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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने अपनी चेतावनी में पूरे छत्तीसगढ़ में बारिश का अनुमान जताया है। हालांकि कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की भी चेतावनी दी गयी है। इससे पहले आज भी पूरे प्रदेश में रूक-रूककर बारिश होती रही।
मौसम विभाग ने प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर अगले 48 घंटे तक मौसम की स्थिति इस तरह की बनी रहेगी। दरअसल छत्तीसगढ़ के उपर एक द्रोणिका बनी हुई है, इसी वजह से मौसम में ये बदलाव हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक बस्तर और दुर्ग संभाग में भारी बारिश हो सकती है।
आपको बता दें कि इस बार छत्तीसगढ़ में मानसून वक्त से करीब 5 दिन पहले पहुंचा है, जिसकी वजह से पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है। प्रदेश में आज भी कई जगहों बार बारिश हुई है।पहले कोंकण तट से दूर अरब सागर के ऊपर बना चक्रवाती परिसंचरण कमजोर हो गया है। हालांकि, एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा अभी भी कोंकण, विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा और कम दबाव के केंद्र में बनी हुई है।
कम दबाव के और अधिक चिह्नित होने की उम्मीद है और पश्चिमी तट के साथ पश्चिमी धाराएं ताकत हासिल करेंगी। मॉनसून की बारिश सामान्य तौर पर कोंकण और विशेष रूप से मुंबई में फिर से तेज हो जाएगी। दक्षिण कोंकण और गोवा में अगले 3-4 दिनों में अत्यधिक भारी बारिश हो रही है। अगले 2-3 दिनों में मुंबई, ठाणे, अलीबाग और पालघर में भी तेज बारिश होगी।
रायपुर। झारखंड-उड़ीसा में तबाही मचा रहा चक्रवात “यास” आज से छत्तीसगढ़ में भी हंगामा मचा सकता है। छत्तीसगढ़ मौसम विभाग ने 48 घंटे का अलर्ट जारी किया है। छत्तीसगढ़ के 7 जिलों के लिए मौसम विभाग ने आरेंज अलर्ट जारी किया है। छत्तीसगढ़ में चक्रवात की वजह से झारखंड और उड़ीसा की सीमा से सटे जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गयी है।
छत्तीसगढ़ के सरगुजा और बिलासपुर संभाग के कुछ जिलों में मौसम बदल गया है और वहां रूक-रूक बारिश भी हो रही है। छत्तीसगढ़ मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रदेश में सरगुजा संभाग के बलरामपुर, सरगुजा, सूरजपुर, जशपुर के अलावे बिलासपुर से रायगढ़ और जांजगीर और रायपुर संभाग के महासमुंद में बारिश होगी।
नई दिल्ली: ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में चक्रवात यास का तांडव जारी है. मौसम विभाग के अनुसार यास का लैंडफाल जारी है. चक्रवात ‘यास' सुबह नौ बजे ओडिशा के भद्रक जिले में धामरा बंदरगाह के पास पहुंचा था. जिसके कारण वहां तेज हवाएं और समुद्र की ऊंची लहरे देखने को मिल रही हैं.इधर बालासोर और भ्रमक में भी तेज हवाओं के साथ बारिश जारी है, वहीं पश्चिम बंगाल को हाई अलर्ट पर रखा गया है. मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने समाचार एजेंसी एएनआई से बताया कि तूफान बालेश्वर के दक्षिण में ओडिशा तट को पार कर रहा है, अभी इसके हवा की गति 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे है. उन्होंने कहा कि लैंडफॉल प्रक्रिया अभी चल रही है जो 3 घंटे में पूरी होगी. इसके बाद यह कमजोर होकर उत्तर पश्चिम दिशा में गति करेगा.
बकौल मौसम विभाग के महानिदेशक, कल सुबह तक यह झारखंड पहुंचेगा तब इसके हवा की गति 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे होगी. उन्होंने कहा कि इसकी सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली हवा बालेश्वर, भद्रक और पश्चिम बंगाल के मिदिनीपुर में चल रही है. ओडिशा के अंदर के ज़िलों में भी हवा की गति 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी. वहीं दूसरी तरफ कोलकाता में अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में पूर्वी मिदनापुर और दक्षिण 24 परगना के तटीय इलाकों में चक्रवात के कारण पानी भर गया और नदियों में जलस्तर बढ़ गया.
