Sunday, 22 December 2024

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मानसून के दौरान घूमने जा रहे हैं तो फॉलो करें ये टिप्स....

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बरसात के मौसम में फिसलने का डर रहता है इसलिए अपने फुटवियर ऐसे रखें जो फिसलने से बचाएं।

बारिश किसे अच्छी नहीं लगती और जब भीषण गर्मी के बाद बारिश की बूंदे पड़नी शुरू होती है, तो मौसम वैसे ही खुशनुमा हो जाता है। कई लोगों को घूमने के लिए मानसून सबसे बेस्ट सीजन लगता है। अगर आप भी मानसून में कहीं घूमने जा रहे हैं, तो हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं, जिससे आपकी ट्रिप और भी बेहतर बन जाएगी।

सिंथेटिक कपड़े रखें 

सिंथेटिक कपड़े आसानी से सूख जाते हैं और प्रेस किए बिना भी कैरी किए जा सकते हैं। इसलिए मानसून में सफर पर जाते समय ज्यादा से ज्यादा ऐसे कपड़े ही पैक करें। 

दवाएं रखें साथ 

इस मौसम में पेट और स्किंन की प्राब्लरम्स  बहुत होती हैं, साथ ही भीगने से सर्दी जुकाम और बुखार भी होने का खतरा रहता है। ऐसे में जरूरी है कि कि आप सामान के साथ कुछ एंटीसेप्टिक क्रीम और जरूरी दवायें साथ रख लें।  

स्ट्रीट फूड खाने से बचें

स्ट्रीहट फूड को विशेष तौर पर अवॉइड करें। इससे गैस, अपच और डिहाइड्रेशन जैसी प्राब्लखम्स  हो सकती हैं। ज्यादा ऑयली खाना खाने से भी बचें। ठंडे और लिक्वेपड फूड जूस, तरबूज खाना प्रिफर करें। पानी भी सोच समझ कर पिएं। अगर आप आसपास के इलाके में ही जा रहे हों तो पानी साथ ही लेकर जाए। 

वाटर प्रूफ बैग पैक 

 अपना सामान हमेशा वाटर प्रूफ बैग्सह में पैक करें ताकि अगर अचानक बारिश का सामना करना पड़े तो सामान भीगने से बचा रहे। इसके अलावा अतिरिक्तो तौलिए और टिशूज रखना ना भूलें। 

मौसम के बारे में रखें जानकारी

 अपने डेस्टिेनेशन पर पहुंच कर घूमने निकलने के पहले मौसम की जानकारी कर लें। इसके लिए वेदर रिपोर्टस और भविष्येवाणियों के बारे में पता रखें। 

हेयर ड्रेसर साथ रखें

 गीले बाल बीमारी का बहुत बड़ा कारण बन सकते हैं और बारिश में बाल गिरे होने की संभावना बहुत ज्याएदा होती है। इसलिए बालों को सुखाने के लिए हेयर ड्रेसर साथ रखें। 

छाते और बरसाती

 सफर पर जाते हुए छाते और बरसाती रखना भी ना भूलें। 

इलेक्ट्रानिक और तकनीकी सामान की देखभाल

 अपने फोन, कैमरा और रिस्टा वॉच जैसे समान का पानी से बचाने के लिए कवर करने की व्यवस्था कर के चलें।

बोर्ड गेम और किताबें 

कई बार धुआंंदार बारिश आपको अपने होटल रूम से निकलने का मौका नहीं देती ऐसे मौकों के लिए सामान के साथ किताबें और बोर्ड गेम जरूर रख लें ताकि बोरियत ना हो। 

 जूते चप्पल

बरसात के मौसम में फिसलने का डर रहता है इसलिए अपने फुटवियर ऐसे रखें जो फिसलने से बचाएं। लेदर के जूते चप्पलों की बजाय रबड़ और कैनवस के बने फुटवियर लेकर चलें।

 

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केरल लगातार बारिश ने मचाई भयानक तबाही, 45 की मौत.....

 
 
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केरल में हालात और बिगड़ सकते हैं क्योंकि 18 जून तक केरल के नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट्स में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी.

