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नई दिल्ली। केरल में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों ने पूरे देश की टेंशन बढ़ा दी है। भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के 45083 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,26,95,030 पर पहुंच गई, जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या में लगातार पांचवें दिन वृद्धि दर्ज की गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार 460 और मरीजों के संक्रमण के कारण जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,37,830 हो गई। उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 3,68,558 हो गयी जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.13 प्रतिशत है। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर 97.53 प्रतिशत दर्ज की गई।
मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 8,783 मामलों की वृद्धि हुई है। लगातार चौथे दिन केरल में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 30 हजार के पार है। पूरे देश में एक दिन में आने वाले कोरोना मरीजों में से 70 प्रतिशत मरीज केरल के हैं। देश में शनिवार सुबह तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 62.29 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 80वें संस्करण के दौरान खेल दिवससे जुड़ी अपनी बातें रखीं. पीएम मोदी ने कहा कि ओलंपिक और पैरालंपिक्स में भारत की कामयाबी के साथ युवाओं में खेलों के प्रति दिख रही ललक ही मेजर ध्यान चंद्र के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि ही है. उन्होंने सब खेलें और सब आगे बढ़ें के अपने नारे का जिक्र किया. प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने सबका साथ, सबका विकास के साथ सबका प्रयास का भी नारा दिया था.
पीएम मोदी ने कहा, हम सभी देशवासी इस जोश को जितना आगे बढ़ा सकते हैं, जितना योगदान हम दे सकते हैं, ‘सबका प्रयास' इस मंत्र से साकार करके दिखाएं. नौजवानों को इस अवसर का फायदा उठाते हुए अलग-अलग प्रकार के खेलकूद में महारत भी हासिल करनी चाहिए. गांव-गांव खेलों की स्पर्धाएं लगातार चलती रहनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा, मेजर ध्यानचंद जैसे लोगों ने जो रास्ता बताया है, उसमें आगे बढ़ना हमारी जिम्मेदारी है. सालों बाद देश में ऐसा कालखंड आया है कि खेलों के प्रति परिवार हो, समाज हो, राज्य हो, राष्ट्र हो – एक मन से सब लोग जुड़ रहे हैं.
आध्यात्म और दर्शन पर भी बात की
पीएम मोदी ने मन की बात के दौरान आध्यात्म और दर्शन पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'दुनिया के लोग आज जब भारतीय अध्यात्म और दर्शन के बारे में इतना सोचते हैं तो हमारी भी यह जिम्मेदारी है कि हम अपनी इन महान परम्पराओं को आगे लेकर जाएं, जो कालबाह्यी है उसे छोड़ना ही है लेकिन जो कालातीत है उसे आगे भी ले जाना है.'
62 करोड़ से ज्यादा डोज
उन्होंने कहा कि देश में 62 करोड़ से ज्यादा कोरोना की डोज दी जा चुकी है, लेकिन फिर भी हमें सावधानी रखनी है, सतर्कता रखनी है. "और इन प्रयासों के बीच, हमें एक बात और याद रखनी है |
दवाई भी, कड़ाई भी |
देश में 62 करोड़ से ज्यादा vaccine की dose दी जा चुकी है लेकिन फिर भी हमें सावधानी रखनी है, सतर्कता रखनी है |"
हुनरमंद होने पर गर्व करें-पीएम मोदी
विश्वकर्मा जयंती से पूर्व पीएम मोदी ने भगवान विश्वकर्मा को भी याद किया और कहा एक समय था जब हमारे पारिवारिक जीवन, सामाजिक जीवन, राष्ट्र जीवन पर कौशल का बहुत अधिक प्रभाव रहता था, लेकिन गुलामी के लंबे कालखंड में हुनर को सम्मान देने वाली भावना धीरे-धीरे विस्मृत हो गई. सोच ऐसी बन गई कि हुनर पर आधारित कार्याें को छोटा समझा जाने लगा. उन्होंने कहा कि हमें हुनर को सम्मान देना होगा, हुनरमंद होने के लिए मेहनत करनी होगी. हमें हुनरमंद होने पर गर्व होना चाहिए.
"एक समय, हमारे पारिवारिक जीवन, सामाजिक जीवन, राष्ट्र जीवन पर कौशल्य का बहुत बड़ा प्रभाव रहता था | लेकिन गुलामी के लंबे कालखंड में हुनर को इस तरह का सम्मान देने वाली भावना धीरे-धीरे विस्मृत हो गई |"
पीएम मोदी ने कहा, 'कल जनमाष्टमी का महापर्व भी है. जनमाष्टमी का यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व है. हम भगवान के सभी स्वरूपों से परिचित हैं, नटखट कन्हैया से लेकर विराट रूप धारण् करने वाले कृष्ण तक, शास्त्र सामर्थ्य से लेकर शस्त्र सामर्थ्य वाले कृष्ण तक.' उन्होंने कहा, 'कला हो, सौंदर्य हो, माधुर्य हो, कहां-कहां कृष्ण है.' उन्होंने कहा कि जनमाष्टमी से कुछ दिन पूर्व मैं एक दिलचस्प अनुभव से गुजरा हूं, जिसे उन्होंने श्रोताओ के साथ साझा किया.
पर्व की वैज्ञानिकता को समझें
उन्होंने कहा कि हम अपने पर्व मनाएं, उनकी वैज्ञानिकता को समझें, उसके पीछे के अर्थ को समझें. इतना ही नहीं हर पर्व में कोई न कोई संदेश है, कोई न कोई संस्कार है. हमें इसे जानना भी है, जीना भी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में उसे आगे बढ़ाना भी है.
"हम अपने पर्व मनाएँ, उसकी वैज्ञानिकता को समझे, उसके पीछे के अर्थ को समझे | इतना ही नहीं हर पर्व में कोई न कोई सन्देश है, कोई-न-कोई संस्कार है | हमें इसे जानना भी है, जीना भी है और आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत के रूप में उसे आगे बढ़ाना भी है |"
More than 56.81 crore (56,81,32,750) vaccine doses have been provided to States/UTs; more than 2.25 crore(2,25,52,523) balance and unutilized COVID Vaccine doses are still available with the States/UTs and private hospitals to be administered: Ministry of Health pic.twitter.com/2GtrykTqpR
— ANI (@ANI) August 17, 2021