‘डॉपलर' रडार डेटा के अनुसार, इस दौरान 130-140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली. ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने बताया, ‘‘चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इस प्रक्रिया को पूरा होने में तीन से चार घंटे का समय लगेगा. बालासोर और भद्रक जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित होंगे.' ओडिशा केभद्रक ज़िले के धामरा में तेज हवाएं और बारिश की वजह से समुद्र का पानी बढ़ गया है. पानी बढ़ने की वजह से रिहायशी इलाकों में पानी घुस रहा है.
पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर ज़िले के दीघा में तेज़ हवाओं के साथ समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं.
वहीं पश्चिम बंगाल के दीघा में समुद्र का पानी शहर में प्रवेश कर चुका है. दोनों राज्य हाई अलर्ट पर हैं. पश्चिम बंगाल के नईहाटी और हालीशहर में कई घर तूफ़ान और तेज़ बारिश की वजह से तबाह हो गए हैं. यास तूफ़ान के खतरे को देखते हुए एहतियात के तौर पर कोलकाता एयरपोर्ट बंद कर दिया गया है, कोलकाता एयरपोर्ट की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट से 26 मई की सुबह 8.30 बजे से शाम 7.45 बजे तक सभी उड़ानें निलंबित रहेंगी. सेना की भी तैनाती की गई है. तूफ़ान को देखते हुए एनडीआरएफ ने पांच राज्यों और 1 केन्द्र शासित प्रदेश में 115 टीमों की तैनाती की है. जिनमें से 52 ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 45 टीमें शामिल हैं. इससे पहले चक्रवात को देखते हुए रेलवे ने 24 मई से 29 मई के बीच चलने वाली 38 ट्रेनों को रद्द कर दिया था. अब तक 10 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात का सबसे ज़्यादा असर तटीय ओडिशा और पश्चिम बंगाल में होगा. इसके अलावा तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी इसका प्रभाव दिखाई देने की आशंका है. इन राज्यों के अलावा झारखंड, केरल के तटवर्ती इलाक़े भी तूफ़ान यास से प्रभावित हो सकते हैं.असम, मेघालय, यूपी और बिहार के कई इलाक़ों में भी तूफ़ान की वजह से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.
मौसम विभाग के अधिकारी के अनुसार तूफ़ान यास हर घंटे क़रीब 12 किमी. प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रहा है. लैंडफॉल में देरी हो सकती है, शायद सुबह 10-11 बजे से शुरू हो. हवा की रफ़्तार क़रीब 130 किमी. प्रति घंटा. लैंडफॉल बासुदेवपुर-बहांगा इलाक़े (इलाके के थोड़ा उत्तर/दक्षिण) के आसपास होगा.
नईदिल्ली. पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के तटीय इलाकों पर चक्रवाती तूफान ‘यास’ का खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग (IMD) ने 24 घंटों के भीतर चक्रवात के गंभीर तूफान में तब्दील होने की आशंका जताई है. मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान ‘यास’ (Cyclone Yaas) के चलते आज (मंगलवार) ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने के आसार हैं. तूफान के 25 एवं 26 को पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा के तट से टकराने की उम्मीद है. इधर राजधानी दिल्ली में आज गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान व्यक्त किया गया है.
यास अभी पाराद्वीप के दक्षिण और दक्षिण पू्र्वी दिशा में 320 किलोमीटर और बालासोर के दक्षिण, दक्षिण पूर्व में 430 किलोमीटर में है. कल दोपहर इसके पाराद्वीप और सागर द्वीप और चांदबाली और धामरा के बीच लैंडफॉल होने की संभावना है. IMD भुवनेश्वर के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने यह जानकारी दी है.
आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु के तटों पर भी यास तूफान का असर दिखेगा. इस तूफान की वजह से झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार के साथ-साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार 26 मई को संथाल इलाके को छोड़कर झारखंड के लगभग 16 जिलों में भारी बारिश की चेतवानी है. इस दौरान 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा के भी चलाने की संभावना है.