  • केरल में भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड और बाढ़ के हालत।
  • कट्टीपारा में लैंडस्लाइड का शिकार हुए लापता लोगों की तलाश जारी
  • डेढ़ साल की एक बच्ची और लड़के का शव निकाला गया।

कोझिकोड. केरल में मानसून ने ही तबाही मचा दी है। भारी बारिश के चलते यहां लैंडस्लाइड हुई है। जिसके चलते अब तक 45 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। केरल में हालात अभी और बिगड़ सकते हैं क्योंकि 18 जून तक केरल के नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट्स में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।

मलबे में मिल रही लाशें

- मौतों की संख्या अभी और बढ़ सकती है क्योंकि लैंडस्लाइड के बाद मलबे में से लाशों का मिलना जारी है।

- अफसरों ने बताया कि कट्टीपारा में मलबे से डेढ़ साल की बच्ची रिफा मरियम का शव निकाला गया है। मरियम की मां ने लैंडस्लाइड में उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

- इसके अलावा वदकारा तालुक गांव से बाढ़ में बहकर कट्टीपारा पहुंचे एक लड़के का भी शव बरामद किया गया है, जिसकी पहचान 17 साल के अभिनव के रूप में हुई है।
- अफसरों ने बताया कि अभी तीन परिवारों के 6 लापता सदस्यों की तलाश की जा रही है। इसके लिए लगातार सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। 
- नेशनल हाईवे से लेकर कोझिकोड और वयनाद में प्रभावित इलाकों की सड़कें पानी से भरी हुई हैं। इसके चलते ट्रांसपोर्टेशन भी ठप पड़ा हुआ है।

सड़क पर पानी भरने के चलते रेस्क्यू में देरी
- सीएम पिनरायी विजयन ने जान-माल का नुकसान झेलने वाले परिवारों को मुआवजा देने का एलान किया है। वहीं मिनिस्टर टीपी कृष्णन और एके ससींद्रण ने कोझिकोड जिले में प्रभावित इलाकों का दौरा किया है।
- उन्होंने मीडिया से बात करते कहा कि प्रभावित इलाकों में सड़कों पर पानी भरे होने के चलते 50 सदस्यों वाली नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स टीम देर से पहुंची। इसके चलते रेस्क्यू और रिलीफ ऑपरेशन में देरी हुई। 
- उन्होंने कहा कि लोकल लोगों के साथ फायर, रेस्क्यू फोर्स और पुलिस की टीम लापता लोगों की तलाश में लगी है। प्रभावित लोगों को रिलीफ कैम्प में भेजा जा रहा है और उन्हें जरूरी सुविधाएं दी जा रही हैं।

18 जून तक का रेड अलर्ट
शुक्रवार को सरकार ने केरल के नॉर्दर्न डिस्ट्रिक कोझिकोड, वयनाद कन्नूर, पलक्कड़, कासरगोड और मलप्पपुरम में लगातार 18 जून तक भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।
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धूल की चादर में लिपटा उत्‍तर भारत, आने वाले 48 घंटे मुश्किल भरे हो सकते हैं.....

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राजस्थान और बलूचिस्तान(पाकिस्तान) की ओर से चलीं धूलभरी गर्म हवाओं की वजह से उत्तर भारत के आसमान पर धूल की परत बन गई है।

नई दिल्ली। उत्‍तर भारत में इस समय धूल ही धूल नजर आ रही है। राजस्थान और ब्लूचिस्तान (पाकिस्तान) की ओर से चलीं धूलभरी गर्म हवाओं की वजह से उत्तर भारत के आसमान पर धूल की एक परत-सी बन गई है। धूलभरी हवा से राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सर्वाधिक प्रभावित रहे। धूलभरी हवाएं चलने का कारण पश्चिमी विक्षोभ माना जा रहा है। ऐसे में लोगों को जहां सांस लेने में दिक्कत हो रही है, वहीं हवाई परिचालन प्रभावित हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे ही हालात रहे तो उत्तर भारत के लिए आने वाले 48 घंटे मुश्किलों भरे हो सकते हैं।

