एवं निवेश साझेदारी विकसित करने, कोरोना महामारी और अन्य स्वास्थ्य चुनौतियों के खिलाफ जंग और क्लाइमेट एक्शन को बढ़ाने के लिए वैश्विक प्रयास पर जोर दिया गया है.
न्यूयार्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र को संबोधित किया. पिछले वर्ष महासभा का सत्र कोविड-19 महामारी के कारण डिजिटल तरीके से आयोजित किया गया था. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जहां पाकिस्तान पर निशाना साधा, वहीं कोरोना महामारी को लेकर भी भारत और विश्व के प्रयासों का जिक्र किया. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना वैक्सीन निर्माताओं को भारत में आकर वैक्सीन निर्माण के लिए आमंत्रित किया.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने , एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है. मैं आज दुनियाभर के वैक्सीन निर्माताओं को आमंत्रित करता हूं- 'Come, Make Vaccine in India'.
हमारे समंदर भी हमारी साझा विरासत हैं. इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि Ocean Resources को हम use करें, abuse नहीं. हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं.
आज विश्व के सामने Regressive Thinking और Extremism का खतरा बढ़ता जा रहा है. इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को Science-Based, Rational और Progressive Thinking को विकास का आधार बनाना ही होगा.
Regressive Thinking के साथ, जो देश आतंकवाद का political tool के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है. ये सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो.
इस समय अफगानिस्तान के लोगों, महिलाओं और बच्चों, वहां रह रहे अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है, हमें अपनी जिम्मेदारी को पूरा करना चाहिये.
नियम-आधारित विश्व व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक स्वर में बोलना चाहिए.
कोरोना महामारी ने, विश्व को ये भी सबक दिया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को अब और अधिक Diversify किया जाए. इसके लिए ग्लोबल Value Chains का विस्तार जरूरी है. हमारा आत्मनिर्भर भारत अभियान इसकी भावना से प्रेरित है.
भारत ने दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन विकसित किया है, जिसे 12 साल से ऊपर के सभी व्यक्ति को दिया जा सकता है.
मैं एक ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करता हूं, जिसे ‘लोकतंत्र की जननी' के रूप में जाना जाता है. लोकतंत्र हजारों वर्षों से भारत की महान परंपरा रही है.
भारत एक ऐसा देश है जहां दर्जनों भाषाएं, सैकड़ों बोलियां, विभिन्न जीवन शैलियां और व्यंजन हैं. यह एक जीवंत लोकतंत्र का सबसे अच्छा उदाहरण है. हमारे लोकतंत्र की ताकत इस तथ्य से प्रदर्शित होती है कि एक छोटा लड़का जो कभी रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान पर अपने पिता की मदद करता था, आज भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर चौथी बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहा है.
वॉशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वॉशिंगटन पहुंच गए हैं. वह क्वाड के पहले सम्मेलन में भाग लेंगे. इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे. तीन दिनों के अमेरिकी दौरे में प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह, इस यात्रा के दौरान क्वाड समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के साथ हिस्सा लेंगे.
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बुधवार को अमेरिका की अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाशिंगटन डीसी के ज्वाइंट बेस एंड्रयूज पहुंचे, जहां मौजूद भारतीय अमेरिकियों ने हल्की बारिश के बीच भारतीय ध्वज लहराते हुए उनका स्वागत किया और उनके स्वागत में उनके नाम के नारे लगाए, वहां सुबह से ही भारी बारिश के बावजूद, बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी प्रधान मंत्री के स्वागत के लिए एंड्रयूज ज्वाइंट एयरफोर्स बेस पर जमा हुए थे.हवाई अड्डे पर जो बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों और अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने पीएम मोदी की अगवानी की.
2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से 7वीं बार अमेरिका की यात्रा कर रहे पीएम मोदी ने कहा कि यह यात्रा "अमेरिका के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को मजबूत करने का अवसर" है. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति बाइडेन के साथ अपनी बैठक में, वह भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करेंगे और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनका अमेरिका दौरा भारत-अमेरिकी वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर आपसी सहयोग को आगे बढ़ाने का एक मौका होगा.
प्रधानमंत्री ने प्रस्थान पूर्व एक बयान में कहा कि वह अपनी यात्रा का समापन न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में वैश्विक चुनौतियों, खासकर कोविड-19 महामारी, आतंकवाद से निपटने की आवश्यकता, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने संबोधन से करेंगे.
इस यात्रा में प्रधानमंत्री कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित विश्व के अन्य नेताओं के साथ वार्ता करेंगे और संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को संबोधित भी करेंगे. प्रधानमंत्री बुधवार की सुबह अमेरिका के लिए रवाना हुए थे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री का यह दौरा हो रहा है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति बाइडेन के साथ भारत-अमेरिकी वैश्विक व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करेंगे और आपसी हित से जुड़े वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे.प्रधानमंत्री अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस से भी मुलाकात करेंगे और उनके साथ दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों, खासकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं तलाशेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्वाड सम्मेलन, डिजिटल माध्यम से मार्च में आयोजित की गई क्वाड देशों के नेताओं की पहली शिखर बैठक में हुए फैसलों की समीक्षा करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए आपसी साझा दृष्टिकोण पर आधारित भविष्य के कार्यक्रमों और प्राथमिकताओं की पहचान का एक मौका प्रदान करेगा.
बाइडन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी अफगानिस्तान के घटनाक्रम के अलावा कट्टरपंथ, चरमपंथ व सीमा पार से होने वाले आतंकवाद की रोकथाम के तरीकों तथा भारत-अमेरिका वैश्विक साझेदारी का और अधिक विस्तार करने पर मुख्य रूप से चर्चा करेंगे.
बाइडेन के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों नेता पहली बार एक दूसरे के आमने-सामने बैठ कर वार्ता करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मॉरिसन और सुगा के साथ इन देशों से ‘‘मजबूत द्विपक्षीय संबंधों'' की समीक्षा करेंगे और महत्वपूर्ण वैश्विक व क्षेत्रीय मुद्दों पर ‘‘उपयोगी विचारों'' का आदान-प्रदान करेंगे.
अपनी यात्रा के आखिरी पड़ाव पर प्रधानमंत्री वाशिंगटन के सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के बाद 24 सितंबर की शाम न्यूयॉर्क पहुंचेंगे जहां वह अगले दिन यूएनजीए के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं अपनी यात्रा का समापन संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने एक भाषण के साथ करूंगा, जिसमें वैश्विक चुनौतियां खासकर कोविड-19 महामारी, आतंकवाद से निपटने की आवश्यकता, जलवायु परिवर्तन और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है.''