40 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से आ रही है धूल बढ़ते तापमान से परेशान उत्तर भारत के लोगों की मुश्किल तब और बढ़ गई, जब हवाएं चलने से वातावरण में धूल की मात्रा और बढ़ गई। स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी महेश पलावत का कहना है कि राजस्थान और बलूचिस्तान की ओर से चल रही गर्म हवाओं के साथ धूल करीब 40 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दिल्ली की ओर आ रही है। चूंकि मौसम में नमी नहीं है, इस कारण धूल की इस चादर का असर कई दिन तक बना रहेगा। दिल्ली में कई गुना बढ़ा प्रदूषण का स्तर धूलभरी हवाओं ने दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंचा दिया है।

 पर्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 बुधवार को दिल्ली में तीन गुना से भी अधिक 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जबकि इसका सामान्य स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होता है। इसी तरह पीएम 10 का सामान्य स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होता है, जबकि बुधवार को यह 981 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया। मौसम विशेषज्ञों ने ऐसे हालात में बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को घर के भीतर ही रहने की सलाह दी है। घर व दफ्तर की खिड़कियां-दरवाजे बंद रखने को कहा है। साथ ही कचरा न जलाने की सलाह दी है। इस दौरान निर्माण कार्य भी बंद रखने की भी बात कही है।

बठिंडा-जम्मू फ्लाइट रद
आसमान में धूल होने के कारण बुधवार को बठिंडा से जम्मू और जम्मू से बठिंडा की फ्लाइट को रद कर दिया गया। जम्मू से सुबह 9:10 की फ्लाइट को बठिंडा 10:20 बजे पहुंचना था, लेकिन आसमान में धूल के कारण जम्मू से फ्लाइट उड़ान नहीं भर सकी।

यूपी में आंधी के बाद बरसे बदरा
भीषण तपन के बीच मौसम के प्रतिदिन अलग-अलग तेवर बेहाल कर रहे हैं। पश्चिमी उप्र के अधिकांश जिलों में बुधवार को आसमान में धुंध छायी रही। गर्म हवाएं और उमस ने झुलसाया तो कहीं आंधी-पानी ने तबाही मचाई। खासकर पूर्व और मध्य उप्र में। इस दौरान 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। पेड़, बिजली खंभे उखड़े, जिससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया।

 हरियाणा में दो दिन और मुसीबत
हरियाणा के आसमान में भी बुधवार को धूल का गुबार छाया रहा। इससे दृश्यता कम हो गई। ऐसे हालात हो दिन और रह सकते हैं। धूल की वजह से सांस के मरीजों की तकलीफ भी बढ़ गई। वहीं, गर्मी के कारण हांसी में दो लोगों की मौत हो गई।

कोलकाता में मिली राहत 
कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के विभिन्ना जिलों में मानसून की हुई बारिश से तापमान सामान्य रहा। हालांकि, कोलकाता व आसपोड़स के जिलों में दोपहर तक तेज धूप थी। बाद में बादल छा जाने से मौसम अच्छा हो गया।

 छत्‍तीसगढ़ में उमस 
छत्तीसगढ़ में बुधवार को दिन में उमस ने लोगों को परेशान किया। पूर्वानुमान है कि आने वाले 24 से 36 घंटों के बीच दक्षिण छत्तीसगढ़ से लेकर उत्तर छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से तेज बारिश होगी। छत्तीसगढ़ में आठ जून को मानसून पहुंच चुका है, लेकिन बारिश अपेक्षाकृत कम में हो रही है।

जम्‍मू-कश्‍मीर में पारा सामान्‍य से ऊपर
जम्मू-कश्मीर में तापमान सामान्य से ऊपर चल रहा है। जम्मू में बुधवार को दिन का अधिकतम तापमान 43.3 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे पहले मई में तापामान 43.5 डिग्री रह चुका है। कश्मीर में भी तापमान सामान्य से करीब पांच डिग्री सेल्सियस ऊपर चल रहा है।

 हिमाचल में धूप से बढ़ा तापमान
हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दिन से धूप खिलने के कारण तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान ऊना में 43.4 डिर्ग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शिमला में सामान्य से अधिक गर्मी दर्ज की जा रही है।

उत्तराखंड के पहाड़ों में बारिश, मैदान में तपिश
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में जहां बुधवार को बारिश से लोगों को चढ़ते पारे से राहत मिली है, वहीं मैदानी जिलों में गर्मी व उमस ने लोगों को परेशान किया। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन चढ़ते पारे से राहत मिलने के आसार कम ही हैं।

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